Sex kahani किस्मत का फेर
04-26-2020, 02:11 PM,
#8
RE: Sex kahani किस्मत का फेर
रिया के कहे अनुसार बिना कुछ बोले अजनबी ने आँचल के कन्धों को सहलाना शरू किया । आँचल ने उसके मज़बूत हाथ अपनी बांहों और कन्धों पर घूमते महसूस किये । एक ऐसा आदमी उसके शरीर पर हाथ फिरा रहा है जिसको उसने पहले कभी नहीं देखा । इस ख्याल से उसके बदन में झुरझुरी सी दौड़ गयी और उसका दिल और ज़ोर से धड़कने लगा ।

अजनबी के हाथ उसकी बांहों की मुलायम त्वचा पर रेंगने लगे। फिर अजनबी के होठों ने उसकी गरदन पर चुम्बन लिया और उसके कानो के निचले हिस्से को अपने होठों में दबाया । फिर उसके कन्धों और गरदन के जोड़ को हल्का जीभ से चाटा । आँचल के मुंह से हलकी सिसकारी निकल गयी । अब उसकी घबराहट की जगह बढ़ती उत्तेजना ने ले ली थी ।

फिर अचानक से उसने आँचल के दोनों हाथों को पकड़कर उसको खड़ा कर दिया और अपनी तरफ घुमा लिया । उसने आँचल को अपने आलिंगन में भर लिया और अपने चेहरे को झुकाकर धीरे से उसका चुम्बन लिया । आँचल ने अपने कांपते हाथ उसकी छाती पर रख दिये । उसने अपने एक हाथ से आँचल के चेहरे को थोड़ा ऊपर उठाकर अपने होठ आँचल के नरम और रसीले होठों पर रख दिए फिर अपना हाथ पीछे ले जाकर उसकी गर्दन पर रख दिया। आँचल ने अपने होठों के बीच उसकी जीभ महसूस की और अपने होंठ थोड़ा खोल दिए । अब उसने अपनी जीभ आँचल के मुंह में डाल दी और आँचल ने अपनी बांहे उसके गले में डाल दीं । उसकी मज़बूत बाँहों में आँचल ने अपने को बहुत नाजुक सा महसूस किया ।

उसने अपने होंठ अलग किये और एक झटके में अपनी कमीज सर के ऊपर से उतार दी । फिर उसने आँचल को अपनी ओर खींचा और चुम्बन लेते हुए फिर से आँचल के मुंह में अपनी जीभ डाल दी । आँचल ने भी चुम्बन में उसका पूरा साथ दिया और उसकी नग्न छाती से जा लगी। उसके हाथ आँचल की पीठ सहलाते हुए नीचे को बढ़े ओर उसके नितम्बों को पकड़कर उसको अपने और नज़दीक खींचा । आँचल को उसके लंड का बढ़ता कड़ापन अपने पेट पर महसूस हुआ । उसके चुम्बन प्रगाड़ होते गए और आँचल को साँस लेने में दिक्कत होने लगी ।

आँचल ने अपने होंठ अलग किये और उसके गालों को चूमा , फिर गले और कन्धों को चूमा । उसने अजनबी के बदन से आती कुछ पहचानी सी मरदाना गंध को लम्बी सांस लेकर अपने में भर लिया । वह आँचल के पूरे बदन पर अंगुलियां फिरा रहा था और उसकी तेज होती सांसे आँचल को साफ़ सुनाई दे रही थी । आँचल उसके सीने को चूमते हुए धीरे धीरे नीचे को बढ़ी । उसके पेट पर चुम्बन लिया और घुटनों के बल बैठके अजनबी के पैंट की बेल्ट खोलने लगी । फिर पैंट के साथ अंडरवियर नीचे उतार कर उसका खड़ा लंड आज़ाद कर दिया ।आँचल ने एक हाथ से लंड को पकड़कर सुपाड़े को जीभ से हल्का सा चाटा , अजनबी के मुंह से हलकी सिसकी निकली । आँचल ने फिर से सुपाड़े को चाटा और फिर अपने मुंह में भर लिया ।वो आँचल के बालों में अपनी उँगलियाँ फिराने लगा ।

आँचल लंड को चूमती और चाटती है और अपने मुंह में लंड को अंदर बाहर करती है । वो जितना हो सके उतना उस बड़े और मोटे लंड को मुंह में भरने की कोशिश करती है । कुछ देर बाद वो आँचल का सर अपने हाथों में पकड़ लेता है और उसके मुंह में लंड को अंदर बाहर करने लगता है ।थोड़ी देर ऐसे ही उसका मुंह चोदने के बाद वो आँचल को खड़ा कर लेता है और फिर उसे बेड पर लिटा देता है । उसके होंठ आँचल की गर्दन और गले को चूमने लगते हैं ।अपने गले में उसकी जीभ के स्पर्श से आँचल की सांसे और तेज हो गयीं । आँचल अपने बांहे उसके चौड़े कन्धों पर डाल देती है और अपनी कोमल उँगलियों से उसकी मांसपेशियों को महसूस करती है । अजनबी उसकी ड्रेस को ऊपर करने की कोशिश करता है ।आँचल बेड पर बैठ जाती है और ड्रेस को अपने सर के ऊपर से निकाल देती है। फिर हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक खोलकर, ड्रेस और ब्रा को फर्श पर डाल देती है । और फिर से लेट जाती है ।

