RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
अबू...असलम शाह उम्र 48 है एक सेहत मंद और मज़बूत जिस्म के मलिक जो की सारा दिन खेती बड़ी मैं लगे रहते हैं और बड़े ही खुले ज़हन के मालिक जिस से हम लोग काफ़ी फाइयदा भी उठाया करते
अम्मी रहना उम्र 42.... रंग गोरा और बिल्कुल फिट और बहार को निकली हुयी गांड की मलिक जो की अम्मी को और भी ज़्यादा खूबसूरत और सेक्सी बनाती है
फरिहा .... (पर सब लोग उसकी फरी कहते हैं) मेरी बड़ी बहिन... उम्र 22... अभी शादी नहीं हुयी, बाजी का साइज़.... 34... 30 36 है जो की जान निकल दे किसी भी जवान और बूढ़े की
फ़रीदा बाजी. उम्र 20 है उन की भी शादी नहीं, हुयी अभी तक और वो भी फरिहा बाजी की तरह घर का काम संभालती हैं और अम्मी अबू के साथ खेत संभालती हैं और बाजी की तरह गोरी और सेक्सी जिस्म की मलिक
फ़रज़ाना...19 की है सब से ज़्यादा घर भर मैं मुँहफट और सेक्सी जिस्म की मलिक जिसे देखते ही किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाए
मैं....जैसा की आप को पहले ही बता चुका हूँ क मेरा नाम वक़ास (विकी) है और मेरी उम्र 18 है और मैं अब गावँ से शहर आ चुका हूँ पढ़ने क लिए जहाँ मैं पढ़ने के साथ जिम भी जाता हूँ आपनी बॉडी बनाने क लिए मेरी हाइट 6 foot है और सीना चौड़ा गोरी रंगत के साथ मेरी सब से बड़ी कमज़ोरी ये है की मैं जितना हॅंडसम दिखता हूँ उतना ही संकोची, मैं किसी भी लड़की से बात नहीं कर पता पता
तब तक तो सब ठीक था जुब तक मैं गावँ मैं रहके पढ़ता था लेकिन 10 तक बाद गावँ मैं आगे की पढ़ाई के लिए कोई चान्स नहीं था तो मुझे अबू ने मजबूरी मैं मुझे आगे पढ़ने के लिए गावँ से शहर भेज दिया जहाँ मुझे एक बॉयस हॉस्टिल मैं रहना और करीब ही कॉलेज मैं पढ़ने जाना होता था मेरे आलावा घर मैं कोई भी शहर तक पढ़ने नहीं गया था तो कुछ इस लिए भी घरवाले , जुब मैं घर आता तो मेरा बड़ा ख्याल करते मेरी मेरी बाहरने १० से आगे नहीं पढ़ी थी और सब से छोटी फ़रज़ाना जो की डाइजेस्ट और नॉवेलस की दीवानी थी मैं जुब भी घर आता तो उसक लिए ढेर सारे डाइजेस्ट और नॉवेल लाया करता जिस की वजह से फ़रज़ाना की मेरे साथ काफ़ी जमती भी थी
हॉस्टिल मैं मेरे कई फरन्डस भी बन चुके थे जिन मैं सलीम मेरा सब से ज़्यादा करीबी दोस्त था क्योंकि वो भी मेरे ही गावँ का था लेकिन था एक नंबर का रंडी बाज़ और हर वक़्त मुझे भी इन सब चीज़ों मैं अपने साथ ही घसीटे रखता जिस मैं मुझे भी मज़ा आता लेकिन जुब भी सलीम मुझे किसी लड़की से मिलवाता तो मेरी फटने लगती और बोलती बंद हो जाती
ये नहीं था की मैने कभी कुछ किया नहीं सलीम क साथ मिल के मैं अक्सर ब्लू फिल्म भी देखता और मूठ भी मारता और 2 3 बार सलीम के साथ उसक एक दोस्त के घर जाके और पैसे मिलाक बाज़ार से रंडी लाते और चुदाई भी कर लिया करते थे लेकिन उस मैं भी मेरी जान निकली जा रही होती
इसी तरह दिन गुज़र रहे थे की हुमारी गर्मियों की छुट्टियां करीब आ गईं और कॉलेज बंद होने वाले थे 40-50 दिन तक के एक दिन सलीम ने मुझे कहा की शहज़ादे क्या ख्याल है गावँ जाने से पहले कुछ मज़ा ना कर लिया जाए किसी के साथ फिर तो गावँ मैं ही किसी को पकड़ेंगे
मैं.... यार तुम तो जानते ही हो की मुझे से नहीं होता ये सब और ऊपर से गावँ मैं तो कभी भी नहीं वहाँ अगर किसी क साथ छेड़छाड़ की तो लोग मार मार कर गांड फाड़ देंगे अपनी
सलीम.... साले तो क्या समझता है की ये सब यहाँ शहर मैं ही होता है नहीं जानी अपना गावँ इस से भी आगे है इन कामों मैं मैं... चल यार बेकार की बात नहीं करता है मैं , मैं भी तो तेरे साथ ही वहाँ गावँ मैं रहा हूँ मुझे तो कुछ भी पता नहीं चला क वहाँ भी ऐसा कुछ होता हो
सलीम... साले तेरे घर वालों ने तुझे भी लड़की बना के रखा हुआ था बस स्कूल और उसके बाद सीधा घर बहार भी नहीं निकालने देते और स्कूल मैं भी तेरे लिए सब से अलग बैठने की जगह और किसी से बात करने और दोस्ती की इजाज़त नहीं होती थी फिर तुझे पता कैसे चलता
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