RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
अनु इसी बात का फायदा उठा रही थी या बात आगे चलकर सभी को मालूम पड़ेगी परंतु अभी इस बात की सच्चाई को कोई भी नहीं जानता है।
तब ज्योति ने आगे आकर बोला कि
ज्योति- आप सभी लोगों का किस प्रकार से धन्यवाद करूं यह मुझे समझ में नहीं आ रहा है आप लोगों ने ना सिर्फ मेरे भाई की जान बचाई है अपितु इसके साथ साथ और भी कई लोगों की जान बचाई है और हां आप लोग प्रेम की चिंता ना करें वह हमारे साथ मुंबई में रहेगा अब उसकी पूरी जिम्मेदारी हमारी है।
दीपा यह सुनकर तो मानो पागल हो गई उसे यह समझ में ही नहीं आ रहा था कि उसके साथ यह हो क्या रहा है अभी तो उसने प्यार का इजहार भी नहीं सही से किया था और यह सब क्या हो गया। दीपा चिंतित स्वर में अनु से बोलती है कि
दीपा- दीदी इसमें मेरी क्या गलती है मैं और प्रेम एक दूसरे से प्यार करते हैं हमें इसकी सजा क्यों दी जा रही है।
यह बात सुनकर ज्योति मुस्कुराते हुए बोली
ज्योति- अगर तुम उससे सच में प्यार करती हो तो तो तुम इस बात की चिंता मत करो वह कहीं नहीं जाएगा मैं तुमसे वादा करती हूं कि मैं तुम्हें प्रेम से मिलवाऊंगी यह मेरा वादा है तुमसे
जब तक दिया की मां भी वहां पर आ चुकी थी और सारी बातें सुनकर फिर लगा उसका बेटा उससे छीना जा रहा है वह यह बात बर्दाश्त नहीं कर पाई और वह रोने लगी तब सब ने मिलकर उसे समझाया कि अभी प्रेम का यहां पर रहना उसकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है अभी उसे इलाज की जरूरत है जो यहां पर संभव नहीं हो सकता है उसके लिए मुझे शहर जाना ही पड़ेगा।
ज्योति और अनु ने सबको समझाया और वहां से हॉस्पिटल की तरफ आ गई। हॉस्पिटल में अभी भी भीड़ लगी हुई थी और कुछ रोने की आवाज में भी आ रही थी। तब अनु को झटका लगा की शायद डोली अब नहीं रही और उसे इस बात पर और भी ज्यादा गुस्सा आ गया गुस्से में जैसे हो पागल हो उठी थी उसने तुरंत ही ज्योति को हॉस्पिटल में उतारा और खुद पुलिस स्टेशन पहुंच गई।
वहां पर जाकर देखा कि रामू को एक जेल में बंद किया गया है और वह शांति से सो रहा है उसे सोता हुआ है देख कर अनु को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया वह तुरंत रामू के पास के और उससे बोली की
अन्नू- अब तो तू खुश है ना तेरी वजह से एक लड़की की जान चली गई अब तुझे तो भगवान भी नहीं बचा सकता है मुझसे मैं तेरी वह दशा करूंगी तुझे अपने पैदा होने पर भी अफसोस होगा।
यह सुनकर रामू की हालत और भी ज्यादा खराब हो गई उसने देखा कि अन्नू एक मोटा सा डंडा लेकर आई और उसे बांधकर लटका दिया गया । और उसे बुरी तरह से थर्ड डिग्री टॉर्चर को सहना पड़ा अनु से तब तक मरती रही जब तक कि वह बेहोश ना हो गया और बेहोश होने के बाद भी उसने उसे नहीं छोड़ा जहां जहां पर उसे घाव आए थे वहां वहां पर उसने नमक और लाल मिर्च छिड़काव कर दिया बेहोशी की हालत में भी रामू दर्द से बुरी तरह तड़प उठा ।
अनु उसके बेहोश होने के बाद वापस हॉस्पिटल को आ गई अन्नू का यही एक आदत थी वह हर अपराधी को क्षमा कर सकती थी परंतु किसी भी रेपिस्ट को वह कभी भी क्षमा नहीं किया चाहे वो कितनी भी बड़े बाप की औलाद हो। उसकी नजर में यह सबसे बड़ा अपराध है की कोई भी किसी भी लड़की के मर्जी के खिलाफ जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए यह उसे कहीं से भी मंजूर नहीं था।
वह हॉस्पिटल में आकर ज्योति से मिली ज्योति वहां पर आकर डॉक्टर से बातचीत करके प्रेम को मुंबई ले जाने के लिए तैयार कर लिया था डॉक्टर भी खुशी से तैयार हो गए क्योंकि वहां पर प्रेम का बहुत ही अच्छी तरह से इलाज हो सकता था।
परंतु जब यह बात प्रधान और बाकी गांव वालों को पता चला तो खासतौर से हरीश को पता चली तो यह बात उसे नागवार गुजरी उसने तुरंत ही इस बात का विरोध किया। तो इस बात पर अनु ने यह जवाब दिया कि
अन्नू- अंकल मैं आपकी भावनाओं को समझ सकती हूं पर मैं आपसे यह पूछती हूं कि जब प्रेम पर झूठा इल्जाम लगाया गया था तो आपने भी तो उस बात का विश्वास कर लिया था आगे इस बात की क्या गारंटी है कि आगे किसी भी बात को लेकर आप प्रेम से नाराज नहीं होंगे और नाराज होना तो एक बात है आप लोगों ने तो उसे सजा भी दी थी जिसका नतीजा यह हुआ कि आज प्रेम की हालत अच्छी नहीं है और वह अपनी याददाश्त खो खो बैठा है और हां आप लोगों को एक बात और बता दु की मेरे साथ में यह जो लड़की खड़ी है इसका नाम ज्योति है और यह मुंबई की बहुत ही बड़े बिजनेसमैन की बेटी है और यह प्रेम जो कि बचपन में ही अपने मां बाप से बिछड़ गया था वह इसकी बड़ी बहन है और यह इसे अपने साथ मुंबई लेकर जा रही है वहां पर वह इसका इलाज कर आएगी और अपने घर वालों के साथ रखेगी।
यह बात सुनकर सब आश्चर्यचकित रह गे की अचानक ही प्रेम का परिवार उसे मिल गया और भी कोई ऐरा गैरा नहीं एक बिजनेसमैन का बेटा है।
इधर ज्योति ने डॉक्टर के साथ मिलकर प्रेम को डिस्चार्ज करने की सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर ली।
इधर अचानक फिर से रोने की आवाज आने लगी तो अनु का ध्यान उस तरफ गया तो उसने डॉक्टर से पूछा कि
अनू- डॉक्टर साहब यह क्या हुआ है कौन रो रहा है
तो डॉक्टर ने जवाब दिया कि
डॉक्टर - इंस्पेक्टर आपने जिस लड़की को भर्ती कराया था वह आप इस दुनिया में नहीं रही उसकी मौत हो चुकी है ।
यह सुनकर अनु को बहुत ही ज्यादा दुख हुआ उसे इस बात का पछतावा रहा कि वह डाली को बचाने के लिए कुछ भी ना कर शकी
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