RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
हिटमैन एकाएक झाड़ियों में दौड़ता-दौड़ता अपनी जगह थमककर रूक गया ।
उसके आगे भाग रहा चितकबरा हिरन अब नजर आना बंद हो गया था ।
“रुको-रुको !” हिटमैन ने फौरन अपने हाथ दायें-बायें फैलाकर गार्डों को रूकने का इशारा किया- “आगे मत बढ़ो ।”
गार्ड फौरन अपनी-अपनी जगह थमककर खड़े हो गये ।
“क्या हुआ ?”
“लगता है, हिरन जरूर यहीं कहीं झाड़ियों में छिपकर बैठ गया है ।” हिटमैन की बेहद सस्पैंसफुल आवाज ।
“अब क्या करोगे ?”
“अब तो उसकी मौत आ गयी समझो । वह नहीं जानता कि उसके पीछे जो शिकारी है, वह ‘शब्दभेदी’ गोली चलाने में माहिर है । अब वो हिरन झाड़ियों में जरा भी हिलेगा, जरा भी हरकत करेगा, तो फौरन गोली धांय से उसके शरीर में जाकर लगेगी ।”
हिटमैन ने वहीं खड़े-खड़े अपनी राइफल सामने झाड़ियों की तरफ तान दी ।
फिर वो बहुत स्तब्ध भाव से किसी आहट को सुनने की कोशिश करने लगा ।
दोनों गार्ड भी उसके इधर-उधर बड़ी चौकसी के साथ खड़े थे और उनकी राइफलें भी तनी थीं ।
“तुममें से कोई गोली नहीं चलायेगा ।” हिटमैन फुसफुसाया ।
“ठीक है ।” वह दोनों भी आहिस्ता से बोले ।
काफी देर तक हिटमैन को झाड़ियों में-से किसी आहट की आवाज न सुनायी दी ।
“साहब, कहीं यह आपका वहम तो नहीं है ।” गार्ड पुनः धीमी आवाज में बोला-“कि हिरन झाड़ियों मे छिप गया है । ऐसा भी तो सकता है कि वह दूर निकल गया हो ?”
“नहीं, वो झाड़ियों में ही है ।”
यही वो क्षण था, जब हिटमैन को झाड़ियों में हल्की आहट की आवाज सुनाई दी ।
हिटमेन ने तुरंत फायर कर दिया । गोली चलने की बड़ी तेज आवाज जंगल में गूंजी और उसी के साथ हिरण की चीत्कार भी गूंज उठी । वह झाड़ियों में से उठकर भागा, लेकिन शीघ्र ही वह लड़खड़ाकर वापस गिर गया ।
“किस्सा खत्म !” हिटमैन ने राइफल नीचे झुका ली ।
उसके इधर-उधर खड़े दोनों गार्ड हिटमैन के निशाने से काफी प्रभावित नजर आ रहे थे ।
“मैं दावे से कह सकता हूँ ।” हिटमैन वहीं खड़े-खड़े बोला- “गोली ठीक हिरन की गर्दन में दायीं तरफ जाकर लगी है । चालीस डिग्री अंश पर जाकर देखो ।”
दोनों गार्ड लपककर हिरन की लाश के करीब पहुंचे और उन्होंने उसकी गर्दन को देखा । फौरन उनके नेत्र फैल गये ।
“क्या हुआ ?”
“ग... गोली सचमुच गर्दन में लगी है साहब ।”
“चालीस डिग्री अंश पर ।”
“हाँ ।”
हिटमैन मुस्कुराता हुआ हिरन की तरफ बढ़ा ।
किसी को मारकर उसे बिल्कुल वही खुशी मिलती थी, जैसे कोई शैतान बच्चा किसी दूसरे के खिलौने को तोड़कर खुश होता है ।
“चलो, अब इसे जल्दी से उठाकर जीप तक लेकर चलो ।”
दोनों गार्ड हिरन की लाश को उठाने के लिए जैसे ही नीचे झुके, तभी उनके कानों में किसी के उसी तरफ दौड़कर आने की आवाज सुनाई पड़ी ।
“लगता है, कोई आ रहा है ।”
तीनों फौरन झाड़ियों में छुप गये ।
जरूर किसी ने गोली चलने की आवाज सुन ली थी और अब उस आवाज को सुनकर वह उस तरफ दौड़ा चला आ रहा था ।
वह ऐसी आवाज थी, जैसे कोई ‘चीता’ दौड़ रहा हो । परन्तु हिटमैन को न जाने क्यों ऐसा लगा, जैसे वह कोई आदमी है ।
“मुझे तो यह किसी जानवर के दौड़ने की आवाज मालूम होती है ।”
“जो भी है ।” हिटमैन बोला- “अभी नजर आ जायेगा ।”
फौरन ही रहस्य की धुंध छंट गयी । जंगल के सामने की तरफ से काला लम्बा ओवरकोट और काला गोल क्लेंसी हैट पहने एक आदमी बिल्कुल चीते की तरह ही दौड़ता हुआ चला आ रहा था ।
“माई गॉड ।” गार्डों के मुँह से सिसकारी छूटी- “यह तो शायद कमाण्डर करण सक्सेना है ।”
“हाँ ।” हिटमैन के हाथ भी फौरन राइफल पर कस गये- “यह कमाण्डर ही है ।”
“ह... हमें जिस बात का खतरा था, वही हो गया । अ... अब क्या होगा ?”
गार्डों के पसीने छूटे ।
कमाण्डर करण सक्सेना को देखते ही वह एकाएक जुडी के मरीज की तरह थर-थर कांपने लगे थे ।
“घबराओ मत !” हिटमैन पूरी हिम्मत के साथ बोला- “लगता है, इसका शिकार भी आज मेरे हाथों होना लिखा है । अब इसे मरने से कोई नहीं बचा सकता ।”
“लेकिन... ।”
“तुम लोगों ने मेरा एक निशाना अभी देखा है, अब दूसरा निशाना देखो । एक ही गोली इसकी खोपड़ी को अण्डे के छिलके की तरह चट् से फोड़ डालेगी ।”
फिर हिटमैन वहीं झाड़ियों में लेटा-लेटा कमाण्डर को राइफल के निशाने पर लेने की कौशिश करने लगा ।
कमाण्डर के लिए सबसे बड़ी संकट की बात ये थी कि उस वक्त उसे खुद मालूम नहीं था कि कोई उसे निशाने पर लेने की कोशिश कर रहा है ।
जैसे ही कमाण्डर करण सक्सेना थोड़ा करीब आया, हिटमैन ने फौरन ट्रेगर दबा दिया ।
यही वो क्षण था, जब कमाण्डर करण सक्सेना का पैर एकाएक किसी पत्थर से टकराया और वो लड़खड़ाकर गिरा । गोली फौरन सनसनाती हुई उसके सिर के ऊपर से गुजर गयी ।
“ओह शिट !” हिटमैन झल्ला उठा- “सचमुच यह आदमी किस्मत का तेज है ।”
कमाण्डर करण सक्सेना फौरन वहीं झाड़ियों में छिप गया ।
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