RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
दिया•शांत हो जा मत रो कुछ भी नही होगा प्रेम को ।
अन्नू•अब वह मेरी जिमेदारी है उसकी चिंता तुम मत करो ।
अभी यह सब बाते चल रही थी कि सुमित्रा को होश आया जाता है क्योंकि डाली उसके चेहरे पर पानी मार रही थी ।जब होश में आई तो वह डाली को देख कर उसे अपने पास से जाने को बोलने लगी और बोली
सुमित्रा•तू मेरे सामने से अभी जा मैं तुझसे बाद में बात करती हूं पहले तो मुझे जाकर उस प्रेम से तुम दोनों की गलती की माफी मांगनी है क्योंकि तुम दोनों के कारण आज वह जिंदगी और मौत के बीच मे है और जो उसकी बेइज्जती हुई है वह छोड़ कर। वह अनाथ था बेचारा अब जाकर उसे परिवार का प्यार मिला था पर तुम दोनों के कारण अभी वह उससे भी वंचित हो गया है
अन्नू• मा जी आप उसकी चिंता ना करे अब वह मेरी जिमेदारी है
पर दीपा ने जब यह सुना कि प्रेम अन्नू की जिम्मेदारी है तो वह कुछ समझ नही पाई और अन्नू से पूछी
दीपा•मैं कुछ समझी नही मैडम आप कहना क्या चाहती है।
अन्नू •अभी मैं नही समझा सकती अभी मेरी सहेली आयगी तो वह सब समझा देगी।
तभी दिया रामु के हाथों पर कुछ देखती है तो वह कुछ सोच में पड़ जाती है अचानक उसे याद आता है कि जो कटे का निशान रामु के हाथ पर है वही निशान जो उस रात कुछ लड़को ने जो हमला किया था अन्नू पर वैसा ही था
तब वह रामु के पास जाकर उससे बोलती है कि
दिया •ये निशान जो तुम्हारे हाथ पर है वह कबसे है ।
यह सुनकर रामु की होश उड़ जाते है वो समझ भी नही पाता कि यह अचानक इस निशान के बारे में क्यों पूछ रही है
इस सवाल का जवाब रामु की माँ सुमित्रा देती है
सुमित्रा•बेटी यह निशान तो बचपन मे चोट लगने के कारण पड़े थे पर यह तुम क्यों पूछ रही हो
दिया •नही चाची कुछ भी नही बस कुछ याद आया तो पूछ ली।
सुमित्रा•नही बेटी कुछ बात तो है बताओ
दिया मन ने सोचती है मेरे पास कोई सबूत तो है नही सिर्फ निशान के कारण ही इस पर उस हमले का इल्जाम नही लगा सकती
सुमित्रा•रामु तूने दिया के साथ तो कोई हरकत तो नही की है ना क्योंकि अब तुझपर भरोसा नही है मुझे
रामु •नही माँ मैंने कुछ भी नही किया है।
दीपा फिर अन्नू से पूछती है कि
दीपा•मैडम प्रेम के बारे में आप कुछ कहने वाली थी बोलिये
अन्नू फिर एक फोन मिलाती है कुछ देर बात करती है और फिर आ कर सबसे कहती है कि अभी कुछ देर में मेरी वो सहेली आ रही है जिसके भाई का चहेरा प्रेम से मिलता है
तभी घर मे से एक औरत दौड़ती हुई आती है और कहतीहै कि
औरत1•सुमित्रा बहन मैंने डाली के कमरे की दरवाजा खुलवा रही पर वो काफी देर से पर वह नही खोल रही है मुझे डर लग रही है बहन
अन्नू•आपको ऐसा क्यों लग रहा है कि डाली अंदर कुछ कर लेगी।
सुमित्रा दौड़ती हुई घर के अन्दर जाती है औऱ दरवाजा खुलवाने की कोशिश करती है पर अंदर से कोई भी जवाब नही आ रहा था
फिर वह अन्नू के पास गई पर सारी बात बताई ।यह सुन कर अन्नू सहित सभी परेशान हो जाते है अन्नू दो सिपाही को दरवाजा तोड़ने को कहती है।
सिपाहीयो ने थोड़ी मेहनत करने के बाद दरवाजा तोड़ देते है और अंदर की नजारा देख कर सबके पैरो तले जमीन खिसक जाती है और सुमित्रा तो अंदर का नजारा देख कर ही बेहोश हो गयी
अंदर डाली अपने मुह में अपना दुपटा से कस कर बांध लिया था कि उसके मुह से आवाज ना निकलर अपने हाथ की नसे काट ली ओर खून बहुत ज्यादा निकल रही थी
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