Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
05-16-2020, 01:16 PM,
#15
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
कमाण्डर करण सक्सेना को खतरे का अहसास हो रहा था ।
उसे लग रहा था, उसके जंगल में मौजूद होने की खबर अब तक किसी तरह योद्धाओं तक जरूर पहुँच चुकी है ।
हमला अब उसके ऊपर कभी भी हो सकता है ।
किसी भी क्षण ।
चलते-चलते कमाण्डर ठिठका ।
उसे जंगल में सामने की तरफ से कुछ कदमों की आवाज सुनायी दे रही थी ।
कमाण्डर ने ध्यानपूर्वक उस आवाज को सुना ।
वह काफी सारे कदमों की आवाज थी । लगता था, कई आदमी लम्बे-लम्बे डग रखते हुए उसी तरफ चले आ रहे थे ।
कमाण्डर करण सक्सेना ने फौरन अपनी कोल्ट रिवॉल्वर निकाल ली और वह झपटकर नजदीक की झाड़ियों में ही जा छिपा ।
उसने अपनी कोल्ट रिवॉल्वर का चैम्बर खोलकर देखा ।
एक गोली कम थी ।
कमाण्डर ने फौरन खाली चैम्बर में गोली डाल दी और चैम्बर बंद किया ।
फिर वो आंगतुकों की प्रतीक्षा करने लगा ।
जल्द ही उसे काफी सारे गार्ड नजर आये । वह मूंगिया रंग की फौजी ड्रेस पहने थे और उन सबके कंधों पर ए0के0 सैंतालिस असाल्ट राइफलें लटकी थीं । पैरों में ऐमीनेशन ब्लैक बूट थे और सिर पर मूँगिया रंग के ही फौजी हैट थे । अपनी वर्दी में ही वह कोई बहुत खतरनाक किस्म के लड़ाका नजर आ रहे थे ।
वह कुछ बातें भी कर रहे थे ।
कमाण्डर करण सक्सेना ने उन दसों गार्डों की बातचीत भी ध्यान से सुनीं ।
उस वक्त वो सभी गार्ड उसी के बारे में बात कर रहे थे और उनके वार्तालाप से ऐसा महसूस हो रहा था कि वह सब झोंपड़ी की तरफ ही आ रहे हैं ।
कमाण्डर ने तुरंत हरकत दिखाई ।
वह एकाएक कोल्ट रिवॉल्वर हाथ में लिये-लिये झपटकर झाड़ियों के झुण्ड से बाहर निकल आया और शेर की तरह उन सबके सामने जा खड़ा हुआ ।
वह सब हकबकाये ।
कमाण्डर करण सक्सेना का आगमन एकदम इतने अप्रत्याशित ढंग से हुआ था कि उन्हें इतना मौका भी न मिल सका, जो अपनी-अपनी राइफल उतारें ।
“कौन हो तुम ?” एक चीखा ।
“तुम्हारा बाप ! जिसे दबोचने के लिए तुम सब लोग झोंपड़ी की तरफ आ रहे हो ।”
वह कुछ करते, उससे पहले ही रिवॉल्वर कमाण्डर की उंगलियों के गिर्द फिरकनी की तरह घूमी और फिर उसने धांय-धांय गोलियां चलानी शुरू कर दीं ।
फौरन चार गार्ड लुढ़क गये ।
“यह वही है ।” तभी एक गार्ड हलक फाड़कर चिल्लाया- “वही, जो जंगल में घुस आया है । मारो इसे ! मारो !”