वो आँचल के ऊपर झुककर उसके होठों का चुम्बन लेता है और फिर उसके मुंह में जीभ डालकर उसकी जीभ चाटने लगता है ।आँचल उसके चेहरे पर अपनी उँगलियाँ फिराती है ।अजनबी अपने हाथ उसके चिकने सपाट पेट पर फिरते हुए ऊपर को बढ़ाता हैं । उसकी नरम चूचियों की गोलाई को महसूस करता हैं और चूचियों को अपने हाथों से हल्का सा दबाता है । फिर एक ऊँगली और अंगूठे के बीच निप्पल को दबाकर थोड़ा घुमाने लगता है । आँचल के निप्पल उत्तेजना से तन जाते हैं । उसके हाथों के अपने नग्न बदन पर स्पर्श से उसकी उत्तेजना बहुत बाद जाती है । उसकी हलकी सिसकारियां निकलने लगी और उसे अपनी टांगों के बीच गीलापन मह्सूस हुआ । अब उसे और देर बर्दाश्त नहीं हो रही थी । उसकी चूत लंड को लेने के लिए बेताब हो रही थी ।वो अपना हाथ बढ़ाकर उसका लंड पकड़ लेती है और आगे पीछे हिलाने लगती है । अजनबी समझ जाता है और उसकी गीली हो चुकी पैंटी को उतारकर फर्श पर फ़ेंक देता है ।आँचल पीठ के बल लेती हुई घुटने मोड़कर अपनी टाँगें थोड़ा फैला लेती है और उसका इंतज़ार करती है । वो महसूस करती है कि ये कुछ अलग मिज़ाज़ का आदमी है और बिलकुल भी चोदने की जल्दबाज़ी नहीं कर रहा है । जैसा वो समझ रही थी कि औरों की तरह झट से चूत पर टूट पड़ेगा और चुदाई हो जाएगी वैसा कुछ भी नहीं हो रहा था ।उसे समझ आ गया कि इस अजनबी के साथ सेक्स लम्बा खिंचने वाला है ।

वो अजनबी उसके घुटनो के अंदर वाले हिस्से को चूमता है । फिर चिकनी मांसल जांघों को चूमते हुए और अपने हाथ उसकी नरम टांगों पर फिराते हुए ऊपर को बढ़ता है। और फिर अपनी उँगलियों से उसकी प्यासी चूत का स्पर्श करता है । अपनी एक ऊँगली चूत के अंदर डालकर अंदर की गर्मी और गीलेपन को महसूस करता है । आँचल के बदन में कंकापी दौड़ जाती है और उसकी चूत सिकुड़कर उस ऊँगली को जकड लेती है । वो धीरे धीरे ऊँगली चूत में अंदर बाहर करने लगता है । उत्तेजना से आँचल भी अपने नितम्बों को उसी लय में ऊपर को उछालती है । आँचल को महसूस होता है कि वो अब झड़ने ही वाली है । तभी वो अपनी ऊँगली बाहर निकल लेता है और अपने गरम होठों को आँचल के नाजुक अंग पर रख देता है । आँचल को अपनी चूत पर उसकी गरम सांसो का स्पर्श मह्सूस हुआ। तभी उसकी जीभ clitoris को छेड़ने लगती है । आँचल के मुंह से एक लम्बी सिसकारी निकल गयी । वो clitoris को जीभ से बार बार चाटने लगा और फिर जीभ चूत के अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगा । आँचल की उत्तेजना बर्दाश्त से बाहर हो गयी और वो अपने नितम्बों को हिलाते हुए छटपटाने लगी ।
फिर उसके मुंह से एक चीख निकली और वो कामतृप्त हो गयी । आह …. कितना आनंद …. कितना सुख ।

अब वो अजनबी उसके बदन को चूमता हुआ ऊपर को बढ़ने लगा । उसकी नरम गोल चूचियों को चूमते हुए उनके ऊपर के निप्पल को अपनी जीभ से छेड़ दिया । फिर उसके गाल , होठ और उसकी पलकों का चुम्बन लिया और एक हाथ से उसके बालों को सहलाने लगा । आँचल ने अपने घुटने थोड़े ऊपर को मोड़ लिए । उसने अपने लंड को चूत के छेद पर लगाया। और एक धक्का देकर सुपाड़ा अंदर घुसा दिया । आँचल ने अपनी फूली हुई चूत की फांकों के बीच छेद में उसके मोटे लंड को अपनी कसी चूत को फैलाते हुए अपने लिए जगह बनाकर अंदर घुसते हुए महसूस किया और उसके मुंह से फिर सिसकारियां निकलने लगी। वो अजनबी आँचल का चुम्बन लेते हुए ही अपना लंड उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर करने लगा । उसके धक्के इतनी तेज होते गये कि आँचल का पूरा बदन बुरी तरह से हिल जा रहा था और उसकी चीखें निकलने लगी । अब वो एक और कामतृप्ति की ओर बढ़ रही थी। चूत की गहराईयों तक घुसते लंड के धक्कों से उसे लगा कि वो अब किसी भी समय झड़ जाएगी ।
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RE: Sex kahani किस्मत का फेर - by hotaks - 04-26-2020, 02:11 PM

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