RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
ली मारकोस और बार्बी की हथियारबंद टुकड़ियां घनघोर जंगल में निरंतर आगे की तरफ बढ़ रही थीं ।
एक बात उन दोनों टुकड़ियों के बीच पहले ही तय हो चुकी थी कि जंगल में एक खास प्वाइंट पर पहुँचकर वह दोनों टुकड़ियां फिर एक जगह मिलेंगी और उसी प्वाइंट पर वहाँ तक घटी तमाम घटनाओं की सूचनाओं का उनके बीच आदान प्रदान होगा ।
दोनों टुकड़ियां जब बिल्कुल अलग-अलग दिशाओं से चलती हुई उस एक खास प्वाइंट पर पहुंची, तो आधी रात हो चुकी थी और अंधेरा अब उस पूरे जंगल में इस कदर फैल चुका था कि हाथ को हाथ सुझाई देना भी मुश्किल था ।
उस प्वाइंट पर पहुँचते ही बार्बी ने एक छोटा सा कैंडिल स्टैंड जलाया, जो पारदर्शी कांच के एक ग्लोब से ढका हुआ था ।
उसकी रोशनी वहाँ आसपास फैल गयी ।
“दुश्मन का कुछ पता चला ?” ली मारकोस ने बार्बी से सबसे पहला सवाल यही किया ।
“अभी तक तो कुछ मालूम नहीं हुआ, क्या तुम्हें पता चला ?”
“नहीं, मुझे भी कुछ पता नहीं चला है । जबकि हम लोग तीन किलोमीटर आगे जा चुके हैं ।” ली मारकोस बोला- “हम जिस प्रकार व्यूह रचना करते हुए यहाँ तक आये हैं, उससे तो यही साबित होता है कि दुश्मन तीन किलोमीटर के उस क्षेत्रफल में था ही नहीं, वरना वो हमारी नजरों से छिपा न रहता ।”
“जंगली लोग कहाँ है ?”
“वह शायद हमसे काफी आगे निकल गये हैं ।” ली मारकोस बोला- “उनकी आवाजें भी नहीं आ रही हैं ।”
“हूँ ।”
“अब क्या करना है ?”
बार्बी ने कैंडिल स्टैंड के नजदीक जाकर अपनी रिस्टवॉच देखी ।
बारह पैंतीस का टाइम था ।
“मैं समझती हूँ ।” बार्बी बोली- “फिलहाल रात काफी हो चुकी है । साढ़े बारह बज रहे हैं । अब हमें थोड़ी देर यहीं आराम करना चाहिये, जब कुछ घण्टे बाद थोड़ी रोशनी हो जायेगी, तब हम फिर आगे बढ़ेंगे । क्या विचार है ?”
“विचार बुरा नहीं ।” ली मारकोस बोला- “मैं भी यही सोच रहा था कि थोड़ी देर आराम किया जाये । दोस्तों !” ली मारकोस हथियारबंद गार्डों की तरफ घूमा- “रात गुजारने का यही इंतजाम करो । जीप से निकलकर कुछेक तम्बू गाड़ लो ।”
“ठीक है मारको साहब, अभी रात गुजारने का बंदोबस्त करते हैं ।”
तुरंत ही कई सारे गार्ड जीपों के अंदर रखे छोटे-छोटे तम्बू निकालने लगे तथा उन्हें वहीं जंगल में गाड़ने के कार्यकलाप में जुट गये ।
उन तम्बुओं की संख्या कोई दस थी, जो जंगल में एक ही जगह पर थोड़े-थोड़े फासले से गाड़ दिये गये थे ।
वह नीली और सफेद पट्टियों वाले तम्बू थे ।
जहाँ ज्यादातर गार्ड उन तम्बुओं में आराम करने के लिये चले गये थे, वहीं कुछेक गार्ड ऐसे भी थे, जो अपनी-अपनी राइफलें लेकर तम्बुओं के बाहर पहरे पर तैनात रहे । उन्हीं में से एक तम्बू के अंदर ली मारकोस और बार्बी लेटे हुए थे ।
दोनों ही एक बिस्तर पर थे ।
वह सफेद रंग की हल्की दरीनुमा बिछावन थी, जो तम्बू के अंदर कर दी गयी थी, वहीं उस तम्बू के एक कोने में कैण्डिल स्टैण्ड भी रखा हुआ था, जिसका बहुत धुंधला-धुंधला सा प्रकाश तम्बू के चारों तरफ बिखरा था ।
“क्या सोच रही हो ?” ली मारकोस खूबसूरत गुड़िया-सी बार्बी को अपनी बाहों के दायरे में समेटता हुआ बोला ।
“कुछ नहीं ।”
“फिर भी, कुछ तो ?” ली मारकोस ने अपने दहकते हुए होंठ बार्बी के होंठों पर रखे ।
फिर ली मारकोस का हाथ सरसराता हुआ बार्बी के पेट पर रेंगने लगा और उसने उसकी मिडी के बटन खोलने शुरू किये ।
“क्या कर रहे हो ?” बार्बी कुलबुलाई- “क्या जंगल में भी चैन नहीं है ?”
