RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
लेकिन फिर भी काफी दिन तक घर के बच्चे व औरतें उस कमरे में घुसने से डरते थे. बाद में सब सामान्य हो गया. राजू और संतू को काफी दिन तक कोमल के डरावने सपने आते थे. अगर ये दोनों कहीं जाते तो साथ में हनुमान जी का लॉकेट भी रख कर ले जाते. जिससे कोमल की आत्मा इनके ऊपर हावी न हो पाए.
ये लोग समझ रहे थे कि इन्होने सिर्फ कोमल की हत्या की है लेकिन इन्हें ये पता नही था कि उसके पेट में एक नन्ही जान भी थी. जो कोमल के साथ ही मर गयी. इस तरह इन्हें दो हत्यायों का पाप लगा था. माना कि कोमल ने इनके साथ बुरा किया लेकिन वो मासूम बच्चा जो अभी दुनियां में आया ही नहीं था. उसका हिसाब तो कोई देना ही नही चाहता था.
धीरे धीरे कोमल के मरने की चर्चाएँ फैल रही थीं. गाँव में घराने की खिलाफत वाले भी रहते थे लेकिन घराने वालों को अब उतना डर नही था क्योंकि कोई ऐसा सबूत ही नहीं बचा था जिससे पुलिस उन्हें पकड पाए. अब वे काफी निश्चिन्त हो रहते थे. लेकिन तभी एक दिन गाँव में दो पुलिस वाले आये. आकर दद्दू के चौतरे पर बैठ गये. उन्होंने बताया कि थाने में खबर मिली है कि यहाँ किसी भगत नाम के आदमी ने अपनी लडकी मार दी है.
दद्दू के बाप ने अनजान बनते हुए कहा, “अरे कैसी बात करते है दीवान जी? ऐसा कैसे हो सकता है?
पुलिस वाले ज्यादा छानबीन करने लगे. उन्होंने भगत को बुलवाया. भगत आते उससे पहले पडोस के गाँव के नेताजी आ पहुंचे. थोड़े दिन बाद इलेक्शन था. नेताजी ने भगत और उसके घराने का साथ देने की सोचली.
नेताजी के आते ही पुलिस मक्खन सी मुलायम हो गयी. सारी छानबीन धरी की धरी रह गयी. भगत के साथ साथ घराने के लोगों का वयान दर्ज हुआ कि भगत के ऐसी कोई लडकी थी ही नहीं जिसके मारने का जिक्र किया गया है.
जितने भी बच्चे भगत पर हैं सब के सब सुरक्षित हैं. नेताजी जी ने पुलिसवालों को एकांत में ले जाकर कुछ बात की फिर तिलक और राजू को बुलाया. उसके बाद राजू घर में गया और फिर लौटकर वहां आया जहाँ नेताजी और पुलिस खड़ी थी. शायद नेता जी ने पुलिस को रिश्वत दिलवाई थी.
राजू से रिश्वत ले पुलिस वाले चले गये. घराने के लोग कहते थे अब देखे कौन माई का लाल हमारी शिकायत करेगा? अब तो पुलिस भी अपनी थी और पुलिस से कौन झगड़ा मोल ले? वो तो रस्सी का सांप और सांप की रस्सी बना दे. क्या पता कोई गाँव वाला शिकायत करे और पुलिस घराने के लोगों की जगह उसे ही जेल में डाल दे?
नेताजी की जयजयकार हो गयी. सब कुछ कैसे एकदम ठीक हो गया. छोटू भी वही खड़ा सब देख रहा था. उसे सचमुच में यकीन नही होता था कि कोमल को मार दिया गया है लेकिन शाम को राजू की माँ छोटू के घर आई और उसकी माँ को वो सारी कहानी सुना दी जो कोमल के साथ घटी थी. छोटू खूब रोया. उसे यह सब गलत लगा लेकिन उसकी सुनता कौन था?
यह सब सुन छोटू को अपनी नानी के यहाँ की वो घटना भी याद आ गयी. जिसमे एक भाई ने अपनी सगी बहन को गोली मार दी थी. उसकी नानी के गाँव में एक परिवार था. उन्होंने अपनी लड़की की शादी एक जगह कर दी. लडकी का नाम जूही था. जूही को अपनी ससुराल में ही किसी लडके से प्यार हो गया. जब ये सब उसकी ससुराल वालों को पता चला तो उन्होंने मायके वालों को खबर कर दी. जूही के बाप और भाई उसे समझाने गये लेकिन जूही पर तो इश्क का भूत सवार था वो कहाँ सुनने वाली थी?
एक दिन जूही का भाई उसे बुलाने उसकी ससुराल पहुंचा. जूही ख़ुशी ख़ुशी अपने भाई के साथ आ गयी. शाम को जूही घर मैं बैठी खाना खा रही थी. उसी समय उसका भाई वहां आ पहुंचा. जूही के भाई ने खाना खाती जूही को देसी कट्टे की गोली से मार दिया. __चारो तरफ जूही के भाई की तारीफें हुई लेकिन जूही की तरफ कोई नही बोला. पुलिस आई तो सारा गाँव एक तरफ और पुलिस एक तरफ. मजबूरी में पुलिस को जूही की प्राक्रतिक मौत रजिस्टर में लिखनी पड़ी.
आज भी यही हुआ था. कोमल का नाम तो भगत की बेटियों में सुमार ही नहीं था. पुलिस चाहती तो कॉलेज में जा कोमल का पता कर सकती थी. गाँव के लोगों से चुपचाप पूंछ सकती थी लेकिन रिश्वत और नेताजी ने पुलिस को यह सब करने से रोक दिया. शायद मोहब्बत करने वाली लडकी के साथ यही होना था ताकि गाँव में फिर कोई लडकी मोहब्बत न कर सके. करना तो दूर सोच भी न सके.
जब राज को पता चला कि कोमल को मर दिया गया है तो खूब रोया. उसका मन किया कि जाकर सारे घराने में आग लगा दे लेकिन अब कोमल तो उसे नहीं मिल सकती थी. सब लोगों ने उसको समझाया कि अब लडकी तो गयी फिर क्यों खुद को और खुद के परिवार को मुसीबत में डालना चाहता है? राज के पास कोई चारा नही था. आज वो हिम्मत नही थी जो कोमल के सामने होती थी. आज राज की मर्दाना चौड़ी छाती सिकुड़कर माशे भर की हो गयी. अब राज घर के लोगों के कहने पर चलने लगा था. जो वो कहते वही करता था.
राज के बाप महतो ने जुगाड़ लगा कर राज की शादी कर डाली. राज मर्द था शायद इसीलिए जल्दी पिघल गया. एक कोमल के मुकाबले उसमे बहुत कम हिम्मत निकली. लेकिन वो भी क्या करता? उसके पीछे सारा परिवार था. उसकी मजबूरी उसे झुकाती चली गयी और लचकदार राज झुकता चला गया. राज की नई दुल्हन आ गयी थी लेकिन आज भी उसे कोमल याद आती थी.जो कोमल में उसे दिखता था वो अपनी पत्नी में नहीं दिखा.
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