Sex kahani अधूरी हसरतें
04-02-2020, 05:13 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
पागल हो गए हो क्या मैं तुम्हारे सामने,, धत्त,,, ( दरवाजे के बाहर खड़ी होकर शरमाते हुए मधु बोली)

अरे इसमें कौन सी बड़ी बात हो गई जब तुम पापा के साथ मेरा मतलब समझती हो ना अब चली आओ,,,
( शुभम की यह बात सुनकर मधु थोड़ा झेंप सी गई,,, वह समझ गई कि सुभम का इरादा कुछ ठीक नहीं है,,, एक तरफ उसके मन में कुछ और कर रहा था तो एक तरफ शुभम के लंड को लेकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौडनें लगी थी,,, वह फिर से शुभम के लंड को देखना चाहतेी थी,,,,, वह अजीब सी उलझन में फंसी हुई थी। एक तरफ शर्म के मारे वहां बाथरूम में दोबारा नहीं जाना चाहती थी तो दूसरी तरफ सुभम के मोटे तगड़े और जिस तरह के लंड़ से वह चुदने की कामना करती थी उसी तरह के लंड को देखने की उत्सुकता उसके मन में बढ़ती जा रही थी,,,, और उसके तन बदन को पेशाब का प्रेशर भी बुरी तरह से परेशान कर रहा था अगर वह कुछ देर वहीं रुकी रही तो इतना तय था कि वह अपने कपड़े गीले कर लेती,,, इसलिए शर्म भय और उत्सुकता का मिलाजुला भाव लेकर जो होगा देखा जाएगा ऐसा मन में सोच कर मधु बाथरूम का दरवाजा खोल कर वापस बाथरूम में घुस गई

शुभम मधु को इस तरह से दोबारा बाथरूम का दरवाजा खोल कर अंदर आता हुआ देखकर पहले तो शुभम पूरी तरह से चौक गया,,, लेकिन वह समझ गया कि वह भी वही चाहती है जो कि वह चाह रहा है।,, मधु पूरी तरह से शर्मिंदगी का एहसास लिए नजरें झुका ही हुई थी लेकिन सुभम के मोटे लंड को देखने की लालच वह अपने मन से हटा नहीं पा रही थी,, इसलिए बात चोर नज़रों से बार-बार शुभम के लंड को देख ले रही थी क्योंकि अभी भी पूरी तरह से खड़ा होकर शुभम की हथेली में गश्त लगा रहा था। यह नजारा ही मधु के लिए काफी था उसकी बुर टपकने लगी थी। शुभम बड़ी ही कामुकता के दर्शन कराता हुआ अपनी हथेली को जोर जोर से अपने मोटे तगड़े मुसल पर चला रहा था।,,, मधु मन ही मन यह सोचकर उत्तेजित में जा रही थी कि अगर शुभम उसकी बुर में अपना मोटा लंड डाले तो उसे कैसा महसूस होगा,,,। शुभम प्यासी नजरों से मधु के बदन के ऊपर से नीचे तक ताड़े जा रहा था, और मधु शर्मा और संकोच के कारण अपने आप में ही सिकुड़ी जा रही थी,,।,, उत्तेजना और साथ ही पेशाब का प्रेशर उसे बूरी तरह से परेशान किए जा रहा था,,,। शुभम की भी हालत खराब हुई जा रही थी,, काफी दिनों से उसे भी बुर में लंड डालने का मौका बिल्कुल भी प्राप्त नहीं हुआ था इसलिए उसका नंबर काफी समय से प्यासा था इसलिए तो अपनी आंखों के सामने एक बेहद खूबसूरत औरत को देखते ही उसकी जवानी को सलामी भरते हुए ऊपर नीचे हो रहा था।,,, बार-बार चोर नज़रों से ना करती हुई मधु अंदर ही अंदर बेहद प्यासी होते जा रही थी, वह तो मजबूरी बस अपने बड़े भाई की पतले और कमजोर लंड से चुद़वाते आ रही थी वरना उसे तो ऐसे ही लंड की कामना थी।,,, दोनों के बीच किसी भी प्रकार का संवाद नहीं हो रहा था बस मन की बात को वह दोनों नजरों से इजहार कर रहे थे मधु की आंखों में नशा सा छाने लगा था,,। बदन की प्यास कामरस की बूंदे बन कर बुर की पतली दरारों से टपक रही थी। सारे अरमान मचल रहे थे वह भी सुभम की मजबुत बाहों में अपनी बहकती जवानी को तोड़ना चाहती थी,,,,, लेकिन कैसे यह उसको बिल्कुल भी पता नहीं था इसलिए तो नजरें झुका कर खड़ी थी काफी देर तक बस आंखों ही आंखों से,, अपने दिल की बात को इशारों में व्यक्त करने के बाद जब रहा नहीं गया तो मधु बोली,,,,।

