Sex kahani अधूरी हसरतें
04-02-2020, 05:07 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
सुगंधा फोन पर गंदी बातें कर करके एकदम से चुदवासी हो चुकी थी और इस समय उसकी बुर में लंड लेने के लिए गुदगुदी हो रही थी गर्मी की वजह से उसने अपने बालों को खोल दी थी। वह शयन कक्ष में बिस्तर पर बैठकर अपने पति का इंतजार कर रही थी,,, शुभम जैसे कमरे का दरवाजा खोला,,,, बिस्तर पर अस्त-व्यस्त हालत में बैठी सुगंधा नजर आ गई उसकी पीठ शुभम की तरफ थी,,, जोकी लालटेन की रोशनी में और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी,,,, शुभम सुगंधा को देखते ही एकदम उत्तेजित हो गया पजामे में उसका लंड गदर मचाने लगा,,,,।
शुभम दरवाजे पर ही कुछ देर खड़े होकर सुगंधा के खूबसूरत बदन को देखता रहा लालटेन की लाल रोशनी में सुगंधा की गोरी चिकनी पीठ बेहद खूबसूरत लग रही थी,,, गर्मी के कारण खुले बाल खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे उसके बदन से आ रही मादक खुशबू,, कमरे के वातावरण को कामुकता से भर दे रहे थे,,, सुगंधा भी बेचैन होकर अपने पति का इंतजार कर रही थी,,, फोन पर अपनी कामुकता भरी बातों से मदहोश कर देने वाले पति के हुनर को वह अच्छी तरह से समझ गई थी और अब बिस्तर पर कैसा हुनर दिखाता है यह देखने के लिए उसे अनुभव करने के लिए वह अंदर ही अंदर तड़प रही थी। काफी देर से वह अपने पति का इंतजार कर रही थी,, काफी समय तक वह घूंघट डाले बिस्तर पर बैठीे ही रही,, वह चाहती थी कि उसका पति अपने हाथों से उसका घूंघट उठाए, लेकिन गर्मी से त्रस्त होकर वह खुद ही अपनी साड़ी का पल्लू अपने सिर से हटा दी थी और बालों को खोल दी थी,,,, धड़कते दिल से वह अपने पति का इंतजार कर रही थी क्योंकि उसे मालूम था कि आज की रात उसके साथ क्या होने वाला है,,, और वह अपने आप को पूरी तरह से तन मन धन से अपने पति को न्योछावर कर देने के लिए तैयार थी,, सिकंदरा की मदमस्त जवानी देखकर शुभम के मुंह में पानी आ रहा था,, उससे रहा नहीं जा रहा था बाहर पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था दिनभर थके होने के कारण घर के सभी लोग बेसुध होकर सो रहे थे,,,, शुभम जानता था कि उसका मामा रात भर लौटने वाला नहीं है इसलिए वह धड़कते दिल के पास दरवाजा बंद करके कड़ी लगाने लगा और दरवाजा बंद होने की आवाज सुनकर सुगंधा का दिल जोरो से धड़कने लगा और वह दरवाजे की तरफ देखे बिना ही बिस्तर से खड़ी हो गई,,, क्योंकि मैं समझ गई थी कि उसका पति कमरे में प्रवेश कर चुका है।,, शुभम के कड़ी लगाते-लगाते सुगंधा बिस्तर परसे उठ कर खड़ी हो गई थी और उसके खड़ी होने में उसके बदन के हलन चलन की वजह से उसकी हाथों में भरी हुई कांच की चूड़ियां खनकने लगी,,, और खनकती हुई चूड़ियों की आवाज सुनकर शुभम के नंबर देने में कामोत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,
औरतों के साथ उनका आनंद ले लेकर शुभम काफी शातिर हो चुका था और वह जानता था कि उजाले में सुगंधा हो सकता है,,, उसे पहचान ले,,, इसलिए वहां दरवाजे की कढ़ी लगाने के बाद सर्वप्रथम लालटेन की रोशनी को एकदम कम कर दिया इतना कम की एक दूसरे का चेहरा भी बड़ी मुश्किल से देखा जा सके,,,,
