RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
जैक क्रेमर के माथे पर सिलवटें पड़ गयीं ।
गहरी सिलवटें !
वो अब साफ-साफ चिन्तित नजर आ रहा था ।
नींद उसकी पूरी तरह उड़ चुकी थी ।
उस वक्त जैक क्रेमर रेडियो रूम में बैठा था और उस रिकार्ड संदेश को कई मर्तबा सुन चुका था, जो उसके किसी दुश्मन ने जंगल में आने के बाद ट्रांसमीटर पर कहीं भेजा था ।
जैक क्रेमर लगभग पचपन-छप्पन साल का बहुत तन्दुरूस्त देहयष्टि वाला अमरीकन था । इस उम्र में भी उसका शरीर गठा हुआ था और उसकी नजर गिद्ध की तरह तेज थी । उसके बाल सन की तरह सफेद थे, जो उसके व्यक्तित्व की ओर भी ज्यादा रौबदार बनाते थे और भी ज्यादा आकर्षक बनाते थे ।
“क्या भाषा आपके कुछ समझ में आयी सर ?” गार्ड ने पूछा ।
“नहीं, भाषा तो मेरे भी कुछ समझ में नहीं आयी हैं ।” जैक क्रेमर बोला- “बस कुछ कोड वर्ड हैं, जिनमें संदेश जंगल से बाहर कहीं भेजा गया है । परन्तु इस संदेश से एक बात कन्फर्म हो चुकी है ।”
“क्या ?”
“उस आदमी के इरादे नेक नहीं हैं, जो जंगल में दाखिल हुआ है । अगर उसके इरादे नेक होते, तो वह इस तरह की गुप्त भाषा का प्रयोग हर्गिज नहीं करता ।”
“फिर तो हमें फौरन कुछ करना होगा ।”
“चिन्ता मत करो ।” जैक क्रेमर बोला- “उसके ट्रांसमीटर पर बात करने का ढंग बता रहा है, कि वह जंगल में अकेला है ।”
“अकेला ।”
“हाँ, अकेला ! और वह क्योंकि अकेला घुसा है, इसलिए वह हम सब बारह यौद्धाओं तथा हमारी पूरी फौज का सामना नहीं कर पायेगा । अब इस जंगल में से उसकी सिर्फ लाश ही बाहर निकलनी है ।”
“फिर भी हमें दुश्मन को इतना अधिक कमजोर नहीं समझना चाहिये सर !” गार्ड बोला- “जो आदमी अकेले ही जंगल में घुसने की हिम्मत दिखा सकता है, उसमें कुछ न कुछ खूबी तो जरूर होगी ।”
“मैं जानता हूँ ।” जैक क्रेमर ने दांत किटकिटाये- “परंतु वह कितना ही हिम्मतवर क्यों न सही, बर्मा के इन खौफनाक जंगलों में घुसकर उसने अपनी मौत को दावत दे डाली है ।”
☐☐☐
वह जैक क्रेमर का शयन कक्ष था, जो किसी बड़े हॉल कमरे जैसा था ।
जिस पर जैक क्रेमर बैठा था ।
नजदीक ही आतिशदान में आग जल रही थीं, जिसकी तमतमाहट जैक क्रेमर के चेहरे पर फैली हुई थी । रात के पौने तीन बजे का समय था । जैक क्रेमर की स्थिति बता रही थी कि वह बेसब्री से किसी का इंतजार कर रहा है ।
तभी बाहर गलियारे में कुछ कदमों की आहट उभरी ।
कुछ लोग उसी तरफ चले आ रहे थे ।
जैक क्रेमर चौंकन्ना हो उठा ।
यही वो क्षण था, जब उसके शयन-कक्ष का दरवाजा खुला और दो गार्ड अंदर आ गये ।
“क्या सूचना है ?”
“हूपर साहब आ रहे हैं ।” उनमें से एक गार्ड बड़े तत्पर भाव से बोला- “वह गहरी नींद में थे, इसीलिए उन्हें यहाँ आने में थोड़ा वक्त लग गया ।”
गार्ड के अभी शब्द भी पूरे नहीं हुए थे कि तभी शयन-कक्ष का दरवाजा पुनः खुला और इस मर्तबा एक बड़े देवकाय डील-डौल वाले आदमी ने अंदर कदम रखा ।
वह हूपर था ।
पहला योद्धा !