ली मारकोस मुस्कराया ।
उसकी मुस्कान उन्मुक्त थी ।
“डार्लिंग !” वह बोला- “जंगल में तो आदमी और भी ज्यादा शैतान बन जाता है । शुक्र करो, अभी मैं तुम्हारे साथ शैतानों की तरह पेश नहीं आ रहा हूँ ।”
बार्बी भी मुस्करायी ।
तब तक ली मारकोस ने उसकी मिडी के सारे बटन खोल दिये थे और फिर वह उसके चेहरे के बेतहाशा चुम्बन लेने लगा ।
बार्बी भी उसके सीने से थोड़ा सट गयी ।
अब उसे भी आनन्द आना शुरू हो गया था ।
“तुम देख लेना ।” ली मारकोस गरमजोशी के साथ बोला- “आज की रात करण सक्सेना के जीवन की आखिरी रात होगी । मेरी समुराई उसकी गर्दन धड़ से अलग कर डालेगी ।”
“क्या सचमुच ?” बार्बी हंसी ।
“बिल्कुल । तुम जानती ही हो बार्बी, एक बार अगर मेरा दुश्मन मेरी समुराई के सामने आ जाता है, तो फिर दुनिया की बड़ी-से-बड़ी ताकत भी उसे नहीं बचा पाती ।”
“लेकिन मत भूलो मारकोस, वह कमाण्डर करण सक्सेना है । एक अन्तराष्ट्रीय जासूस !”
“वह चाहे कोई भी है ।” ली मारकोस फुंफकारा- “मेरी समुराई जब सांय-सांय करती हुई चलेगी, तो वह उसकी शर्म करने वाली नहीं है ।”
ली मारकोस के होंठ अब बार्बी की गर्दन पर सरसरा रहे थे ।
एक हाथ बार्बी की पीठ पर रेंग रहा था ।
फिर उसने दो उंगलियों की मदद से उसकी स्कर्ट की जिप खोल डाली और फिर ली मारकोस का हाथ बार्बी की नग्न पीठ पर सरसराने लगा ।
बार्बी नीचे चुस्त पेण्ट पहने थी, जिसमें उसके भरे-भरे सुडौल नितम्ब बड़े जानलेवा अंदाज में मुखर हो रहे थे ।
पीछे से स्कर्ट की जिप खुल जाने के कारण अब बार्बी का कमर तक का सारा भाग नग्न हो गया ।
ली मारकोस की आँखों में वासना के डोरे खिंच गये ।
तभी उसने बार्बी की स्कर्ट पकड़कर खींच दी । फौरन उसके गुलाबी रंग के बेहद उन्नत उरोज चमक उठे, जिनमें रक्तिम आभा दौड़ रही थी ।
ली मारकोस ने अब बार्बी को बिल्कुल सीधा चित करके लिटा दिया और उसके वक्षस्थलों पर अपना सिर रख दिया ।
बार्बी के मुंह से तेज मादक सिसकारी छूटी ।
उसने उत्तेजनावश ली मारकोस के बाल अपनी मुट्ठी में जकड़ लिये ।
बार्बी बहुत खेली खाई युवती थी ।
उसका आधे से ज्यादा जीवन जापान की सायोनारा नामक बंदरगाह के करीब गुजरा था, जो आज भी जापान का सबसे बड़ा वेश्यावृत्ति का अड्डा समझा जाता है ।
कभी जापान में इतनी वेश्यावृत्ति नहीं थी । बल्कि गरम गोश्त के इस कारोबार को कभी जापानी लोग बहुत घृणा की नज़र से देखते थे । मगर इतिहास बदलता है । द्वितीय विश्व युद्व के दौरान जब जापान में जनरल मेकारथो का शासन था, तो अमरीकी सैनिकों ने सायोनारा नामक बंदरगाह में घुसकर वेश्यावृत्ति को जन्म दिया । उन्होंने सुन्दर-सुन्दर जापानी लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किये और फिर उन्हें छोड़ दिया, उस शहर की अंधेरी तथा गुमनाम गलियों में भटकने के लिये ।
बार्बी भी एक वेश्या मां की संतान थी ।
