RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
आज मेरे जीवन में साँसे तो है लेकिन तुम नही. शायद इसीलिए ये जिन्दगी जीना कठिन हो गया है. मेरी कमली मेरी जिन्दगी. में पत्र को ज्यादा लम्बा न कर तुम्हे सीधे सीधे कुछ बता देना चाहता हूँ. वो वात पढने से पहले तुम्हे मुझसे एक वादा करना होगा कि तुम मेरी ये बात सुनकर जरा भी भयभीत न होओगी. न ही अपनी हिम्मत हारोगी. मुझे यकीन है तुमने वादा कर दिया होगा.
तो सुनो कमली. मेरा मन मुझे धोखा दे गया है वो तुम्हारी जगह किसी और को अपनाने की बात करता है. में कह सकता हूँ कि ये बेबफा हो गया है. ये इसकी बेबफाई का ही सबब है की इसने ये फैसला लेने पर मुझे मजबूर कर दिया कि में जहर खा अपनी जान दे दूँ. तुम्हे मेरी कसम कमली जो एक भी आंसू अपनी इन सुरमई आँखों से निकालो. में तुम्हे कभी माफ़ नही कर पाऊंगा अगर तुम जरा भी इस बात पर रोयीं. तुम मुझे कायर भी कह सकती हो जो तुम्हे मोहब्बत में फसा खुद चैन की नींद सोने जा रहा हूँ. लेकिन मेरी हसीन कमली मेरे दिल में अब और ज्यादा सहने की शक्ति नहीं है.
अगर में जहर न खाऊंगा तो कुढ़ कुढ़ कर मरूँगा और में कुढ़ कुढ़ कर मरने में विश्वास नही रखता. घर वालों को काफी दुःख दिया. बहुत बदनामी भी करायी. अब और ज्यादा अपने और तुम्हारे जन्मदाताओ को परेशान करने का मेरा इरादा नही है. जब तक तुम मेरा ये आखिरी पत्र पढकर खत्म करोगी तब तक मेरी जिन्दगी इस रुढ़िवादी दुनिया से बहुत दूर जा चुकी होगी.
तुम्हें फिर से एक बार मेरी सौगंध जो ज्यादा रोयीं या कुछ गलत करने की कोशिश की तो. तुम्हारे इस मोहक पवित्र रूप के दर्शन मेरी आँखों में बसे है जिन्हें में अपनी मौत के साथ ले जा रहा हूँ. अगर हमारा प्यार सच्चा है तो फिर किसी जन्म में हमारा मिलन होगा. और खत के आखिर में, अगर जाने अनजाने में मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ़ करना, तुम्हारा न हो सकने वाला. कायर. दीनू."
कमली पूरा पत्र पढ़ चुकी थी. उसका दिमाग और शरीर पूरी तरह सुन्न था लेकिन एकदम से उसे होश आया. उसे याद आया कि दीनू ने अपनी जान देने की जो बात खत में लिखी है. अगर वो सच...? कमली एकदम से कमरा खोल किसी रेल की तरह से भाग छूटी. घर का कोई कुछ समझ पाता उससे पहले कमली घर से बाहर निकल चुकी थी. कमली में किसी मशीन जैसी शक्ति आ गयी थी.
भागती हुई सीधी उस गली की तरफ भागी जिधर दीनू का घर पड़ता था. लेकिन कमली जब तक दीनू के घर पहुंचती उससे पहले ही एक जगह भीड़ जमा थी. कमली की खोजी आँखों ने दीनू के शरीर की खुसबू को भरी भीड़ में पहचान लिया. दौड़कर उस भीड़ में घुस गयी. कमली को ऐसे आया देख भीड़ के लोग दो दो कदम पीछे हट गये. कमली ने जैसे ही दीनू के मृत शरीर को देखा वैसे ही उसके मुंह से पूरे गाँव का दिल दहलाने वाली ऐसी चीख निकली कि वहां खड़े लोगों के रोंगटे खड़े हो गये.
कमली ने दीनू के झाग भरे मुंह को देखा जो चीख चीख कर कह रहा था कि दीनू जहर खा कर मर चुका है. कमली दीनू की लाश से लिपट गयी. ऐसी जैसे नागिन अपने मरे हुए नाग से. कमली का दिल फटा जाता था. लगता कि अभी दीनू के साथ ही मर जायेगी.
लेकिन तब तक कमली के घर वाले भागते हुए आ गये. उन्होंने कमली को जबरदस्ती वहां से हटाना शुरू कर दिया. लेकिन कमली थी कि दीनू को छोड़ना ही नही चाहती थी. देखने वालों के भी दिल कुम्हला गये. आसपास खड़ी औरतें कमली की चीखों को सुनकर रोने लगी थी. फिर जैसे तैसे कमली को उसके घरवाले लेकर जा पाए. अब कमली की निगरानी बढ़ा दी गयी क्योंकि घरवालों को डर था कि कहीं कमली आत्महत्या न कर ले. किन्तु कमली के दिमाग में ऐसा कोई विचार नहीं था, वो तो दीनू के मरते ही मर गयी थी.
दीनू अब इस दुनिया में नही था और कमली की हालत भी दुनिया में न होने जैसी ही थी.खाना पीना तो वो उसी दिन से छोड़ चुकी थी. लेकिन घरवाले उसे जबरदस्ती जो भी खिलाते वो खाती थी.कमली की शादी का दिन करीब आया. शादी हुई. कमली दुल्हन के रूप में किसी अप्सरा जैसी लग रही थी लेकिन मुंह पर उदासी किसी मृत लडकी जैसी थी. कमली को कोई होश नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा है? जो घरवाले करवाते वही करती जाती थी.
शादी के बाद कमली विदा हो गाँव से अपनी ससुराल चली गयी. उसकी हालत देख ससुराल के लोग उसे पागल कहते थे जबकि चंद दिनों पहले जब वो कमली के घर उसे देखने आये थे तो कमली उन्हें हंसते खिलखिलाते हुए मिली थी. खुद कमली के पति की समझ में ये सारा माजरा न आता था. उसे क्या पता था कि कमली के साथ क्या हो चुका है?
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