RE: Sex kahani किस्मत का फेर
कुछ समय तक ऐसे ही चुदाई चलती रही । जब आँचल को लगा कि बस अब उसका पानी निकलने ही वाला है । तभी उसे अपनी चूत में निकलता उसका वीर्य महसूस हुआ वो झड़ चुका था । कुछ पल आँचल के बदन पर ऐसे ही पड़े रहने के बाद उसने अपना लंड चूत के बाहर निकाल लिया । आँचल ने अपने हाथों से उसकी कमर को पकड़कर फिर से अपने से चिपकाना चाहा वह उससे अलग नहीं होना चाहती थी उसकी कामतृप्ति अधूरी रह गयी थी । वो समझ गया , हल्का सा हँसते हुए उसने उसकी उत्तेजना से काँपती चिकनी जांघों पर एक चपत लगायी ओर उसको घुमाकर घुटनो के बल बिठाने लगा । आँचल समझ गयी वो अब डौगी पोज़ में चोदना चाह रहा है वो झटपट कुतिया बन गयी ।
वो एक हाथ उसके नितम्ब पर रखकर दूसरा हाथ उसकी पीठ में स्पाइन के ऊपर फिराता है । फिर दोनों हाथों को उसके हवा में उठे हुए बड़े बड़े गोल नितम्बों पर फिराने लगता है। फिर उसके नितम्बों को चूमकर , चूतरस से भीगे हुए लंड को आँचल की चूत में डाल देता है । फिर उसने आँचल के बालों में अपनी अंगुलियां फंसाकर उसके सर को पीछे खींचा और चूत में धक्के लगाने लगा । आँचल दर्द और आनंद के मिले जुले सागर में गोते लगाने लगी । उसने एक हाथ से आँचल का नितम्ब पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके सर के बाल पकड़कर आँचल को पूरी तरह से अपने काबू में करके चूत पर तेज तेज धक्के लगाने लगा । आँचल को महसूस हुआ कि अब वो उसके साथ पहले जैसी नरमी से पेश नहीं आ रहा है । वो अजनबी अब उसके साथ सख्ती से रफ़ सेक्स कर रहा था । तेज तेज धक्कों से उसकी जाँघे आँचल की जांघों से टकरा रही थीं । आँचल फिर से उत्तेजना की चरम सीमा की ओर बढ़ने लगी और फिर दूसरी बार कामतृप्त हो गयी । जबरदस्त ओर्गास्म से उसके घुटने कमज़ोर पड़ गए । उसका बदन काँप उठा ओर उसकी चूत की मसल्स ने लंड को बुरी तरह जकड लिया ।
उसने आँचल के ओर्गास्म को महसूस किया ओर अपने धक्के धीमे कर दिए । फिर जब वो शांत हो गयी तो उसने अपने अंगूठे को थूक से भिगोकर आँचल की गांड के छेद पर दबाया । आँचल के बदन में एक झटका सा लगा । सिकुड़े हुए छेद पर अंगूठा अंदर घुस गया ओर गांड की टाइट मसल्स ने उसके अंगूठे को जकड लिया । आँचल के बदन में सिहरन सी दौड़ गयी । उसने जोर से एक गहरी सांस ली । अब वो अपने अंगूठे को घुमाते हुए गांड में अंदर बाहर करने लगा । आँचल के होठों से एक दर्द भरी सिसकारी निकल गयी । उसने आँचल की गीली चूत से थोड़ा रस लेकर गांड के छेद को थोड़ा और गीला किया । फिर चुतरस से भीगे हुए लंड को चूत से निकलकर गांड के टाइट छेद पर लगा दिया । आँचल ने अपनी गांड के छेद पर उसका सुपाड़ा महसूस किया वो काँप उठी । उसने अपनी गांड को हटाने की कोशिश की लेकिन अजनबी के मजबूत हाथों ने उसको साइड्स पर दबाये रखा और उठने नहीं दिया । वो डरी हुई थी पर उसकी मजबूत पकड़ के कारण कुछ कर नहीं पा रही थी इसलिए वो जल्द ही शांत पड़ गयी ओर जो वो चाहता था उसको करने दिया ।
उसने धीरे धीरे अपने लंड के सुपाडे को उस गहरे रंग के टाइट छेद में घुसा दिया लेकिन लंड मोटा होने के कारण आँचल दर्द से कसमसाने लगी । आँचल का ध्यान दर्द से हटाने के लिए वो एक हाथ की उँगलियों से उसके clitoris को सहलाने लगा । धीरे धीरे उसने अपने लंड को आँचल की टाइट गांड की गहराइयों में जड़ तक घुसा दिया । बीच बीच में आँचल दर्द से कराहती रही । लेकिन उसने उसे नज़रअंदाज़ करते हुए धीरे धीरे पूरा लंड अंदर घुसाकर ही दम लिया। थोड़ी देर तक उसने अपना लंड ऐसे ही रखा ओर उसकी clitoris को सहलाते रहा । जब आँचल का दर्द से कसमसाना बंद हो गया । तब उसने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया । अचानक उसने सुपाड़े की टिप छोड़कर पूरा लंड बाहर निकाल लिया और फिर तेजी से अंदर धांस दिया । आँचल की चीख निकल गयी । वो ऐसे ही तेज तेज धक्के लगाता रहा ।आँचल दर्द और आनंद से सिसकारियां लेती रही । फिर दोनों नितम्बों को हाथ से कसके पकड़कर वो बुरी तरह से आँचल की गांड मारने लगा । आँचल के पूरे नंगे बदन में दर्द की लहरें सी उठने लगी । आँचल की टाइट गांड ने उसके मोटे लंड को ऐसे जकड़ रखा था कि उसे इतना अच्छा पहले कभी भी महसूस नहीं हुआ था , जितना मज़ा उसे आँचल की गांड मारने में मिल रहा था ।
वो इतनी जोर से और तेजी से धक्के लगाने लगा कि आँचल अपने घुटनो के बल टिक नहीं पायी और धीरे धीरे अपने पेट के बल गिर पड़ी । वो भी उसी के साथ आगे झुक गया और उसकी गांड मारते रहा । उत्तेजना में भरकर वो आँचल की टाइट गांड को चोदते रहा । आँचल बेड पर पड़ी रही , उसकी चीखें निकलती रही ।उसे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसको पीछे से चीर दिया हो ।पहले किसी ने भी उसके साथ इतना रफ़ सेक्स नहीं किया था , जितना इस समय ये अजनबी कर रहा था ।उसे अजनबी ने किसी रंडी की तरह मनमर्जी से रगड़ के चोद दिया था ।
धीरे धीरे उसकी कराहें सिसकारियों में बदलते गयीं और फिर उसका बदन अकड़ गया । उसको तीसरी बार जबरदस्त ओर्गास्म हुआ । तभी उस अजनबी को भी लगा कि वो झड़ने वाला है उसने अपना लंड गांड से बाहर निकाल लिया फिर उसने आँचल को पलटकर उसके मुंह में वीर्य की धार पर धार छोड़ दी । आँचल का मुंह उस गाड़े सफ़ेद वीर्य से भर गया और उसकी साँस गले में ही अटक गयी ।
|