हूपर की उम्र ज्यादा नहीं थी, वह मुश्किल से पैंतीस-छत्तीस साल का नौजवान था । वह भूटानी आदमी था और दुनिया का सबसे ज्यादा खतरनाक चाकूबाज समझा जाता था ।
वह काले चमड़े की ड्रेस पहनता था ।
हूपर की वह ड्रेस भी खास थी ।
दरअसल चमड़े की उस ड्रेस में जगह-जगह इतने चाकू छिपे रहते थे, जिनका कोई अंदाजा भी न लगा सके ।
कभी उस देवकाय डील-डौल वाले हूपर ने पूरे भूटान में तहलका मचा दिया था ।
वहाँ उसने दर्जनों आदमियों को अपने चाकू से बेध डाला था ।
जिनमें कई बड़े-बड़े उद्योगपतियों से लेकर फिल्म स्टार और लेखक तक थे ।
यह सारी हत्यायें हूपर ने दौलत के लिए कीं ।
उसने हर किसी को चाकू से बेधा ।
दर्जनों हत्यायें करने के बाद हूपर का हौसला इतना ज्यादा बढ़ गया कि एक दिन उसने भूटान नरेश के कत्ल की सुपारी भी ले ली ।
वही सुपारी लेनी हूपर को महंगी पड़ी ।
वह भूटान नरेश को तो अपने धारदार चाकुओं से न बेध सका, अलबत्ता उसके इरादों की भनक भूटान की पुलिस को जरूर लग गयी और बस फौरन पुलिस तथा भूटान का इंटैलीजेंस ब्यूरो डिपार्टमेंट उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गया ।
नतीजतन हूपर को वहाँ से भागना पड़ा और आज की तारीख में वह उन खतरनाक बारह यौद्धाओं के ग्रुप का एक मजबूत स्तम्भ बना हुआ था और ड्रग्स का व्यापक स्तर पर कारोबार करने के साथ-साथ पूरे बर्मा देश पर कब्जा करने की गतिविधियों संलिप्त था ।
“आओ हूपर !”
हूपर को देखते ही जैक क्रेमर अपनी कुर्सी छोड़कर खड़ा हो गया ।
हूपर बिल्कुल किसी मरखने हाथी की तरह चलता हुआ अंदर आया था । वह उस समय भी चमड़े की काली ड्रेस पहने था ।
“हैलो सर !”
“हैलो !”
दोनों के हाथ गरमजोशी के साथ मिले ।
जैक क्रेमर को तमाम यौद्धा ‘सर’ कहते थे ।
वह उन सबका लीडर भी था और सबसे उम्र में बड़ा भी ।
“बैठो हूपर !”
हूपर उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया ।
“मैंने तुम्हें एक बेहद खास वजह से यहाँ बुलाया है ।” जैक क्रेमर भी वापस अपनी कुर्सी पर बैठता हुआ बोला ।
“किस वजह से ?”
“अभी-अभी मुझे सूचना प्राप्त हुई है कि जंगल में हमारा कोई दुश्मन घुस आया है । तुम्हें फौरन हरकत में आना होगा हूपर ! इससे पहले की वह इन जंगलों में हमारे खिलाफ किसी बड़े कारनामे को जन्म दें, तुमने उसे जिन्दा ही गिरफ्तार कर लेना है या फिर उसके जिस्म को अपने धारदार चाकुओं से बेध डालना है ।”
“क्या वो अकेला है ?”
“हाँ , मालूम तो ऐसा ही होता है कि वो अकेला ही जंगल में घुसा है । परन्तु फिर भी तुमने अपनी तरफ से पूरी तैयारी करके जाना हैं, ताकि अगर दुश्मनों की संख्या ज्यादा भी हो, तब भी वह न बच सकें । इस काम के लिये तुम जितने गार्ड ले जाना चाहो, ले जाओ ।”
उस खबर को सुनकर हूपर की नींद पूरी तरह उड़ चुकी थी ।
“क्या मुझे दिन निकलने का इंतजार नही करना चाहिये ?” हूपर बोला ।
“नहीं ।” जैक ने तुरन्त सख्ती से उसकी बात काटी- “जब दुश्मन सिर पर आ खड़ा हुआ हो, तब वक्त का इंतजार नहीं किया करते हूपर ! फौरन गार्ड लेकर जंगल में फैल जाओ और जितना जल्द-से-जल्द हो सके, दुश्मन को तलाश करो ।”
“दुश्मन का कोई हुलिया, कोई तस्वीर, कोई नाम ?”
“दुश्मन के बारे में कैसी भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है । उसकी आवाज सिर्फ रेडियो-बोर्ड पर सुनी गयी है, जब वह किसी को ट्रासमीटर पर कोई संदेश भेज रहा था । संदेश भी गुप्त भाषा में था ।”
“यानि दुश्मन बेहद चालाक है ।”
“चालाक भी और बहुत बहादुर भी ।” जैक क्रमर बोला- “क्योंकि अगर वो बहादुर न होता, तो अकेला ही इतने बड़े मौत के मुंह में न कूद पड़ता ।”
“ओके सर ! मैं अभी जंगल में उसके विरूद्ध जाल फैलाता हूँ ।”
हूपर तुरन्त कुर्सी छोड़कर खड़ा हो गया ।
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