RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
अब बाजी कभी मेरे लण्ड के सुपाड़े को और कभी मेरे लण्ड की नीचे गोलियों को मुँह मैं भर के चूस रही थी जिस से मैं मज़े से काँप काँप जाता और बाजी के सर को अपने हाथ से सहलाने लगता
कोई 2 3 मिनट तक मेरे लण्ड को चूसने और चाटने क बाद बाजी ने अपना सर उठाया और आहिस्ता से बोली चलो भाई आ जाओ
अब तुम्हारी बरी है मुझे प्यार करने की और जैसे ही मैं उठा बाजी मेरी जगह लेट गई और अपनी गांड के नीचे एक तकिया रख लिया जिस से बाजी की चुत उभर के सामने आ गई
मैं अब बाजी की टाँगों को खोल के दरमियाँ मैं बैठा और अपना लण्ड बाजी की चुत पे रखा ही था की बाजी ने अपना हाथ मेरे पेट पे रख के मुझे रोक दिया और
बोली कयूं भाई क्या तुजे मेरी चुत पसंद नहीं आयी क्या
मैने हैरानी से बाजी की तरफ देखा जो की चाँद की रोशनी मैं मुझे सॉफ नज़र आ रही तो बाजी ने कहा
भाई तुम भी मेरी चुत चाटो प्लीज बड़ा मज़ा आएगा भाई
कयुँकि मैंने आज तक किसी की भी चुत ना तो चाटी थी और ना ही कभी ऐसा सोचा था
लेकिन बाजी का दिल चाह रहा था इस लिए मैने अपना लंड बाजी की चुत से हटा लिया और थोड़ा पीछे हो के बैठ गया और
फिर अपना सर अपनी बहिन की चुत के सामने झुका दिया और अपने होंठों से बाजी की चुत पे किश किया .फिर अपनी ज़ुबान को बाजी की चुत मैं चलाने लगा
उस वक़्त बाजी की चुत काफ़ी गीली हो रही थी और मेरी ज़ुबान बाजी की चुत पे घूम रही थी जिस से मुझे भी मज़ा आने लगा था और बाजी की चुत से निकालने वाला पानी जो की मेरे मुँह मैं ही जा रहा था
मुझे हल्का नमकीन टेस्ट दे रहा था जिस से मैं और भी ज़ोर से बाजी की चुत मैं अपनी ज़ुबान को घुसा के चाटने लगा और
बाजी मेरे सर को अपनी चुत पे दबाने लगी
रात का वक़्त था और आवाज़ दूर तक जा सकती थी इस लिए बाजी बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज़ को कंट्रोल कर पा रही थी वरना घरवाले जाग जाते
बाजी अब अपने हाथ से मेरे सर को अपनी चुत पे दबाने लगी और साथ ही अपनी गांड को भी उठा के मेरे मुँह पे रगड़ने लगी थी
जिस से मैं समझ गया की बाजी का होने वाला है और मैने थोड़ा और ज़ोर लगाके अपना सर जैसे ही बाजी की चुत से हटाया बाजी का जिस्म एक बार आकड़ा और
फिर चुत से ढेर सारा पानी निकलने लगा . जिसे मैं पी गया फिर बाजी का शरीर ढीला पड़ पड़ गया.
थोड़ी ढेर बाद बाजी मुझे फिर किस करने लगी
मैं अब की बार हुआ और अपना लण्ड बाजी की चुत पे सेट किया और आहिस्ता से घुसाने लगा
एक तो बाजी की चुत बहुत ज़्यादा गीली थी जिसकी वजह से मेरा लण्ड बड़े प्यार से बाजी की चुत मैं घुसने लगा और बाजी के मुँह से ईईईईईईईईईईईईई की सी आवाज़ भी निकालने लगी
बाजी की चुत जितनी गीली थी उतनी ही टाइट भी थी जिस की वजह से मुझे बाजी की चुत मैं अपना लण्ड घुसाने मैं बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था और
शायद बाजी को भी कयुँकि जैसे ही बाजी की चुत मैं मेरा आधा लण्ड घुसा बाजी ने अपनी गांड को थोड़ा सा पीछे को खिसकाया और फिर से आगे किया तो
मैने भी अब बाजी की टाँगों को पूरा उठा के बाजी के कंधों की तरफ फोल्ड कर के अपना वज़न भी बाजी पे डाला और एक जोर से झटका मार के पूरा लण्ड चुत पे दे दिया .
बाजी के मुँह से आआईयईईईईईईईईईईईईईई विकी आराम से करो अभिईीईईई कहीं मेरी चीख ना निकल जाय ऊऊहह हाआंणन्न् भाईईईईईईईईईईईईईईई बस आराम से करो , तुम्हारा बहुत मोटा और लंबा लण्ड है
मेरे भाई , थोड़ा आराम से चोदो अपनी बहिन को ..
