RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
“उसका नाम अलफांसे है प्यारे—एक घुमावदार व्यक्तित्व, इसलिए हमें भी उसके बारे में घुमावदार ढंग से सोचने की आदत पड़ जाती है—इतना तुम तय समझो कि इस शादी या शादी की मात्र खबर के पीछे वह कोई बहुत बड़ा खेल खेल रहा है—हमें कार्ड न भेजने के पीछे केवल उन्हीं दो में से कोई एक मकसद हो सकता है जिनका हम जिक्र कर चुके हैं। फिलहाल हम निर्धारित नहीं कर सकते कि इनमें से उसका मकसद क्या है और न ही यह जान सकते हैं कि वह क्या खेल खेल रहा है—इस खेल के बारे में जानने के लिए हमें चाहिए कि उसके उपरोक्त, सम्भावित दो में से किसी एक मकसद को भी पूरा न होने दें।”
“ऐसा भला आप किस तरह करेंगे?”
“शादी में शरीक होने लंदन हम सब जाएंगे, हम भी...!”
“अ...आप...बिना उसके बुलाए?”
बड़ी ही जानदार मुस्कराहट विजय के होंठों पर उभरी, बोला—
“यही तो वह कच्ची भावना है, जिससे हम सबको फंसाकर वह अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।”
“मतलब?”
“वह जानता है कि इस भावना का शिकार होकर क्या तो मैं लंदन नहीं पहुंचूंगा या हममें से एक भी नहीं पहुंचेगा और इन्हीं दो में से किसी एक मकसद से उसने हमें कार्ड नहीं भेजा है!”
ब्लैक ब्वॉय निरुत्तर-सा हो गया, परन्तु फिर भी विजय की बातों से वह पूरी तरह संतुष्ट नजर नहीं आ रहा था, जबकि इस बात की कोई परवाह किए बिना विजय ने आगे कहा—“तुम कल सुबह तक हमारी लंदन यात्रा के लिए नकली पासपोर्ट और वीजा का प्रबन्ध करो!”
“क...क्या मतलब?” ब्लैक ब्वॉय उछल पड़ा।
“मतलब सीधा है प्यारे, हम नकली नाम और नकली चेहरे से कल लंदन जा रहे हैं।”
“म...मगर क्यों?”
“तुम लूमड़ की शादी या शादी की सूचना को सिर्फ साधारण ‘शादी’ के नजरिए से देख रहे हो, जबकि हमें यह सूचना या शादी किसी बहुत बड़ी साजिश के लिए गहराई से सोची गई कोई लम्बी और सुलझी हुई स्कीम दिखाई देती है—जो खेल इस सूचना के साथ लूमड़ ने शुरू किया है—उस खेल को समझने के लिए वक्त से पहले ही गुप्तरूप से हमारा लंदन पहुंचना जरूरी है।”
“ओह!” कहने के साथ ही ब्लैक ब्वॉय ने ढेर सारा धुआं उगला।
“दिलजले के अलावा किसी को पता नहीं लगना चाहिए कि हम राजनगर में नहीं हैं, उसके लिए खुद तुम्हें हमारी कोठी में ‘विजय’ बनकर रहना होगा!”
“ओ.के. सर!”
गुड!” विजय अचानक ही फुर्ती में और ज्यादा चौकस नजर आने लगा था, कुछ ऐसी अवस्था में जैसे उसकी समझ के मुताबिक कोई बहुत बड़ा अभियान शुरू हो चुका है, ब्लैक ब्वॉय के कुछ कहने से पहले ही उसने अगला सवाल किया—“अशरफ की रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं आई?”
“ज...जी—कह नहीं सकता, कुछ देर पहले आपके सामने ही तो उसने फोन पर बताया था कि उसने मांगे खां को पकड़ लिया है और तब मैंने आपके द्वारा बताए गए सवालों जवाब मांगे खां से मालूम करने का हुक्म दिया था!”
सुनकर विजय ने मेज पर रखे फोन का रिसीवर उठाया, नम्बर डॉयल किए और सम्बन्ध स्थापित होने पर पवन के-से भर्राए हुए स्वर में गुर्राया—“पवन हीयर!”
“मैं अशरफ बोल रहा हूं सर!” दूसरी तरफ से अशरफ का सतर्क एवं सम्मानित स्वर उभरा।
“रिपोर्ट।”
“काफी टॉर्चर के बाद भी मांगे खां हर बार यही कह रहा है सर कि कल शाम की डाक से उसे एक पार्सल मिला था, सभी लिफाफे उसके अन्दर थे—अलफांसे का उसके नाम एक पत्र भी था, जिसमें अलफांसे ने उसे सभी लिफाफे उन पर लिखे पत्तें पर पहुंचा देने के लिए लिखा था और उस पार्सल में से विजय के नाम का कोई लिफाफा नहीं निकला!”
विजय ने पवन के-से भर्राये हुए स्वर में ही पूछा— “तुम्हारे ख्याल से वह झूठ बोल रहा है या सच?”
“मेरे ख्याल से तो अगर वह झूठ बोल रहा होता तो इतने टॉर्चर के बाद टूट जाता सर!”
“ठीक है, क्या उसने वह पता बता दिया है, जिस पते पर उसे पार्सल मिला?”
“जी हां, मांगे खां का कहना है कि वह पिछले दस साल से उसी पते पर रहता है।”
एक क्षण विजय ने कुछ सोचने में गंवाया, अगले ही क्षण बोला—
“फिलहाल तुम मांगे खां को कैद किए रहो और उसके द्वारा बताए गए पते पर स्वयं जाकर पार्सल के अवशेष और उसके नाम लिखा गया अलफांसे का पत्र हासिल करने की कोशिश करो!”
“ओ.के. सर।”
“आशा से कहो कि वह पोस्ट ऑफिस जाकर मांगे खां के पते से सम्बन्धित डाकिए से मिले, मालूम करे कि कल शाम की डाक में मांगे खां के नाम कोई पार्सल आया था या नहीं—और यदि आया था तो कहां से, उसमें कितना वेट था, आदि!”
“मैं अभी फोन करके आपका आदेश आशा को दे देता हूं सर!”
“काम पूरा होते ही हमें रिपोर्ट देना और आशा से भी यही कहना!”
आदेश देने के बाद अशरफ की तरफ से किसी जवाब की प्रतीक्षा किए बिना विजय ने सम्बन्ध विच्छेद कर दिया।
इस बीच अपनी रिवॉल्विंग चेयर पर बैठा ब्लैक ब्वॉय खामोशी के साथ सिगार का धुंआ उड़ाता रहा था, उसकी तरफ मुखातिब होकर विजय ने कहा— “तुम सभी लोगों के कार्ड के मुताबिक सही समय पर शादी में शामिल होने के लिए लंदन पहुंचना है—आज से चौथे दिन मैं लंदन ही से ट्रांसमीटर पर तुमसे सम्बन्ध स्थापित करूंगा, यदि कोई विशेष बात हुई या प्रोग्राम में मैंने किसी किस्म की रद्दोबदल आवश्यक समझी तो सूचित कर दूंगा।”
“ओ.के. सर!”
कुछ कहने के लिए विजय ने अभी मुंह खोला ही था कि मेज पर रखा इन्टरकॉम भिनभिना उटा, रिसीवर उठाते ही उसमें से आवाज आई—“एजेण्ट डबल एक्स फाइव आना चाहता है सर!”
“भेज दो!” कहकर ब्लैक ब्वॉय ने रिसीवर रख दिया और विजय से बोला—“विकास आ रहा है सर!”
“सही समय पर आ रहा है—सारी योजना उसे भी समझा देंगे!”
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