Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
05-16-2020, 02:33 PM,
#76
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
कमाण्डर करण सक्सेना के सांस अब बहुत ज्यादा उल्टे-सीधे चलने लगे थे ।
‘असाल्ट ग्रुप’ के उन योद्धाओं को मारने में उसे जरूरत से ज्यादा मेहनत करनी पड़ गयी थी । शरीर से खून काफी मात्रा में निकल गया था और अब उसके ऊपर बड़ी तेजी से बेहोशी छाने लगी । सिर घूमने लगा । पीठ में लगी गोली भी भयंकर दर्द कर रही थी । कमाण्डर को लगा, अब बेहोश होने से दुनिया की कोई ताकत उसे नहीं बचा सकेगी और फिर पता नहीं वो कभी होश में भी आ पायेगा या नहीं ?
कमाण्डर ने कंपकंपाते हुए हाथों से अपने ओवरकोट की गुप्त जेब से ट्रांसमीटर सैट निकाला, फिर वो मुम्बई के रॉ हैडक्वार्टर से सम्पर्क स्थापित करने की कोशिश करने लगा ।
जल्द ही सम्पर्क स्थापित हो गया ।
“हैलो-हैलो, कमाण्डर करण सक्सेना स्पीकिंग ।”
“कमाण्डर करण सक्सेना स्पीकिंग ।”
वह उस समय उसी कोड भाषा में बोल रहा था, जो कोड भाषा मिशन पर रवाना होने से पहले गंगाधर महन्त और उसके बीच इजाद की गयी थी ।
“हैलो करण, मैं गंगाधर महन्त बोल रहा हूँ ।” फौरन दूसरी तरफ से बड़ी गर्मजोशी से भरी आवाज सुनायी दी- “क्या बात है, तुम ठीक तो हो न करण ?”
“प... प्लीज हैल्प मी !” कमाण्डर की आवाज बुरी तरह कंपकंपायी- “प... प्लीज हैल्प मी ! !”
गंगाधर महन्त सन्नाटे में डूब गये ।
“तुम जंगल में इस वक्त कहाँ हो ?” गंगाधर चिल्लाये ।
“म... मंकी हिल पर !”
“यौद्धाओं का क्या हुआ ?”
“म... मैंने लगभग सभी योद्धाओं को मार डाला है ।” कमाण्डर की आवाज हर पल मद्धिम पड़ती जा रही थी- “उ... उनका हैडक्वार्टर भी तबाह कर दिया है ।”
“लेकिन तुम्हें हुआ क्या है ? तुम्हारी हालत कैसी है ?”
उसी पल ट्रांसमीटर सैट कमाण्डर के हाथ से छूट गया ।
उसकी गर्दन दायीं तरफ जा गिरी ।
“तुम कुछ बोल क्यों नहीं रहे करण ?” गंगाधर महन्त पागलों की तरह चिल्ला उठें- “तुम खामोश क्यों हो ?”
कमाण्डर करण सक्सेना बेहोश हो चुका था ।
☐☐☐
मुम्बई के रॉ हैडक्वार्टर में हड़कम्प मच गया ।
न सिर्फ गंगाधर महन्त बल्कि तमाम रॉ एजेंटों के लिए यह बात हैरान कर देने वाली थी कि कमाण्डर करण सक्सेना जैसे आदमी ने मदद मांगी है ।
“जरूर करण की हालत बहुत गंभीर है ।” गंगाधर महन्त परेशान हो उठे- “वरना ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि करण ने किसी मिशन के दौरान मदद मांगी हो । ऐसा लगता है, करण उन योद्धाओं से लड़ता हुआ बहुत जख्मी हो गया है ।”
“फिर तो हमें कमाण्डर की फौरन मदद करनी चाहिये चीफ !” रॉ एजेंट रचना मुखर्जी बोली !
“बिल्कुल !”
“लेकिन हम इतनी जल्दी कमाण्डर की मदद के लिए बर्मा के खौफनाक जंगलों में कैसे पहुँच सकते हैं ?” वह एक दूसरे एजेंट की आवाज थी ।
“इसका बस एक ही तरीका है ।”
“क्या ?”
“मुझे बर्मा के रक्षा मंत्री से बात करनी होगी । बर्मा की फौज ही करण की मदद के लिए सबसे पहले वहाँ पहुँच सकती है ।”
फिर गंगाधर महन्त टेलीफोन की तरफ झपट पड़े ।
☐☐☐
जैसे ही बर्मा के रक्षा मंत्रालय में यह खबर पहुंची कि कमाण्डर करण सक्सेना ने लगभग सभी योद्धाओं को मार डाला है और अब वो खुद मंकी हिल पर बहुत गंभीर हालत में पड़ा है, तो वहाँ भी सनसनी दौड़ गयी ।
“फौरन जंगल में घुसने की तैयारी करो ।” तुरंत रक्षा मंत्री चिल्लाये- “हमने किसी भी हालत में कमाण्डर करण सक्सेना को बचाना है । वह जांबाज आदमी मरना नहीं चाहिये, जिसने हमारे देश की हिफाजत के लिए अपनी जान खतरे में डाल दी ।”
“लेकिन अब कमाण्डर करण सक्सेना को बचाने के लिए हम क्या करें ?” रक्षा मंत्री का सेक्रेटरी बोला ।
“जंगल में योद्धाओं का अब पहले जैसा डर नहीं है, फौज को हुकुम दो कि वह तुरंत जंगल में घुसे ।”
“ओके सर !”
