Antarvasna Sex चमत्कारी
04-09-2020, 03:49 PM,
RE: Antarvasna Sex चमत्कारी
अपडेट- 98 (अ)

जबकि एक अन्य स्थान पर एक लड़की हर किसी से अजगर का पता ठिकाना पूछते हुए घूम रही थी…..बेहद क्रोध मे थी वो…जैसे कि आज सब को जला कर भस्म कर देगी….उसकी कमर मे एक बड़ा सा चाकू लटक रहा था.

तभी उस लड़की के मूह से अजगर का नाम सुन कर एक आदमी चौंक गया और वहाँ से जाने लगा जल्दी से..लेकिन उस लड़की ने उसको भागते देख लिया और तुरंत उसका पीछा कर के उसके सामने पहुच गयी.

“अजगर कहाँ मिलेगा.” उस लड़की ने सख़्त लहज़े मे पूछा.

“मुझे क्या पता…..जंगल मे तलाश करो ना जा कर…..आआअहह” उस आदमी ने बेरूख़ी से जवाब दिया.

लेकिन अगले ही पल उस आदमी के गले से एक दर्दनाक चीख गूँज कर रह गयी…..उस लड़की ने अपनी कमर मे लटके तेज़ चाकू से उसकी गर्दन को काट दिया था.

और इसके बाद वो आगे बढ़ गयी फिर से अजगर का पता पूछते हुए.

अब आगे……

वो लड़की चलते हुए हर रास्ते मे मिलने वाले से आज़गार के बारे मे पूछती जा रही थी…..तभी किसी की नज़र उसके उपर गयी तो वो देखते
ही चौंक गया……उस लड़की को देख कर चौंकने वाला ये शख्स और कोई नही बल्कि दमदमी माई थी.

दमदमी (चौंक कर)—राजनंदिनीी …..!

जी हां, ये हर किसी से आज़गार का पता पूछने वाली ये लड़की और कोई नही बल्कि श्री थी जिसको की दमदमी माई ने राजनंदिनी समझ कर देख के चौंक गयी थी.

दमदमी (मंन मे)—लेकिन ये यहाँ हमारे मालिक अजगर को क्यो तलाश कर रही है…..? मुझे तुरंत जयकाल को सूचना देनी होगी.

दमदमी ने तुरंत आँखे बंद कर के जयकाल से संपर्क करने की कोशिश की….कुछ ही देर मे डॉक्टर जयकाल उसको सामने से उसकी तरफ आता हुआ दिखाई दिया.

जयकाल—क्या हुआ…यहाँ क्यो बुलाया मुझे…..?

दमदमी (हाथ से इशारा करते हुए)—वो देखो….तुम्हारा शिकार..

जयकाल (इशारे की तरफ देख कर चौंकते हुए)—रज्नन्दिनीईइ…

दमदमी—हाअ….इसकी तलाश करने के लिए ही तो तमराज कील्विष् ने हमे यहाँ भेजा था….अब मैं इसे अपने मायाजाल मे फसा कर
कील्विष् के पास ले जाउन्गा…..हाहहाहा

जयकाल—तुम जितना आसान समझ रही हो….ये काम उतना सरल नही है…..उसके पास तुमसे कहीं अधिक शक्तियाँ हैं.. किंतु ये मालिक को यहाँ क्यो खोज रही है…..? किसी भी तरह से इसको कुछ देर तक रोक कर रखो….कही जाने ना पाए ये मैं अभी तमराज कील्विष् और
मालिक से से बात करता हूँ.

दमदमी—ठीक है….मैं अभी रूप बदल कर इसको अपने जाल मे उलझाती हूँ.

दमदमी तुरंत एक झाड़ी के पीछे जा कर अपना रूप एक सुंदर लड़की का बदल के आ गयी और श्री के पास जाने लगी जबकि जयकाल
आँखे बंद कर के कील्विष् और अजगर से संपर्क करने मे लग गया.

दमदमी (नज़दीक पहुच कर)—सुनिए….आप को शायद मैने कही देखा है..लेकिन याद नही आ रहा है…

श्री—तो मैं क्या करूँ….?

दमदमी—आप बहुत परेशान लग रही हैं….क्या बात है….?

श्री—तुम्हे इससे क्या मतलब…..तुम हो कौन…..?

दमदमी—मैं एक अनाथ लड़की हूँ….बस एक दुष्ट से अपनी इज़्ज़त बचाने की खातिर यहाँ से वहाँ भागते फिर रही हूँ.

श्री—तो पोलीस मे रिपोर्ट क्यो नही करती जा कर उसके खिलाफ…..?

दमदमी (दुखी चेहरा बना के)—पोलीस और सरकार उसका कुछ नही बिगाड़ सकती……सब उससे डरते हैं……बहुत ख़तरनाक है वो.

श्री—कौन है वो….?

दमदमी—अ..ज़्..ग..आ..र……नाम है उसका.

श्री (चौंक कर)—कककक…क्याआआ….नाम बताया तुमने…..?

दमदमी—मैने कब बताया अपना नाम आपको…..?

श्री (उसको कंधे से हिलाते हुए)—तेरा नही…..उस आदमी का क्या नाम बताया तुमने…..?

दमदमी—अच्छा ….उसका नाम…‼ उसका नाम अजगर है……

श्री (आतुर हो कर)—कककक…कहाँ मिलेगा वो……? मुझे उसका कुछ पता और उसका हुलिया बताओ…

दमदमी—लेकिन आप ऐसे ख़तरनाक आदमी से क्यो मिलना चाहती हैं…..?

श्री (गले मे चाकू लगाते हुए)—ये जानना तुम्हारा काम नही है……बस उससे एक पुराना हिसाब किताब चुकता करना है.

