RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
Flashbackराघव:-इनको बदनाम करके तेरे को क्या फायदा होगा बदनाम हो जाएंगे तो तेरी सहेली है तुझे दुख नहीं होगा।
रागिनी:-दुख और मुझे कभी नहीं होगा जिस दिन तूने मेरा यह काम कर दिया उस दिन तू जिस से भी बोलेगा उससे मैं चुदावा लूंगी।
राघव:-चल ठीक है अगर तेरी यही मर्जी है तो यही सही मुझे क्या मुझे तो एक और रंडी मिल जाएगी तेरी जैसी जो मेरे कहने पर किसी से भी चुदा लेती है। बस अब तू जा मेरा दोस्त भी आने ही वाला है हम लोगों पर तेरे ही रूम में बैठे हुए हैं उसको वही जो पास वाला रूम है उसी रूम में सब को ले कर आजा बाकी जो कुछ भी है मैं वह करूंगा हां कैमरा कहां पर रखी है तू जो तू बोल रही है वह करने के लिए कैमरे का होना बहुत जरूरी है।
रागिनी:+कैमरा मेरे रूम में अलमारी में रखा हुआ है जहां पर तू रख कर गया था वहीं पर है।
राघव:-चल ठीक है ज्यादा टाइम मत लगाना हम लोग ऊपर ही बैठे हैं।
इसके बाद रागिनी वहां से चली जाती है और आप अब अपने दोस्तों के साथ और नीचे रूम में चला जाता है रागिनी जाकर के दिया और शालिनी को खोजने लगती है वह देखती है कि शालिनी और दिया खाना खा रही थी तो वाह उन दोनों के लिए कॉफी बनवा ती है साथ में अपने लिए भी लेती है और उन दोनों के काफी में राघव की दी हुई दवा मिलाकर के उसके पास लेकर के जाती है और बोलती है कि
रागिनी:-क्या यार तुम दोनों खाना खाएंगे लगी मैं तुम लोगों के लिए काफी बनवा कर ले कर आ रही हूं और तुम दोनों यहां पर बैठकर खाना खा रही हो।
शालिनी:-तो हमने कब मना किया कि हम तेरी लाई हुई कॉपी नहीं पिएंगे अरे तू काफी रख यहां पर और अपने लिए भी खाना लेकर के आजा।
रागिनी:-नहीं यार अभी मैं खाना नहीं खा सकती हूं तुम लोगों का साथ देने के लिए मैं यह काफी जरूर पी लूंगी मैं मैं अपनी दीदी के साथ ही खाना खाऊंगी क्योंकि लास्ट बार मैं अपनी दीदी के साथ खाना खाना चाहती हूं।
दिया:-हां यह भी ठीक कह रही है तू पर मैं काफी नहीं पियूंगी मुझे कॉफी पीने की आदत नहीं है और खाना खाने के बाद काफी कौन पीता है।
दीया के ऐसे बोलने पर रागिनी को लगता है कि कहीं उसका प्लान फेल ना हो जाए तो वह नौटंकी करते हुए बोलती है कि
रागिनी:-हां अब तू मेरी लाई हुई काफी क्यों पिएगी तुझे तो मेरे लाए हुए हाथ का कुछ भी पसंद नहीं है अब मैं तुझसे कुछ नहीं बोलूंगी तेरा जो मन में आए वह तू कर अब मैं यहां से जा रही हूं मैं तुम दोनों से बात भी नहीं करूंगी।
इतना बोल कर रागिनी वहां से जाने लगती है तो दिया को लगता है कि उसकी बातों का उसे सच में बुरा लग गया और वह या नहीं जानती थी कि यह तो उसकी चाल है क्योंकि वह जानती थी कि दिया सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है किंतु यह बर्दाश्त नहीं कर सकती की कोई उस पर झूठा भी कुछ दोष लगाएं वह जानती थी कि मैं ऐसा कहूंगी तो दीया जरूर कॉफी पी एगी
दिया:-अरे रुक जा तुझे तो पता नहीं किसने यह सिखा दिया छोटी-छोटी बातों पर मुंह फुला करके गुस्सा होकर चलने लगती हैतुझसे समझदार तो छोटी बच्चियां होती हैं कम से कम वह जानती हैं कि नहीं कहां पर नाराज होना है और कहां पर नहीं अब इसमें नाराज होने वाली बात कहां से आ गई अरे मेरा मन नहीं था काफी पीने का तो मैं मना कर दी चल ठीक है अब तेरी इतनी ही मर्जी है तो मैं जरूर पियूंगी।
इतना बोल कर दीया और शालिनी कॉफी पीने लगती है और खाना भी साथ में खा रही थी राघव की भी हुई दवा कुछ देर में अपना असर दिखाना शुरू कर देती है दीया और शालिनी दोनों को सर भारी होना और चक्कर आने लगते हैं तो शालिनी बोलती है की
