RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
दुनिया का सबसे खतरनाक चाकूबाज हूपर उस समय जंगल के नीचे बनी एक काफी बड़ी सुरंग में मौजूद था । उस पूरे जंगल में सुरंगों का मायाजाल फैला था । वहाँ बड़ी-बड़ी सुरंगे थीं, जो जगंल में नीचे-ही-नीचे बनी थीं ।
और तमाम सुरंगें एक-दूसरे से जुड़ी थीं । उन बारह योद्धाओं ने मिलकर ही उन सुरंगों का निर्माण किया था और आज की तारीख में वो सुरंगें उनकी बहुत बड़ी ताकत बनी हुई थीं । कुछ महीने पहले जब बर्मा की फौज ने जंगल में घुसकर उन सभी बारह योद्धाओं को तथा उनके जंगल में फैले पूरे साम्राज्य को खत्म कर देना चाहा था, तो वही सुरंगें उन योद्धाओं की सबसे बड़ी मददगार साबित हुई थीं । योद्धाओं ने सुरंगों में घुस-घुसकर ही कुछ इस तरह अलग-अलग दिशाओं से बर्मा की फौज पर आक्रमण किया कि फौज के छक्के छूट गये । जंगल में चारों तरफ फौजियों की लाशें-ही-लाशें बिछी नजर आने लगीं । बर्मा की फौज की सबसे बड़ी मुश्किल ये थी कि वो उन सुरंगों की निर्माण-पद्धति से भी वाकिफ नहीं थी ।
नतीजतन बर्मा की फौज को उन योद्धाओं के सामने घुटने टेकने पड़े और जंगल छोड़कर भाग जाना पड़ा ।
इसके अलावा उन योद्धाओं की एक और बहुत बड़ी ताकत थी । आसपास के गावों में जो जंगली लोग रहते थे और जो मूलतः बर्मा के ही नागरिक थे, वह भी अब उन बारह योद्धाओं के गुलाम बन चुके थे ।
दरअसल वह जंगली उन योद्धाओं के नशीले पदार्थ खच्चरों पर ढो-ढोकर इधर-से-उधर ले जाते थे, जिनका उन्हें अच्छा-खासा मेहनताना मिलता ।
दूसरे शब्दों में जब से वह बारह योद्धा जंगल में आये थे, तब से उन जंगलियों की किस्मत ही बदल गयी थी ।
अब वह खुशहाल थे ।
“क्या खबर लाये हो ?” हूपर ने सुरंग में एक हथियारबंद गार्ड को दाखिल होते देखकर पूछा ।
भारी-भरकम शरीर वाला हूपर उस समय एक कुर्सी पर बैठा था ।
“हूपर साहब, आपके आदेश के मुताबिक यह खबर पूरे जंगल में फैलायी जा चुकी है ।” गार्ड ने आते ही कहा- “कि हमारा एक दुश्मन जंगल में घुस आया है, जिसके इरादे नेक नहीं मालूम होते । ज्यादातर संभावना इसी बात की है कि वो अकेला है, मगर हम लोगों ने इस बात को भी मद्देनजर रखकर चलना है कि उसके और साथी भी जंगल में हो सकते हैं ।”
“यानि अब जंगल का हर आदमी इस बात को जानता है कि कोई अजनबी वहाँ घुस आया है ?” हूपर बोला ।
“बिल्कुल ।”
गार्ड की आवाज गरमजोशी से भरी थी ।
“और क्या गांव वालों को भी यह बात बतायी गयी ? जंगलियों तक भी यह सूचना पहुँचाई गयी ?”
“उन तक भी यह सूचना पहुचाई जा चुकी है । इस वक्त आप यह समझें हूपर साहब, यह पूरा जंगल उस अजनबी के लिये खतरे की घण्टी बन चुका है । अब कोई भी जगह उसके लिये महफूज नहीं है, जल्द ही वो किसी-न-किसी की निगाह में जरूर आयेगा ।”
“फिलहाल कहीं से कोई रिपोर्ट हासिल हुई ?”
“नहीं, अभी तो कोई रिपोर्ट नहीं मिली ।”
“हूँ !”
हूपर ने धीरे से हुंकार भरी । वो निराश नहीं था ।
वो जानता था, जल्द ही कहीं-न-कहीं से कोई शुभ समाचार उसे जरूर मिलेगा ।
उस वक्त भी वो चमड़े की ही काली जैकिट और काली पेण्ट पहने था, जिसमें दर्जनों की संख्या में उसके पसंदीदा चाकू छिपे थे ।
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