दमदमी (डरने का नाटक करते हुए)—ये चाकूउउ …….देखिए ऐसे आदमी का कोई पता ठिकाना तो निश्चित होता नही है….किंतु एक जगह
अवश्य है जहा मैने उसको कुछ दिनो से रोज आते जाते देखा है.

श्री—चल बता जल्दी मुझे की कहाँ है वो जगह….?

दमदमी (मंन मे खुश होते हुए)—यही जंगल के बीचो बीच है वो जगह.

श्री (हाथ पकड़ कर)—चल मेरे साथ दिखा मुझे वो जगह..

दमदमी—नही…अगर उसने मुझे देख लिया तो मेरी इज़्ज़त फिर से ख़तरे मे पड़ जाएगी….मैं नही जाउन्गी वहाँ.

श्री (सख्ती से)—अगर नही जाएगी तो मैं तुझे यही ख़तम कर दूँगी..सोच ले एक मिनिट का टाइम है तेरी ज़िंदगी और मौत के बीच मे.

दमदमी—ठीक है..चलिए

दमदमी मंन ही मंन मे बेहद खुश होते हुए श्री को हिमालय के उन घने जंगलो के अंदर ले जाने लगी… काफ़ी देर चलने के बाद उन्हे एक खंडहर जैसी गुफा दिखाई देने लगी.

दमदमी—वो जो गुफा दिख रही है ना…..यही है वो जगह जहाँ मैने उसको अक्सर आते जाते देखा है….अब मुझे जाने दो….मैं आपका
कहना मान कर यहाँ तक आ गयी….मुझे छोड़ दो अब.

श्री—चुपचाप मेरे साथ चलती रह वरना यही काट दूँगी तुझे.

दमदमी—मेरे मालिक ये कहाँ फस गयी मैं……(लंबी साँस खिच कर)….ठीक हाईईईई चलिए

दोनो चलते हुए उस गुफा मे अंदर घुस गयी….जहाँ अंधेरे के सिवा कुछ नही था….फिर भी श्री, दमदमी का हाथ पकड़े हुए आगे बढ़ती गयी.

अंदर झींगलाला अपना भेष बदल के पूरा जाल बिच्छा कर तैय्यार था….क्यों कि यहाँ आने से पहले ही दमदमी ने अपनी जादुई शक्ति से उसको सब समझा दिया था.

लगातार अंदर अंधेरे मे चलते हुए उन्हे थोड़ी सी रोशनी नज़र आई तो दोनो उस तरफ ही निकल गयी …..श्री वहाँ किसी को देख कर चौंक
गयी. …..वहाँ एक आदमी खटिया बिच्छा कर लेटा हुआ था

श्री (धीरे से)—क्या यही है अजगर……?

दमदमी—नही….ये अजगर नही है…..मैं इसको नही जानती.

श्री तुरंत चाकू निकाल कर झींगलाला की गर्दन पर लगा देती है….झींगलाला हड़बड़ा कर उठने का नाटक करने लगता है.

झींगलाला—क्क्क….कौन हो तुम…..?

श्री (शख्त आवाज़ मे)—तेरी मौत…..जितना पुच्छू उतने का बिना कोई होशियारी दिखाए जवाब दे वरना चीर के रख दूँगी.

झींगलाला—द्द्द्द…देखो तुम ये ठीक नही कर रही हो……?

श्री—चुप्प्प्प…..सीधी तरह से बता दे कि अजगर यहाँ कब आता है और क्यो…..?

झींगलाला—कककक..क्याआ अजगर.....मैं नही जानता.....मैं तो खुद यहाँ क़ैद हूँ.

दमदमी—झूठ मत बोल....अगर तू क़ैद होता तो तेरे हाथ पैर बँधे होने चाहिए थे.....यहाँ कोई नही है, अगर तू चाहता तो कभी भी यहाँ से भाग सकता था.....अब सच सच बता दे.

श्री—तुम सही कहती हो.....ये कमीना झूठ बोल रहा है....लगता है कि ये मेरे हाथो से अब ज़रूर मरेगा.

झींगलाला—मुझे मत मारो…मैं सब बताता हूँ……यहाँ वो किसी चीज़ की तलाश करने आता है हर रोज….मैं नही जानता कि वो क्या चीज़ है…….

दमदमी—तो तुम यहाँ क्या घास छील रहे हो….? मुझे नही लगता कि ये सच बोल रहा है अभी भी.

झींगलाला—मैं तो बस एक दिन यहाँ अपनी बीवी और बेटी के साथ लकड़ियाँ काट रहा था…तभी जोरो से बारिश होने लगी तो हम यहाँ छुप गये..तभी ना जाने वो कहाँ से आ गया और मुझे यहाँ क़ैद कर के मेरी बीवी और बेटी को ना जाने कहाँ ले गया….उसने मुझे धमकी दी है कि जब तक उसकी चीज़ नही मिल जाती अगर मैने यहा से भागने की कोशिश की तो वो उनको जान से मार देगा.

श्री—ओह्ह्ह्ह….बहुत ही कमीना है ये अजगर…..आने दो उसको…..आज मेरे हाथो से जिंदा नही बचेगा.

दमदमी—वो बहुत ख़तरनाक है

श्री—क्या कर लेगा वो….? चीर फाड़ डालूंगी उसको…..?

तभी वहाँ एक दिल दहला देने वाली भारी ख़तरनाक आवाज़ गूँज उठी जिसको सुनते ही सब थर थर काँप उठे.

“अजगर कब, किस को और कहाँ निगल जाएगा, ये कोई नही जानता.”
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RE: Antarvasna Sex चमत्कारी - by hotaks - 04-09-2020, 03:49 PM

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