शालिनी:-दीया तेरा भी सर भारी हो रहा है क्या तुझे भी चक्कर आ रहा है कॉफी पीकर।
दिया:-हां मेरे भी साथ ऐसा ही हो रहा है क्या तुझे भी हम दोनों की तबीयत एक साथ कैसे खराब हो सकती है।
शालिनी:-नहीं हम दोनों की तबीयत नहीं खराब हुई है शायद हमारी कॉफी में ही कुछ मिलाया गया था रागिनी कहीं तुमने कुछ तो नहीं मिलाया था ना।
रागिनी:- तुम सब पागल हो क्या जो ऐसी बातें बोल रही हो मैं ऐसा क्यों करूंगी मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है।
शालिनी:+रागिनी हमें कहीं रूम में पहुंचा दे लगता है हमारे साथ कुछ गड़बड़ हुआ है मैं नहीं चाहती कि हम लोग इस हालत में बाहर रहें।
रागिनीअपने मन में सोचती है कि चिड़िया तो खुद ही जाल में फंसने के लिए तैयार तो इसमें मैं क्या कर सकती हूं इसके बाद वह उन दोनों को ले जाकर अपने रूम में बैठाती हैऔर बोलती है कि तुम लोग आराम करो मैं कुछ देर बाद आकर तुम लोगों को देख जाऊंगी और मैं नीचे जाकर तुम लोगों के लिए कुछ दवा का इंतजाम करती हैं मेरी दीदी की एक सहेली है जो कि डॉ हैं उन्हें बुलाकर लेकर आती हूं इतना कह कर के रागिनी वहां से जाती है और दूसरे रूम में जाकर जहां पर राघव और उसके दोस्त बैठे हुए थे वहां पर पहुंचती है तो देखती है कि वहां पर एक नया लड़का भी बैठा हुआ है जिसे वह नहीं जानतीजानती थी जो उसे देख कर मुस्कुरा रहा था जब राघव देखता है कि वह आई है तो वह उससे पूछता है कि
राघव:-मैंने जो तुझे काम बोला था वह तुम की कि नहीं अभी तक।
रागिनी:-हां मैंने वह काम कर दिया है वह दोनों सामने वाली रूम में हैं मैं यहां से नीचे जाती हूं और शिर्डी के दरवाजे पर ताला लगा दूंगी जिससे कि कोई ऊपर ना सके बस इस बात का ख्याल रखना कि ज्यादा आवाज ना हो हां और इन्हीं का बर्थडे है क्या जिनके लिए आज मैं गिफ्ट थी पर मेरी जगह कोई और मिल गई।
राघव:-हां यही है मेरा दोस्त जिसका आज जन्मदिन है अगर तुझे बर्थडे गिफ्ट देना है तो कुछ देर बाद आ कर के दे देना अभी तो हम उन दोनों के साथ मस्ती करेंगे अगर तुम फ्री हो जाओ तो मेरे यह बाकी के दोस्त तुम्हारे साथ मस्ती करना चाहेंगे क्योंकि उन दोनों के साथ तो हम दोनों ही मस्ती करेंगे आज तुम्हें भी मस्ती चाहिए तो आ जाना ऊपर।
इतना सुनने के बाद रागनी बोलती है कि नहीं आज तो ऐसा कुछ पॉसिबल नहीं है हां समय मिला तो मैं जरूर मस्ती करूंगी अगर इनको लड़की चाहिए तो मैं दे सकती हूं मेरी कुछ सहेली है जिन्हें अगर मैं बोलूं तो वह तैयार हो जाएंगी चुदाने के लिए।
यह सुनकर के राघव के दोस्त बोलते हैं कि नहीं आज हमारा कुछ भी ऐसा मूड नहीं है क्यों जाकर अपनी बहन की शादी निपटा आज हम लोग तो यहां पर लाइव मैच देखेंगे बस आज लाइव मैच देखना है और कुछ भी नहीं दो नई लड़कियों का सील टूटते हुए वह भी उनकी मर्जी के बिना ऐसा दृश्य भला कौन छोड़ना चाहेगा वह भी इतनी खूबसूरत है जिनकी खूबसूरती का कोई जवाब नहीं ऐसा सुनकर रागिनी वहां से चली जाती है और नीचे जाकर सीढ़ी में ताला लगा देती है लेकिन उसे यह नहीं पता था कि कुछ आंखें इसकी पीछा कर रही थी
दो लड़के थे जो रागिनी का पीछा कर रहे थे क्योंकि उन दोनों ने रागिनी को काफी में कुछ मिलाते हुए देख लिया था उन्हें इस बात का शक है कि कुछ ना कुछ गड़बड़ होने वाला है उनका शक कब यकीन में बदल गया जब उसने देखा कि लगभग 2 बेहोश हो चुकी लड़कियों को किसी तरह से यह ऊपर लेकर के गई और फिर आकर नीचे ताला लगा रही है हो ना हो जरूर दाल में कुछ काला है
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