RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
वे लोग पहले ही मालूम कर चुके थे कि मारिट के पास कार थी । तय यह हुआ कि राज मारिट के साथ उसके काटेज में जायेगा, मारिट गैरेज से कार निकालेगी, राज उसके साथ कार में छुपा रहेगा ताकि मारट भाग न सके । मार्गरेट कार को कम्पाउण्ड में से बाहर निकाल ले जायेगी और फिर उसे घुमाकर हावर्ड के काटेज के पिछवाड़े में ले आयेगी । जान फ्रेडरिक, रोशनी और अनिल साहनी पिछवाड़े से छुपकर कार में सवार हो जायेंगे ।
राज और मार्गरेट दीवार फांदकर मार्गरेट के काटेज के बैक यार्ड में पहुंच गये ।
इमारत के बीच में से ही साइड में बने गैरेज में जाने का रास्ता था । दोनों बिना काटेज की कोई बत्ती जलाये गैरेज में पहुंच गये ।
राज के संकेत पर मार्गरेट कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गई। उसने कार का इंजन चालू कर दिया |
राज अंधेरे में टटोलता हुआ आगे बढा । उसने गैराज का दरवाजा थोड़ा-सा खोला और बाहर झांका ।
बाहर का दृश्य देखकर वह सन्नाटे में आ गया ।
सशस्त्र पुलिस के कई सिपाही दबे पांव मिशन कम्पाउन्ड में दाखिल हो रहे थे ।
उसने तत्काल गैरेज का द्वार बन्द कर दिया ।
"मारिट" - वह तीव्र स्वर से बोला - "इंजन बन्द कर दो और कार से बाहर निकल आओ।"
"क्या हुआ?" - मारिट बोली । उसने इंजन तत्काल बंद कर दिया।
"पुलिस !" मार्गरेट कार से बाहर निकल आई । "लेकिन पुलिस तो जा चुकी थी !” - वह बोली ।
"पुलिस फिर वापिस आ गई है और इस बार पूरी सशस्त्र फौज आई है । लगता है उन्हें हमारा कोई नया सुराग मिल गया है।"
राज मार्गरेट की बांह थामें पिछले यार्ड में आ गया।
वह लपककर पिछली दीवार पर चढ गया । उसने पिछली ओर की गली में दायें-बायें झांककर देखा।
गली सुनसान पड़ी थी । दाई ओर गली के मोड़ पर एक बिजली का बल्ब जल रहा था जिसका प्रकाश उस स्थान तक नहीं पहुंच रहा था ।
राज ने मारिट को सहारा देने के लिये उसकी ओर हाथ बढ़ा दिया ।
अगले ही क्षण मार्गरेट भी दीवार पर थी ।
दोनों चुपचाप पिछवाड़े की गली में कूद गये ।
वे दबे पांव गली में आगे बढे ।
उसी क्षण राज को गली के मोड़ के समीप के एक लैम्प पोस्ट के पास खड़ा एक पुलिसमैन दिखाई दिया।
मार्गरेट ठिठकी।
“रुको मत ।" - राज उसकी बांह पकड़कर उसे जबरदस्ती आगे चलाता हुआ फुसफुसाया - “बढती रहो । अगर हम रुके या वापिस घूमने की कोशिश की तो उसे सन्देह हो जायेगा।"
मार्गरेट ने सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया ।
"तैयार रहना ।" - राज बोला - "मेरा संकेत मिलते ही भाग खड़ी होना । और कोई शरारत मत करना।"
"कैसी शरारत ?" "मुझसे अलग होकर गायब हो जाने की कोशिश मत करना । शायद तुम्हारे भाई की जिन्दगी तुम्हारी वजह से ही बचने वाली हो ।"
"मेरा भाई मर..."
"यह बहस करने का वक्त नहीं । तुम हजार बार कह चुकी हो कि तुम्हें अपने भाई के जीवित होने का विश्वास नहीं ।"
मार्गरेट चुप हो गई।
जहां पुलिसमैन खड़ा था उसने पचास गज पहले ही बाई ओर एक गली मुड़ती थी । राज और मार्गरेट उस गली की ओर घूमे । "ठहरो !" - पुलिसमैन का अधिकारपूर्ण स्वर गली में गूंज गया।
दोनों ठिठक गये।
पुलिसमैन लम्बे डग भरता उनकी ओर बढा ।
"तैयार ?" - राज सिगरेट के कान में फुसफुसाया ।
"तुमने हमें आवाज दी है ?" - राज उच्च स्वर में बोला और फिर लम्बे डग भरता समीप आते पुलिसमैन की ओर बढा ।
पुलिसमैन उसके समीप आकर रुक गया । वह लैम्प पोस्ट से इतनी दूर आ गया था कि लैम्प पोस्ट का प्रकाश वहां तक नहीं पहुंच रहा था । वह अन्धकार में घूर-घूरकर राज की सूरत देखने की कोशिश करने लगा |
"क्या बात है ?" - राज बोला ।
"कौन हो तुम ?" - पुलिसमैन बोला - "और इस गली में क्या कर रहे हो?"
उसी क्षण राज की निगाह गली के मोड़ की ओर उठ गई। दो पुलिसमैन गली में प्रविष्ट हो रहे थे ।
एक क्षण की देर भी खतरनाक सिद्ध हो सकती थी। उत्तर के स्थान पर राज का दायां हाथ बिजली की तरह हवा में घूमा और एक प्रचण्ड पूंसा पुलिसमैन के जबड़े से टकराया ।
"भागो ।" - राज दबे स्वर से चिल्लाया ।
मार्गरेट बाई ओर की गली में भाग खड़ी हुई।
पुलिसमैन जमीन पर पड़ा धूल चाट रहा था ।
राज जी छोड़कर बाई ओर की गली में मारिट के पीछे भागा।
उसी क्षण उसके कानों में कम्पाउन्ड की ओर से आती फायरिंग की आवाज पड़ी।
साथ ही पुलिसमैनों के भारी बूटों की आवाज से अन्धेरी गली गूंज उठी।
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