तब तक कुछ गार्डों ने झपटकर अपने-अपने कंधों पर लटकी राइफलें उतार ली थीं और वह दौड़कर इधर-उधर झाड़ियों में जा छिपें । वहीं उन्होंने मोर्चाबंदी कर ली ।
कमाण्डर करण सक्सेना भी अब दौड़कर वापस उन्हीं झाड़ियों में जा छिपा, जहाँ से वो प्रकट हुआ था ।
तुरंत चारों तरफ से झाड़ियों पर गोलियां चलने लगीं ।
कमाण्डर बिल्कुल जमीन से चिपककर लेट गया ।
गोलियां पीठ पर बंधे उसके हैवरबैक बैग के ऊपर से होकर गुजरती रहीं । ऐसा लग रहा था, जैसे झाड़ियों पर गोलियों की बारिश हो रही हो । उनके पास चूंकि ए0के0 सैंतालिस असाल्ट जैसी अत्याधुनिक राइफलें थीं, इसलिए वो बस्ट फायर कर रहे थे ।
फिर गोलियों की वो बारिश रूक गयी ।
कमाण्डर तब भी कितनी ही देर जमीन से चिपका लेटा रहा ।
उसके बाद उसने अपना सिर आहिस्ता से ऊपर उठाया ।
चारों तरफ शान्ति थी ।
गहन शान्ति ।
ऐसा लगता था, जैसे वहाँ कोई न हो ।
जबकि वह सभी यमदूत अभी भी झाड़ियों मे छिपे बैठे थे ।
वह मौके की इंतजार में थे । जरा-सा मौका मिलते ही वह कमाण्डर करण सक्सेना को भूनते ।
चारों लाशें अभी भी यथास्थान पड़ी थीं ।
कमाण्डर उनकी तरफ से किसी दूसरे हमले की प्रतीक्षा करता रहा । लेकिन कितनी देर तक भी उनकी तरफ से कोई हमला न हुआ ।
कमाण्डर के कान खड़े हुए ।
क्या चक्कर था ?
जरूर वह लोग कोई चाल चल रहे थे ।
तभी कमाण्डर को झाड़ियों में अपने पीछे की तरफ से बहुत हल्की सरसराहट की आवाज सुनायी पड़ी ।
कमाण्डर ने अपनी गर्दन कछुए की तरह बिल्कुल निःशब्द अंदाज में दायीं तरफ घुमायी तथा फिर तिरछी निगाह करके पीछे की तरफ देखा ।
तत्काल उसे अपने पीछे एक गार्ड चमका ।
वह सरसराता हुआ उसी की तरफ बढ़ रहा था ।
कमाण्डर बेपनाह फुर्ती के साथ झाड़ियों में उनकी तरफ घूम गया और घूमते ही उसने गोली चलायी ।
गार्ड की आखें दहशत के कारण फटी की फटी रह गयीं ।
उसने बिल्कुल अंतिम क्षणों में जो राइफल का ट्रेगर दबाने का प्रयास किया था, उसका वह प्रयास कामयाब न हुआ । वो राइफल पकड़े-पकड़े वहीं झाड़ियों में ढेर हो गया ।
उसी क्षण कमाण्डर के ऊपर पुनः चारों तरफ से धुआंधार बस्ट फायर होने लगे ।
कमाण्डर वापस जमीन से चिपक गया ।
तभी उसने एक गार्ड को सामने वाली झाड़ियों में से निकलते देखा । वो बहुत गुस्से में था और राइफल से पागलों की तरह बस्ट फायर करता हुआ उसी की तरफ दौड़ा चला आ रहा था ।
जरूर मरने वाला गार्ड उसका कोई सगा-सम्बन्धी था ।
कोल्ट रिवॉल्वर एक बार फिर कमाण्डर की उंगलियों की गिर्द फिरकनी की तरह घूमी और गोली चली ।
वह गार्ड भी भैंसे की तरह डकरा उठा ।
गोली ने ऐन उसके दिल में जाकर सुराख किया था ।
उसके दिल में से खून का ऐसा तेज फव्वारा छूटा, मानों किसी ने नलका खोल दिया हो ।
वो चीखता हुआ बीच रास्ते में से ही नीचे गिर पड़ा ।
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार - by hotaks - 05-16-2020, 01:16 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,454,792 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,147 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,243 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,177 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,626,019 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,058,843 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,913,502 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,933,188 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,983,908 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,457 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)