RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
शाम धीरे-धीरे घिरने लगी ।
जंगल में डूबता हुआ सूरज बिल्कुल आग के गोले जैसा नजर आ रहा था, जिसकी घनघोर लालिमा न सिर्फ सारे आकाश में बल्कि पूरे जंगल में चारों तरफ फैली हुई थी ।
डूबता हुआ सूरज आज खून की बारिश करता महसूस हो रहा था ।
वह जंगलियों की बस्ती थी ।
शाम घिरते ही जंगलियों की उस बस्ती में भी सन्नाटा फैल गया ।
नीले रंग का हैलीकॉप्टर उस बस्ती के बीचों-बीच खड़ा था । इसके अलावा ‘असॉल्ट ग्रुप’ के सभी छः योद्धा जंगली सरदार के झोंपड़े में मौजूद थे । वह सब सींकों की एक चटाई पर गोल दायरा बनाये बैठे थे और आपस में यह मंत्रणा कर रहे थे कि कमाण्डर से अब किस प्रकार निपटा जाये ।
उन्हीं के बीच सरदार और सरदारनी भी बैठे थे ।
“मैं समझता हूँ ।” जैक क्रेमर काफी सोचने विचारने के बाद बोला- “कमाण्डर को मार डालने का अब बस हमारे पास एक ही तरीका है ।”
“क्या ?”
“हम थोड़ा सब्र से काम लें, इस मामले में कोई जल्दबाजी न करें ।”
“क्या मतलब ?” हवाम चौंका- “मैं कुछ समझा नहीं सर !”
“बिल्कुल साफ बात है ।” उनमें सबसे ज्यादा बूढे़ जैक क्रेमर ने अपने सफेद बालों को पीछे झटका दिया- “अगर सिर्फ ताकत के बलबूते पर कमाण्डर को मार डालना मुमकिन होता, तो हमारे सपोर्ट ग्रुप के पहले छः योद्धाओं ने ही उसे कब का मार डाला होता ।”
“यानि ताकत से उसे मिटाना संभव नहीं है ।”
“बिल्कुल भी नहीं ।”
“फिर हम क्या करें ?” इस बार अबू निदाल बोला ।
“हमें ताकत के साथ-साथ अब अक्ल का भी भरपूर इस्तेमाल करना होगा दोस्तों, तभी हम इस जंग में कामयाबी हासिल कर सकते हैं । तभी हमें फतेह हासिल हो सकती है । हथियारों को हम बहुत इस्तेमाल करके देख चुके हैं, हमें अब अक्ल को अपना शस्त्र बनाना होगा ।”
“अक्ल मुख्य शस्त्र कैसे बनेगी ?” मास्टर बोला ।
“उसका भी एक तरीका है ।”
“क्या ?”
सभी योद्धा गौर से जैक क्रेमर की बात सुनने लगे ।
सरदार और सरदारनी भी स्तब्ध मुद्रा में बैठे थे ।
“हमें अब आगामी पांच-छः दिन तक कमाण्डर के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेना है ।” जैक क्रेमर ने अपनी योजना के पत्ते उन सबके सामने फैलाये- “अब हम पांच-छः दिन तक इसी बस्ती में रहेंगे और बिल्कुल खामोशी के साथ रहेंगें, इससे हमें यह फायदा होगा कि कमाण्डर जंगल में अकेला भटकता रहेगा । उसके पास खाने-पीने की जो सामग्री होगी, वो खत्म होने लगेगी और जब उसकी ताकत घटकर आधी से भी कम रह जायेगी, तब हम सब योद्धा एक साथ मिलकर उस पर हमला बोलेंगे । और तब मैं समझता हूँ, उस कमजोर कमाण्डर करण सक्सेना को मार डालना हमारे लिए काफी आसान काम होगा ।”
तमाम योद्धाओं की आँखों में एक साथ कई-कई सौ वाट के बल्ब जल उठे ।
सबकी आँखों में चमक कौंधी ।
“मेरी योजना आप लोगों को कैसी लगी ?” जैक क्रेमर बोला ।
“योजना तो वाकई आपकी बहुत अच्छी है सर ।” रोनी सहित तमाम यौद्धाओं ने कबूल किया- “यानि अब आगामी पांच छः दिन तक हमने कमाण्डर करण सक्सेना के खिलाफ कुछ नहीं करना है, हमने सिर्फ इस बस्ती में रहकर आराम करना है ।”
“बिल्कुल !”
“और अगर मान लो ।” माइक बोला- “इन पांच छः दिन तक जंगल में भटकने से भी कमाण्डर करण सक्सेना के हौंसले पस्त न हुए, तब हम क्या करेंगे ?”
“सबसे पहले तो मैं समझता हूँ कि ऐसा होगा नहीं ।” जैक क्रेमर बोला- “और अगर इत्तेफाक से ऐसा हुआ, तो तब की तब सोचेंगे । पहले से पहले ही अंदाजे लगाकर दिमाग खराब करने से कोई फायदा नहीं ।”
“बिल्कुल ठीक बात है ।” सरदार भी बोला- “फिलहाल तो आप लोगों को सिर्फ आराम करने के बारे में सोचना चाहिये ।”
सबके चेहरों पर संतोष झलकने लगा ।
“यह बताइये !” इस मर्तबा सरदारनी बोली- “मैं आप लोगों के लिए खाना क्या बनाऊँ ?”
“जो खाना भी तुम प्यार से बना लोगी ।” मास्टर ने सरदारनी की शरबती आँखों में झांका- “वही हम सबको पसंद आ जायेगा । क्यों दोस्तों, मैंने कुछ गलत तो नहीं कहा ?”
“तुम कभी कुछ गलत कहते हो ।”
सब हंसे ।
सरदारन के गाल लाज के कारण सुर्ख सेब की तरह हो गये ।
वो वहाँ से उठकर चली गयी ।
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