शुभम तुम बाहर जाओ ना मुझे जोरो से पेशाब लगी है, मुझे कर लेने दो फिर आ जाना,,,,
( मधु यह बात बेहद नशीले अंदाज में कही थी,,, क्योंकि वह जानती थी कि भले ही पेशाब वाली बात औपचारिक ही हो लेकिन औरतो के मुंह से पेशाब करने की बात सुनकर दुनिया का हर मर्द मदहोश हो जाता है और एकदम से उत्तेजना का अनुभव करने लगता है और यही हाल शुभम का भी हो रहा था मधु के मुंह से उसकी आंखों के सामने खड़े होकर पेशाब करने की बात जिस अंदाज से वह कर रही थी उसे सुनकर शुभम का लंड मधु की जवानी को भोगने की कामना करते हुए ऊपर नीचे हो रहा था।,,, और कामुकता का एहसास लिए हुए शुभम बोला,,,।)

तो कर लो ना तुम्हें रोका किसने है

तेरे सामने कैसे कर लु, तू बाहर जाना,,,

मुझसे कैसी शर्म मेरे सामने ही तो तुम पापा से चुदवा रही थी,,।

तू बार-बार मुझसे वही बात क्यों करता है,,, भूल से हो गया था,,,।

भूल से कोई किसी से चुदवा लेता है क्या?

ऐसी बातें तो मुझसे क्यों कर रहा हूं तो मुझे परेशान मत कर बाहर चला जा बस 2 मिनट की बात है,,।

तो यह 2 मिनट तुम मेरे नाम कर दो,,, मेरी देखना चाहता हूं कि बुआ कैसे पेशाब करती है,,।

तु एकदम बेशर्म हो गया है।

जब से तुमको पापा से चुदवाते हुए देखा हुं तबसे मेरी भी शर्म फुर्र हो गई है।,,,,,
( शुभम अपने लंड को हिलाता हुआ बोला,,, और मधु भी शुभम की इस हरकत को चोर नज़रों से देख कर मस्त हुए जा रही थी।)

तू बार-बार पापा पापा क्या लगा रखा है देख शुभम तु यह वाली बात को भाभी से बिल्कुल भी मत बताना,,,,

लेकिन राज को राज रखने के लिए कुछ मेरा भी तो फायदा होना चाहिए ना,,,,( इतना कहते हुए शुभम आगे बढ़ने लगा अभी भी वह अपने लंड को हिला रहा था,,, उसे अपने करीब आता देख कर मधु के दिल की धड़कन बढ़ने लगी और वह कपकपी भरे स्वर में बोली



