RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
यह सब देख देवी का दिल भी भर आया. उसने कोमल को अपने कलेजे से लगा लिया और धीरे से बोली, “मेरी बात का गलत मतलब न निकालो मेरी बहन. में सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए सोचती हूँ. मुझे नहीं पता कि मेरे मुंह से क्या का क्या निकल रहा है? आज का सब कहा सुना माफ़ करो." यह कह देवी ने कोमल का मुखड़ा अपने हाथों में लिया और उसका माथा चूम उससे बोली, “अब सो जाओ मेरी राजकुमारी. कल की सुबह तुम्हारे लिए भी कुछ न कुछ उजाला जरुर ले कर आएगी."
कोमल को देवी के प्यार से समझाने पर थोडा अच्छा महसूस हुआ. वो फिर से विना कुछ बोले दूसरी तरफ करवट ले सो गयी. राज ने भी यही सोचा कि कल सुबह वो जब दूध लेने कोमल के घर जाएगा तब उससे जरुर पूंछेगा कि पूरी बात क्या है? तीनों दो अलग अलग जगह पर पड़े सोने की कोशिश किये जा रहे थे और फिर तीनो को ही नींद ने आ दबोचा.
सुबह हुई. राज की माँ ने राज को झकझोर कर उठाते हुए कहा, “क्यों रे राज आज दूध कढाने नहीं जायेगा क्या?"
राज रात भर ठीक से सो नहीं पाया था. ऊपर से दिल का भारी भरकम दर्द, माँ से बोला, “आज नहीं जाना पापा को भेज दो."
माँ इतना सुन मुड़ने को हुई लेकिन राज को तब तक ध्यान आ गया कि उसे कोमल के पास भी तो जाना है. वह झट से चारपाई से उठा और माँ से बोला, “रहने दो माँ में ही जा रहा हूँ."
माँ ने देखा कि अभी राज बीमारों की तरह पड़ा था लेकिन न जाने फिर क्या दिमाग में आया कि इतनी फुर्ती से उठ बैठा. राज झट पट से तैयार हो. टंकी को साईकिल पर बाँध कर भाग चला. माँ ने राज की हाल की गतिविधियों को देख सोचा कि वो राज के बाप से इसकी शादी जल्दी करने को कहेगी. गाँव में अक्सर माँ बाप बच्चों की ऊंटपटांग हरकतों को उनकी शादी से जोड़कर देखते हैं..
यही नहीं, अगर बच्चे चारपाई पर बैठ कर पैर हिलाने लगे तो समझ लो वो किसी लड़की के बारे में सोचता होगा. जल्दी ही उस लडके या लडकी की शादी की बात होनी शुरू हो जाती है. किसी लडकी पर अगर भूत आना शुरू हो जाय तो समझ लो उसकी शादी पक्की हो ही जाएगी. और एक लड़का या लडकी ज्यादा हंस हस कर बात कर लें तो दोनों के बीच कोई न कोई चक्कर है.
जल्दी ही उन लोगों के घरवाले उनकी शादी करा डालते हैं. यही नहीं, अगर कोई लड़का या लडकी अकेले रहने लगे या किसी से बात न करें तो भी उनकी शादी करवा दी जाती है. क्योंकि ये लक्षण तो सिर्फ प्यार के रोग में ही पाए जाते हैं जिनका इलाज सिर्फ शादी ही
होता है.
राज एक सांस में कोमल के गाँव पहुंचा. फिर कोमल के घेर(भैसों के रहने की जगह) में. राज का दिल आज कुछ ज्यादा ही धडक रहा था. सोचता था अभी कोमल आएगी तो क्या कहूँगा या वो क्या कहेगी? क्या वो अभी भी कल जैसा ही वर्ताव करेगी या पहले जैसा?
राज अभी यह सोच ही रहा था कि देवी दूध निकालने वाली वाल्टी लिए आ पहुंची. राज का दिमाग बिजली के मारे करंट की तरह झनझना गया. उसे अपनी आँखों पर यकीन न आया. जहां आज तक दूध दूहने कोमल ही आती थी वहां आज देवी आई थी. अब राज को पक्का शक हो गया कि कोई न कोई बात जरुर है.
देवी दूध दुहने भैस के पास बैठ गयी. राज का दिल करता था कि देवी से ही पूँछ ले कि आखिर बात क्या है आज कोमल दूध दुहने क्यों नही आई? फिर सोचा पहले देवी दूध दूह ले फिर पूँछ लेगा. थोड़ी देर बाद देवी भैंस का दूध निकाल राज को देने आई. राज ने लीटर से दूध नाप अपनी बाल्टी में डाल लिया. उसके बाद देवी जाने को हुई लेकिन राज के गम्भीर स्वर ने उसे रोक लिया. राज बोला, "देवी बहन जी आज...वो..कोमल दूध दुहने क्यों नही आई? क्या कोई परेशानी है उन्हें?"
|