शर्म और संकोच वस सुगंधा अभी खड़ी ही थी,,,, शुभम धीरे धीरे चलते हुए उसके करीब गया जैसे-जैसे वह सुगंधा की तरफ बढ़ रहा था सुगंधा के दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी,,,। और अगले ही पल उसकी सांसो की रफ्तार किसी घोड़े कीें मानिंद दौड़ने लगी,,, क्योंकि शुभम पीछे से उसे अपनी बाहों में भर लिया था और और ईतने कस के अपने बदन से उसे सटा लिया कि,, सुगंधा को पजामे में तना हुआ शुभम का मोटा लंड साड़ी के ऊपर से ही किसी भाले के मालिंद चुभता हुआ महसूस होने लगा,, लेकिन यह चुभन नरम नरम नितंबों पर डर का एहसास ना कराते हुए आनंद की अनुभूति प्रदान कर रहे थे,,, शुभम जान बुझ कर अपनी कमर के नीचे का हिस्सा सुगंधा के नितंबों पर दबा रहा था ताकि सुगंधा उसके लंड के कड़कपन केएहसास को अपने अंदर महसूस कर सके,,,, और जैसा शुभम जा रहा था वैसा हो भी रहा था सुगंधा के दिल की धड़कन निरंतर बढ़ती जा रही थी शुभम उसके तन-बदन में कामोत्तेजना की ज्वाला भड़काने के उद्देश्य से उसके बालों के गुच्छे को गर्दन के एक तरफ करके गर्दन को चुमना शुरू कर दिया जिसकी वजह से सुगंधा उत्तेजना के मारे सिहरने लगी,। सुगंधा के बदन में कंपन सा महसूस होने लगा और महसूस होता भी क्यों नहीं जिंदगी में पहली बार किसी ने उसके खूबसूरत बदन को अपनी बांहों में भरा था,,,, रूप लावण्य और जवानी से भरपूर सुगंधा पहली बार किसी मर्द के इतने करीब हुई थी,,, इससे पहले तो उसे मर्द का स्पर्श क्या होता है इस बारे में भी बिल्कुल ज्ञान और ना ही किसी भी प्रकार की अनुभूति नहीं था,,,,। हालांकि उसके मन में आकांक्षा तो बहुत थी लेकिन पढ़ाई के आगे उसे कभी भी इन सब बातों के लिए फुर्सत ही नहीं मिली,,,, उसके मन में यही अभिलाषा भरी हुई थी कि भले ही वह शादी के पहले ना तो रोना और ना ही किसी से शारीरिक संबंधों का आनंद ले पाई लेकिन वह यही चाहती थी कि उसके होने वाला पति में रोमांस कूट कूट कर भरा हो और उसमें, काम भावना अत्यधिक मात्रा में प्रज्वलित होती हो,,, काम भावना से सुगंधा का तात्पर्य ही था कि मर्द भले ही औरत से कितनी भी प्यार भरी रोमांस की बातें कर ले लेकिन औरतों को हमेशा,,, उनकी मोटे तगड़े लंड से जी भर कर चुदने की ही प्यास होती है बाकी सब काम बकवास ही लगता है,,,। उनके मन में यही इच्छा हमेशा होती है कि दिनभर चाहे वह लोग जितना भी घर का काम करके थक जाएं लेकिन रात को उनका तकलीफ उन को संतुष्टि भरी चुदाई का आनंद भरपूर मात्रा में दें।
और यही भावना सुगंधा के मन में भी था।
शुभम अपनी हरकतों से सुगंधा के तन-बदन में कामोत्तेजना का दीप प्रकटा रहा था,,,, वह अपनी कमर के निचले हिस्से को बराबर उसके गोलाकार नितंबों से सटाया हुआ था। और सुगंधा भी शिवम के मौसम के के मोटे तगड़े लैंड की चुभन को अपने नितंबों पर बराबर महसूस करते हुए अपनी सांसो को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही थी कैसी उसकी सांस थी कि भारी होती चली जा रही थी।,, शुभम लगातार उसके नितंबों पर अपने लंड को धंसाते हुए उसकी गर्दन को चुंबनों से नहलाया जा रहा था और यह औरतों का उत्तेजनात्मक केंद्र बिंदु था इस स्थान पर चुंबन करने से औरत बेहद जल्दी उत्तेजित होने लगती हैं और यही सुगंधा के साथ भी हो रहा था,,,।,,
शुभम का तो रोम रोम झन झना जा रहा था,,, दुल्हन के जोड़े में सुगंधा को अपनी बांहों में जकड़े हुए शुभम को ऐसा ही अनुभव हो रहा था कि जैसे वह अपनी ही दुल्हन को अपनी बांहों में भरा हुआ है,,, वह सुगंधा की गर्दन को चुमते हुए अपने दोनों हाथों को धीरे धीरे उसकी गोल गोल चुचियों पर रखकर उसे दबाना शुरू कर दिया,,, ब्लाउज के ऊपर से ही शुभम सुगंधा के दोनों कबूतरों से खेलने लगा और ऐसा लग रहा था कि सुगंधा के दोनों कबूतर शुभम से पहले से ही परिचित हो इसलिए दोनों कबूतर की शुभम के हाथों में गुटर गू करने लगे,,,, सुगंधा की तो हालत खराब होने लगी जिंदगी में पहली बार ही वह स्तन मर्दन का आनंद ले रही थी जिसकी वजह से उसके मुंह से सिसकारी निकलना शुरू हो गई और वह अपनी सिसकारी को दबाने की कोशिश कर रही थी,,, लेकिन कामोत्तेजना का सुरूर उसके बदन में इस कदर हावी होने लगा था कि वह अपनी सिसकारीयो की आवाज को दबा नहीं पा रही थी, और कमरे में रह रहे कर उसकी सिसकारी गुंज जा रही थी,,,,।


