RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
“हम लोग काफी आगे निकल आये हैं ।” एक गार्ड कह रहा था- “मैं समझता हूँ कि कमाण्डर करण सक्सेना अब जंगल में यहीं कहीं होना चाहिये ।”
“नहीं ।” ली मारकोस बोला- “अभी और आगे चलो ।”
“क्या हम ठीक जगह पर नहीं पहुंचे है ?”
“नहीं, कमाण्डर अभी यहाँ तक नहीं पहुँचा होगा । आखिर हूपर की हत्या हुए अभी ज्यादा समय नहीं गुजरा है ।”
“ओके, तो मैं जीप और आगे बढ़ाता हूँ ।”
जीप पहले की तरह ही जंगल में और आगे बढ़ चली ।
वह कई सारी जीपों का काफिला था, जो बर्मा के उन जंगलों में अंदर ही अंदर कच्ची चकरोड सड़क से होकर आगे की तरफ बढ़ता जा रहा था ।
सबसे आगे वाली जीप में ली मारकोस और बार्बी बैठे थे ।
इसके अलावा उस जीप में तीन गार्ड और थे ।
जबकि पिछली तमाम जीपों में तो दर्जनों की संख्या में हथियारबंद गार्ड भरे हुए थे ।
सब-के-सब बेहद खतरनाक ।
भिन्न-भिन्न युद्ध कलाओं में महारथी ।
ली मारकोस भी उस समय अपने खतरनाक शस्त्र ‘समुराई तलवार’ के साथ जीप में मौजूद था और अपने चिर-परिचित समुराई फाईटरों वाली ड्रेस में था ।
समुराई फाइटर हमेशा सिर से पांव तक काले रंग की ड्रेस पहनते हैं, जो उनके शरीर से चिपकी होती है ।
वैसी ही काले रंग की चिपकी हुई ड्रेस इस वक्त ली मारकोस ने पहनी हुई थी ।
उसकी समुराई कमर के साथ बंधी थी ।
समुराई की म्यान लकड़ी की थी और उसकी मूठ पर लाल रंग का रिबन बंधा था । समुराई की एक खास बात और होती है, उसके दोनों तरफ धार मिलेगी ।
धार भी बेहद पैनी !
जो समुराई का ‘ग्रेंड मास्टर’ होता है, वह अपनी समुराई से पेड़ के मजबूत तने से लेकर लोहे के पाइप तक को काट डालता है ।
और ली मारकोस भी ‘ग्रेंड मास्टर’ ही था ।
कभी समुराई फाइटिंग में उसने पूरे जापान के अंदर तहलका मचा दिया था ।
उसने दर्जनों की तादाद में समुराई के बड़े-बड़े मुकाबले जीते ।
उसके नाम का आतंक पूरे समुराई जगत पर छाता चला गया । परन्तु ली मारकोस में एक भयंकर कमी भी थी । वह अपराध प्रवृत्ति का आदमी था । दौलत का बेपनाह भूखा था । जब उन मुकाबलों से हासिल होने वाली दौलत से भी उसका पेट नहीं भरा, तो वह अपराध की दुनिया में आ गया और अपनी समुराई से भोले-भाले लोगों पर कहर बरपा करने लगा ।
अपराध का वह सिलसिला जो एक बार शुरू हुआ, तो फिर अभी तक जारी था ।
“जरा सोचो !” ली मारकोस के बराबर में बैठी बार्बी कह रही थी- “अगर कमाण्डर इस समय एकाएक हम लोगों के सामने आ जाये तो क्या होगा ।”
“कुछ भी नहीं होगा ।” ली मारकोस फुंफकारकर बोला- “फौरन बिजली जैसी अद्वितीय तेजी के साथ मेरी समुराई म्यान से बाहर निकलेगी और अगले ही क्षण उसकी गर्दन धड़ से कटकर अलग जा पड़ेगी ।”
“क्या सचमुच कमाण्डर करण सक्सेना को मारना इतना ही आसान होगा ?”
“इससे भी कहीं ज्यादा आसान होगा डार्लिंग ।” ली मारकोस घमण्डपूर्वक बोला- “एक बार तुम उसे बस मेरे सामने आने दो, फिर मेरी समुराई का जौहर देखना । उसे चीखने तक का मौका भी नहीं मिलेगा ।”
बार्बी ने कुछ न कहा ।
परन्तु वो कमाण्डर को इतना साधारण इंसान नहीं समझती थी, जिसे इतनी सहजता के साथ शिकस्त दी जा सके ।
जीपों का काफिला पहले की तरह ही आगे बढ़ रहा था ।
“बस !” तभी एकाएक ली मारकोस ने कहा- “जीप यहीं रोक दो ।”
गार्ड ने फौरन जीप के ब्रेक अप्लाई किये ।
पहिये चीख उठे ।
वो काफी दूर तक घिसटते चले गये थे और फिर रूक गये ।
उस जीप के रूकते ही पीछे जितनी भी जीपे चली आ रही थीं, वह भी एक-एक करके रूकती चली गयीं ।
ली मारकोस दूरबीन आँखों पर चढ़ाकर जंगल का अब अच्छी तरह मुआयना कर रहा था । फिर उसने दूरबीन गले में डाल ली ।
“हम बिल्कुल ठीक जगह है ।” उसके बाद वो जीप से बाहर निकलता हुआ बोला- “हमारा दुश्मन अब इससे आगे जंगल में कही भी हो सकता है, किसी भी जगह हो सकता है ।”
फिर एक-एक करके तमाम हथियार बंद गार्ड जीपों से बाहर निकलने लगे ।
|