कैसा फायदा तू कहना क्या चाहता है,,,,।
( मधु शुभम के इरादे को भाप गई थी और उसे डर भी लग रहा था और उसकी उत्सुकता भी बढ़ते जा रही थी, वह इतना कह पातीै इससे पहले ही शुभम ऊसके बेहद करीब पहुंच गया था। शुभम यह बात तो अच्छी तरह से जान चुका था कि मधु का भी मन आगे बढ़ने में दिलचस्पी रख रहा है इसीलिए तो वह बाथरूम में दोबारा आई है वरना अगर वह आगे बढ़ना नहीं चाहती तो वह बाथरूम में दोबारा आती ही नहीं और वैसे भी जिस नजर से वह उसके लंड को घूर रही थी,,, ऊसे देखकर सुभम समझ गया था कि वह कि वह ऊसके लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है।,,,, इसलिए वह बेहद उत्तेजना का अनुभव करते हुए एक हांथ आगे बढ़ा कर,,,उसकी कमर में डाल दिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया,,,, शुभम की हरकत से मधु एकदम से मचल उठी,,, इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती इससे पहले ही शुभम अपने होठो को उसके गुलाबी होठो पर रख कर चूसना शुरू कर दिया,,,,, और उसकी उत्तेजना बढ़ाने हेतु उसका एक हांथ पकड़ कर, अपने लंड पर रख दिया और देखने वाली बात यह थी कि मधु अपना हाथ पीछे हटाने की चेष्टा बिल्कुल भी नहीं की बल्कि वह तो गर्म सिसकारी लेते हुए अपनी मुट्ठी का कसाव शुभम के लंड पर और ज्यादा बढ़ा दी,,, मधु का इस तरह की हरकत की वजह से शुभम की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई और वह देखते ही देखते उसके होठों को चूसते हुए उसकी बड़ी बड़ी गोल चुचियों को एक हाथ से दबाना शुरू कर दिया,,,,, जिसकी वजह से मधु के मुंह से लगातार गरम सिसकारियों की आवाज आने लगी जो की होठो पर होंठ रखने की वजह से घुटी घुटी सी निकल रही थी,,,।

ऊहहहहहहहह,,,,, ऊममममममम,,,, ऊहहहहहहहह
मधु को भी मजा आने लगा शुभम पूरी तरह से नंगा और गीला था जिसकी वजह से मधु का गाउन भी गीला होने लगा,,,,,। कुछ देर तक इसी अवस्था में मजा लेने के बाद शुभम अपना एक हाथ नीचे की तरफ ले जाकर गाउन को ऊपर की तरफ सरकाने लगा,,,, जो कि मधु उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकने की कोशिश करते हुए बोली,,,।

भाभी आ जाएगी,,,,

अभी तुम्हारी बात ही नहीं आने वाली उन्हें आने में 1 घंटे से ज्यादा लग जाएगा । (इतना सुनते ही मधु शुभम के हाथ पर से अपना हाथ हटा ले और उसे गाउन उत्तर की तरफ सरकाने में मदद करने ,लगी,,,, कमर तक गाऊन सरकते ही,,, शुभम की हथेली उसकी जांघो के बीचो-बीच फिर रही थी,,, जिससे शुभम को अंदाजा लग गया कि मधु अंदर कुछ नहीं पहनी थी गाउन के नीचे वह बिल्कुल नंगी ही थी,,, और वह तुरंत अपनी पांचों अंगुलियों को मधु की बुर पर रगड़ने लगा,,,, जिससे मधु और ज्यादा उत्तेजित होने लगी शुभम की हरकत की वजह से उसकी पेशाब का प्रेसर और ज्यादा बढ़ता जा रहा था,,,,। उससे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था लेकिन बड़ी मुश्किल से वह अपने आप को रोके हुए थी वरना कब से उसकी पेशाब निकल गई होती।,,,, शुभम जिस तरह से अपने हाथों की हरकतों से मधु को मदहोश कर रहा था उसे देख कर मधु समझ गई थी कि शुभम उसे ढेर सारा मजा देने वाला है,, क्योंकि शुभम की मादक हरकतों की वजह से उसकी बुर में पानी का सैलाब उठ रहा था,,, जिससे शुभम की उंगलियां पूरी तरह से गिली हुए जा रही थी,,।,,,, शुभम मदहोश हुआ जा रहा था वह देखते ही देखते अपनी बीच वाली उंगली को मधु की गीली बुर में अंदर तक उतार दिया,,,,।

