RE: Desi Porn Kahani विधवा का पति
सिकन्दर ने एक लम्बी सांस लेने के बाद आगे बताया— “हेलेन नाम की एक लड़की थी , जिससे साठे के नाजायज सम्बन्ध थे—आप सभी जानते हैं कि स्मगलिंग का माल इधर-से-उधर करने के लिए हमारा गैंग कभी भी अपनी गाड़ियां प्रयोग नहीं करता है—चोरी की गाड़ियां" इस्तेमाल की जाती हैँ—तुम्हें याद होगा मुकेश कि आज से करीब चार महीने पहले हमने तुम्हें 'हेरोइन ' स्मग्ल करने का हुक्म दिया था ?”
"मुझे याद है 'शाही कोबरा '।" हॉल में मौजूद एक युवक ने कहा।
"उस हेरोइन को स्मग्ल करने के लिए किसकी गाड़ी चुराई थी तुमने ?"
"प्रीत विहार में रहने वाले किसी अमीचन्द जैन की फियेट थी वह—मैंने वह जैन के गैराज का ताला तोड़कर चुराई थी।"
"फिर तुमने क्या किया ?"
"काम पूरा करके लौटने में मुझे सुबह के आठ बज गए—तब 'बॉस ' ने कहा कि दिन में फियेट को कहीं छोड़कर आना खतरनाक है , अत: रात होने पर यह किया जाए कि गाड़ी एक दिन के लिए होटल के सीक्रेट गैराज में खड़ी कर दी जाए।"
"बस , उसी दिन दस बजे के करीब मैं कैडलॉंक लेकर होटल के सीक्रेट गैराज में पहुंचा।" सिकन्दर ने बताया—"गाड़ी गैराज में खड़ी करके गुप्त रास्ते से इस तहखाने में आ रहा था कि तहखाने के एक कमरे से मुझे साठे और हेलेन के बातें करने की आवाज आई—उनकी बातचीत में सायरा का नाम सुनकर मैं चौंक पड़ा और दरवाजे के बाहर ही खड़ा होकर उनकी बातें सुनने लगा—उन बातों से मुझे मालूम हुआ कि साठे नाम का वह कमीना , जिसे मैं अपना दोस्त समझता था , मेरी बहन पर बुरी नजर रखता था , एक रात बलात्कार की नीयत से वह सायरा के कमरे में जा घुसा—सायरा से उसने जबरदस्ती की—मेरी बहन के सारे कपड़े उतारकर फेंक दिए , तब भी अपना मुंह काला करने में सफल न हो सका और इसने गला घोंटकर सायरा को मार डाला।
"यह सब कुछ स्पष्ट हो जाने के बाद मैं गुस्से से पागल हो गया , अपने आपे में न रहा और रिवॉल्वर निकालकर उस कमरे में घुस गया—मैंने साठे पर फायर किया , मगर गोली हैलेन को लगी—हेलेन वहीं ढेर हो गई , परन्तु साठे बौखलाकर भाग निकला—अब मैं साठे को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकता था और खुद को बचाने के लिए साठे का मुझे मारना जरूरी हो गया था—साठे गैराज से मेरी कैडलॉक लेकर भागा—मैं उसके पीछे फियेट लेकर—हड़बड़ाहट में मेरे हाथ से जाने कहां रिवॉल्वर छूट गया—मगर भागने से पहले मैँ हेलेन के गले से अपना सोने का नेकलेस निकाल चुका था—उसी दिन स्मग्लिंग का माल लिए गुल्लू एक ट्रक द्वारा हरियाणा से आ रहा था। संयोग से हमारी कारें भी रोहतक रोड पर निकल गईं—अंधाधुन्ध ड्राइविंग करता हुआ मैं कैडलॉक का पीछा कर रहा था—तभी साठे ने एक चाल चली—ट्रासमीटर पर उसने गुल्लू को आदेश दिया कि यह ट्रक को फियेट से टकरा दे—मेरी फियेट का नम्बर उसने गुल्लू को बता दिया और गुल्लू बेचारा क्या जानता था कि फियेट में उसका 'शाही कोबरा ' ही है—अपने 'बॉस ' के हुक्म को 'शाही कोबरा ' का हुक्म जानकर ही उसने ट्रक को फियेट से टकरा दिया।"
