RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
मैंने तो घर से विदा होते समय माँ के गले लग रोने का सपना देखा था. तुम्हे तो पता है राज में सजने संवरने की कितनी शौक़ीन हूँ लेकिन आज जब तुम्हारे साथ जाउंगी तो सिंगार का एक भी सामान मेरे बदन पर नही होगा. जबकि में तो सोलह सिंगार में घर से विदा होना चाहती थी. ___
राज तुम्हे पता है हर लड़की के दिल में बस एक ही सपना होता है कि उसके माँ बाप को कभी भी उसकी वजह से कभी कोई परेशानी न हो लेकिन मेरे इस तरह भागने के बाद गाँव, समाज और परिवार के लोग मेरे माँ बाप का जीना दुसवार कर देंगे. उन्हें मोहल्ले की औरतें ताने देंगी. भगोड़ी लडकी का खानदान बताएगी. मेरे भाई बहन जो अभी क्वारे हैं उनकी शादी होना बहुत कठिन हो जाएगा. लेकिन ये बात भी सच है कि अगर में न भी भागी तो भी खानदान की बदनामी होगी. क्वारी लडकी अगर माँ बन जाए तो दुनिया के लोग उसे कुलच्छिनी और पापिन कहते है लेकिन ये लोग उन मुश्किलों को नही समझते जो हम लोगो को होती हैं.
परन्तु तुम्हे ज्यादा कुछ न कहते हुए बस इतना कहना चाहूँगी कि अब में तुम्हारी हूँ. अब तुम्हे सोचना है कि मेरे लिए क्या सही और क्या गलत है? में आज से तुम्हारी अर्धांगिनी होना स्वीकार करती हूँ. अब तुम चाहो तो मारो और तुम चाहो तो जीवन दे दो. में तुम्हारे साथ हर उस जगह चलने को तैयार हूँ जहाँ तुम ले जाना चाहते हो. मुझे बताना कि कब और कैसे क्या क्या करना है? क्योंकि मेरा दिमाग अभी कुछ भी सोचने के लिए तैयार नही है, तुम्हारी अर्धांगिनी कोमल.
खत पढ़ते पढ़ते राज की आँखों में आंसू चल रहे थे. सोचता था लडकियों की भी कितनी मुसीबतें होती है लेकिन अब उसने फैसला कर लिया था कि जो हो सो हो कोमल को अपने साथ ले जा कर ही रहेगा.खूब खुश रखेगा उसको.जी जान से उसकी खिदमत करेगा. प्यार से मन भर देगा कोमल का. फिर जब कोमल माँ बनेगी और वो बाप तब खुशियों का ठिकाना ही नही रहेगा.
इसके बाद राज घर को चल दिया. अब उसे यहाँ से निकलने की योजना बनानी थी. कोमल को साथ ले वो किसी ऐसी जगह पर जाना चाहता था जहाँ कोई उसे ढूढ़ ही न पाए. जहाँ कोई डर ही न हो कि कोई आ जायेगा. कोमल भी आराम से रह सके.कुछ पैसों का भी प्रबंध करना था जिससे कुछ दिन का खर्चा चल सके. उसके बाद राज वहां कोई काम ढूढ़ कर पैसे कमा लिया करेगा.
राज ने आज से ही सब चीजों का प्रबंध करना शुरू कर दिया. डेयरी मालिक से कुछ रूपये लिए. कुछ रूपये उसने जोड़ रखे थे वो लिए. माँ से भी कुछ लिया रुपया लिया. कुछ इधरउधर के दोस्तों से प्रबंध किया. अब राज के पास महीना भर के खर्च का प्रबंध हो गया
था.
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