RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
“क्या मतलब?”
“आपको तो पूरी कहानी ही सुनानी पड़ेगी। आइए, कॉफी ठंडी हो रही है।” कहने के साथ ही वेटर मेज की तरफ बढ़ा, विजय भी उसके पीछे था—वह गद्देदार सोफे में धंस गया—कुछ देर बाद कॉफी का कप विजय को देता हुआ वेटर बोला—“बोगान नामक गुंडे से सारा लंदन आतंकित था—बोगान के गुर्गे उसके आदेश पर इर्विन को किडनैप करके बोगान के लिए उसके अड्डे पर ले जा रहे थे कि मुकद्दर के मारों का रास्ते में ही अलफांसे साब से टकराव हो गया—इर्विन को बचाने के लिए वे बोगान के आदमियों से भिड़ गए। बेचारे गुर्गों को क्या मालूम था कि वे किससे भिड़ रहे हैं—उनकी हड्डी-पसलियां तोड़कर अलफांसे साब इर्विन मेमसाब को उनके चंगुल से निकाल तो लाए, परन्तु साथ में लड़की की तरफ ध्यान न देने वाले इर्विन के हाथों अपना दिल हार बैठे और आप तो जानते ही हैं साहब, इंसान जब दिल हार जाता है तो सब कुछ हार जाता है। जो कभी किसी कैद में नहीं रहा—उसे इर्विन की मुहब्बत की जंजीरें से ने जकड़ लिया।”
बहुत ध्यान से सुनते हुए विजय ने चुस्की ली और बोला—“फिर क्या हुआ?”
“होना ही क्या था, उस वक्त तो हम भी नहीं जानते थे कि ये वही अन्तर्राष्ट्रीय अपराधी अलफांसे हैं, जिनके बारे में हम तरह-तरह की कहानियां सुनते रहे हैं। इधर अगले दिन इसी होटल में इनकी और इर्विन की मुलाकात हुई और अभी हॉल में बैठे ये बातें ही कर रहे थे कि होटल में गड़गड़ाता हुआ बोगान पहुंच गया। वह बहुत ही गुस्से में था—दस-पन्द्रह गुण्डे भी थे उसके साथ—होटल के अन्दर ऐसे रौद्र रूप में बोगान को देखते ही मैनेजर समेत होटल का सार स्टाफ बौखला उठा, हॉल में मौजूद लोग आतंकित हो गए और उस वक्त तो सारा स्टाफ ही कांप उठा, जब उसने उफनते हुए कहा कि वह हमारे होटल के सेवन्टी-वन नम्बर रूम में ठहरे यात्री को जिन्दा नहीं छोड़ेगा—तभी अलफांसे साहब ने स्वयं बोलकर उसका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया-उन्होंने बोगान को बताय कि मेरा नाम ही अलफांसे है—बस, फिर क्या था, दोनों में ठन गई-इर्विन सहित हॉल में मौजूद सभी के चेहरे पीले पड़ गए, परन्तु अलफांसे साहब बड़ी ही जानदार मुस्कराहट के साथ मुस्करा रहे थे—हम सबको उन पर तरस आया, क्योंकि हम समझ रहे थे कि अगले ही कुछ पलों बाद इस हॉल में उनकी लाश पड़ी होगी—मैनेजर साहब को अपने हॉल और फर्नीचर की टूट-फूट की फिक्र थी, इसलिए उन्होंने बोगान के कदमों में गिरकर अलफांसे को होटल से बाहर ले जाने की विनती की—मगर बोगाने ने एक न सुनी और मैनेजर साहब के जबड़े पर एक ठोकर मारी, उधर डर के मारे इर्विन का बुरा हाल था, वो बार-बार अलफांसे साहब से कह रही थीं कि वे बोगान से माफी मांग लें—किन्तु अलफांसे साहब ने इर्विन की तरफ संकेत करके बोगान से कह कि यही वह लड़की है जिसे उसके गुर्गे उसके पास ले जा रहे थे—अगर उसमें ताकत है तो खुद इर्विन को हाथ लगाकर दिखाए, अन्त ये कि बोगान और उसके सारे गुण्डे एक साथ अलफांसे साहब पर झपट पड़े, मगर वह दृश्य ऐसा था कि जिसने भी देखा उसी ने दांतों तले उंगली दबा ली-पन्द्रह मिनट बाद हॉल में चारों तरफ बोगान के आदमी बूरी तरह घायल और खून से लथपथ पड़े कराह रहे थे—उन्हीं में से एक बोगान भी था—इस बीच मैनेजर साब पुलिस को फोन कर चुके थे, परन्तु बोगान का नाम सुनकर पुलिस ने वहां आने से साफ इनकार कर दिया—अंत में बोगान बदला लेने की धमकी देकर वहां से चला गया, मगर अब हममे से कोई भी उसकी धमकी से नहीं डरा, हम सभी को वह धमकी बहुत खोखली लगी—यह बात हमारी समझ में आ गई कि वह अलफांसे साहब से कभी बदला नहीं ले सकेगा और वही बात हुई—आज तीन महीने गुजर गए हैं, बोगान को कभी किसी ने होटल के आसपास भी नहीं देखा है।”
“उसके बाद क्या पुलिस ने अलफांसे को नहीं पकड़ा?”
