RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
पुलिसमैन, जो कि पहले ही मिशन कम्पाउण्ड की पिछली गली में पहले राज के और फिर अनिल साहनी के आक्रमण का शिकार होकर अधमरा हो चुका था, रेत के बोरे की तरह भरभरा कर एक ओर गिर गया ।
अगले ही क्षण राज कम्पार्टमेंट से बाहर था ।
उसी क्षण इन्स्पेक्टर वापिस घूमा । जब तक उसकी समझ में आया कि वास्तव में क्या हो गया था, तब तक राज बाहर गलियारे में भागा
जा रहा था । इन्स्पेक्टर ने रिवाल्वर निकाल लिया और उसके पीछे भागा । \
कई लोग अपने-अपने कम्पार्टमेंट से बाहर गलियारे में निकल आये थे । राज उनके बीच में से रास्ता बनाता हुआ आगे बढ रहा था । उस स्थिति में राज को गोली का निशाना बना पाना
सम्भव नहीं था। और इससे पहले कि इन्स्पेक्टर राज के समीप पहुंच पाता राज बोगी के दरवाजे पर पहुंच गया और फिर उसने वहीं से नीचे नदी में छलांग लगा दी।
लगभग तभी बगल की बोगी के दरवाजे में से मार्गरेट नदी में कूद पड़ी।
सौभाग्यवश अगर वे दोनों ही दक्ष तैराक न होते तो उनके लिये इतनी ऊंचाई से छलांग लगा पाना सम्भव नहीं होता।
राज कुछ क्षण पानी के भीतर ही तैरता हुआ आगे बढता रहा फिर जब उसकी सांस टूटने लगी तो उसने पानी के ऊपर सिर निकाला | मार्गरेट भी उससे थोड़ी दूर पानी में तैर रही थी।
नदी का बहाव बहुत तेज था इसलिये वह कुछ क्षणों में ही पुल से इतनी दूर निकल आये थे कि इन्स्पेक्टर का उन्हें गोली का निशाना बना पाना सम्भव नहीं था।
मार्गरेट और राज नदी के बहाव के साथ-साथ तैरने लगे । शीघ्र ही पुल और उस पर खड़ी रेलगाड़ी उनसे काफी दूर हो गई । फिर राज ने रेलगाड़ी को अपने स्थान से रेंगते देखा।
कुछ देर वे यूं ही पूरी शक्ति से नदी के बहाव के साथ तैरते रहे फिर वे दोनों किनारे पर आ गये और नदी के किनारे पर बैठकर हांफने लगे। उनके कपड़े भीगकर उनके शरीर से चिपक गये थे।
"तुमने नदी में छलांग क्यों लगाई ?" - सांस व्यवस्थित हो जाने पर राज ने पूछा ।
"एक ही सवाल बार-बार मत पूछो ।" - वह बोली - "मैं पहले ही बता चुकी हूं कि अगर मेरा भाई जिन्दा है तो मैं उसे चेतावनी देना चाहती हूं कि तुम उसकी हत्या करना चाहते हो ।"
"इतनी ऊंचाई से नदी में कूदने से तुम्हारी गरदन टूट सकती थी।" "तुम्हारी गरदन भी टूट सकती थी लेकिन गरदन न मेरी टूटी है और न तुम्हारी ।"
"तुमने खामखाह अपने आपको झमेले में फंसा दिया ।"
"अब फिजूल बातें करना बंद करो और शुक्र मनाओ कि मेरी वजह से तुम पुलिस के हाथों में पड़ने से बच गये हो ।"
"तुम्हारे लिये तो मेरा पुलिस के हाथों पड़ना ही अच्छा था । फिर मैं तुम्हारे भाई की हत्या कैसे कर पाता?"
"तुम अपने बाकी दो साथियों को भूल रहे हो।"
राज चुप हो गया । वह सोच रहा था कि क्या रोशनी और अनिल साहनी डेनवर पहुंच पायेंगे ।
मार्गरेट अपने शरीर पर हाथ फेर-फेर कर अपने गीले कपड़ों में से पानी निकालने का प्रयत्न करने लगी।
"तुम्हें तो इस इलाके की जानकारी होगी !" - राज भी वही क्रिया दोहराता हुआ बोला । मारिट ने सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया |
"यहां डेनवर कितनी दूर हैं ?"
"बीस मील ।" - मार्गरेट बोली - "डेनवर उन पहाड़ियों के पीछे है ।" - मारिट दूर उन पहाड़ियों की ओर, जिनके पीछे से सूर्य उदय हो रहा था, संकेत करती बोली।
"और हम वहां तक पहुंचेंगे कैसे ?"
“पैदल चलने के सिवाय कोई चारा दिखाई नहीं देता लेकिन पैदल चलने से भी बड़ी समस्या है कपड़े सुखाने की और पेट भरने की ।"
"उसका भी इन्तजाम हो जायेगा ।" - राज अनिश्चित स्वर से बोला।
"और यह भी सम्भव है कि इन्स्पेक्टर भी पुल पर ही ट्रेन से उतर गया हो और अब हमारे पीछे आ रहा हो ।"
"मुझे यह कम सम्भव दिखाई देता है । मेरे ख्याल से वह ट्रेन द्वारा डेनवर पहुंचेगा और फिर वहां से पुलिस की सहायता से हमारी तलाश करवायेगा।"
"यह भी हो सकता है।" - मार्गरेट ने स्वीकार किया।
"मार्गरेट, एक बात बताओ?"
"पूछो।" “
क्या तुम्हें वाकई विश्वास है कि जार्ज टेलर मर चुका है ?"
“पहले था लेकिन अब तुम लोगों की बातें सुन कर नहीं रह है । अब मैं वाकई सोचने लगी हूं कि शायद मेरे देश के विदेश मन्त्रालय ने मेरे भाई की शिनाख्त में गलती की हो ।"
"तुम्हारा भाई न केवल जिन्दा है बल्कि वह हाल ही में पांच आदमियों की हत्या भी कर चुका है। और मेरा खुद उससे सामना हो चुका है । उसने मेरी भी हत्या करने की कोशिश की थी।"
"लेकिन तुमने उसकी सूरत नहीं देखी थी । केवल आवाज सुनी थी।"
"वह नि:संदेह जार्ज टेलर था । वह जार्ज टेलर की ही आवाज थी । वह आवाज उसके सिवाय किसी और की हो ही नहीं सकती थी।"
"देखो मिस्टर" - एकाएक मारिट तनिक उच्च स्वर से बोली- "मेरा भाई जिन्दा है या नहीं, इस बारे में मुझे कोई संदेह नहीं है कि मेरा भाई दगाबाज नहीं है, नहीं था । वह अपने साथियों
को धोखा नहीं दे सकता ।"
राज ने जान-बूझकर उस बात का विरोध नहीं किया ।
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