RE: Desi Porn Kahani विधवा का पति
"रात-भर तो उसे थाने में ही रहना था ?" दीवान ने कहा—"टॉर्चर करने की मेरे पास इतनी डिग्रियां हैं कि किसी सबूत की जरूरत नहीं थी , वह खुद ही सब कुछ बक देता।”
अजीब ढंग से मुस्कराते हुए चटर्जी ने कहा— “पहली बात तो यह है दोस्त कि मेरे अध्ययन के मुताबिक वह तुम्हारे किसी भी डिग्री के टॉर्चर से टूटने वाला नहीं है , दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस टॉर्चर वाले अमानवीय तरीके से मुझे नफरत है। बुरा न मानना—दरअसल मैं यह समझता हूं कि अगर कोई इन्वेस्टिगेटर मुजरिम को टॉर्चर करके उससे हकीकत उगलवा रहा है तो यह उसकी , उसके विवेक , सूझबूझ और दिमाग की असफलता है और टॉर्चर करना अपनी असफलता की 'खीज ' उतारना है।"
"मेरे ख्याल से सिकन्दर जैसे चालाक और धूर्त मुजरिम की अक्ल को दुरुस्त करने के लिए टॉर्चर एक नायाब और जरूरी तरीका है।"
“हमारे विचारों में बुनियादी फर्क है।"
"अपने तरीके से तो हमने देख ही लिया कि उसने क्या हरकत की है , अब जरा तुम मुझे मेरे ढंग से काम करने की इजाजत दे दो—मैँ उस हरामजादे को अभी गिरफ्तार करके ले आऊंगा और फिर तुम देखना कि टॉर्चररूम में वह किस तरह चीख-चीखकर अपना जुर्म कबूल करेगा।"
"बुद्धि की लड़ाई में हाथ-पैरों का इस्तेमाल अनुचित है।"
"क्या मतलब ?"
चटर्जी बोला— “सच मानो आंग्रे , चटर्जी के लायक यह केस अब बना है—निश्चय ही मैं पहली बार इतने चालाक अपराधी ते टकरा रहा हूं और प्लीज , तुम इस टकराव में अड़चन मत बनो।" आंग्रे के साथ ही दीवान भी उसे हैरत-भरी नजरों से देखने लगा।
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"अब मैं समझी कि तुम इस घर से जाकर भी लौट क्यों आए थे।" नेत्रों से उस पर चिंगारियां बरसाती हुई रश्मि गुर्रा रही थी— “अब मेरी समझ में आया कि वीशू और मांजी को अपने मोहजाल में क्यों फंसाया था तुमने—क्यों तुम एक महीने तक इस चारदीवारी से बाहर नहीं निकले।"
“म.....मेरी बात तो सुनिए, रश्मि जी।"
"हत्यारे—पापी …अरे—तूने सचमुच ठगा है मुझे , मेरे वीशू और मांजी को—बहुत बड़ा जालसाज है तू—तूने मुझे बातों के ऐसे जाल में फंसाया कि मैं कुछ समझ ही न सकी …जब मैंने इस दाढ़ी-मूंछ के बारे में पूछा तो बोला कि यह रूप तूने 'उनके ' हत्यारों तक पहुंचने के लिए भरा है—उफ्फ—यह हकीकत तो मुझे अब पता लगी है कि दरअसल उनके रूप में तू अपने ही पापों को छुपा रहा है।"
"य...यह गलत है, रश्मिजी।"
“वह इंस्पेक्टर ठीक ही कहता था—मेरी सारी पवित्रता भंग कर दी है तुमने—मेरा सर्वस्व लूट लिया है—विधवा होकर मैंने यह लिबास पहना , चूड़ियां और बिछुए पहने, बिन्दी लगाई और सिन्दूर में मांग भरी—उफ्फ—एक विधवा के लिए श्रृंगार करने से बड़ा पाप और क्या हो सकता है। और यह पाप मैंने सिर्फ तुम्हारी बातों में आकर किया—तुमने कहा था कि सर्वेश के जीवित होने की खबर से जैसी खलबली उसके हत्यारों में मचेगी , वैसी ही पुलिस में भी और पुलिस के सामने तुम्हें सर्वेश ही साबित करना जरूरी है , ताकि मुजरिमों को तुम्हारे सर्वेश होने का यकीन हो जाए , तुम्हीं ने पुलिस को वह कहानी सुनाने के लिए कहा था , जो मैंने सुनाई।"
युवक ने कहा— “तुम सर्वेश के हत्यारों के जाल में फंस रही हो रश्मि।"
"क्या मतलब ?" वह गुर्राई।
“पुलिस को यहां भेजना हत्यारों की कोई साजिश थी।"
"कहानियां गढ़ने में माहिर हो तुम , शायद फिर कुछ गढ़ रहे हो।"
"तुम मेरी बात ध्यान से सुनती क्यों नहीं हो रश्मि?”
"क्या सुनूं—क्या तुम कह सकते हो कि तुमने रूबी की हत्या नहीं की ?"
और युवक ने कह दिया—“मैंने कोई हत्या नहीं की।"
"क्या ?" रश्मि की आंखें हैरत से फट पड़ीं—"सब कुछ इतना ज्यादा स्पष्ट होने के बावजूद भी क्या तुम ऐसा कहने की हिम्मत रखते हो—उफ्फ गजब के ढीठ हो—सफेद झूठ बोलते हो , सूरज की तरफ देखकर तुम कहते हो कि रात है और यह भी चाहते हो कि लोग तुम्हारे कथन पर यकीन कर लें।"
दिन को रात साबित करने पर आमादा हो गया युवक बोला— "प.....प्लीज रश्मि प्लीज , ठण्डे दिमाग से सिर्फ पांच मिनट चुप रहकर मेरी बात सुन लो।"
उसे घूरती हुई रश्मि ने कहा— "बोलो।"
"डॉली ने जो कुछ बताया है , उससे जाहिर है कि सर्वेश की हत्या के पीछे अपराधियों का कोई छोटा-मोटा संगठन नहीं , बल्कि कोई बहुत बड़ा गिरोह है , इसका मतलब यह है कि वे लोग फिजिकल ताकत के अलावा आर्थिक रूप से भी बहुत ज्यादा ताकतवर हैं और जरा सोचो , ऐसे दस-बीस इंस्पेक्टरों को खरीद लेना पैसे वालों के लिए क्या मुश्किल है ?”
"तुम यह कहना चाहते हो कि वे सब गैंग द्वारा खरीदे हुए थे ?"
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