Desi Porn Kahani काँच की हवेली
05-02-2020, 01:27 PM,
#65
RE: Desi Porn Kahani काँच की हवेली
मोहन बाबू के शरीर के साथ साथ उनकी मौत का रहस्य भी सदा के लिए हवेली के नीचे दबकर रह गया. किसी को ज़रा भी भनक नही लगी कि रात हवेली में क्या हुआ. गाओं का कोई भी इंसान ये नही जान पाया कि हवेली में कितने कारीगर काम करने के लिए आए थे और कितने लौटकर गये. गाओं वालों को ना तो कारीगरों के काम से कोई मतलब था ना उनके नाम और पते से. हां....पर एक नयी खबर जो गाओं वालों के कानो तक पहुँची वो थी राधा देवी के पागल होने की. कोई नही जान पाया कि एक दिन पहले हवेली में आई राधा जी को अचानक रातों रात क्या हो गया कि वो पागल हो गयी?

लोग हैरान हुए परेशान हुए. ठाकुर साहब के दुख का अनुभव करके दुखी भी हुए पर कोई ये नही जान पाया कि ये सब हुआ कैसे? लोगों को इसका जवाब या तो मैं दे सकता था या फिर ठाकुर साहब."

अपनी बात पूरी करके दीवान जी ने कमला जी की तरफ देखा.

कमला जी की आँखों से आँसुओं की बाढ़ बह निकली थी. जो रुकने का नाम ही नही ले रही थी.

कमला जी को रोता देख दीवान जी अपनी सफलता पर मन ही मन मुस्कुराए.

"बेहन जी.....हो सके तो मुझे माफ़ कर दीजिएगा." दीवान जी शोक प्रकट करते हुए बोले - "उस वक़्त मैं विवश था. ठाकुर साहब की मदद करना मेरी मजबूरी बन गयी थी. मेरी पत्नी हॉस्पिटल में थी. मुझे रुपयों की सख़्त ज़रूरत थी. उनकी मदद करने के अलावा मेरे पास और कोई चारा ना था. अगर मैं अपनी स्थिति को भूलकर उनका विरोध करता भी तो सिवाए मुझे नुकसान के कुच्छ ना मिलता. ठाकुर साहब अपने बचाव के लिए कुच्छ भी कर सकते थे. वो मेरी जान भी ले सकते थे. मैं उनके हर आदेश पालन के लिए पूरी तरह से मजबूर था. उन्होने जो भी कहा बिना अधिक सोचे मैं करता चला गया."

"मुझे आपसे कोई शिकायत नही है दीवान जी. उल्टे आपका आभार मानती हूँ कि आपने इस रहस्य को मेरे सामने खोला. वरना मैं सारी ज़िंदगी यही सोचती रहती कि मेरे पति काम पर गये हैं और एक दिन ज़रूर लौटकर आएँगे." कमला जी की रुलाई फुट पड़ी थी.

कमला जी को रोते देख दीवान जी के होंठों में मुस्कुराहट तैर गयी. उनकी ये चाल कारगर होती नज़र आ रही थी.

"लेकिन मैं ठाकुर साहब को माफ़ नही करूँगी दीवान जी." कमला जी अपने आँसुओं को पोछ्ती हुई आगे बोली - "वो समझते हैं इतना बड़ा अपराध करके भी वो बच जाएँगे तो ये उनकी भूल है. मैं उन्हे जैल की हवा खिलाकर रहूंगी."

"नही बेहन जी, आप क़ानूनन उनका कुच्छ नही बिगाड़ सकती." दीवान जी उन्हे टोकते हुए बोले - "बात बहुत पुरानी हो चुकी है, अब तो मोहन बाबू के अवशेष भी मिट्टी में मिल गये होंगे. हम उन्हे मुज़रिम साबित नही कर सकते."

"तो क्या आप चाहते हैं मैं उन्हे अपने पति का खून माफ़ कर दूँ." कमला जी सवालिया नज़रों से दीवान जी को देखती हुई बोली.

