RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
थोड़ी देर तक हम मा बेटा इसी तरह एक दोसरे से चिपके किस करते रहे और मैं अम्मी के बूबस और अम्मी मेरे लूँद को हाथ से सहलाती रही फिर
अम्मी ने मुझे सीधा लिटा दिया और खुद बैठ के मेरे फुल हार्ड लूँ,द को देखने लगी और फिर अचानक अम्मी झुकी और मेरे लूँद को कॅप आइस क्रीम की तरह चाटने और सहलाने लगी बड़े ही प्यार से
अम्मी इतने प्यार से मेरे लूँद को चूस रही थी और प्यार कर रही थी के मज़े के मारे मेरे मुह से सिसकियाँ निकालने लगी और
मैं आअहह अम्मिईीईईईईई उनम्म्मह की आवाज़ करने लगाथोड़ी देर तक अम्मी मेरे लूँद को चुस्ती और चाटती रही
फिर अम्मी ने मेरे लूँद को छोड दिया और सीधी हो के बैठ गई और मेरी सलवार जो के मेरे घतनों तक पहले ही उतरी होई थी उतार दी और उस के बाद मेरी तरफ देखते हो अपने कपड़े निकल के इधर उधर फैंक दिए
अम्मी के नंगा होते ही मैने अम्मी को अपनी जगा लेटने को बोला तो
अम्मी को सीधा किया और खुद अम्मी के बूबस को अपने हाथों से सहलाने लगा
और फिर मुह मैं भर के चूसने लगा और उस के बाद मैं उठा और अपनी मा के दोनो तरफ अपनी टाँगों को फैला के बूबस के पास जा के बैठ गया जिस से मेरा लूँद अम्मी के मुह के पास हो गया
अम्मी ने अब और ज़्यादा देर ना करते हो मेरे लूँद को अपने मुह मैं भर लिया और चूसने लगी
अम्मी के मुह मैं अपना लूँद घुसाए चुस्वता रहा और फिर मैं अम्मी के ऊपर से हट गया और खुद अम्मी की टाँगों मैं आ गया और अम्मी की रनो को पूरी तरह खोल दिया
मेने अम्मी की चुत पे जेसे ही अपनी जवान रखी अम्मी मचलने लगी...फिर मेने अम्मी की चुत जिससे मै निकला था चूसना और चाटना चालू कर दिया ...ओह अम्मी... मचल गई.. और बेटा ...किसी ने पहली बार.....ओह याआआआ फली बार छाती है मेरी चुत....ओह्ह्ह्ह बेटा तेरे अब्बू..ने आज तक नहीं..चाटी...
और अम्मी मेरे चुत चाटने की वजह से ...जन्नत मैं पहुंच गई ...
अब मुझे लगने लगा सच मै बहुत प्यासी है मेरी अम्मी ..........बस अब्बू ने चोदा ही था अम्मी को.....
ज्यादा मज़ा नहीं दिया था...... अब मेरा फ़र्ज़ था अपमी अम्मी को खुश करने का..... उसको जिंदगी की चुदाई का मज़े देने का....
मेरी से चुत चुसवाने की वजह से अम्मी जल्दी की...फ़ारिग होने के करीब पहंच गई.... अपना बदन कड़ा करके ...अपनी चुत का पानी मेरे मुह मै दे दिया ....जिसे मैंने चाट चाट के साफ़ कर दिया
मेरा लंड अब फूल टाइट हो गया था ...अम्मी बिस्तर पे लेती हुयी थी आखें बंद कर के ..अपनी चुत चुसाई का मज़ा ले रही थी
तभी मेने अपने लूँद को अपनी सग़ी मा की चुत पे रख के हल्का सा अंदर घुसा दिया
जैसे ही मेरे लूँद की कॅप अम्मी की चुत मैं घुसी अम्मी के मुह से सस्सीईए की हल्की सी आवाज़ निकली और फिर अम्मी ने अपनी टाँगों से मेरी कमर पे आँकड़ा सा बनाया और मुझे अपनी चुत की तरफ दबाया तो
मैने पूरी ताक़त से अपना बाकी का लूँद जो के अभी तक अम्मी की चुत से बाहर था अम्मी की चुत मैं घुसा दिया और झटके मारने लगा
जैसे ही मेरा पूरा लूँद अम्मी की चुत मैं पूरा गया अम्मी के मुह से आअहह विक्की बेटा आराम से ऊऊहह उनम्म्मह क्या लूँद है बेटा तेरा उूउउफफफफफफफ्फ़ मैं मर जाउंगी ... आराम से...
