RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
अम्मी ने कहा नहीं
बेटा तुम्हारे अबू को पानी लगाना था आज खेतों को और सुबह शहर भी जाना है खाद लाने के लिए तो वो आज घर नहीं आएंगे
उसके बाद सब ने खाना खाया और सब अपनी अपनी जगह पे सोने को चले गये
मैं दिन मैं भी काफ़ी सोया था तो मुझे नींद नहीं आ रही थी
मैं ऐसे ही लेटा था अपनी सोचों मैं गुम था और कितनी रात गुज़री पता ही नहीं चला और फिर नींद आ गई तो मैं सो गया और जब आँख खुली तो काफ़ी दिन निकल आया था और अबू भी घर आ चुके थे
मैं उठा और नहाके वापिस आया तो फ़रज़ाना ने मुझे नाश्ता ला के दिया और
मैं बैठ कर नाश्ता करने लगा तो
अबू ने कहा बेटा ऐसा करो आज तुम अपनी बहिन फरी के साथ खेतों पे चले जाना वहाँ कोई खास काम तो नहीं है
लेकिन फिर भी जानवरों का ध्यान कर लेना कयुँकि मैं और तुम्हारी अम्मी शहर जा रहे हैं तो पीछे जानवरों को भी देखना होगा
अबू की बात सुन के मैने बड़ी मुश्किल से हाँ मैं सर हिलाया और नाश्ता करके बाजी के साथ खेतों की तरफ चल दिया
बाजी ने आज जो लिबास पहना हुआ था वो काफ़ी पतला था
लेकिन ऊपर से एक बड़ी सी चादर भी ओढ़ रखी थी की बाहर के लोग उसे ग़लत नज़र से ना देख सकैं
खेतों मैं पहुँच के बाजी ने चारपाई बिछा दी और वहाँ से चली गई और जब वापिस आयी
तो बाजी के पास एक बड़ा सा तरबूज़ (वातर्मिलों) पकड़ा हुआ था
जिसे बाजी ने ट्यूबवेल के पानी मैं रख दिया ठंडा होने क लिए उस के बाद बाजी मेरे पास आके बैठ गई और बोली
भाई एक बात पुछों बुरा तो नहीं मानोगे
मैं... हाँ बाजी पूछो क्या पूछना है
बाजी.... भाई मैने सुना है तुम जिस कॉलेज मैं पढ़ते हो वहाँ लड़कियाँ भी पढ़ती हैं
हैं क्या ये सच है
मैं... हाँ बाजी ये सच है लेकिन
यह आप कयूं पूछ रही हो (लेकिन बाजी की बात से मेरी धड़कन भी तेज़ होने लगी कयुँकि बात उसी तरफ जा रही थी जिस से मैं बचना चाहता था)
बाजी... भाई क्या तुम ने वहाँ किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं की
मैं...नहीं बाजी आप को तो पता है की मैं किसी लड़की से ठीक से बात नहीं पता
तो दोस्ती क्या करूँगा
बाजी... अच्छा जी मुझे तो पता ही नहीं था की मेरा भाई इतना बुज़दिल है की किसी लड़की से बात करते हो भी डरता है
मैं बाजी की बात की जवाब मैं कुछ नहीं बोला तो
बाजी ने कहा भाई क्या ख्याल है नहाया जाय तो
मैने ना चाहते हो भी हाँ मैं सर हिला दिया तो बाजी ने
कहा तुम ऐसा करो ट्यूबवेल चला के ये तलब भर लो फिर नहाते हैं हम दोनो मिल कर
मैं उठा और ट्यूब वेल चला दिया और तलब भरने के बाद बंद कर दिया
तो बाजी भी जो की रूम मैं चली गई थी
वापिस आ गई तो
मैं बाजी को देखता ही रह गया कयुँकि बाजी ने दुपटा उतार दिया था और अब बिना दुपते के मेरे सामने खड़ी थी
और बाजी के कपड़े इतने पतले थे की
मुझे सूखे कपड़ों मैं से ही बाजी की गोल गोल चूची सॉफ नज़र आ रही थी
और जब बाजी मेरे साथ पानी मैं भीगेगी तो............. फिर तो कपड़े होना ना होना बराबर ही था
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