☐☐☐
थोड़ा ही समय गुजरा होगा कि फौरन बर्मा के फौजी हैलीकॉप्टर बड़ी तादाद में जंगल के ऊपर मंडराने लगे ।
फौजी गाड़ियाँ दनदनाती हुई जंगल के अंदर घुसीं ।
देखते ही देखते बर्मा की फौज ने उस जंगल को चारों तरफ से घेर लिया ।
“सब ‘मंकी हिल’ की तरफ बढ़ें ।” फौज के कम्पनी कमाण्डर ने लाउस्पीकर पर आदेश दनदनाया- “और रास्ते में यौद्धाओं के जितने भी सैनिक नजर आयें, सबको मार डालो । कोई नहीं बचना चाहिये ।”
एकाएक जंगल में चारों तरफ फौज-ही-फौज नजर आने लगी ।
सिग्नल बजने लगे ।
जंगल का माहौल खौफनाक हो गया ।
फौज अब यौद्धाओं के बचे-कुचे सैनिकों को गोलियों से भूनती हुई आगे बढ़ रही थी ।
जंगल में आदिवासियों के ऊपर फौज को गोलियां चलाने की जरूरत नहीं पड़ी, उससे पहले ही आदिवासियों ने फौज के सामने हथियार डाले दिये ।
थोड़ी ही देर में पूरे जंगल पर बर्मा की फौज का कब्जा हो चुका था ।
यही वो पल था, जब फौज के चार हैलीकॉप्टर भयानक गर्जना करते हुए ‘मंकी हिल’ पर उतरे ।
“कमाण्डर करण सक्सेना यहीं कहीं होना चाहिये ।” वायुसेना का एक बड़ा ऑफिसर हैलीकॉप्टर से नीचे कूदता हुआ चिल्लाया- “उसे चारों तरफ ढूंढों, मंकी हिल का चप्पा-चप्पा छान मारों ।”
देखते ही देखते बर्मा के फौजी मधुमक्खी के छत्ते की भांति पूरी ‘मंकी हिल’ पर फैलते चले गये ।
“इस बात की क्या गारण्टी है ।” एक फौजी बोला- “कि कमाण्डर करण सक्सना यहीं होगा ।”
“क्योंकि उसने यहीं से अपना आखिरी मैसेज सर्कुलेट किया था ।”
“ओह !”
फौजी दौड़ते हुए आगे बढ़े ।
“लगता है, वहाँ कोई है ।” तभी एक फौजी ने दूर झाड़ियों की तरफ उंगली उठाई ।
“कमाण्डर करण सक्सेना मालूम होता है ।”
“जरूर वही है ।”
फौजी दौड़ते हुए उस व्यक्ति की तरफ बढ़ते चले गये, जो खून से लथपथ हालत में झाड़ियों में पड़ा था ।
वह सचमुच कमाण्डर करण सक्सेना था ।
“इसे जल्दी से उठाकर हैलीकॉप्टर में लाओ । हमने कमाण्डर करण सक्सेना को लेकर फौरन हॉस्पिटल पहुँचना है ।”
ऑफिसर के आदेश की देर थी, तुरन्त दो फौजियों ने कमाण्डर करण सक्सेना को उठा लिया और वह उसे लेकर वहीं खड़े एक हैलीकॉप्टर की तरफ दौड़े ।
☐☐☐
दर्द की वजह से कमाण्डर का सिर फटा जा रहा था । उसे ऐसा लग रहा था, मानो वह किसी बहुत गहरी नींद से जागा हो । आँखें खोलते ही उसने बड़ी अचम्भित निगाहों से इधर-उधर देखा । वह बिल्कुल नई जगह थी और इस समय वह एक बहुत साफ-सुथरे कमरे में था ।
तभी कमाण्डर की निगाह अपने बैड के नजदीक ही रखी एक तख्ती पर पड़ी, वह बर्मा की राजधानी रंगून का कोई हॉस्पिटल था ।
कमाण्डर ने देखा, उसके शरीर पर जगह-जगह पट्टियां बंधी हुई थीं ।
कपड़े बदले जा चुके थे ।
इसके अलावा हैवरसेक बैग का सामान भी वहीं कमरे में फैला हुआ था । उसी क्षण कमाण्डर की निगाह अपनी कलोरोफार्म की बोतल पर पड़ी । न जाने किस बेवकूफ ने क्लोरोफार्म की शीशी का ढक्कन खोल दिया था और अब उसमें से आधी से ज्यादा क्लोरोफार्म उड़ चुकी थी ।
खिड़की में से छनकर आती धूप इस समय सीधे उस क्लोरोफार्म की शीशी पर पड़ रही थी ।
कमाण्डर ने थोड़ी हिम्मत जुटाई । उसने बिस्तर पर लेटे-लेटे आगे को झुककर क्लोरोफार्म की शीशी उठाई और उसका ढक्कन वापस बंद कर दिया ।
फिर उसे लेटे-लेटे कब नींद आ गयी, पता न चला ।
काफी देर बाद कमाण्डर की आँखें खुली थीं ।
उसने देखा, बिल्कुल उसी क्षण एक बिल्कुल सफेद झक्के बालों वाला डॉक्टर कमरे में दाखिल हुआ । उसने सफेद ओवरऑल पहना हुआ था और आँखों में खूंखार भाव थे ।
“हैलो कमाण्डर !” वह कमाण्डर के नजदीक आकर खड़ा हो गया और मुस्कराया ।
कमाण्डर चौंका ।
उस आदमी की सूरत न जाने क्यों उसे जानी पहचानी सी लगी ।
वह उसे पहले कहीं देख चुका था ।
कहाँ ?