सससहहहहहहहहह,,,,,, आहहहहहहहहहह,,,,,,, सुभम,,,,
( मधु गरम सिसकारी लेते हुए बोली,,, तब तक शुभम मधु के गुलाबी होठो पर से अपने होट हटाकर,,,, गाउन के ऊपर से ही,,, मधु की मधु की नरम नरम चुचियों को मुंह में भर कर पीने की नाकाम कोशिश करने लगा। शुभम कि इस तरह की चूची पीने की नाकाम कोशिश मधु के तन बदन में और ज्यादा आग भड़काने लगी उसके गांऊनकी कंधे पर की पट्टी बेहद पतली थी,,, जिसकी वजह से तुरंत उसने एक हाथ से अपने दोनों तरफ की तख्ती को नीचे कंधे की तरफ गिरा दी और अपने गांऊन को अपनी चुचियों के नीचे करके,, अपनी नंगी गोलियों को शुभम के मुंह में दूध की बोतल की भांती ठुंस दी ताकी सुभम आराम से पी सके,, सुभम छोटे बच्चे की भांति जितना हो सकता था उतना मुंह में भरकर दबाते हुए पीना शुरू कर दिया,,,, दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को बांहों में भींचने लगे,,, दोनों की मदहोशी पन की हद बढ़ती जा रही थी, शुभम जोर जोर से अपने बीच वाली उंगली को मधु की रसीली बुर के अंदर बाहर करते हुए उसे उंगली से ही पेल रहा था,,,,, जिससे मधु के मुंह से लगातार गर्म सिसकारियां निकल रही थी।,,, दोनों एक-दूसरे को बाहों में भींचते हैं इधर उधर कसम लड़खड़ा ते हुए मजा ले रहे थे,,, और धीरे-धीरे दोनों सागर के नीचे पहुंच गए जहां से ठंडे पानी की फुहार दोनों के बदन को ठंडक पहुंचा रही थी।। झरने की तरह झर रहे पानी के नीचे दोनों की कामोत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी,,,, शुभम पागलों की तरह उसकी दोनों चूचियों को दबाते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगा,, और देखते ही देखते शुभम घुटनों के बल बैठ गया और प्यासी नजरों से मधु की जांघों के बीच के खूबसूरत मनोरम दृश्य को देखने लगा जहां पर जांघों की आखिरी कटाव के ऊपरी सतह पर हल्की सी पतली दरार नजर आ रही थी जो कि पूरी तरह से गरम रोटी की तरह फुल चुकी थी,, और इसी पतली हल्की सी दरार की वजह से ही पता चल रहा था की यहअंग बुर है वरना पता ही नहीं चलता जिस पर हल्की हल्की रोंएदार मखमली झांटो का झुरमुट बुर की खूबसूरती को और ज्यादा बढ़ा रहा था,,, शुभम नजर भर कर मधु के इस अंग को देखे जा रहा था। और यह देखकर मधु की हालत खराब हुए जा रही थी। वह पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी,,, पेशाब का प्रेशर परेशान कर रहा था सो अलग,
शुभम शॉवरर के नीचे घुटनों के बल बैठ कर,, अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर मधु की मखमली मांसल चिकनी जांघों पर रखकर उत्तेजना बस उसे दबोच लिया,,,, और मधु कसमसाते हुए सिसक रही थी।

