RE: Desi Porn Kahani विधवा का पति
"यदि मैं सिकन्दर नहीं हूं और मुझे सिकन्दर बनाने की कोशिश की जा रही है तो निश्चय ही इसके पीछे कोई बड़ा मकसद होगा , अपने मकसद को पूरा करने के लिए इन्होंने वे सारे सबूत बिछाए होंगे जिनका तुम जिक्र कर रहे हो , उदाहरण के लिए , एलबम। किसी अन्य के फोटो पर मेरा चेहरा चिपकाकर यानि ट्रिक फोटोग्राफी से तैयार हो सकती है।”
"हो तो सकती है , मगर घूम-फिरकर बात वहीं आ जाती है—हमारे सामने प्रश्न यह खड़ा हो जाता है कि भला आपको सिकन्दर सिद्ध करने से लाभ क्या है?"
"यही तो पता लगाना है।"
"कैसे ?”
"उस तरकीब को निकालने के लिए ही तो तुमसे विचार-विमर्श कर रहा हूं।" युवक ने कहा—"हॉस्पिटल से निकालकर मुझे यहां ले आया गया है—लारेंस रोड पर स्थित इस विशाल बंगले में—जहां पचासों कमरे हैं , हॉल हैं , किसी मैदान जैसा लॉन है और कहा जा रहा है यह सब कुछ मेरा है—यह कोई सुनहरा जाल हो सकता है ?"
"अब आखिर आप चाहते क्या हैं ?"
"अब तक मैंने उस हर बात को स्वीकार किया है , जो डॉक्टर भारद्वाज , इंस्पेक्टर दीवान और सेठ न्यादर अली आदि कहते रहे हैं , मगर अब अपने बारे में थोड़ी-सी खोजबीन मैं खुद करना चाहता हूं।"
"मैं कुछ समझा नहीं?"
"एक अच्छा इन्वेस्टिगेटर वह होता है , जो छोटे-छोटे प्वॉइंट्स के आधार पर आगे बढ़कर किसी गुत्थीदार केस को सुलझाता है-स्वयं मैं ही अपने लिए एक रहस्य बन गया हूं—मेरा लक्ष्य है , यह पता लगाना कि मैं सिकन्दर हूं या नहीं—अगर हूं तो अनुत्तरित सवालों का जवाब खोजना है—य...यदि नहीं हूं तो पता लगाना है कि कौन हूं—और ये लोग मुझे सिकन्दर क्यों सिद्ध करना चाहते हैं? क्या तुम मुझे कोई ऐसा प्वॉइंट बता सकते हो रूपेश , जिसे पकड़कर मैं आगे बढ़ सकूं?"
“आपके जो कपड़े यहां हैं , उन पर टेलर की चिट जरूर लगी होगी , यदि उस टेलर से पूछताछ की जाए तो ?"
"उसे तो इन्होंने उसी तरह पढ़ा रखा होगा , जिस तरह इस घर के हर नौकर को पढ़ा रखा है।"
"वाह!" रूपेश एकदम चुटकी बजा उठा— “दिमाग में बड़ा अच्छा आइडिया आया है , हमें इस कमरे से पता लग सकता है कि आप सिकन्दर हैं कि नहीं।"
"कैसे ?" युवक ने अधीरतापूर्वक पूछा।
"वे कपड़े कहां हैं , जो होश में आने पर आपने अपने जिस्म पर देखे थे ?"
"उस सेफ में।"
"टेलर की चिट उन पर भी लगी होगी , अगर आप सिकन्दर हैं तो उन पर भी उसी टेलर की चिट होगी , जिसकी इस कमरे में मौजूद आपके ढेर सारे कपड़ों पर है—और अगर टेलर अलग है तो निश्चय ही आप सिकन्दर नहीं हैं।"
"वैरी गुड।" कहने के साथ ही युवक बिस्तर से उछल पड़ा , रूपेश द्वारा बताया गया प्वॉइंट उसे जंचा था। जल्दी से सेफ खोलते हुए उसने कहा—"तुम इस कमरे में मौजूद मेरे ढेर सारे कपड़ों पर लगी चिट देखो, रूपेश। मैं उन कपड़ों पर लगी चिट देखता हूं, जो होश में आने पर मेरे जिस्म पर थे।"
रूपेश ने उसकी आज्ञा का पालन किया।
कपड़े क्योंकि बहुत ज्यादा थे , इसीलिए उसे सभी को संभालने में तीस मिनट लग गए , जबकि गठरी-से बंधे वे कपड़े लेकर युवक पलंग पर आ बैठा था , जो सबसे पहले उसने अपने जिस्म पर देखे थे। रूपेश बोला— “सब एक ही टेलर द्वारा तैयार किए गए कपड़े हैं , कनाट प्लेस पर कोई टेलर है।"
युवक की आंखें अजीब-से अन्दाज में चमकने लगीं। अपने साथ में दबी गठरी की तरफ इशारा करके वह बोला— “ये कपड़े गाजियाबाद के किसी "बॉनटेक्स ' नामक टेलर ने तैयार किए हैं।"
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