बस यह चुत तेरे अब्बू के छोटे लंड से चुस्दी.... ओह बेटा इतना बडा लंड ...,,,,,,हे.. हाय बेटा की आवाज़ करने लगी और साथ ही नीचे से अपनी गांद को भी मेरे लूँ,द की तरफ उछालने लगी
कोई 3 4 मिनट के बाद मैने अपना लूँद अम्मी की चुत से बाहर निकल लिया और और अम्मी को खड़ा कर के खुद अम्मी की जगा लेट गया और अम्मी को अपने लूँद पे बैठने का इशारा किया तो
अम्मी मेरे दोनो तरफ अपनी टांगे को फैला के खड़ी हो गई और फिर थोडा नीचे झुकी और मेरे लूँद को अपने हाथ से पकड़ के चुत पे सेट किया और पूरी तरह नीचे बैठ गई झटके से जिस से मेरा लूँद अपनी अम्मी की चुत मैं पूरा जा घुसा तो
मेरे मुह से आआहह की आवाज़ निकल गई तो
अम्मी मुस्कुराते हो बोली क्यों बेटा क्या हुआ और साथ ही अपनी गांद को ऊपर से नीचे हिलने लगी
जिस से मेरा लूँ,द अम्मी की चुत मैं थोडा इन आउट होने लगाम्मी अपनी गांद को थोडा सा उठा के फिर से मेरे लूँ,द की तरफ दबा देती और साथ ही कुछ इस तरह से अम्मी अपनी गांद को मेरे लूँ,द पे दबा के रगड़ती के मुझे लगता के अम्मी ने अगर 2 3 बार और ऐसा किया तो मेरा पानी निकल जाए गा तो मैं भी नीचे से अम्मी की चुत की तरफ झटके लगाने लगा और साथ ही आआहह अम्मिईीईईईईई मेरा होने वाला हाईईईईईईईईईईईईईईई उनम्म्मह आमम्म्मिईीईईईईईईईईईईईईईईईई
मैं गया की तेज़ आवाज़ैईन करने लगा
मेरी इन आवाज़ों को सुन के अम्मी भी अपनी आँखों को बंद किए अपनी चुत को ज़रा ज़ोर से मेरे लूँद पे उछालने लगी और आअहह व्क्किईईईईईईईईईईईई मेरे बचे मैं भी आने वालिइीईईईईईईईईईईई हूँ उनम्म्मह आअहह विक्कीईईईईईईईईई की तेज़ आवाज़ के साथ ही मेरे लूँद पे अम्मी की चुत का गरम पानी गिरता महसोस हुआ तो साथ ही मेरे लूँद ने भी पानी छोड दिया तो
अम्मी मेरे ऊपर ही निढाल हो के गिर गई और हम दोनो हांपने लगे
उस रात मैने अम्मी की तीन बार और चुत मारी और फिर हम दोनो मा बेटा नंगे ही एक दोसरे से चिपक के सो गए .
सुबह जुब मेरी आँख खुली तो मैने देखा के मैं अब भी नंगा ही लेटा हुआ था लेकिन अम्मी मेरे पास नहीं थी मैं उठा और साइड मैं पड़ी अपनी सलवार उठा के पहन ली और बाहर निकल आया तो देखा के काफ़ी दिन निकल आया हुआ था और
अबू भी खेतों मैं आ चुके थे मैने इधर उधर देखा लेकिन मुझे अबू के इलावा कोई नज़र नहीं आया तो अबू मुझे इस तरह इधर उधर देखता पा के हल्का सा हंस दिए और बोले क्या बात है बेटा किसे ढूंड रहे हो
मैं... नहीं अबू मैं तो किसी को नहीं
अबू... हाहहहहा यार अब तो तुम मेरे रक़ीब बन चुके हो जिसे मैने खुद ही अपना रक़ीब बनाया है तो इतना क्यूं शर्मा रहे हो
मैं ... अबू की बात सुन के हंस दिया और बोला नहीं अबू बस अम्मी को ही देख रहा था ककहाँ गई
अबू... यार उसे घर मैं भी कुछ काम है इस लिए वो घर चली गई है
आज तेरी अम्मी बहुत खुश होक गयी बेटा.. तुमने रात को उसको बहुत खुश कर दिया.... आज उसके चेहरे पे बहुत सकून था. ......