सॉवर से बह रहे पानी के नीचे दोनों नहाते हुए भीग रहे थे मधु भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी जबसे सुभम कहा था कि अभी उसकी मम्मी नहीं आने वाली है तब से मधु का भी मन और ज्यादा खुलने को हो रहा था इसलिए वह अपने गाउन को ऊपर की तरफ से कहते हुए निकाल फेंकी,,, अब मैं तो बन के आंखों के सामने संपूर्ण रूप से निर्वस्त्र अवस्था में खड़ी थी और उसकी खूबसूरत गोरी गोरी जवानी को देखकर शुभम के मुंह में पानी आ रहा था और वह अपनी प्यास बुझाने के लिए जांघों पर रखें अपनी हथेली को उपर की तरफ सरका कर उसके गोल गोल गदराए हुए नितंबों पर रखकर दबाते हुए उसे दबाते हुए अपने प्यासे होठ को उसकी बुर पर रख दिया शुभम की हरकत की वजह से मधु के तन बदन में चुदास की लहर अपना असर दिखाने लगी,,, और वह लंबी आहें भरते हुए अपने दोनों हाथ को शुभम के सिर पर रख कर जोर से अपनी बुर पर दबाकर अपने नितंबों को गोल-गोल घुमाते हुए उसके होठों पर अपनी बुर की गुलाबी पत्तियों को रगड़ना शुरू कर दी,, मधु का यह साथ सहकार देखकर शुभम से रहा नहीं गया और वह जोर जोर से मधु की गांड को मसलते हुए
उसकी बुर को चाटना शुरू कर दिया,,, शुभम की इस कामुक हरकत की वजह से मधु के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारियां फूटने लगी और उससे अपने आप पर सब्र कर पाना मुश्किल सा होने लगा और ना चाहते हुए भी वह अपने पेशाब की प्रेसर को रोक नहीं पाई ओर छलछलाकर,,,, मुतना शुरू कर दी अब ईस हालत में मधु कर भी क्या सकती थी एक तो उसके ऊपर दोनों से ही मदहोशी छाई हुई थी ऊपर से सब अपनी अपनी हरकत के द्वारा उसकी कामोत्तेजना को और अधिक बढ़ा दिया पहले से ही पेशाब की प्रेशर से वह तड़प रही थी बदन में हो रही इस प्रकार की हलचल को वह रोक नहीं पाई और वह छल छलाकर मुतना शुरू कर दी थी,,,
पहले तू सावन के नीचे शुभम को समझ में नहीं आया कि उसकी बुआ उसके मुंह में ही मुतना शुरू कर दी है उसे यही लग रहा था कि सावर से पानी की वजह से ऐसा हो रहा है,,,, लेकिन स्वाद में खारे पानी की वजह से उसे यकीन हो गया कि उसकी बुआ उसके मुंह में ही मुतना शुरू कर दि है। लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि शुभम को इस बात से बिल्कुल भी किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं हो रही थी, बल्कि वह तो अपनी बुआ की इस हरकत की वजह से पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और वह लबालब अपनी जीभ दूर की गहराई में उतारता हुआ उसके पेशाब को गटक जा रहा था,,,,
मधु को यकीन नहीं हो रहा था कि सुभम ऊसकी पेशाब की बूंदों को चट कर जा रहा है,,,, वह अपने बदन में और भी ज्यादा उत्तेजना का अनुभव करने लगी,,,, उससे रहा नहीं गया और वह अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलाते हुए बोली,,,,।


ससससहहहहहहहहह,,,, सुभम,,,, आहहहहहहहहह,,,,,
मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ,,,,ससससससहहहहहहह,,,,,, शुभम और यह अचानक हो गया।,,,,,आहहहहहहहहहहह,,,,,, तुझे बुरा तो नहीं लग रहा है ना,,,,,,,,,,,,
( शुभम जवाब देने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था वह तब तक अपनी बुआ की बुर को चाटता रहा जब तक कि उसकी पेशाब की आखरी बूंद तक टपक नहीं गई,,,,, अब उससे बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था वह जल्दी से खड़ा हुआ और अपनी बुआ की एक टांग उठा कर अपनी कमर से लपेटता हुआ,,,, उसकी कमर को थामे हुए अपने लंड के सुपाड़े को उसकी बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच रख दिया,,, और जोर से धक्का देता हुआ बोला,,,

