RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
बर्मा के उन घने जंगलों के बीच में बना वो बर्मी आदिवासियों का छोटा सा गांव था, जिसकी आबादी मुश्किल से पांच-छः सौ थी ।
वही उन्होंने घास-फूंस के अपने झोंपड़े डाले हुए थे, जिनमें वो रहते थे । जंगली जानवरों से बचने के लिए उन्होंने आदिवासी परम्परा के अनुरूप ही कई सारे इंतजाम कर रखे थे । रात को अगर उस बस्ती में जरा भी शोर होता, तो सब जंगली अपने-अपने भाले लेकर बाहर निकल आते थे ।
इस वक्त सपोर्ट ग्रुप के तीनों योद्धा मास्कमैन, हिटमैन और डायमोक-आदिवासियों की उसी बस्ती में थे ।
वह तीनों एक बड़ी पुरानी-सी बाबा आदम के जमाने वाली चारपाई पर बैठे थे ।
उनके पीछे हथियारबंद गार्डों की एक छोटी-छोटी फौज खड़ी थी, जबकि उनके सामने जमीन पर ही आदिवासी बैठे हुए थे । उनमें आदमी, औरत सब शामिल थे । जिस तरह आदमियों के शरीर पर कपड़े नाममात्र के थे, वही हाल आदिवासी औरतों का था । उनकी छातियां और कुछेक के तो जननांग तक साफ चमक रहे थे ।
ऊपर से उनमें ‘सैक्स अपील’ गजब की थी ।
“आप सब लोग जानते ही है ।” मास्कमैन उन आदिवासियों की बर्मी जबान में ही बड़ी गरमजोशी के साथ चिल्लाकर बोल रहा था- “कि हमारे इन जंगलों में एक शैतान घुस आया है और उसने यहाँ बड़ी जबरदस्त तबाही बरपा करके रख दी है । जंगल का अमन चैन उसने पूरी तरह उजाड़ डाला है । वह कितना बड़ा शैतान है, इसका अंदाजा इसी एक बात से लगाया जा सकता है कि उसने अकेले ही हमारे तीन साथी यौद्धा मार डाले और दर्जनों की तादाद में गार्डों को शहीद बना दिया, जबकि उसका अभी तक कुछ नहीं बिगड़ा है । वो यहाँ बेखौफ घूम रहा है ।”
“दोस्तो !” डायमोक ने भी उन सीधे-सादे जंगलियों की भावनाओं को भड़काया- “हम सब लोगों ने मिलकर उस शैतान को मार डालने के लिए जल्दी कुछ करना होगा । वरना वह दिन दूर नहीं है, जब इस पूरे जंगल पर उस शैतान का कब्जा हो जायेगा तथा वह हम सबको जंगल से निकाल बाहर करेगा । क्या तुम जंगल छोड़ने के लिए तैयार हो ?”
“नहीं-नहीं ।” सारे आदिवासी चिल्लाये- “हममें से कोई जंगल नहीं छोड़ेगा । कोई नहीं छोड़ेगा ।”
“अगर जंगल छोड़ना नहीं चाहते ।” मास्कमैन बोला- “तो जल्दी सबने मिलकर उस शैतान को मारना होगा । वह जंगल देवता के लिए एक श्राप है, जो हर पल जंगल में अपने पैर फैलाता जा रहा है ।”
“लेकिन उस शैतान को मारने के लिए हमें क्या करना होगा ?” तभी उन आदिवासियों का सरदार बोला ।
सरदार !
जिसकी आयु कोई पचास-पचपन साल थी । परन्तु कद काठी इस उम्र में भी उसकी बहुत मजबूत थी ।
कानों में बड़े-बड़े हाथी दांत के कुण्डल पहने हुए था ।
शरीर पर जंगह-जगह गोदने के चिन्ह ।
सिर पर जंगली पंखों का मुकुट !
गले में छोटी-छोटी हड्डियों का हार ।
कुल मिलाकर वो पहली नजर देखने से ही किसी जंगली कबीले का सरदार मालूम होता था ।
“तुम्हें उस शैतान को मारने के लिए सिर्फ हम लोगों का साथ देना होगा ।” मास्कमैन बोला- “मधुमक्खियों के छत्ते की तरह पूरे जंगल में फैल जाना होगा । फिर वो तुम्हें जहाँ कहीं भी दिखाई दे, बचना नहीं चाहिये । बोलो, क्या तुम तैयार हो ?”
“हाँ -हाँ ।” सब जोर से गला फाड़कर चिल्लाये- “हम तैयार हैं ।”
उन जंगलियों में जो गरम खून वाले आदमी-औरत थे, वह तो फौरन ही दौड़कर अपने-अपने झोपड़ी में से भाले भी निकाल लाये ।
फिर वह भाले उछालते हुए जोर-जोर से रणहुंकार करने लगे ।
“बहुत अच्छे !” मास्कमैन बोला- “मैं तुम्हारे अंदर ऐसी ही गरमी देखना चाहता था ।”
“एक बात और तुम सब लोग अच्छी तरह समझ लो ।” इस मर्तबा हिटमैन भभके स्वर में बोला ।
“क्या ?”
“आज उसी शैतान की वजह से तुम सबके पेटों पर लात लगी है । उसी के कारण माल रंगून रवाना नहीं हो सका । आज उस शैतान ने सिर्फ तुम्हारी रोजी-रोटी छीनी है, परन्तु अगर जंगल में ऐसे ही खौफ और दहशत का माहौल बना रहा, तो वह एक दिन तुम सबसे तुम्हारी जिंदगी भी छीन लेगा । इसलिए उस शैतान को मारना हम सबका बराबर का दायित्व है । हम सबने पूरे तन-मन से उस शैतान के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना है ।”
“ऐसा ही होगा ।”
“हम उस शैतान की छाया तक को जंगल से मिटा डालेंगे ।”
सारे जंगली जोर-जोर से चिल्लाने लगे ।
सबने रणहुंकार भरी ।
जल्द ही लगभग सारे जंगली अपने-अपने झोंपड़ों में से भाले निकाल लाये थे ।
औरत-मर्द सब खूंखार हो उठे ।
हर कोई कमाण्डर के खून का प्यासा नजर आने लगा ।
तभी कुछ हथियारबंद गार्डों का उस जंगलियों की बस्ती में आगमन और हुआ । वह गार्ड अपनी-अपनी जीपों में उन लाशों को भरकर लाये थे, जिन्हें कमाण्डर ने पिछले दो दिनों के दौरान जंगल में मार डाला था ।
इतनी सारी लाशों को एक साथ देखकर पूरी बस्ती का माहौल गमगीन हो गया ।
सबके चेहरों पर दुःख की काली परत पुत गयी ।
फिर वह सब उन लाशों के अंतिम क्रियाकर्म में जुट गये ।
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