Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
04-14-2020, 11:53 AM,
#53
RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
फिर तो सब खत्म. कोमल और राज दोनों ही पंक्षी इस दुनिया से बेखबर एकदूसरे में खोये लेटे हुए थे. अभी थोड़ी देर पहले ही कोमल ने राज से चलने के बारे में पूंछा था. तब राज ने कहा था कि थोडा सा और झुटपुटा(अँधेरा) होने दो तभी यहाँ से निकलते हैं. अभी हमें किसी ने देख लिया तो आफत हो जायेगी. राज को क्या पता था कि किसी ने उन्हें देख लिया और उनके मोहब्बत के दुश्मनों को खबर भी कर दी है.


राज कोमल से कहने लगा, “सोचो अगर तुम्हारे घर वाले मुझे कहीं पकड़ लें और मारने लगें तो तुम क्या करोगी?"

कोमल आँखों में मोहब्बत का रस लिए बोली, "पहले मुझे मारेगे फिर ही तुमसे हाथ लगा पायेगे. तुम्हे लगने से पहले मेरे सीने में गोली लगेगी. पहले में मरूंगी तब ही तुम्हे कुछ हो सकेगा. जब तक में जिन्दा हूँ तब तक कोई भी आदमी तुम से हाथ न लगा सकेगा." कोमल एक सांस में यह सब कहती चली गयी. उसकी आँखों में अपने प्रेमी राज पर मर मिटने का जज्बा दिखाई दे रहा था. ___

राज भी अपनी महबूबा की ऐसी बातो को सुन खुद की पसंद और मोहब्बत पर गर्व कर उठा,

कोमल ने राज से पूछा, “क्या तुम्हारे घरवाले मुझे मंजूर कर लेगे?”

राज कोमल के माथे को चूमते हुए बोला, “बड़े गर्व से. तुम्हारे जैसी बहू तो उन्हें सात जन्मों में नहीं मिलने वाली. और मेरे पापा तो एक दिन तुम्हारी बहुत तारीफ़ भी कर रहे थे. मुझे पूरा यकीन है कि घर के बूढ़े से लेकर बच्चे तक सब तुमको अपना बना लेंगे."


कोमल इतराकर बोली, “रहने दो. मुझे मक्खन न लगाओ. तुम आजकल मेरी बहुत तारीफ करने लगे हो. मुझे तो दाल में कुछ काला नजर आता है. कहीं ऐसा तो नहीं कि में सुंदर नहीं हूँ इसलिए तुम ऐसा झूठ बोलते हो?"


राज कोमल की बातों को समझ रहा था. वो जानता था कोमल मजाक कर रही है. बोला, “वो दुनिया का सबसे बदसूरत इंसान होगा जो तुम्हें सुंदर न कहे. मुझे तो तुम्हारे अंदर कोई कमी नही दिखती. जिसे दिखती हो उसे दिखे.


कोमल अपनी सुन्दरता की तारीफ अपने राज से सुन लजाये जा रही थी. उसको आज अपने रूप पर गुमान हो रहा था. आज से पहले कोमल ने किसी से ऐसी तारीफ तो सुनी ही न थी क्योंकि प्यार तो पहली बार किया था. वो भी सिर्फ राज से. राज से पहले कोई ऐसा लड़का कोमल को नहीं मिला जिसे वो अपना दिल दे पाती या जो कोमल का दिल लेने में कामयाब हो पाता. ये राज ही था जो कोमल को इतना पागल कर गया.


कोमल इतराकर राज से बोली, “तुम भी बड़े छलिया हो राज."

राज ने हंसकर पूछा, “क्यों?"

कोमल फिर से इतराकर बोली, “अब देखो न मेरे साथ पढने वाले लडकों में किसी की भी ये हिम्मत नहीं कि मुझसे नजर भी मिलाये लेकिन तुम हो कि मुझे अपने वश में कर मेरे साथ सब कुछ कर डाला."


राज माफ़ी वाले स्वर में बोला, "नही कोमल रानी ऐसी कोई बात नही. में तो खुद अपने आप पर अचरज करता हूँ कि तुम मुझपर फ़िदा कैसे हो गयीं? मुझे आज भी इस बात का ताज्जुब होता है."


कोमल भी नर्म हो गयी. बोली, "नही राज ऐसा कुछ भी नही है. अगर तुम्हें ये बात पता नही कि में तुम पर क्यों फ़िदा हो गयी तो यकीन मानो मुझे भी पता नहीं चला कि कब में तुम्हारी तरफ खिचती चली गयी? ये तो एक सपने जैसा हो गया.

मुझे आज तुम्हारी बाहों में होना एक सपने जैसा ही लगता है. क्योंकि में जिस गाँव से हूँ वहां पहले भी कई लडकियाँ इसी बात के पीछे मार दी गयी हैं. या मर गयी. लडकों का भी यही हश्र हुआ. सच मानो राज हम तुम बहुत किस्मत वाले हैं जो आज भागने के बाद भी सुरक्षित बैठे बातें कर रहे हैं."


राज सहमत होता हुआ बोला, "तुम सच कहती हो कोमल. मुझे भी ऐसे कई किस्से सुनने को मिले है. पहले तो में भी डरता था लेकिन तुम्हारी याद आते ही सारा डर गायब हो जाता है. तुम में जरुर कुछ न कुछ ऐसा है जो मुझे एक ऐसी शक्ति देता जिससे में ये सब काम विना डरेकरूं."