आआआहह उनम्म्ममह मेरी जान अब अच्छा लग रहा हाईईईईई की आवाज निकालने लगी जो की बिल्कुल स्लो थी की कोई सुन नहीं सकता था
अब मैं अपना पूरा लण्ड अपनी बड़ी बहिन की चुत से निकलता और फिर वापिस घुसा देता लेकिन ज़्यादा ज़ोर नहीं लगा रहा था की बाजी को ज़्यादा दर्द ना हो कयूं की उनकी चुत बहुत टाइट थी और
वो दूसरी बार ही चुद रही थी मेरे साथ ही
आअहह बाजी ये आप ने मुझे क्या बना दिया हाईईईईई बाजिीइईईईईईईई की आवाज़ भी निकालने लगा
हम दोनो बहिन भाई कोई 15 20 मिनट तक बड़े प्यार और आराम से चुदाई करते रहे जिस मैं बाजी अब दूसरी बार डिस्चर्ग होने क करीब थी और साथ ही मैं भी तो
बाजी जो की पूरा मज़ा ले रही थी अपनी चुदाई का बोली आअहह विकी मेरे बहनचोद भाई
भाईईईईईईईईईअभी थोडा तेज़ करूऊऊ भाईईईईईई मैं गैिईईईईईईई मेरी जान ओह की आवाज़ करने लगी
तो उस वक़्त पता नहीं की मुझे बाजी के मुँह से अपने लिए बहनचोद लफ्ज़ इतना अच्छा लगा की मैं बाजी को पूरी ताक़त से चोदने लगा और
हा फरी बाजी मैं तेरा बहनचोद भाई हूँ और तू मेंरी रंडी बहिन हाईईईई आआहह ये ले बाजी अपने भाई के लण्ड का पानी ....
ऊऊहह की आवाज़ क साथ एक तेज़ झतका दिया और बाजी की चुत मैंन ही अपने लण्ड का पानी गिराने लगा ...
बाजी भी ..जोर जोर से अपनी गांड को हिला रही थी . और उसने मुझे जकड के पकड़ लिया था
मैं फरी बाजी के साथ,उनके ऊपर ही लेटा रहा . और हम दोनों लंबी लंबी साँस लेने लगे
थोड़ी देर के बाद मेने अपना लण्ड बाजी के चुत से बाहर निकल के बाजी के साइड पे लेट गया .
बाजी ने जो की अपने साथ पहले ही एक कपड़ा लाई थी उससे अपनी चुत को साफ़ की और फिर उठ के मेरे लण्ड को साफ़ करने लगी
बाजी ने हंसते हो कहा भाई मज़ा आया की नहीं
मैं... हंसते हुए हाँ बाजी मज़ा तो बहुत आया अपने ने मुझे गाली कयूं दी भला
बाजी... अच्छा जी ज़रा बताओ तो मैने अपनी जान से प्यारे भाई को ऐसी कौन से गाली दे डाली की उसे बुरा लगा
मैं... बोला .वो बाजी बुरा तो नहीं लगा लेकिन फिर भी भला ये कोई अच्छी बात है की आप मुझे ऐसा बोलो
बाजी....लेकिन मेरी जान बताओ तो सही की भला मैने कौन सी गाली दी और क्या गाली दी
जिस से तुमको बुरा लगा
मैं...बाजी.....वो आप ने मुझे कहा था ना वो
बहनचोद ..बहिन छोड़
बाजी... मेरी बात सुन के मेरी गॉल पे चूंटी काटते हुए बोली भाई
क्या मैने ग़लत कहा था क्या तुम बहनचोद नहीं हो
मेरे प्यारे से बहनचोद भैया क्या तुम मेरी चुत का मज़ा नहीं लेते
मैं... बाजी की बात से शर्मा गया और .वो तो बाजी अपने ,ने ही मज़बूर किया था मुझे इस लिए
बाजी... अच्छा जी तो सारा गुनाह अब मेरे सर दे रहे हो मैं... अरे नहीं बाजी मैं तो बस वो खेतों वाली बात के लिए बोल रहा था अभी के लिए तो नहीं बोला
बाजी... देखो भाई अब जिस तरह तुम मेरे बहनचोद भाई बन चुके हो जो की सच है
तो वेसे ही मैं तुम्हारी . बनी चुकी हूँ जिसे जब दिल करे जहाँ दिल करे तुम चोद सकते हो समझे.
लेकिन छुप के .. किसी को पता न चले .