ससससहहहहहहह,,,,,,,,,,, आहहहहहहहह,,,,
( शुभम सुगंधा की मादक सिसकारियों की आवाज सुनकर मदहोश होते हुए बोला,,,।)

ओहहहहह,,,, सुगंधा इस पल के लिए ना जाने में कितने दिनों से तड़प रहा था तुम्हें अपनी बाहों में लेकर ऐसा लग रहा है कि पूरी दुनिया मेरी बाहों में आ गई हो,,,
( सुगंधा शुभम की बातें सुनकर एकदम प्रसन्न हो गई जो कि उसे ऐसा लग रहा था कि वह उसका पति है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही थी जो वह नहीं जानती थी लेकिन शुभम के लिए अच्छी बात यही थी कि सुगंधा अपने पति की आवाज को नहीं पहचानती थी और वह शुभम की आवाज कोई अपने पति की आवाज समझती थी सुगंधा को भोगने के लिए शुभम का यही सबसे बड़ा हथियार था,,,,। सुगंधा शुभम की बातें सुनकर शर्म आने लगी और कसमसाते हुए अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली,,,।


हमें छोड़िए,,हम दूध का ग्लास लेकर आते हैं,,,
( सुगंधा की यह बात सुनते ही शुभम का तन-बदन रोमांचित हो उठा उसे एक पल के लिए ऐसा लगने लगा कि सुगंधा ही उसकी पत्नी है,,, और वह सुगंधा को तुरंत छोड़ दिया सुगंधा शरमाते हुए उसकी बांहों से अलग होने लगी,,,, वह चलते हुए टेबल के करीब आए और इस दौरान उसके पायल और उसकी चूड़ियों की कनक पूरे कमरे में अपनी मादकता का असर छोड़ रहा था,,, शुभम बिस्तर पर बैठ गया और लालटेन की हल्की रोशनी में सुगंधा को देखने लगा शुभम की दिली ख्वाहिश इच्छा यही थी कि पूरी रोशनी में सुगंधा की खूबसूरत बदन का दीदार करें लेकिन ऐसा होना मुमकिन नहीं था सुगंधा हाथ में दूध का गिलास लिए शुभम के करीब आई और उसे थमाते हुए बोली,,,,

लीजिए पहले दूध पी लीजिए,,,,
( सुगंधा ने बड़े प्यार से अपना कर्तव्य निभाते हुए शुभम को दूध का गिलास थमा दे और शुभम भी खुशी खुशी दूध के गिलास को पकड़ते हुए बोला,,,।)

यह ठीक है,,, रात भर हमसे मेहनत करवाने से पहले खिला-पिलाकर मजबूत किया जाए,,,

( शुभम की बात सुनकर सुगंधा खिलखिलाकर हंसने लगी और सुबह में एक ही सांस में दूध का ग्लास पीकर खत्म कर दिया,,, सुगंधा हंसते हुए लालटेन के करीब जाने लगी शुभम उसे जाते हुए देख रहा था और उसके मन में शंका होने लगी,,, सुगंधा लालटेन की रोशनी को बढ़ाना चाहती थी क्योंकि वह यह चाहती थी कि जिंदगी में अपनी पहली रात किस तरह से खुले तौर पर उजाले में ही उस का आनंद लें,,, और अगले ही पल सुगंधा का हाथ जैसे ही लालटेन की रोशनी बढ़ाने के लिए उस की मुंदरी पर पड़ी वैसे ही तुरंत शुभम बिस्तर से खड़ा हुआ और जल्दी से सुगंधा के पीछे जाकर खड़ा होते हुए ऊसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके कानों को चूमते हुए ऊसके हाथ को लालटेन से हटाते हुए बोला,,,,

रहने दो मेरी जान,,,, रोशनी मत करो अंधेरे में जो मजा है वह उजाले में नहीं है,,,। हल्की रोशनी में मेरा लंड अपनी बुर में लेकर चुदवाओगी तो मस्त हा जाऔगी,,,
( शुभम बड़ी चालाकी से गंदे शब्दों का प्रयोग करते हुए सुगंधा को लालटेन की रोशनी बढ़ाने के रोक लिया था और एक बार फिर से शुभम की बांहों में अपने बदन को महसूस करते ही,,, सुगंधा मदहोश होने लगी ओर सुभम के गंदे शब्द उसकी उत्तेजना को बढ़ाने लगे,,,।)


Messages In This Thread
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 04-02-2020, 05:07 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,459,662 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,723 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,478 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,087 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,240 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,346 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,917,711 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,946,849 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,989,340 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,927 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 13 Guest(s)