RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
सीमा:- गांव में तो अपनी कोई खेतीवाड़ी है नहीं जो कोई काम करें वहीं एक कंपनी में काम करते हैं और उसी में अपना खर्च पानी कैसे भी करके चलाता है।
ज्योति: आंटी जी अगर आप बुरा ना माने तो मैं यह कहती हूं कि आप लोग भी मुंबई में आकर ही बस जाएं तो अच्छा होगा।
सीमा:- बेटी शहर में रहना कोई छोटी बात तो है नहीं और अपने पास बहुत ज्यादा पैसे भी नहीं है कैसे-कैसे करके तो घर का खर्च चलता है तुम ही बताओ इस हालत में हम लोग शहर में जाकर कैसे रह सकते हैं।
ज्योति:- मैं भी जानती हूं कि शहर में रहना मुश्किल है परंतु असंभव नहीं है जहां तक रही रहने की बात तो उस का इंतजाम कर दूंगी शहर में मैंने अपने नाम का एक flake ले रखा है उसे मैं आप लोग को दे दूंगी और जी बात कमाने खाने की तो उसके लिए मैं अंकल जी को एक दुकान खुला दूंगी आप यह मत समझना कि मैं आप पर कोई एहसान कर रही हूं मैं तो सिर्फ इतना ही साथी हूं कि जहां प्रेम रहे उसी के आसपास आउंगी रहे ताकि आप लोगों कम से कम यह संतोष रहे कि प्रेम जहां पर हुई है सकुशल है।
सीमा:- नहीं बेटी मैं ऐसा नहीं कर सकती इसके लिए मुझे अपने पति से पूछना होगा इतना बड़ा फैसला मैं अकेले नहीं कर सकती हूं या उनका पैतृक गांव है क्या पता कहीं ऐसे छोड़कर जाना चाहे या ना जाना चाहे।
ज्योति:- आंटी ही मुझे इस बात की कोई भी जल्दी नहीं है आप अपना सोचने का पूरा समय नहीं सकती हूं और अपने परिवार में बात करके इस बात का फैसला विकास सकती हैं अगर आपको अच्छा लगे तो अन्नू को बता दीजिएगा वह मुझे इस बात का जानकारी दे देगी और मैं वहां पर सारा इंतजाम करके आप लोग को बुला लूंगी।
अन्नू:- अब हमें यहां से चलना चाहिए हमें यहां पर आए हुए काफी देर हो चुकी है वहां पर सभी लोग हमारा इंतजार कर रहे होंगे और हमें ट्रेन को मेकर हमारे घर भी चलना है शाम को 8:00 बजे तुम्हारी फ्लाइट है।
ज्योति:- हां चलो इस बारे में तो हम बाद में बात कर सकते हैं अभी हमें यहां से चलना चाहिए।
सीमा:- बेटी तुमने मुझे बताया नहीं कि तुम प्रेम को लेकर जाओगी या उसे छोड़ कर।
ज्योति:- नई आंटी जी मेरी वहां पर हॉस्पिटल में बात हो चुकी है हमें कल प्रेम को हॉस्पिटल में दिखाना भी है। जिसके कारण हमें प्रेम कॉलेज आना होगा लेकिन आप मेरी बात पर विचार जरुर कीजिएगा अगर आपको अच्छा लगे तो सिर्फ मुझे कॉल कर दीजिएगा मैं तुरंत ही सारी व्यवस्था करके मैं आप लोगों को बुला लूंगी और हां हां दीपा से बोलिएगा कि वह चिंता न करें ।
फिर अनु बोलती है कि चलो यहां से जल्दी से हम लोगों को लेट हो रहा है फिर वहां से सभी लोग निकल लेते हैं और फिर हॉस्पिटल पहुंचते हैं तो वहां पर दिया जो कि छुपकर प्रेम को देख रही थी और देखने के साथ रो भी रही थी और दीपा उसे चुप करा रही थी।
अनु जाकर प्रधान और हरीश से मिलती है और उन्हें बताती है कि हम लोग प्रेम को लेकर जा रहे हैं और रही बात रामू की तो उसे हम लोग कल अदालत में पेश करेंगे वहां पर जो फैसला होगा वही मान्य होगा।
प्रेम के सर पर पट्टी बनी हुई थी और वह इस तरह से लोगों को देख रहा था कि जैसे किसी को पहचान ही न रहा हो
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