RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
अलफांसे ने राजनगर में हम सबको कार्ड भेजे हैं, केवल आप ही को नहीं भेजा—यह तो सरासर आपका अपमान है सर, बहुत ही नीचता-भरी हरकत की है अलफांसे ने, इतना छिछोरा तो मैं उसे नहीं समझता था—छिः—नहीं सर, मैं किसी भी कीमत पर उसकी शादी में शरीक होने लंदन नहीं जाऊंगा!” गुप्त भवन के साउण्डप्रूफ कमरे में, चीफ वाली कुर्सी पर बैठा ब्लैक ब्वॉय अजीब-से भावावेश में कहता ही चला गया।
विजय के होंठों पर हल्की-सी मुस्कान उभर आई, बोला—“तुम एकदम अलग और गलत लाइन पर सोच रहे हो प्यारे!”
“क्या मतलब सर?”
“सारी रामायण तुम्हें इसलिए नहीं सुनाई है कि तुम मेरे मान—अपमान के बारे में सोचने लगो!”
“मान-अपमान की तो बात है सर!”
“लेकिन हम उस बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहे हैं।”
“मैं समझा नहीं।”
“जरा सोचो, क्या तुम कभी कल्पना कर सकते हो कि लूमड़ शादी कर सकता है?”
“अगर आप सच पूछें तो मैं अभी तक इस सूचना पर यकीन नहीं कर पाया हूं।”
“क्यों?”
“अलफांसे के कैरेक्टर को देखकर बिल्कुल अविश्वसनीय बात महसूस होती है, किन्तु...।”
“किन्तु?”
“फिर सोचता हूं किसी अन्य को भला अलफांसे की शादी की अफवाह उड़ाने से क्या लाभ हो सकता है।”
विजय के होंठों पर हल्की-सी मुस्कान उभर आई, बोला—“सबसे पहले तो यह बात दिमाग से निकाल दो प्यारे काले लड़के कि यह सुचना किसी अन्य ने भिजवाई है—सूचना चाहे सच हो या अफवाह, मगर ये बात पक्की है कि इसे यहां अपने लूमड़ ने भिजवाया है—सबूत है उसकी राइटिंग।”
“तो फिर अलफांसे को अपने बारे में अफवाह उड़ाने से क्या लाभ हो सकता है?”
“अगर वह लाभ ही समझ में आ जाए तो फिर बाकी बचेगा ही क्या प्यारे?” विजय कहता ही चला गया—“दुनिया में लूमड़ ही तो एकमात्र ऐसी चीज है, जिसके पैंतरों को समझने के लिए अक्सर हमारे दिमाग की मशीनरी के स्क्रू ढीले पड़ जाते हैं। उसने लिखा है कि इर्विन बहुत सुन्दर है, इतनी ज्यादा कि जिसे देखते ही वह उस पर फिदा हो गया—फिदा भी इस हद तक कि वह उससे शादी किए बिना नहीं रह सका, बोलो—क्या तुम अपने लूमड़ के लिखे इन शब्दों पर यकीन कर सकते हो?”
“दिमाग के अलावा इंसान के अन्दर दिल भी होता है सर—और इसमें शक नहीं कि यह दिल पता नहीं कब किस पर आ जाए—जब भावनाएं प्रबल होती हैं तो दिमाग को कुन्द कर देती हैं।”
“और ऐसी ही अवस्था में उसने शेष जीवन घर बसाकर शांति से गुजारने का फैसला कर लिया?”
“बहुत-से अपराधियों के साथ ऐसा पहले भी हो चुका है।”
“वे सिर्फ अपराधी रहे होंगे प्यारे, लेकिन लूमड़ अपराधी होने के साथ ही कुत्ते की पूंछ भी है और कुत्ते की पूंछ की विशेषता तो तुम जानते ही होगे—बारह बरस बाद भी जब नलकी से निकालोगे तो टेढ़ी ही निकलेगी—रही दिल की बात, तो हम दावा पेश कर सकते हैं कि अपना खुदा पहलवान लूमड़ के सीने में दिल नाम की वस्तु फिक्स करना भूल गया था, भूल तो उससे भी हो सकती है न?”
“पता नहीं आप क्या कहना चाहते हैं सर, मैं अभी तक नहीं समझ सका हूं?”
“जो कुछ उसने पत्र में लिखा है, भले ही उस पर सारी दुनिया यकीन कर ले, परन्तु हम यकीन नहीं कर सकते।”
“क्या आप इस सूचना को झूठ मान रहे हैं?”
