RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
Tरूबी:-यह बात एक रात की है जब मैं ड्रग माफिया विजय की पीछा करते हुए एक शादी की फंक्शन में घुस गई थी और वहां पर ही यह दोनों मुझे मिले थे लेकिन जब तक मैं इन सब के पास पहुंचती तब तक जो कुछ भी होना था वह हो चुका था बस मैं इतना ही कर पाई की दीया शालिनी और प्रेम की जान बचाने में सफल हो शकी मैं वहां पर पहुंच ही नहीं पाती यह तो विजय भागता हुआ उसी तरफ चला गया जहां पर इन सब को मारने की कोशिश की जा रही थी।
अन्नु:-तुम इतना शॉर्टकट में बता रही हो कि मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया तुम इन सबकी जान किससे बचाई और क्या हो गया था|
रूबी:-क्यों क्या तुम्हें इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है क्या तुम्हें शालिनी और दिया ने कुछ भी नहीं बताया तो अब मैं समझी कि इन दोनों ने उस वक्त पुलिस बुलाने के लिए क्यों मना कर दिया था क्योंकि मैं तो अंडरकवर में थी मैं खुलकर सामने आ नहीं सकती थी तो मैंने पुलिस बुलाने को कहा तो इन सब ने यह कहकर मना कर दिया कि दीदी आप प्लीज पुलिस को न बुलाइए सिर्फ आप हमें हमारे घर पर छोड़ दीजिए मेरी दीदी खुद पुलिस में है मैं उनसे अभी जाकर बात करूंगी वह जो कहेंगी मैं वह करूंगी क्या बात शालिनी ने बोली थी मुझसे और मुझे भी कहीं जाना था जल्दी थी तो मैं भी ज्यादा सोच विचार नहीं की और इन सब को दिया के घर पर छोड़कर मैं चली गई अब यह सब वहां पर कैसे पहुंची इसके बारे में मुझे कुछ भी जानकारी नहीं है बस मैं इतना बता सकती हूं कि इन सब का गैंगरेप हुआ था और गैंगरेप करने वाला कोई और नहीं यहां के विधायक का बेटा ही था। इसके आगे की अगर कुछ भी जानकारी चाहिए तो तुम शालिनी यादिया से पूछ सकती हो।
दीया को यह पता नहीं था कि जो बातें हम लोग इतने दिनों से छुपाए हुए हैं वह इस तरह से अचानक सामने आ जाएगा वह अभी इस सिचुएशन के लिए तैयार नहीं थी इसीलिए इन दोनों ने सुबह कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था लेकिन उन्हें क्या पता था कि शाम होते होते तक या बात इस तरह से खुल जाएगी।
अन्नू जब रूबी से यह बात सुनती है तो वह दिया की तरफ देखती है दीया अपनी गर्दन नीचे झुकाए हुए जमीन की तरफ देख रही थी।
अन्नु:-अब जो भी बात है खुलकर बता दो अन्यथा मुझे अपनी पुलिसिया अंदाज अपनाना पड़ेगा तो तुम दोनों को ही बहुत ही महंगा पड़ेगा मैं यह नहीं चाहती हूं कि तुम दोनों को मैं कुछ भी किसी भी तरह से टॉर्चर करूं तो इससे अच्छा यही होगा कि जो भी बात है वह बता दो ।
दिया:-दीदी मैं यह बात अकेले नहीं बता सकती हूं आप शालिनी को भी आ जाने दीजिए फिर हम जो भी आप पूछेंगे उसका सही सही जवाब देंगी।
अन्नु:-तो तुम ही क्यों नहीं बता देती सब बातें तो तुम भी जानती होगी ना फिर बताने में क्या परेशानी है।
दीया:-दीदी परेशानी तो कुछ भी नहीं है फिर भी मैं चाहती हूं कि जब मैं यह बात बताऊं तो शालिनी भी मेरे साथ में हो तो अच्छा रहेगा क्योंकि सारी बातें ना मैं ही जानती हूं और ना ही शालिनी। कुछ ऐसी बातें हैं जिससे हम दोनों भी अनजान है।
अन्नु:-ऐसी क्या बात है जो तुम लोग नहीं जानती हो अपने ही बारे में।
दिया:-दीदी अगर आप नहीं मानती है तो सुनिए हमारी बात इसमें ना हमारी गलती थी ना शालिनी की
उस दिन जब हम लोग शादी का फंक्शन अटेंड करने के लिए गए थे तो यह तो आप जानती है कि वह हम दोनों की कॉमन दोस्त कि हम लोग एक ही स्कूल में पढ़ते थे तो वह हमारी क्लास में थी तो उसकी बड़ी बहन की शादी थी हम लोग वहां पर शादी के फंक्शन अटेंड करने के बाद मैं शालिनी से बोली कि यार अब यहां पर हम लोग कहां सोएंगे शादी का घर है दिक्कत होगी यहां से 1 किलोमीटर दूर ही मेरा घर है हमने वहां चलते हैं घर पर आराम से सोएंगे सुबह वहां से अपने घर चली जाना। यह बात करके हम लोग अपनी सहेली से मिलने के लिए गए ऐसे बोले कि हम लोग घर जाना चाहते हैं किंतु हम लोगों ने देखा कि वह उन्हीं लड़कों से बातें कर रही थी जो लड़के हम लोगों को शाम से ही परेशान कर रहे थे वह लड़के शाम से ही हम लोगों के ऊपर गंदी-गंदी कमेंट कर रहे थे हम लोग कुछ कर भी नहीं सकते थे क्योंकि वह यहां के विधायक का बेटा था
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