कोमल राज की बातों को मजाक में लेती हुई बोली, “चलो झूठे कहीं के. तुम्हारा बस नही चलता नही तो मुझे कोई देवी देवता का अवतार वता दोगे."


राज भी मजाक के वश हो गया. बोला, "मेरे लिए तो तुम किसी देवी देवता से बढ़कर हो, जब से आई हो मन बिलकुल फूल जैसा हो गया है. मालूम ही नहीं पड़ता कि में धरती पर हूँ या आसमान में."

कोमल तारीफ़ सुन इतरा भी रही थी और बनाबटी गुस्सा भी दिखा रही थी. बोली, “तुम कोई जादूगर तो नहीं हो राज? मुझे लगता है तुमने मुझपर कोई जादू टोना किया है जो मुझे तुम्हारे विना रहने नहीं देता."


राज कोमल के चेहरे के पास चेहरा लाकर बोला, "तुम क्या कम जादूगरनी हो? तुमने भी तो मुझे ऐसे ही फंसा रखा है.” दोनों के चेहरे आमने सामने थे. दोनों की साँसें एक दूसरे से मिल रहीं थी. कोमल का गोरा चेहरा शर्म से लाल हो गया था. मुंह पर तो जैसे ताला ही पड़ गया था.


चेहरे से चेहरा मिल गया. लगा किसी दूसरी दुनियां में पहुंच गये हों. अभी होंठ से होंठ मिलने ही जा रहे थे कि पीछे से किसी की आवाज सुनाई पड़ी, “अरे ये साला मोहना तो यहाँ पर बैठा है और छबिलिया भी यहीं है."

कोमल और राज की आँखों के सामने अँधेरा छा गया. आज दोनों भागने से पहले ही पकडे गये थे.

हे भगवान! दोनों चारो तरफ से ऐसे घिर गये जैसे शिकारी भेड़ियों के बीच में हिरन और हिरनी. राज और कोमल ने एक दूसरे को डर के मारे बाहों में भर लिया. शायद दोनों सोचते होंगे कि मरे तो दोनों एक साथ. जियें तो दोनों एक साथ. लेकिन कोमल के पक्ष के लडकों ने राज को कोमल के हाथों से छुड़ा अलग खीच लिया और डालकर घर ले चलो." भगत क्या कहते. उनकी ही लडकी तो भागी थी. अब वो तो कुछ कहने लायक ही नही रहे थे.


कोमल को बेहोशी की हालत में मोटरसाइकिल पर डाल कर गाँव ले जाया गया. राज के घरवाले भी राज को कंधों पर डालकर अपने घर ले चले. राज बुरी तरह से लहुलुहान था. मार भी काफी पड़ी थी. इस समय कोमल बेहोश थी और राज भी. दोनों के दिल पर बहुत बड़ा आघात हुआ था. जैसे तैसे मिले थे और कुछ घंटों में ही फिर से बिछड़ गये.


इन बेहोश प्रेमियों के मन में सिर्फ एक ही प्रार्थना चल रही थी. जिसमे ये लोग भगवान से अपना हक मांग रहे थे. हाय मेरे राम! ऐसे क्यों मिलाते हो आप? क्या आप ऐसे लोगों के लिए कुछ नही कर सकते? अरे ऐसे ही करना था तो मिलाया क्यों? इतना पिटवाया क्यों? आपसे से सवाल भी नही कर सकते. आप तो भगवान हो और हम इंसान. लोग कहते हैं भगवान जो भी करता है सब ठीक ही करता है. क्या आप की नजरों में ये सही था?


हम सीधे साधे आशिकों ने ऐसा क्या बिगाड़ा था आपका जो हमें इतने दुखों का सामना करना पड़ रहा है? एक तरफ आप कहते हो कि इन्सान का इन्सान से सच्चा प्रेम ही मेरी पूजा है फिर ये आपकी पूजा करने वालों पर इतना अत्याचार क्यों? भगवन् ये तो सरासर नाइंसाफी है. आज हम दोनों ही आपकी पूजा कर घर से निकले थे. फिर ऐसी क्या कमी रह गयी जो आपने हम लोगों का यह हाल करवाया?


अब हम इंसान से तो कह नही सकते. आप भगवान हो इसलिए आप से ही कह सकते हैं. यदि आप न सुनोगे तो हम कहाँ जायेगे? कोई तो रास्ता होगा जिससे यह समस्या हल हो सके. राज के साथ साथ कोमल बेहोश पड़ी शायद भगवान से यही कह रही होगी. वो भगवान से हर एक क्षण राज के लिए प्रार्थना कर रही होगी. वो अपने प्यार के लिए भी प्रार्थना कर रही होगी. वो राज और खुद को फिर से एक होने की दुआ मांग रही होगी.
अभी तो दोनों प्रेमी बेहोश पड़े थे लेकिन जब होश में आयेगें तो इनकी दशा को वयां नही किया जा सकेगा. आज इनकी हालत विना पानी के मछली जैसी हो जायेगी. कभी कोमल पानी होगी तो राज मछली और कभी राज पानी होगा तो कोमल मछली.
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