“बिल्कुल नहीं।”
“क्या मतलब?” ब्लैक ब्वॉय लगभग उछल पड़ा।
“कार्ड के मुताबिक आज से पांचवें दिन उसकी शादी है और यदि उसने झूठी सूचना भेजी होगी तो अच्छी तरह जानता होगा कि पांचवें दिन उसका झूठ पकड़ा जाएगा और लूमड़ ‘सॉलिड’ झूठ तो बोल सकता है, ऐसा नहीं जो इतनी जल्दी पकड़ा जाए।”
“तो क्या आप यह मानते हैं कि वह सचमुच शादी कर रहा है?”
“फिलहाल ऐसा ही समझ लो।”
“तब फिर मुझे आपके द्वारा उसके पत्र में लिखी बातों पर सन्देह व्यक्त करने का अर्थ समझ में नहीं आया।”
“मामले के ऊंट की पूंछ पकड़ने की कोशिश करो प्यारे, हमारी बातों का अर्थ केवल इतना ही है कि यदि उसने सिर्फ अफवाह उड़ाई है तो उसे इन पांच दिनों के अन्दर इस अफवाह से कोई बड़ा लाभ होने वाला है और यदि वह सचमुच शादी कर रहा है तो निश्चय ही इस शादी के बाद उसे कोई लाभ होने वाला है—हमारी जानकारी के मुताबिक लूमड़ बेमकसद कोई काम नहीं करता और कम-से-कम शादी तो बेमकसद कर ही नहीं सकता।”
“शादी की खबर फैलाने या शादी करने से उसे क्या लाभ हो सकता है?”
“ऐसा भी हो सकता है कि इस बहाने वह तुम सबको किसी खास मकसद से लंदन बुलाना चाहता हो।”
“तो फिर उसने आपको क्यों नहीं बुलाया?”
“मुमकिन है कि अपना मकसद पूरा करने में उसे विशेष रूप से हमारी ही कोई जरूरत न हो।”
“ऐसा भला क्या मकसद हो सकता है, जिससे उसे हम सबकी, रैना बहन और आपकी मां तक की तो जरूरत है, लेकिन आपकी नहीं?”
“सबसे महत्वपूर्ण यही सवाल है और इसी सवाल का जवाब न मिलने की वजह से हमें इस सारे झमेले में किसी खतरनाक और गहरे षड्यंत्र की बू आ रही है और उसी बू के कारण हम कह रहे हैं, उसके द्वारा हमें कार्ड न भेजने की घटना को मान-सम्मान के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि इस दृष्टिकोण से देखना चाहिए कि ऐसा उसने क्यों किया?”
कुछ कहने के स्थान पर ब्लैक ब्वॉय ने इस बार सिगार सुलगाया।
विजय ने आगे कहा— “तुलाराशि, रैना और दिलजला भी यही कह रहे थे कि अलफांसे ने हमारा अपमान किया है, इसलिए वे लंदन नहीं जाएंगे।”
ब्लैक ब्वाय अजीब-से रोष भरे स्वर में कह उठा—“ठीक ही कह रहे थे वे।”
“तुम फिर बहक रहे हो प्यारे।” विजय मुस्कराया—“मामला लूमड़ का है इसलिए हमें हल्के-फुल्के ढंग से लेने के स्थान पर बहुत ही बारीकी से इसके हर प्वॉइंट पर गौर करना चाहिए।”
“जैसे?” ब्लैक ब्वॉय ने सिगार में एक कश लगाया।
“क्या उसने नहीं सोचा होगा कि यदि उसने हमें कार्ड नहीं भेजा तो हमारे इर्द-गिर्द के वे लोग भी कभी लंदन नहीं जाएंगे जिन्हें उसने कार्ड भेजा है?”
“यही तो दुख है कि उसने ऐसा नहीं सोचा।”
“तुम भूल कर रहे हो प्यारे काले लड़के!” विजय ने कहा—“हम नहीं मान सकते कि लूमड़ इतनी छोटी-सी बात न सोच सके।”
“अगर सोची थी तो उसने कार्ड क्यों नहीं भेजा?”
“क्योंकि दरअसल वह हमारे परिचितों में से किसी को बुलाना नहीं चाहता।”
विजय के इस वाक्य पर ब्लैक ब्वॉय विजय का चेहरा देखता रह गया, कुछ ऐसे अन्दाज में जैसे कुछ समझ न पाया हो, सिगार में एक कश लगाने के बाद बोला—“समझ में नहीं आता सर कि आज आप कैसी उखड़ी-उखड़ी, घुमावदार और विरोधी बातें कर रहे हैं—कभी कहते हैं कि वह किसी विशेष मकसद से आपके अलावा हम सबको वहां बुलाना चाहता है और कभी कहते हैं कि वह हममें से किसी को भी बुलाना नहीं चाहता।”
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