परन्तु बचपन से ही बार्बी ने दृढ़ सकंल्प कर लिया था कि वह खुद वेश्या नहीं बनेगी । टोक्यो की गलियों में घूमते हुए तथा औरत के भूखे सड़कछाप भेड़ियों का मुकाबला करते हुए उसने जूडो के अंदर बारहवां दन, ताइक्वाण्डो में आठवां दन प्राप्त कर लिया । बहरहाल आज पूरी दुनिया में उससे खतरनाक मार्शल आर्ट का योद्वा नहीं था ।
शीघ्र ही वह दोनों कमर से उपर तक नग्न हो चुके थे ।
बार्बी अब काफी उत्तेजित थी ।
उसने एकाएक झपटकर ली मारकोस को नीचे गिराया तथा फिर अपने उन्नत उरोज उसके सीने से बुरी तरह चिपका दिये ।
ली मारकोस के हाथ अब बार्बी के नितम्बों पर जा पहुंचे । शीघ्र ही उसकी उंगलियां बार्बी की पेण्ट को खोल रही थीं ।
“कभी-कभी एक विचार मेरे दिमाग में आने लगता है मारकोस ।”
बार्बी उसके ऊपर भरपूर प्यार लुटते हुए बोली ।
“क्या?”
“हमने बर्मा के इन जंगलों में आकर अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती की है । जैक क्रेमर का यहाँ आने का प्रपोज़ल हमें कबूल नहीं करना चाहिये था । जरा सोचो मारकोस, जापान में ही हमारे पास क्या कमी थी । सब कुछ था । अच्छा-खासा खुशहाल जीवन था ।”
“नहीं ।” ली मारकोस दृढ़ लहजे में बोला- “हमनें यहाँ आकर कोई गलती नहीं की है बार्बी ।”
“लेकिन... ।”
“जरा सोचो !” ली मारकोस बोला- “अगर बर्मा पर कब्जा करने वाला हमारा यह मिशन कामयाब हो गया, तो वह हमारे जीवन की कितनी बड़ी उपलब्धि होगी । अभी तक तमाम धन-सम्पदा पाने के बावजूद भी हमारी क्या हैसियत है । हम सिर्फ कानून से बचकर भागते फिरने वाले अपराधी हैं, जिन्हें पुलिस पकड़कर कभी भी सलाखों के पीछे धकेल सकती है । जबकि इस मिशन में कामयाब होते ही हम तमाम योद्धाओं की हैसियत बादशाहों जैसी होगी । बर्मा की तमाम बहुमूल्य धातुओं से भरी खदानों पर हमारा कब्जा होगा । दुनिया के बड़े-बड़े राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हमारे मित्र होंगे । यूं तो यह सारी बातें सपने जैसी लगती हैं बार्बी ! लेकिन मैं जानता हूँ कि एक दिन हम योद्धाओं का यह सपना जरूर पूरा होगा । जरूर पूरा होगा ।”
ली मारकोस, बार्बी के साथ कुछ और चिपक गया ।
इस बीच वह उसकी पेंटी खोलने में कामयाब हो गया था । फिर वो धीरे-धीरे उस चुस्त पेंटी को नीचे की तरफ खींचने लगा ।
“तुम कुछ भी कहो मारकोस !” बार्बी के मुंह से पुनः मादक सिसकारी छूटी-“मुझे शक है कि हमारा यह मिशन सफल हो पायेगा ।”
“कोई शक करने की जरूरत नहीं है । हम जरूर कामयाब होंगे ।”
ली मारकोस ने झटके के साथ उसकी पेंटी नीचे खींच दी ।
अब वह निर्वस्त्र थी ।
फिर वह दोनों बेतहाशा एक दूसरे के चुम्बन लेने लगे ।
ली मारकोस उसे अपनी बाहों में भरे-भरे घूमा, तो बार्बी फिर उसके नीचे आ गयी ।
ली मारकोस ने उसके दोनों कंधे कसकर पकड़ लिये ।
उनके शरीर में आग धधक रही थी ।
धधकती जा रही थी ।
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