सिकन्दर थोड़ा गुस्से में नजर आने लगा था। वह कहता ही चला गया— "हालांकि साठे ने यह एक्सीडेण्ट मुझे खत्म कर देने की मंशा से कराया था , किन्तु मैं जीवित बच गया और यह पता लगने पर कि मैं अपनी याददाश्त गंवा बैठा हूं, साठे कुछ समय के लिए चकरा गया—वह निश्चय नहीं कर सका कि क्या करे , मुझे मारना जरूरी है या नहीं-साठे दुविधा में ही फंसा रहा कि अखवार में दीवान द्वारा दिए गए विज्ञापन के आधार पर डैडी अस्पताल पहुंच गए—मुझे कुछ भी याद नहीं आ रहा था और इसी वजह से मेरा दुर्भाग्य कि सारे सबूतों के बावजूद मैं खुद को न्यादर अली का बेटा सिकन्दर मानने के लिए तैयार नहीं हुआ—याददाश्त गुम होने के बाद सायरा की लाश मेरे अवचेतन मस्तिष्क पर छाई रही और एक हिंसक बीमारी के रूप में मुझ पर हावी हो गई—जुनून-सा सवार होने लगा मुझ पर और इसीलिए डैडी ने मेरी सेवा के लिए 'जेंट्स नर्स ' हेतु विज्ञापन दिया।
“ मुझे कुछ याद नहीं था , जबकि इधर साठे इस दुविधा का शिकार था कि क्या करे—उसे यह शक भी होने लगा कि कहीं मैं याददाश्त गुम हो जाने का नाटक तो नहीं कर रहा हूं—अत: इसकी पुष्टि करने के लिए विज्ञापन की आड़ में इसने रूपेश को वहां भेजा।"
"मुझे हुक्म देते समय इसने कहा था बॉस कि न्यादर अली के लड़के सिकन्दर को चैक करने का आदेश 'शाही कोबरा' ने ही दिया है।" रूपेश ने बताया।
"तुम सब क्योंकि 'शाही कोबरा ' के प्रति ही कर्तव्यनिष्ठ थे—इसीलिए यह प्रत्येक आदेश यही कहकर जारी करता था कि वह 'शाही कोबरा ' का आदेश है—तुम बेचारे क्या जानते थे कि तुम्हारा 'शाही कोबरा ' याददाश्त गंवा बैठा है और जो आदेश यह गद्दार 'शाही कोबरा ' के नाम पर दे रहा है , वह 'शाही कोबरा ' ही के विरुद्ध है—तुमने साठे को रिपोर्ट दी रूपेश कि सिकन्दर वाकई याददाश्त गंवा बैठा है और उसे अपने सिकन्दर होने में संदेह है। अब साठे ने सोचा कि सिकन्दर को मारना जरूरी नहीं है—हां , न्यादर अली और देहली से बहुत दूर निकाल देना अधिक सुरक्षित रहेगा और इस उद्देश्य से उसने मुझे जॉनी बनाने का जो नाटक रचा , वह सब तुम जानते ही हो।"
हाल में सन्नाटा व्याप्त रहा।
“मैं इस नाटक में पूरी तरह फंस चुका था कि बीमारी के रूप में लग गए मेरे जुनून ने साठे की सारी योजना बिखेर दी। मैंने तुम्हारी पत्नी माला की हत्या कर दी रूपेश और तुम्हें भी जीवित जलाने की कोशिश की , मगर सच मानो , वह सब कुछ मैंने जानकर नहीं किया—जुनून के अन्तर्गत कर बैठा—मैं तुम्हारा मुजरिम हूं रूपेश।"
"असली मुजरिम तो ये है 'शाही कोबरा ', जिसने आपकी बहन का मर्डर किया—उसी मर्डर की वजह से आपको यह बीमारी हुई और आपके जुनून का शिकार माला बन गई। ”
"मैं गाजियाबाद से बौखलाकर भागा और संयोग से सर्वेश के घर पहुंच गया , जिस तरह मैं पुलिस की नजरों से गुम हो गया था , उसी तरह साठे भी न जान सका कि मैं हत्याकाण्ड करने के बाद कहां गायब हो गया हूं—इसे यह चिंता सताए जा रही थी कि कहीं मेरी याददाश्त वापस न आ जाए—इस बीच 'शाही कोबरा' के नाम पर ही तुम सबसे काम लेता रहा—उधर पुलिस और साठे की नजरों से छुपा मैं सर्वेश के घर में रहा—विशेष और रश्मि से मुझे प्यार हो गया और उस दरिन्दे के खिलाफ मेरा दिल नफ़रत से भर गया। जिसने विशेष , रश्मि और बूढ़ी मां से उनके सहारे सर्वेश को छीना था।"
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