RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
बार्बी जंगल के उत्तरी छोर पर थी और अपनी टुकड़ी के साथ निरंतर आगे की तरफ बढ़ रही थी ।
उसके साथ कोई पच्चीस हथियारबंद गार्ड थे ।
सब बेहद चौकन्ने !
वह एक-एक पेड़ और झाड़ियों को ध्यानपूर्वक देखते हुए आगे बढ़ रहे थे कि कहीं वहाँ उनका दुश्मन तो छिपा हुआ नहीं है । अलबत्ता अंधेरे के कारण उन्हें दुश्मन को देखने में थोड़ी मुश्किल जरूर पेश आ रही थी । तभी बम के धमाकों और गोलियों की आवाजों ने उन सबको चौंकाकर रख दिया ।
“यह कैसी आवाजें हैं ?”
“लगता है, मारकोस वाली टीम कमाण्डर करण सक्सेना तक पहुँचने में कामयाब हो गयी है ।” बार्बी ठिठककर बोली- “हमें फौरन उनकी मदद के लिये जल्दी से वहाँ पहुँचना चाहिये ।”
तुरन्त वह सब उसी दिशा की तरफ दौड़ पड़े, जिधर से धमाकों की आवाज आ रही थी ।
वह जंगल में अभी थोड़ी ही दूर पहुंचे होंगे, तभी एकाएक वह आवाज आनी बंद हो गयी ।
“रूको !” बार्बी दौड़ते-दौड़ते फौरन एक जगह ठिठककर रुक गयी- “रूको !”
सब ठिठके ।
आवाज अब बिल्कुल नहीं आ रही थी ।
“यह आवाज क्यों बंद हो गयी ?”
“लगता है मैडम !” एक गार्ड बोला- “कमाण्डर करण सक्सेना मर गया है ।”
“अगर कमाण्डर करण सक्सेना मर गया होगा ।” बार्बी बोली- “तो मिस्टर मारकोस अभी ट्रांसमीटर पर मुझे सूचना देंगे ।”
“और अगर ट्रांसमीटर पर कोई सूचना न आयी ?”
“तो...तो फिर उसका मतलब होगा ।” बार्बी हिचकिचाते हुए बोली- “कि कमाण्डर ने मारकोस और उसके साथियों को भी वहाँ पहुँचा दिया है, जहाँ हूपर को पहुँचाया था ।”
“न...नहीं ।”
सब भयभीत हो उठे ।
सब एकाएक डरे-डरे नजर आने लगे ।
फिर उन्होंने जंगल में उसी स्थान पर खड़े होकर ट्रांसमीटर कॉल का इंतजार करना शुरू किया ।
काफी समय गुजर गया, लेकिन मारकोस की कोई ट्रांसमीटर कॉल न आयी ।
ट्रांसमीटर कॉल न आने से उन सबकी परेशानी और बढ़ गयी ।
“अ...आखिर वही हो गया ।” बार्बी शुष्क स्वर में बोली- “जिसका मुझे डर था, मारकेास मारा गया ।”
“मैडम, ऐसा भी तो हो सकता है कि वह अभी जिंदा हों ।”
“नहीं, ऐसा किसी हालत में नहीं हो सकता ।” बार्बी को अपनी आँखों के गिर्द चाँद-तारे मंडराते नजर आने लगे- “अगर मारकोस जिंदा होता, तो वह ट्रांसमीटर पर मुझे जरूर घटना की जानकारी देता । वह मुझे जरूर बताता कि उसके साथ क्या हुआ है ।”
सबकी बेचैनी एकाएक बहुत बढ़ गयी ।
“अब हम लोग क्या करें ?”
“ऐसी हालत में फिलहाल हमारा आगे बढ़ना ठीक नहीं है ।” बार्बी बोली- “दुश्मन के हौंसले बहुत बुलंद हैं । वह हमारे दो योद्वा और ढेर सारे गार्ड मार चुका है । हमें अब जंगल में यहीं रूककर दिन निकलने का इंतजार करना चाहिये ।”
“इसका मतलब हम यहीं अपने तम्बू गाड़ लें मैडम !”
“नहीं, तम्बू गाड़ने मुनासिब नहीं रहेगें । तम्बू दुश्मन की निगाह में आ सकते हैं ।”
“फिर ?”
“हमें रात गुजारने के लिये कोई और ऐसी जगह तलाश करनी होगी, जो सुरक्षित भी हो और जहाँ से हम दुश्मन पर निगाह भी रख सकें ।”
जल्द ही उन्होंने पत्थरों की एक ऐसी छोटी गुफा को खोज निकाला, जो रात गुजारने के लिये उनके काम आ सकती थी ।
बर्मा के उन जंगलों में छोटी-छोटी काफी सारी गुफायें थीं । जिन्हें या तो जंगली जानवर अपने इस्तेमाल में लाते थे या फिर वो खाली पड़ी रहती थीं ।
जो गुफा उन्हें मिली, वह खाली थी और वहाँ ऐसा कोई निशान भी न था, जिससे साबित होता हो कि उस जगह पर किसी जगंली जानवर का वास है ।
अपनी जीपें उन्होंने गुफा के इर्द-गिर्द ही छिपा दीं । दो गार्ड अपनी-अपनी राइफल के साथ गुफा के बाहर झाड़ियों में छुपकर बैठ गये, ताकि अगर दुश्मन दिखाई दे, तो वह गोलियां चलाकर गुफा के अंदर मौजूद अपने साथियों को सूचित कर सकें, जबकि बाकी सारे लोग गुफा में चले गये ।
बार्बी का दिल उस समय बहुत आंदोलित था ।
बार-बार उसकी आँखों में आंसू आ रहे थे, जिन्हें वो बड़ी मुश्किल से छिपाये हुए थी ।
ली मारकोस से उसने बहुत प्यार किया था ।
उसे अपने दिल में बसाकर ऐसे ढेरों सपने देखे थे, जो कोई औरत ही देख सकती है ।
उसकी शुरू से ही इच्छा नहीं थी कि जैक क्रेमर का प्रस्ताव स्वीकार किया जाये और वह दोनों बर्मा के उन खौफनाक जंगलों में आये । मगर ली मारकोस की जिद के कारण ही उसे वहाँ आना पड़ा ।
मजबूरी में आना पड़ा ।
जबकि ढेर सारा धन कमाने के बाद उसने तो यह सपना देखा था कि अब वह दोनों शादी करके सकून की जिंदगी गुजारें । परन्तु बार्बी का वह सपना चकनाचूर हो गया ।
वह गुफा के एक तन्हा कोने में जाकर लेट गयी ।
उसे सायोनारा बंदरगाह की याद आने लगी ।
सायोनारा !
जिसका अर्थ है, विदाई !
बार्बी की आधी से ज्यादा जिंदगी उसी बंदरगाह पर गुजरी थी । बार्बी को लगा, जैसे सायोनारा बंदरगाह उसे आवाज दे रही है ।
उसे वापस अपने पास बुला रही है ।
बार्बी की आँखों में आंसू मंडराने लगे ।
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