"हरगिज़ नही...." दीवान जी तपाक से बोले - "उनका अपराध क्षमा के लायक ही नही है. उन्हे सज़ा ज़रूर दीजिए.....पर ऐसी सज़ा जो मौत से भी बदतर हो."

"तो आप बताइए दीवान जी, जो आप कहेंगे मैं वोही करूँगी. किंतु उन्हे माफ़ नही करूँगी." कमला जी अपने जबड़े भिच कर बोली.

"उनकी सबसे बड़ी सज़ा ये होगी कि आप कंचन को अपनी बहू बनाने से इनकार कर दें. उनकी आधी ज़िंदगी तो राधा जी के दुख में रोते गुज़री है, शेष आधी ज़िंदगी अब बेटी के दुख में रोते हुए गुज़रेगी." दीवान जी कुटिलता के साथ मुस्कुराते हुए बोले.

"कंचन को अपनी बहू बनाने के बारे में तो अब मैं सोच भी नही सकती. जिसके बाप ने मेरे माँग का सिंदूर उजाड़ा है मैं अपने बेटे के हाथों उसकी माँग भराई कैसे करवा सकती हूँ. अब वो कभी मेरे घर की बहू नही बन सकती. कभी भी नही...." कमला जी ढृढ शब्दों में बोली.

कमला जी के अंतिम शब्द सुनकर दीवान जी गदगद हो उठे. उनका छोड़ा हुआ तीर निशाने पर लग चुका था.

"कमला जी वैसे तो मैं बहुत साधारण आदमी हूँ, पर फिर भी जब कभी आपको मेरी मदद की ज़रूरत हो मुझे ज़रूर याद कीजिएगा. मेरे घर के दरवाज़े आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे." दीवान जी दबे शब्दों में कमला जी को अपने घर आने का निमंत्रण दे गये.

"आपका एहसान होगा हम पर दीवान जी. वैसे भी इस गाओं में आपके सिवा हमारा कोई नही."

"आप जाइए बेहन जी और रवि बाबू को लेकर आइए. आज से ये घर आप ही का घर है." दीवान जी कमला जी से बोले.

कमला जी दीवान जी को धन्यवाद कहती हुई उठी और दीवान जी के घर से बाहर निकल गयी.

उनके जाते ही दीवान जी अपनी पत्नी रुक्मणी से बोले. - "अब मेरा बदला पूरा हुआ रुक्मणी. तुमने ये तो सुना होगा कि लोग एक तीर से दो निशाने भी करते हैं, लेकिन आज मैने एक तीर से तीन निशाने किए हैं. तीन..."

रुक्मणी दीवान जी की सूरत देखती रही, किंतु उनकी बातों का अर्थ नही जान पाई.

"नही समझी... .." दीवान जी रुक्मणी को आश्चर्य से देखते हुए बोले - "आज कमला जी को उनके पति की मौत का रहस्य बताकर मुझे तीन फ़ायदे हुए हैं. पहला ये कि कमला जी का बिस्वास जीत लिया. दूसरा ये कि रवि से कंचन को हमेशा के लिए अलग कर दिया. और तीसरा फ़ायदा...." दीवान जी हौले से मुस्कुराए - "तीसरा फ़ायदा ये हुआ कि उस नमक हराम सुगना से निक्की की बर्बादी का बदला ले लिया. कंचन से जितना ठाकुर साहब को प्रेम ना होगा उससे कयि गुना अधिक सुगना को उससे प्रेम है. अब उसे पता चलेगा कि खुद की जान से प्यारी किसी चीज़ को जब तकलीफ़ होती है तब खुद के दिल पर क्या गुज़रती है. मैने उसे ऐसा घाव दिया है कि अब वो सारी उमर सिवाए सिसकने, तड़पने और फड़फड़ाने के अतिरिक्त कुच्छ भी ना कर पाएगा."
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani काँच की हवेली - by hotaks - 05-02-2020, 01:27 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,463,571 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,113 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,216,789 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,287 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,631,486 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,063,018 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,920,664 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,957,023 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,993,034 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,299 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)