RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
फिर रोनी ने ट्रांसमीटर पर ही जैक क्रेमर से सम्पर्क स्थापित किया ।
“हैलो-हैलो !” वह ट्रांसमीटर पर चिल्लाने लगा- “रोनी स्पीकिंग ! रोनी स्पीकिंग ! !”
“यस !” फौरन ही ट्रांसमीटर पर जैक क्रेमर की आवाज सुनायी दी- “क्या बात है रोनी ? क्या रिपोर्ट है ?”
“रिपोर्ट काफी खतरनाक है सर !” रोनी बेहद आंदोलित लहजे में बोला- “माइक और मैं इस समय ‘मंकी हिल’ पर मौजूद हैं तथा हमारे बाकी तीन साथी यौद्धाओं का कहीं कुछ पता नहीं है ।”
“क्या कह रहे हो तुम ?” जैक क्रेमर बुरी तरह चौंका- “वह तीनों कहाँ गायब हो गये ?”
“उनके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है । मैं उनसे कई मर्तबा ट्रांसमीटर पर बात करने की कोशिश कर चुका हूँ । मगर कोई रेस्पांस नहीं मिल रहा । यहीं झाड़ियों में हमें मास्टर का खून से सना हुआ हंसिया भी पड़ा मिला । मुझे ऐसा लगता है सर, हमारे तीनों साथी योद्धा कमाण्डर करण सक्सेना की भेंट चढ़ गये हैं ।”
दूसरी तरफ एकाएक बड़ा खौफनाक सन्नाटा छा गया ।
रोनी के आखिरी शब्दों ने दूसरी तरफ भूकम्प ला दिया था ।
“मेरे और माइक के लिए अब आपका क्या आदेश है सर?” रोनी पुनः आंदोलित लहजे में बोला ।
जैक क्रेमर सोचने लगा ।
“तुम दोनों एक काम करो ।”
“कहिये सर !”
“फौरन ‘मंकी हिल’ से वापस बस्ती में लौट आओ ।”
“ल… लेकिन... !”
“बहस नहीं !” जैक क्रेमर गुर्रा उठा- “जो मैं तुमसे कह रहा हूँ, वह करो । दिस इज माई ऑर्डर ! क्विक ! अगर तुम दोनों थोड़ी देर और ‘मंकी हिल’ पर रूके, तो तुम्हारी जान को भी खतरा हो सकता है ।”
“ओके सर, हम अभी वापस लौटते हैं ।”
“गुड !”
रोनी ने ट्रांसमीटर बंद कर दिया ।
“क्या हो गया ?” माइक बोला ।
“जैक क्रेमर साहब ने हमें फौरन वापस बस्ती में लौटने का हुकुम दिया है ।”
“लेकिन क्या ऐसे हालात में हमारा वापस लौटकर जाना मुनासिब होगा ।” माइक बोला- “जबकि हम जानते हैं कि कमाण्डर यहीं कहीं हमारे आसपास मौजूद है ।”
“उन्होंने इसीलिए हमें वापस लौटने के लिए कहा है, क्योंकि वो नहीं चाहते कि हम भी कमाण्डर करण सक्सेना के कहर का निशाना बन जाये ।”
“ओह !” माइक के चेहरे पर वितृष्णा के भाव पैदा हुए- “सचमुच यह हमारे लिए डूब मरने की बात है कि बर्मा के जंगल में घुसे एक अकेले आदमी से हम इस कदर खौफ खाने लगे हैं ।”
तभी वह दोनों चौंके ।
दूर ‘मंकी हिल’ पर किसी के दौड़ने की आवाज आ रही थी ।
ऐसा लग रहा था, जैसे कोई दौड़ता हुआ उसी दिशा में आ रहा हो ।
“य... यह किसके दौड़ने की आवाज है ?” माइक का स्तब्ध स्वर ।
“ऐसा लगता है ।” रोनी बोला- “जैसे कोई चीता दौड़ रहा हो ।”
“चीता ।”
दोनों कुछ देर दौड़ने की आवाज ध्यान से सुनते रहे और फिर झाड़ियों में जा छिपे ।
अगले ही पल वह बुरी तरह चौंके ।
उन्होंने देखा, सामने से कमाण्डर दौड़ता हुआ चला आ रहा है ।
उसका आधे से ज्यादा शरीर खून से लथपथ था । कदम उल्टे-सीधे पड़ रहे थे । इसके अलावा दौड़ता हुआ कमाण्डर ऐसा लग रहा था, जैसे कोई मुर्दा दौड़ रहा हो, जो अभी हवा के एक झोंक से लरजकर नीचे जा गिरेगा ।
