RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
स्क्रीन पर इस वक्त पहरेदारों के अतिरिक्त एक तीसरा व्यक्ति भी नजर आ रहा था, शायद उसी को देखकर एक पहरेदार ने उपरोक्त चेतावनी दी थी—अपरिचित यानी तीसरे व्यक्ति ने हाथ ऊपर उठा लिए, गन संभाले एक पहरेदार उसकी तरफ बढ़ा।
सिंगही और बाटले दिलचस्प निगाहों से उस दृश्य को देख रहे थे। पहरेदार ने गन की नाल आगन्तुक की छाती पर रखी और पूछा—
“कौन हो तुम?”
“मेरा नाम गोंजालो है!” हाथ ऊपर उठाए व्यक्ति ने कहा।
“यहां क्या कर रहे हो?”
“मुझे महामहिम सिंगही से मिलना है।”
आगन्तुक का यह वाक्य सुनकर सिंगही की आंखों में उलझन के भाव उभर आए, जबकि पहरेदार ने चौंककर कहा—“जान बचाना चाहते हो तो भाग जाओ यहां से, यहां कोई सिंगही नहीं रहता।”
“महामहिम से जाकर कहो कि मुझे अलफांसे ने भेजा है।”
“कौन अलफांसे?” पहरेदार ने पूछा—जबकि अलफांसे का नाम सुनते ही सिंगही की आंखों में एक विशेष चमक उभर आई थी, गोंजालो ने कहा—“महामहिम से जाकर कह दो, वे मुझे खुद बुला लेंगे।”
इससे पहले कि पहरेदार आगन्तुक से कुछ कहे, सिंगही लम्बे-लम्बे दो ही कदमों में स्क्रीन के करीब पहुंचा तथा एक बटन पर उंगली रखकर बोला—“मोलार्ड!”
“यस महामहिम!” स्क्रीन पर पहरेदार चौंकता हुआ नजर आया।
“इस आदमी को रूम नम्बर इलेविन में ले आओ।”
“ओ.के. महामहिम!” पहरेदार ने पूरे सम्मान के साथ कहां।
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“तो तुम्हारा नाम गोंजालो है और तुम्हें अलफांसे ने यहां भेजा है।”
सिंगही ने अपने सामने बैठे आगन्तुक की आंखों में आंखें डालकर ये शब्द कहे।
“जी हां!” गोंजालो ने बहुत ही संक्षिप्त-सा जवाब दिया।
“तुम्हें कैसे पता लगा कि हम यहां मिलेंगे?”
“यहां का पता मास्टर ही ने दिया था।”
“ओह!” सिंगही के मुंह से निकला, वह जानता था कि अलफांसे के शिष्य सारी दुनिया में फैले हुए हैं और वे सभी अलफांसे को ‘मास्टर’ कहते हैं। एक पल चुप रहने के बाद उसने अगला सवाल किया—“तुम कहां रहते हो?”
“साइबेरिया में।”
“तो क्या अलफांसे आजकल साइबेरिया में है?”
“जी नहीं, मास्टर आजकल लंदन में हैं—उन्होंने वहीं से मुझे एक पत्र डाला, पत्र के साथ एक सीलबन्द लिफाफा भी था—मेरे नाम लिखे गए पत्र में मास्टर ने यहां का पता लिखने के बाद लिखा है कि मैं सीलबन्द लिफाफा आप तक पहुंचा दूं—मास्टर ने यह भी लिखा है कि आप तक पहुंचने के लिए मुझे उनके नाम का प्रयोग करना है।”
जाने क्या सोचते हुए सिंगही की छोटी-छोटी आंखें सिकुड़कर गोल हो गईं, बोला—“वह सीलबन्द लिफाफा कहां है?”
आगन्तुक ने जेब से एक बड़ा-सा लिफाफा निकालकर सिंगही की तरफ बढ़ा दिया—सिंगही ने लिफाफा लिया। पहले उसे उलट-पलटकर बहुत ही गौर से देखा। उसके समीप बैठे बाटले की निगाहें भी लिफाफे पर ही स्थिर थीं। संतुष्ट होने पर सिंगही ने लिफाफा खोल लिया।
लिफाफे के अन्दर से एक पत्र और कार्ड निकला।
कार्ड पर दृष्टि पड़ते ही सिंगही चौंका और फिर उसे पढ़ता चला गया, पूरा कार्ड पढ़ते-पढ़ते उसके चेहरे पर हैरत के असीमित भाव उभर आए थे, उसके मुंह से बरबस ही निकल पड़ा—“अलफांसे शादी कर रहा है?”
“जी हां, ऐसा ही एक कार्ड मास्टर ने मुझे भी भेजा है।”
सिंगही ने जल्दी से पत्र की तहें खोलीं, पत्र अलफांसे ने ही लिखा था, सिंगही व्यग्रतापूर्वक उसे पढ़ने लगा-
प्यारे सिंगही,
“मैं जानता हूं कि इस पत्र के साथ मिले कार्ड को देखकर तुम चौंक पड़ोगे—इस वक्त तुम्हारे चेहरे पर हैरत के असीमित भाव होंगे—वाकई मेरे हर परिचित के लिए यह सूचना हैरतअंगेज है कि मैं शादी कर रहा हूं—तुम कठिनता से ही इस सच्चाई पर विश्वास कर पाओगे, परन्तु तुम्हें इस अविश्वसनीय सच्चाई पर विश्वास करना ही चाहिए, क्योंकि मैं सचमुच शादी कर रहा हूं।
अपने फैसले पर मैं खुद भी उतना ही चकित हूं, जितने तुम होगे, परन्तु इर्विन से मिलने के बाद चाहकर भी इस फैसले के अलावा कुछ और न कर सका—यूं समझो कि अब मैं अपने अपराधी जीवन की भागदौड़ से तंग आ गया हूं—मैंने इंग्लैण्ड की नागरिकता स्वीकार कर ली है, बाकी जीवन इर्विन के साथ शान्ति से गुजारना चाहता हूं।
अगर मैं तुम्हें अपनी शादी की सूचना न भेजता तो बाद में शिकायत करते, इसलिए साइबेरिया में स्थित अपने एक शार्गिद के हाथों ये लिफाफा भेज रहा हूं—गोंजालो को विदा कर देना, यकीन रखो—गोंजालो कभी किसी को तुम्हारे इस ठिकाने का पता नहीं बताएगा।
अगर चाहो तो कार्ड के मुताबिक शादी के दिन लंदन पहुंच जाना!
—तुम्हारा अलफांसे!
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