RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
इधर दीपा का रो रोकर बुरा हाल था जब उसकी माँ ने पूछा कि बेटी तुझे क्या हुआ है तो वो कछु भी नही बोली परन्तु बार बार पूछने पर उसने सारी बाते बता दिया जो भी कल रात को प्रेम ने उसे बताया था और दीपा अपनी माँ से बोली
दीपा•माँ अगर प्रेम को कुछ हुआ तो मैं व अपने आप को खत्म कर लूंगी
दीपा की माँ का नाम शीला जो प्रधान के विचारों से उलट शांतिप्रिय महिला थी जो भगवान को तो नही मानती थी पर दुसरो को इसके लिए बाध्य नही करती थी वो कर्म करने में विशवास रखने एल महिला थी।
शीला•ऐसा कु बोल रही है तू उसे अगर कुछ हुआ तो तुझे क्या फर्क पड़ेगा रुक कहि तू उससे प्यार तो नही करती ना
दीपा हॉ माँ करती तो हु पर वो मुझसे प्यार करता भी है और नही भी
शीला•मैं कुछ समझी नही
दीपा•माँ कल रात को जब मैं उससे मिली और पूछी तुमने ऐसा क्यों किया तो उसने सारी बात मुझे बताया कि वो इस गांव में सिर्फ मेरे लिए रुका था परंतु जब मैंने शाम को उससे अपने प्यार का इजहार किया तोउसने यह कह कर मना कर दिया कि मैं तुम्हारे लायक नही हु मैं एक अनाथ हु और तुम्हारे पापा मुझे कभी भी स्वीकार नही करेंगे और फिर मैं तुम्हे ले जाकर रखूंगा कहा मेरे तो कोई घर भी नही है
शीला•यह सब उसने कहा।
दीपा •हा माँ अगर वो चाहता तो आज वो सब कुछ कर सकता जो उसपर इल्जाम लगा है पर उसने ऐसा कुछ भी नही किया बल्कि जब मैंने ऐसा करने की प्रयास किया तो मुझे मना कर दिया और वहां से चला गया
तबतक चम्पा दौड़ती हाफते हुई आयी और बोली
चम्पा •दीपा प्रेम की हालत बहुत हु खराब है दिया ने उसके सर पर डंडे से मार दिया है जिसके कारण वह बेहोश हो गया है और बड़े पापा ने उसे कुछ लोगो की मदद से हॉस्पिटल में भर्ती कराया है डॉक्टर ने हालत नाजुक बताया है
दीपा •नही ऐसा नही कर सकती दिया दीदी उन्होंने ऐसा क्यों किया क्या गांव के लोगो ने सजा कम दिया था जो उन्होंने उसे मार दिया
चम्पा •बड़े पापा ने भी यही पूछा था कि तुमने ऐसा क्यों किया तो उन्होंने कुछ जवाब नही दिया बस रोते हुए घर के अंदर भाग गई औऱ बड़ी मम्मी ने जब इस बारे में सुना तो उन्होंने दिया को मारा और अभी प्रेम के पास गई है
दीपा•माँ मुझे भी प्रेम को देखने जाना है मैं जा रही हूँ
शीला•नही मैं इसकी इजाजत नही दे सकती अगर तुम्हारे पापा जान गए तो मुझे बहुत डांटेंगे।
दीपा •कम से कम दिया के पास जाने दो मैं उससे पूछना चाहती हु उसने ऐसा क्यों किया । इसकी इजाजत तो दोगी ना आप।
शीला •हा तू जा सकती है पर ध्यान से किसी भी तरह तुम्हारे पापा को ये पता ना चले कि तू उसे पसंद करती है नही तो उसे ओर भी मुसीबत उठानी पड़ सकती है।
दीपा •ठीक है माँ।
फिर चम्पा ओर दीपा दोनो दिया के घर चल दिए।दोनो घर जा कर देखती है कि दिया अपने दोनों हाथों को दीवाल पर मार रही थी और उसके दोनों हाथों से खून निकल रहा था फिर भी वो मारे जा रह थी रुकने का नाम ही नही ले रही थी दीपा जल्दी से जाकर उसके हाथ को पकड़ लेती है और उसे रोकती हुए बोलती है
दीपा• दीदी आप ऐसा क्यों कर रही है आपके हाथो से कितना खून निकल रहा है आप ओर ज्यादा चोटिल हो जाएंगी।
दिया•हो जाने दो मुझे मत रोको मैं इसी लायक हु मैने उसे मारा उसकी हालत बहुत ही नाजुक है।
दीपा •हा दीदी मैं भी यही पूछने थी कि अपने उसे क्यों मारा सबकी तरह आपको भी लगता है कि उसने डाली का रेप करने की कोशिश की है।
दिया •नही मैं जानती हूं वो ऐसा कुछ भी नही कर सकता मैं उसके साथ पिछले 4 साल हु मुझसे ज्यादा कोंन जानता है कि वो कैसा है
दीपा•फिर आपने उसे क्यों मारा ।
दिया •मेरी सहेली की बड़ी बहन रचना के कहने पर।
दीपा •उन्होंने ऐसा क्यों बोला और वी होती कौन हैं ऐसा बोलने वाली।
दिया•क्यूंकि वो पुलिस में दरोगा है और अभी कुछ देर मे वी हॉस्पिटल आयंगी
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