RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
भाग-5
बादल के बड़े भाई दीनू और कमली की कहानी भी कुछ इसी प्रकार थी. छोटू के घर के ठीक सामने कमली का घर था और गली में आगे जाकर दीनू का. कमली छोटू को बचपन में बहुत खिलाती थी. छोटू का खाना भी वही होता था रहना भी. ऐसा लगता था कि छोटू कमली का सगा है. कमली जाति से ब्राह्मण थी और दीनू ठाकुर लेकिन मोहब्बत ने कभी इस जाति बिरादरी को माना ही नही था जो आज मानती.
कमली गाँव की पहली लडकी थी जिसने मोहब्बत की हद को पार किया था. ये घटना चुन्नी और बादल से भी पहले की थी. कमली का रंग थोडा सांवला था लेकिन दिखने में बहुत सुंदर थी. गोल नथुनी. कानों में कुंडल. पैरों में छन छन करती पाजेब. आँखें काली और बड़ी बड़ी. होंठ नपे तुले. बातों में गुड सी मिठास. सर बाल इतने लम्बे की घुटनों तक आ जाएँ. ___
अगर ये कहा जाय कि कमली सांवली होते हुए भी बहुत सुंदर थी तो गलत न होगा. दिल तो बहुतों के आये लेकिन कमली ने स्वीकारा सिर्फ दीनू के हसीन दिल को. इस दिल में न जाने कमली को क्या दिखा जो उसने कई दिलों को तोड़ इससे नाता जोड़ लिया. आशिकी तो आशिकी ठहरी. कब किसी से हो जाए कोई नहीं जानता. अब कमली को दीनू और दीनू को कमली दिखाई देते थे. कब दोनों एक दूसरे के लिए आम से खास हो गये किसी को पता नही चला.
पहले नजरों से मुहब्बत हुई. फिर दिल से और उसके बाद जुबान पर आ गयी. पहले नजरों से बात की फिर चिट्ठियों से और उसके बाद मिलना मिलाना शुरू हो गया. और हो भी क्यों न? कोई मन का मीत अगर मिला है तो उससे क्यों न मिला जाय? क्यों न प्यार किया जाय?
आखिर दिल का भी तो कुछ अरमान होता है? सब कुछ तो समाज के दायरे में नही चल सकता. भगवान् और क़ानून तो मोहब्बत करने की इजाजत देते हैं. तो फिर मोहब्बत करने में बुराई क्या है.
कमली और दीनू दोनों ज्यादा मिलते या बात तो नहीं करते थे लेकिन जितना भी मिलना होता था वो दोनों की मोहब्बत को आसमान की बुलंदियों तक ले कर जाता था. किन्तु गाँव के लोग किसी को मुहब्बत करते देख लें और उसकी चर्चा न करें ऐसा तो हो ही नहीं सकता. चारो तरफ चर्चाये गर्म थी. कमली के बाप पंडित सोरन को जब ये बात पता चली तो उन्होंने कमली को बहुत मारा. बेचारी कमली पिटती रही लेकिन दीनू को अपने दिल से बेदखल न
कर सकी.
चोट खाया प्यार किसी घायल शेर से कम नही होता और यही हुआ. कमली को दीनू से और अधिक मोहब्बत हो गयी. दीनू भी कमली के जज्बे को देख दो कदम आगे बढ़ गया. ऐसे ही कदम कदम आगे बढ़ते कब इतने करीब आ गये कि पता ही न चला. दिल की आग थी कि बुझने का नाम ही नही लेती थी. जितना बुझाने की कोशिश करते उतनी तेज होती चली जाती थी.
कमली के घर से निकलने पर पावंदी लगा दी गयी और पंडित सोरन ने दीनू के घर जाकर भी शिकायत कर दी. लेकिन प्यार में आगे बढ़ जाने पर बापिसी का कोई रास्ता ही नही होता तो ये दोनों कैसे पीछे हटते? कमली को दीनू से बात करने का दिल करता था लेकिन घर की बंदिश उसे ऐसा करने से रोक रही थी. मौहब्बत के दीवानों का उनके जीते जी कभी हौसला टूटा है जो कमली या दीनू का टूटता.
कमली के पास छोटू खेलने आता था. कमली थोड़ी पढ़ी लिखी भी थी. उसे एक विचार आया कि क्यों न दीनू को चिट्ठी लिख छोटू के हाथों भेजी जाय लेकिन छोटू तो तब तीन चार साल का बच्चा था.
अगर चिट्ठी वाला कागज खा जाए तो या किसी के हाथ पड जाए तो आफत खड़ी हो जाती.
फिर कमली को ध्यान आया कि क्यों न छोटू के कपड़ों के अंदर चिट्ठी छुपाकर भेजी जाय? छोटू जब छोटा था तो इलास्टिक के निक्क(कच्छे) पहनता था. अब कमली चिट्ठी लिखकर छोटू के निक्कर में डाल देती और उस चिट्ठी को दीनू निकाल कर पढ़ लेता.
वाह रे जुगाडू आशिको. क्या कमाल की योजना निकाली थी. किन्तु गजब तो तब होता जब कभी कभी निक्कर में कागज होने की वजह से छोटू रोने लगता या कभी कभी छोटू निक्कर में पेशाब कर लेता था. उस वक्त दोनों प्रेमियों की आफत आ जाती थी. लेकिन आशिक दिल दीनू ने कई बार पेशाब में भीगा लवलेटर भी पढ़ डाला था. इश्क में डूबे दिल को कोई भी चीज बुरी या अच्छी नहीं लगती सिवाय अपने महबूब के. दीनू इसी बात का नमूना पेश करता था.
लेकिन छोटू नाम का लेटर बॉक्स कब तक इन आशिकों की चिट्ठियां ले जाता? एक दिन कमली द्वारा निक्कर में चिट्ठी रखे जाने पर छोटू चीख चीख कर रोया. कमली की माँ ने जब उसको रोते देखा तो उसके पास आ उसने देखा कि वह निक्कर की तरफ इशारा कर कर के रो रहा है. कमली की माँ ने सोचा सायद कोई कीड़ा आदि होगा जिससे ये लड़का रो रहा है. उसने जैसे ही उसने छोटू का निक्कर उतारा तो कागज की चिट्ठी उसमे से निकल पड़ी.
छोटू चुप हो गया. कमली की माँ ने चिठ्ठी उठाकर फेंक दी और उसी दिन कमली के बाप से कह दिया की जितनी जल्दी हो सके कमली की शादी करा दो. पंडित सोरन ने फटाफट में कमली के लिए लड़का देखना शुरू कर दिया,
शादी होने की खबर सुन कमली की जान गले में आ लटकी. उसे पता था कि शादी क्या होती है और शादी होने के बाद उसकी मोहब्बत का क्या होगा? दीनू उससे यहीं छूट जाएगा और कोई अनजान आदमी उसके दिल का स्वामी बनने की कोशिश करेगा जिसे वो जानती तक नहीं कि वो है कौन? जबकि कमली इसके लिए कतई तैयार नहीं थी.
|