मैं बिल्कुल भी नाराज नहीं हूं मेरी जान तुम तो बल्कि मेरी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रहीे थी,,,
( इतना कहने के साथ ही शुभम अपने लंड को पूरा का पूरा अपनी बुआ की बुर की गहराई में उतार दिया,,,
मधु शुभम के एकाएक हुए ईस वार को झेल नहीं पाई और दर्द से बिल मिलाते हैं उसके मुंह से चीख निकल गई,,,,

आहहहहहहहहह,,,, शुभम बहुत दर्द कर रहा है,,,,,ओहहहहह,,,,,,

मजा भी तो मिल रहा है ना मेरी जान,,,,

तेरा बहुत मोटा है रे,,,,

तभी तो देखना पापा से ज्यादा मजा दूंगा,,,,

आहहहहहहहह,,,,, यह मजा कहीं सजा ना बन जाए मेरे लिए,,,, आज तो लगता है कि तू अपने मोटे लंड से मेरी बुर फैला देगा,,,,

तभी तो मजा आएगा मेरी जान मेरा मोटा लंड तुम्हारी बुर की गुलाबी पत्तियों को चौड़ा करते हुए अंदर जा रहा है,,,,।


आहहहहहहहहह,,,, रगड़ रगड़ के जा रहा है।

पापा का कैसे जाता था,,,,( अपनी कमर को आगे पीछे हिलाते हुए मधु को चोदते हुए बोला)

तेरे पापा का तो पता ही नहीं चलता कि अंदर जा रहा है कि बाहर जा रहा है,,,,,।


फिर भी तो उनके साथ लगी हुई हो,,,,


आहहहहहहहह,,,,, सुभम धीरे,,,,, लगी हुई नहीं है मेरी मजबूरी है,,, मेरा अब तेरे पापा के सिवा कोई सहारा भी नहीं है तो जाऊंगा रही बात का तेरे पापा फायदा उठाते हुए मेरा उपयोग कर रहे हैं भले ही उनसे कुछ होता नही है लेकिन फिर भी ना जाने कितनी प्यास लगी हुई है।


तुम हो ही इतनी मस्त की किसी को भी प्यास लग जाए,,( शुभम जोर जोर से अपनी कमर हिलाते हुए मधु की चुचियों को मसलते हुए बोला,,,)


आहहहहहहहहहह,,,,,, ऊईईीईीी मा,,,,,,, आहहहहहहहहहहहह,,,,, अरे तेरे पापा के पास तो एकदम मस्त माल फिर भी ना जाने क्यों वह इस तरह की हरकत करते हैं,,।

किसकी बात कर रही हो बुआ( अनजान बनते हुए जोर जोर से धक्का लगाते हैं बोला)

तेरी मां की और किसकी देखता नहीं है तू इतनी मस्त गोल गोल चुचीया है बड़ी-बड़ी,, ब्लाउज में नहीं समा पाती,, बड़ी बड़ी गांड साड़ी के ऊपर से भी देखने पर किसी का भी लंड खड़ा हा जाता है । तेरे पापा की तो किस्मत अच्छी है कितनी सुंदर और खूबसूरत बीवी मिली है कि दिन रात उसकी बुर में लंड डालकर पड़े रहो,,, ( बुआ की बातों को सुनकर सुभम उत्तेजित हुआ जा रहा था और जोर जोर से धक्के लगाते जा रहा था,,)