यह कमाण्डर को एकदम से याद न आया ।
“शायद तुम मुझे पहचानने की कोशिश कर रहे हो कमाण्डर ।” वह रहस्यमयी डॉक्टर इंजेक्शन की सीरींज भरता हुआ बोला- “मेरा नाम जैक क्रेमर है, ‘असाल्ट ग्रुप’ का आखिरी योद्धा ।”
कमाण्डर के दिमाग में धमाका हो गया ।
फौरन वह उसे पहचान गया ।
वह वास्तव में ही जैक क्रेमर था ।
“तुमने मेरे सभी ग्यारह योद्धाओं को मार डाला है कमाण्डर !” जैक क्रेमर गुस्से में फुंफकारा- “तुमने बर्मा पर कब्जा करने के मेरे सपने को चकनाचूर कर डाला । लेकिन अब तुम्हारी मौत का समय आ चुका है । तुम शायद जानते हो, नारकाटिक्स का कारोबार करने के साथ-साथ मैं विष का भी विशेषज्ञ हूँ । यह जो इंजेक्शन मेरे हाथ में देख रहे हो, इसके अंदर पौटेशियम साइनाइट से भी ज्यादा खतरनाक ‘कुर्री’ नाम का जहर भरा है । जैसे ही यह जहर तुम्हारे शरीर में पहुंचेगा, फौरन सेकण्ड के सौंवे हिस्से में तुम्हारी मौत हो जायेगी ।”
फिर जैक क्रेमर, कमाण्डर के वह इंजेक्शन लगाने के लिए जैसे ही आगे बढ़ा, तुरंत कमाण्डर बैड से एकदम जम्प लेकर खड़ा हो गया और उसकी ताइक्वांडों किक बड़ी स्पीड के साथ घूमकर जैक क्रेमर के चेहरे पर पड़ी ।
जैक क्रेमर चीख उठा ।
इंजेक्शन उसके हाथ से छूटकर नीचे गिर पड़ा और गिरते ही टूट गया ।
कमाण्डर की निगाह पुनः क्लोरोफार्म की बोतल पर जाकर ठहर गयी ।
वो जानता था, क्योंकि क्लोरोफार्म की वह बोतल किसी ने धूप में खुली छोड़ दी थी और थोड़ी देर पहले कमाण्डर उसे बंद कर चुका था, तो अब उसके अंदर खाली जगह में जरूर ‘फोसजिन गैस’ बन गयी होगी ।
फोसजिन-जो बहुत जहरीली गैस होती है और इंसान के ऊपर सीधे नर्व गैस का काम करती है ।
कमाण्डर ने झपटकर बोतल उठा ली और उसे लेकर बिजली जैसी फुर्ती के साथ दरवाजे की तरफ दौड़ा ।
“तुम आज बचकर नहीं जा सकोगे कमाण्डर !” जैक क्रेमर ने भी उसके पीछे जम्प लगायी ।
उसके हाथ में ‘कुर्री’ जहर से भरा दूसरा इंजेक्शन आ चुका था ।
रूका कमाण्डर !
घूमा !
फिर भड़ाक से उसकी एक और ताइक्वांडों किक घूमकर जैक क्रेमर के चेहरे पर पड़ी ।
उसी क्षण कमाण्डर ने ‘फोसजिन गैस’ से भरी वो बोतल सामने दीवार पर दे मारी ।
धड़ाम !
बोतल फटने की ऐसी आवाज हुई, जैसे बम फटा हो ।
कमाण्डर दौड़कर कमरे से बाहर निकल गया और बाहर निकलते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया ।
अंदर से अब जैक क्रेमर की वीभत्स चीखें गूंजने लगीं और फिर वो चीखें भी शांत हो गयीं ।
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार - by hotaks - 05-16-2020, 02:33 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,456,534 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,355 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,214,066 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,968 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,627,083 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,059,698 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,915,016 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,938,060 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,985,750 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,630 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)