RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
शादी के बाद से कमली बीमार ही रहने लगी थी. ससुराल में न तो किसी से ज्यादा बात करती थी और न ही किसी के पास बैठती थी. सजना संवरना तो अब उससे होता ही नही था. साल भर बाद उसके बच्चा भी हुआ. बच्चा होने पर कमली थोडा सम्हली थी लेकिन उसकी रंगत पहले सा कुछ भी देखने को नहीं मिलता था. ___फिर एक दिन वह अपने गाँव घूमने आई. पहले से थोडा खुश थी. सबसे बातचीत भी करती रही लेकिन पहले जैसा हंसी मजाक. हसना बोलना. चलना फिरना. रूप सुंगार, खुद को सजाने सवारने का शौक अब कमली के अंदर नही रहा था.
गाँव आने पर जब छोटू उसके सामने आया तो उसे फिर से वही याद आ गयी जब वह उसके निक्कर में चिट्ठियाँ रखकर दीनू को भेजा करती थी. कमली ने छोटू को अपनी बहुत खिलाया था लेकिन आज छोटू काफी बड़ा हो गया था. कमली ने आज फिर से छोटू को गले से लगा अपनी यादें ताजा कर ली. फिर आँखों में आंसू ले बिना कुछ कहे अपने घर चली गयी और अपने घर से सीधी ससुराल.
कुछ दिन बाद खबर आई कि कमली की मौत हो गयी है. लम्बी बीमारी के बाद कमली ने अपना शरीर त्याग दिया था. आज न कमली थी और न ही दीनू. शायद कमली मरने के बाद दीनू से मिली हो क्योंकि दीनू भी तो मर गया था. दोनों गये तो एक ही जगह होंगे.
कमली को जानने वाला हर आदमी जानता था कि उसे क्या बीमारी थी? बीमारी लगी कब से थी लेकिन कोई बोलना नही चाहता था. गाँव मोहब्बत करने बाली लड़की की कोई पक्ष ले भी क्यों? उसे तो सजा और मिलनी चाहिए थी. वाह रे बुजदिल जमाने. भगवान करे तू जल्दी बदल जाए. जिससे फिर कोई कमली ऐसी कमली न बनने पाए.
कमली की मौत के कुछ दिन बाद दीनू के भाई बादल ने कई गुंडों को लेकर कमली के बाप सोरन के घर पर धावा बोल दिया. सारा सामान लूटा. पूरे घर को बुरी तरह से पीटा. घर के सारे लोग खूब चीखे चिल्लाये थे. गाँव के लोगों में भी भय का माहौल बन गया था. शायद वो दिवाली का दिन था. ___
चोर सोरन पंडित की छत पर चढकर गाँव के लोगों से कहते थे, “गाँव वालो कान खोलकर सुन लो. हमारी तुम लोगों से कोई दुश्मनी नही है. हम सिर्फ इस सोरन पंडित को लूटने आये है. हमारी इससे निजी रंजिस है इसलिए कोई बीच में आने की हिम्मत न करे, आया तो उसकी खैर नही. हम वादा करते हैं तुम में से किसी और से कुछ नही कहेंगे."
यह सब सुनने के बाद किसी गाँव के आदमी ने सोरन की मदद करने की कोशिश नहीं की, सोरन पंडित के लडके यानि कमली के भाई गाँव के लोगों के दरबाजे पीटते रहे लेकिन किसी ने उनके लिए दरवाजा नही खोला. बादल ने खूब बदला लिया अपने भाई दीनू की मौत का लेकिन इससे फायदा क्या हुआ? अब वो लौटकर तो नहीं आ जायेगा.
अगर दीनू जिन्दा होता तो ऐसा करने ही नही देता. वो अपनी कमली के घर वालों से ऐसा वर्ताव कभी बर्दास्त नहीं करता. दीनू कमली से प्यार करता था और उसके घर के लोगों की इज्जत भी. फिर कुछ साल बाद बादल भी चुन्नी से इश्क कर बैठा. जिसका हश्र भी इससे कम भयानक नही था. इस एक घर के दो लडके प्यार में अपनी जान गवां बैठे थे. एक बादल और उसका भाई दीनू,
कोमल की हिम्मत तो देखो इतने के बाद भी वह राज से इश्क कर बैठी. राम जाने इस नादान लडकी का क्या होगा? लेकिन कुछ भी हो इससे ये तो साबित होता ही है कि दिल किसी के बाप की जागीर नही जिसे अपने कब्जे कर कोई डरा धमका कर, मार पीट कर बंदिश लगाकर और यहाँ तक कि जान से मार कर भी मोहब्बत करना नही भुला सकता. कोमल इसका पुख्ता प्रमाण थी.
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