मेरे सामने कैसी बातें करती हो बुआ,,,,,

ओह हो,,,,, एैसा शरीफ होता तो अपनी बुआ को बाथरूम में आज ये ना कर रहा होता,,,,,,आहहहहहहहह आहहहहहहहहह,,,,,, ( अपनी बुआ के इस तरह की बातें सुनकर उत्तेजना के मारे शुभम जोर जोर से धक्के लगाने लगा वह मधु को संभलने का बिल्कुल भी मौका ना देते हुए अपनी मजबूत भुजाओं में उसी हालत में अपना एक हाथ उसके नितंबों के नीचे ले जाकर उसे अपनी गोदी में उठा दिया,,, हालांकि अभी भी उसका लंड उसकी बुर की गहराई में था और वह सीधे ले जाकर बाथरूम की दीवार से सटाकर जोर जोर से धक्के लगा कर ऊसे चोदने लगी,,, मधु को बहुत मजा आ रहा था जिंदगी में पहली बार उसने इस तरह की जबरदस्त चुदाई करवा रही थी,,, वह जानती थी कि घर में समय कोई भी मौजूद नहीं है इसलिए खुलकर अपनी गरम सिसकाारियों के साथ बाथरूम के साथ साथ पूरे घर मैं अपनी आवाज गुंजा रही थी,,, शुभम बिना रुके तकरीबन 20 मिनट तक ऐसे ही धक्के लगाता रहा,,,,, और आखिर में दोनों एक साथ झड़ने लगे,,,, मधु की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी इसलिए वह जल्दी से नहा कर बाथरूम से बाहर चली गई कुछ देर बाद शुभम तौलिया लपेटकर बाथरूम से बाहर निकला और अपने कमरे में चला गया,,,,
मधु की चुदाई कर के सुभम बेहद खुश नजर आ रहा था।
दूसरी ओर स्कूल में शीतल को कुछ ज्यादा खास मौका नहीं मिल रहा था सुभम के साथ समय व्यतीत करने के लिए,,,, हालांकि वह मौका देखकर शुभम को छेंड जरूर देती थी कभी पेंट के ऊपर से लंड को दबा देती तो कभी उसे अपनी तरफ खींच कर उसके होठों को चूमना शुरू कर देती शुभम भी इसका फायदा उठाते हुए उसके नितंबों को दबा देता तो कभी उसकी चूची को मसल देता,,, शुभम को धीरे धीरे ईस छेड़खानी में मजा आने लगा था,,,, निर्मला को भी कुछ दिनों से अजीब सा लगने लगा था वह इस बात पर नोटिस करने लगी थी कि सीतल भले ही उसके साथ बातें करती थी लेकिन वह शुभम को ही ताकते रहती थी उदयपुर का साथ नहीं होता था तो वह सुभम के बारे में ही पूछती रहती थी। शुभम भी शीतल के साथ समय बिताकर खुश नजर आता था ऐसा आभास निर्मला को होने लगा था इस बात को लेकर निर्मला के मन में डर बैठने लगा था,,,, क्योंकि निर्मला अच्छी तरह से जानती थी थी शुभम की कद काठी कसरत ई बदन को देखकर किसी का भी मन उसकी तरफ बहकने लगता था और कोई भी अगर उसकै मुसल जैसे लंड को देख ले तो उससे चुदे बिना नहीं रह सकती थी,,,, इस बात को लेकर निर्मला काफी परेशान नजर आ रहे हैं क्योंकि जिस तरह की हरकतें और व्यवहार शीतल का लग रहा था उसे देखते हुए,,, सुभम का ऊसकी तरफ आकर्षित होना तय था। उसे इस बात का भी डर बराबर बना हुआ था कि कहीं शीतल उसके बेटे को बहला-फुसलाकर अपने साथ शारीरिक संबंध ना बना ले,, और अगर ऐसा हो गया तो जो अभी तक उसके आगे पीछे लट्टु बन कर घूमता था वह सीतल का दीवाना हो जाएगा,,,, शीतल की हरकतें और उसकी चालाकीयो के बारे में निर्मला अच्छी तरह से जानतीे थी। और वह ऐसा नहीं होने देना चाहती थेी इसलिए अब वह शुभम और सीतल दोनों पर नजर रखना शुरू कर दी थी।


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RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 04-02-2020, 05:13 PM

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