तुम नहा लो फिर घर जा के नाश्ता भी कर लेना
मैने ट्यूबवेल चला के नाहया और फिर तैयार हो के घर की तरफ चल दिया और जा के सीधा अपने रूम मैं जा घुसा और अपने बिस्तेर पे बैठ के नाश्ते का इन्तजार करने लगा क्यों की मुझे घर मैं इन होता सब ही देख चुके थे
मुझे रूम मैं बेते अभी कुछ ही देर होई थी के अम्मी मेरे लिए नाश्ता ले के आ गई और मेरे सामने नाश्ता लगा दिया तो मैने सर उठा के अम्मी की तरफ देखा तो मुझे उन के फेस पे बड़ी प्यारी सी मुस्कान नज़र आिइ और उन का फेस भी खिला खिला सा नज़र आ रहा था
अम्मी ने भी नाश्ता रख के मेरी तरफ देखा और मुझे अपनी तरफ ही देखता पा के सर झुका गई और उन के फेस पे लाली सी दौड़ गई और अम्मी साइड पे रखी चारपाई पे सर झुका के बैठ गई लेकिन बात कोई नहीं की
मैने भी कोई बात नहीं की अम्मी से और सर झुका के नाश्ते मैं लग गया जो के आम तौर से काफ़ी हावी किस्म का था जिस मैं दूध प्रते एग माखन भी था जो के मैं खामोशी से छत कर गया क्यों रात की मेहनत के बाद इस वक़्त मुझे काफ़ी भुख लग रही थी
नाश्ते के बाद अम्मी ने बिना कोई बात किए बर्तन उठाए और रूम से निकल गई तो अम्मी के जाते ही फरी बाजी रूम मैं आ घुसी और आते ही नौघट्य से अंदाज़ मैं बोली हूउऊन्न्ं भाई क्या बात है
आज तो अम्मी खुद तुम्हारे लिए नाश्ता बना के लाई थी और वो भी इतना ज़बरदस्त
मैं... यार तुम क्यों जल रही हो अगर अम्मी मेरा कुछ ख्याल रखने लगी हैं तो आख़िर मैं बेटा हूँ उन का
बाजी.... कामीने बेटा तो तो अभी बोल रहा है रात को तो मेरी जान ऊओह जानू बोल रहा होगा
मैं... यार बाजी जुब तुम्हें सब पता हो तो क्यों तंग कर रही हो मुझे बाजी........
अच्छा भाई एक बात तो बताओ रात तुम अम्मी को जानजी कह के बुला रहे थे या रहना जान बुलाते रहे
मैं... यार एक बात तो ये है के रात को मुझे इतनी हिम्मत ही नहीं होई के मैं अम्मी से कोई बात भी कर पता क्यों के शरम के मारे मेरी तो गांद ही फटी जा रही थी तो बोलता क्या
बाजी.... हहेहेहेहहहे बेचारा मेरा भाई कितना शर्मिला है बाहर की किसी लड़की को कभी आँख उठा के भी नहीं देखता बस अपने ही घर मैं अपनी मा और बहनों की चुत मैं घुसा रहता है
मैं... यार बाजी कुछ तो शरम करो फ़रीदा या फरजाना मैं से अगर किसी ने सुन लिया तो क्या होगा
बाजी.... यार ज़्यादा से ज़्यादा अबू को या अम्मी को बता देगी तो क्या हुआ डर किस बात का है
मैं... फिर भी बाजी ये ठीक नहीं है हमनें कुछ तो ख्याल करना ही चाहिए बाजी मेरी बात सुन के हंस पड़ी और बोली भाई फरीदा का भी कुछ सोचा है तुम ने या नहीं तो मैने कहा क्यों क्या हुआ उसे
बाजी हंसते हए बोली यार जवान हो चुकी है और जुब कोई लड़की जवान हो जाती है तो उस की चुत मैं खुजली बढ़ जाती है कुछ तो सोचो उस का भी बेचारी को भी एंजाय करने का हक़ है
मैने हेरनी से बाजी की तरफ देखा और बोला यार बाजी आप चाहती क्या हो क्या आप पुरे घर को चुदाई घर तो नहीं बनाना चाहती सोचो तो भाई के कितना मज़ा आएगा
अगर सब ही घर वाले इस खेल मैं शामिल हो जायं तो किसी का भी डर नहीं होगा जिस का जुब दिल चाहे जिस से दिल चाहे अपनी अग को ठंडा करे
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