RE: Incest Kahani एक अनोखा बंधन
एक अनोखा बंधन--30
गतान्क से आगे.....................
“ये हैं सौरव दा. इन्होने कोल्ड ड्रिंक का परबंध किया है यहा पर. इतनी गर्मी में कोल्ड ड्रिंक सभी को थोड़ी राहत देगी.”
“आदित्य और ज़रीना ने सौरव का भी हाथ जोड़ कर शुक्रिया अदा किया.
,, ये हैं राज शर्मा मेरे दोस्त आज ही किसी काम से मेरे पास आए थे जब इन्होने तुम्हारे प्यार के बारे मे सुना तो तुमसे मिलने के लिए बेताब हो गये ये कहानियाँ लिखते है और अब तुम्हारी कहानी को भी ये अपने ब्लॉग पर डालने वाले है
आदित्य और जरीना ने राज शर्मा को हाथ जोड़ कर प्रणाम किया
“ये हैं मनोज जी. इतने खुश हैं आपकी शादी से की सुबह से यही के चक्कर काट रहे हैं.”
आदित्य और ज़रीना ने मनोज को हंसते हुवे हाथ जोड़ कर प्रणाम किया.
“ये हैं नाइस विका जी. इतने खुस है ये तुम दोनो की शादी से कि संगीत का आयोजन कर दिया है इन्होने यहा. हल्का-हल्का मध्यम म्यूज़िक चलता रहेगा ताकि मंदिर में किसी को तकलीफ़ ना हो.”
आदित्य और ज़रीना ने हाथ जोड़ कर विका को भी नमस्कार कहा.
“ये हैं मनीष जी. इन्होने शादी के फोटोस खींचने का जिम्मा ले लिया है.” रवि ने कहा.
आदित्या और ज़रीना ने मनीष को भी हाथ जोड़ कर नमस्कार कहा.
“ये हैं रोहन जी. राजनीति में अच्छी पकड़ है इनकी मगर फिर भी एलेक्षन हार गये. ये भी ख़ुसी ख़ुसी आए हैं यहा”
आदित्य और ज़रीना ने रोहन को भी हाथ जोड़ कर नमस्कार किया.
“लास्ट बट नोट दा लिस्ट ये हैं रोहित पांडे. बहुत बिज़ी थे ये भी. लेकिन शादी में आने से खुद को रोक नही पाए.”
आदित्य और ज़रीना ने रोहित को भी हाथ जोड़ कर नमस्कार किया.
“वैसे आप इन सबको कैसे जानते हैं पंडित जी.” आदित्य ने पूछा.
“यू ही एक दिन अचानक मिल गये थे सभी. कब दोस्ती हो गयी पता ही नही चला. चलो अब शुभ मुहूरत का वक्त निकला जा रहा है. आओ जल्दी से पहले तुम दोनो के फेरे करवा दूं बातें तो होती रहेंगी.” रवि ने कहा.
रवि उनको मंडप की तरफ ले जा ही रहा था कि जिम्मी भी आ गयी. साथ में होटेल के रिसेप्षनिस्ट मनीष भी थे.
रवि आदित्य और ज़रीना को मंडप में ले आया और उन दोनो को अग्नि के सामने बैठने को कहा. ज़रीना और आदित्य ने एक दूसरे की तरफ देखा. दोनो की ही आँखे नम थी. ये ख़ुसी के आँसू थे. आदित्य ने ज़रीना का हाथ थाम लिया और उसे बैठने का इशारा किया.
पूरा एक घंटा लगा पूरे प्रोसेस में. सभी लोग उन दोनो के हर फेरे पर ताली बजा रहे थे. आदित्य और ज़रीना ने सोचा भी नही था कि इतनी रोनक लग जाएगी उनकी शादी में. उनकी शादी धूम धाम से हो रही थी. फेरो के बाद सभी ने मंदिर के एक कोने में इकट्ठा हो कर सवादिस्ट खाने का आनंद लिया.
खाना इतना था कि मंदिर में आ रहे दूसरे लोग भी खाना खा सकते थे. कुछ खा भी रहे थे. आदित्य और ज़रीना ने मंदिर के बाहर बैठे ग़रीब लोगो को अपने हाथो से खाना दिया. बहुत खुस थे दोनो इश्लीए भगवान के हर बंदे के साथ अपनी ख़ुसी बाँटना चाहते थे.
सभी का हाथ जोड़ कर शुक्रिया करके आदित्य और ज़रीना टॅक्सी में बैठ कर होटेल की तरफ चल दिए.दोनो के चेहरे पर शुकून था और एक प्यारी सी मुश्कान हर वक्त उनके चेहरे पर चिपकी हुई थी.
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