स्नाइपर राइफल उस वक्त भी उसके हाथ में थी ।
“यह तो आधे से ज्यादा मरा हुआ है ।” माइक चकित निगाहों से उसकी तरफ देखता हुआ बोला- “इस मरे हुए शेर का शिकार करना कौन सा मुश्किल काम है ।”
“ठीक कह रहे हो ।” रोनी भी कमाण्डर की हालत देखकर उत्साहित हुआ- “इसे तो मैं अभी जहन्नुम पहुँचाता हूँ ।”
रोनी ने वहीं झाड़ियों में छिपे-छिपे फौरन अपनी 9 एम0एम0 की पिस्टल उसकी तरफ तानी और फिर उसकी खोपड़ी का निशाना लगाकर ट्रेगर दबा दिया ।
लेकिन किस्मत भी कमाण्डर के पूरी तरह साथ थी ।
जैसे ही साइनाइट बुलेट उसकी तरफ झपटी, तभी वो लड़खड़ाकर नीचे गिरा । गोली सनसनाती हुई उसके ठीक ऊपर से गुजर गयी ।
गोली चलते ही कमाण्डर खतरा भांप गया ।
वह एकदम झपटकर झाड़ियों में जा छिपा ।
☐☐☐
दुश्मन एक बार फिर आमने-सामने थे ।
झाड़ियो में छिपे हुए ।
“तुमने सही निशाना न लगाकर गड़बड़ कर दी है ।” माइक डरे-डरे लहजे में बोला- “उसकी हालत जख्मी शेर जैसी है, जिसका मुकाबला करना आसान न होगा ।”
“मैंने तो अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी, लेकिन किस्मत भी उस हरामजादे का खूब साथ दे रही है ।”
काश वह दोनों समझ पाते कि खतरा अब उनके बिल्कुल सिर पर मंडरा रहा है ।
कमाण्डर सिर्फ झाड़ियों में छिपा ही नहीं था बल्कि वह फौरन झाड़ियों के अंदर ही अंदर सरसराता हुआ अब बड़ी तेजी से उन दोनों की तरफ ही बढ़ रहा था ।
स्नाइपर राइफल अभी भी उसके हाथ में थी ।
जल्द ही वो बिल्कुल निःशब्द ढंग से उन दोनों के पीछे जा पहुँचा ।
रोनी !
माइक !
दोनों की पीठ अब उसकी तरफ थी ।
कमाण्डर को धोखे से उन पर वार करना मुनासिब न लगा ।
उसने एक दूसरा काम किया ।
उसने पीछे से ही स्नाइपर राइफल के द्वारा बजूका का निशाना लगाया और ट्रेगर दबा दिया ।
माइक, जिसने अपने हाथ में कसकर बजूका पकड़ी हुई थी, एकाएक उसके हाथ को इतना तेज झटका लगा, जैसे चार सौ चालीस वोल्ट का करेंट लगा हो । फौरन बजूका उसके हाथ से उछलती हुई नजर आयी ।
दोनो बिजली जैसी रफ़्तार से पलटे ।
रोनी ने पलटते ही अपनी 9 एम0एम0 की पिस्टल से फायर कर दिया ।
कमाण्डर ने जम्प ली ।
गोली उसके बिल्कुल करीब से सनसनाती हुई गुजरी ।
अगर वो साइनाइट बुलेट उसे छूते हुए भी गुजर जाती, तो तब भी उसका काम-तमाम हो जाता ।
फौरन ही रोनी ने दो फायर और किये ।
दो साइनाइट बुलेट कमाण्डर की तरफ और झपटीं, जिनसे बस वो बाल-बाल बचा ।
रोनी फिर अपनी 9 एम0एम की पिस्टल का ट्रेगर दबा पाता, उससे पहले ही कमाण्डर ने स्नाइपर राइफल का बस्ट फायर खोल दिया ।
धांय-धांय-धांय !
एक साथ कई गोलियां रोनी के शरीर में जाकर लगीं । उसकी हृदय विदारक चीख वातावरण में गूंजती चली गयी । उसका शरीर धुआंधार गोलियां लगने की वजह से अंधड़ में मौजूद सूखे पत्ते की तरह जोर से कंपकंपाया । कई जगह से खून के फव्वारे छूटे और फिर वो चीखता हुआ ही पीछे झाड़ियों में जा गिरा ।
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