थोड़ी देर तक हम दोनो बहिन भाई इसी तरह हँसी मज़ाक करते रहे और फिर से बाजी के कहने से एक बार और बाजी को चुत मारी और उस के बाद
हम दोनो अपने अपने बिस्तेर पे सो गये
सुबह जब मेरी नींद खुली तो सुबह हो चुकी थी और हल्का हल्का रौशनी हो रही थी जिस की वजह से
मेरी आँख खुली थी मैने बाजी की बिस्तर की तरफ देखा तो वहाँ कोई भी नहीं था
बाजी उठ के नीचे जा चुकी थी शायद
तो मैं भी उठा और नीचे आ के अपने रूम मैं फिर से सो गया
दोबारा मेरी आँख किसी के हिलने से खुली तो उठ क देखा तो अम्मी थी जो मुझे नाश्ते के लिए जगा रही थी मैं अपनी आँखों को मलता उठ गया और बोला क्या अम्मी आज आप गई नहीं अभी तक खेतों मैं
अम्मी... कयूं मैं यहाँ अपने बेटे के पास घर मैं नहीं रह सकती
मैं... जी कयूं नहीं अम्मी ये तो और भी अच्छी बात है की चलो इस बहाने मुझे अपनी स्वीट सी अम्मी के साथ भी थोडा वक़्त गुज़रने का मोका मिलेगा
अम्मी... ज़्यादा माखन नहीं लगाओ बेटा और उठ क नाश्ता करो नाश्ते मैं ज़्यादा देर नहीं करनी चाहिए समझे
मैं... अच्छा जी उठता हूँ आप भी क्या याद करोगी की किस बेटे से पाला पड़ा था अपका
अम्मी... बड़ी मेहरबानी होगी जी बेटा हज़ूर की अपने ने अपनी अम्मी की बात मान ली वरना
हम तो समझे थे की आप हमारा सर ही क़लम करवा देंगे
इस गुस्ताख़ी पे और इतना बोलते ही हंस पड़ी
मैं भी अम्मी की बात सुन के हंस पड़ा और उठके तौलिया उठाया और बहार बने गुसलखाने मैं नहाने के लिए चल दिया
जब नहाके बहार निकला तो अम्मी क साथ मुझे फ़रीदा बाजी और फ़रज़ाना ही नज़र आयी जो की घर के कामों मैं लगी हुए थी
कयुँकि अम्मी घर पे थी इस लिए वरना अब तक फ़रज़ाना तो पका अपनी सहेली बिलो (नाम तो उसका शमा था लेकिन बिली की तरह की आँखों की वजाह से उस का नाम पुरे गावँ मैं बिलो मसहूर हो गया था) के घर अपने डाइजेस्ट ले के पहुँच चुकी होती और दोपहर की खाने पे ही आती
मैं रूम के बहार बने बरामदे मैं ही बैठ गया तो अम्मी मेरे लिए नाश्ता ले की आयी तो मैने फ़रज़ाना जो की मेरी चारपाई जिस पे मैं नाश्ते के लिए बैठा हुआ था
करीब ही सफाई कर रही थी की तरफ देख के अम्मी से बोला देखा
अम्मी आप यहाँ हो तो ये किस तरह घर क काम कर रही है वरना अभी तक अपनी सहेली के घर बैठी डाइजेस्ट पढ़ रही होती
फ़रज़ाना....भाई कयूं मुझे इल्ज़ाम दे रहे हो बाजी से पूछ लो
अम्मी मैं तो सारा दिन घर मैं ही होती हूँ बाहर भी नहीं जाती काम ही इतना होता है भाई झूट बोल रहा है(मुझे घूर रही थी )
अम्मी... फ़रज़ाना बेटी बुरी बात भाइयों को इस तरह नहीं बोलते और फिर ये तो तुम्हारा एक ही भाई है इस की किसी बात का बुरा नहीं मना
दुबारा ऐसा नहीं बोलना
मैं... फ़रज़ाना की तरफ देख के मुस्कराते हो बोला सुना नही क्या तुम ने अम्मी ने क्या कहा है चलो माफ़ी माँगो मुझ से हो सकता है की मैं तुम्हे माफ़ कर ही दूँ
अम्मी...विकी बेटा बुरी बात अब तुम अपनी बहिन को जान बुझ के तंग कर रहे हो चलो नाश्ता करो जल्दी से बाकी का हँसी मज़ाक बाद मैं होता रहेगा और उठ के पीछे की तरफ चल पड़ी
अम्मी के उठते ही फ़रज़ाना फिर से काम मैं लग गई थी और मैं अभी नाश्ते के लिए हाथ धोने ही लगा था की
मेरी नज़र अम्मी की तरफ गई जो की अब मेरी तरफ अपनी पीठ किया जा रही थी की मेरी नज़र उनकी गांड पे गई जिसमैं की उनकी क़मीज़ फाँसी हुयी थी
और उनकी गांड जब अम्मी चलती तो पूरी तरह हरकत करती हुयी नज़र आने लगी जिसे देख के मेरा हल्क़ सूखने लगा क्योंकि अम्मी की गांड कपड़ों मैं ही इतनी प्यारी लग रही थी की क्या बताऊँ
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