“पुलिस यहां आई थी, उस पर बोगान का काफी दबदबा था और शायद बोगान ने ही अलफांसे साहब को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को भेजा था, परन्तु तभी अलफांसे साहब के हक में मिस्टर गार्डनर स्टेनले का फोन आ गया और पुलिस इन्हें बिना गिरफ्तार किए ही लौट गई।”
“ये गार्डनर स्टेनले कौन हैं?”
“इर्विन मेमसाहब के पिता।”
“ओह, मगर—उनके कहने से भला पुलिस क्यों लौट गई?”
“वे स्वयं सिक्योरिटी विभाग में बहुत बड़े अधिकारी हैं, इस बीच इर्विन मेम साब ने सारा किस्सा, कोठी पर जाकर उन्हें बता दिया था और इसीलिए उन्होंने इनके हक में फोन किया।”
“फिर तो पुलिस ने बोगान को पकड़ लिया होगा?”
“कहते हैं कि गार्डनर साहब तो यही चाहते थे, परन्तु अलफांसे साब ने उनसे मना कर दिया, कहा कि अब वह कभी कम-से-कम इर्विन की तरफ नजर तक नहीं उठाएगा।”
“इस घटना के बाद तो इर्विन अलफांसे को और ज्यादा प्यार करने लगी होगी?”
“जी हां—बहादुर आदमी को भला कौन लड़की न चाहेगी, अलफांसे साहब तो उनसे पहले ही सब-कुछ हार चुके थे—वे हर रोज मिलने लगे, कभी होटल में, कभी होटल के बाहर—उसके बाद से अकसर उन्हें साथ ही देखा जाने लगा—और अब तो उनकी शादी होने वाली है।”
“शादी होने वाली है?”
“जी हां, अब तो केवल चार दिन रह गए हैं।”
“मगर एक अन्तर्राष्ट्रीय मुजरिम की शादी भला इतने बड़े ब्रिटिश अफसर की बेटी से कैसे हो सकती है?
“यह सवाल उठा था और स्वयं गार्डनर साहब ने ही उठाया था, अपनी बेटी से उन्होंने कहा था कि उसकी शादी एक मुजरिम से नहीं हो सकती, उन्होंने साफ इनकार कर दिया था, परन्तु इर्विन मेमसाब बहुत जिद्दी हैं—साथ ही गार्डनर साहब की आंख का तार भी—वे जिद पकड़ गईं, घोषणा कर दी कि अगर वे शादी करेंगी तो सिर्फ अलफांसे ही से—अगर बड़ों के आशीर्वाद से शादी न की गई तो वह बालिग हैं और खुद ही चर्च में जाकर अपनी पसन्द की शादी करने का अधिकार रखती हैं।”
“फिर?”
“बेटी की जिद के आगे उन्हें झुकना ही पड़ा, परन्तु उन्होंने शर्त रखी कि अलफांसे को शादी से पहले ब्रिटिश नागरिकता स्वीकार करनी होगी और सरकार को यह लिखकर देना होगा कि वह अपराधों से भरी पिछली जिन्दगी को त्याग देगा और भविष्य में कोई ऐसा कृत्य नहीं करेगा जो सम्बन्धित देश के कानून के मुताबिक अपराध हो।”
“तो क्या अलफांसे ने यह शर्त स्वीकार कर ली?”
“इर्विन के कहने से, लेकिन थोड़ी रद्दोबदल करके।”
“कैसी रद्दोबदल?”
“उसने सरकार को केवल यह लिखकर दिया कि वह अपनी पिछली उस जिन्दगी से कोई सम्बन्ध नहीं रखेगा जिसे लोग अपराधों से भरी मानते हैं और कोशिश करेगा कि भविष्य में कोई आपराधिक कृत्य न करे, यदि हो जाए तो आम नागरिकों की तरह वह भी सजा का हकदार है।”
अलफांसे की चालाकी पर विजय का दिल खुलकर ठहाका लगाने को हुआ, किन्तु अपनी इस भावना को दबाकर तेजी से अगला सवाल करने के लिए अपना दिमाग घुमाने लगा, अभी वह कुछ सोच भी नहीं पाया था कि वेटर स्वयं ही बोला— “अब तो ईसा मसीह से यही दुआ है कि जल्दी से शादी का दिन आए, एक तरह से सारा लंदन इस शादी का इन्तजार कर रहा है।”
“ऐसी क्या विशेष बात है?”
“सारे लंदन में, बल्कि कहना चाहिए कि ब्रिटेन में चर्चा है—अलफांसे की शादी में शामिल होने के लिए अपराध जगत के बड़े-बड़े सूरमा यहां आएंगे—सिंगही, जैक्सन और टुम्बकटू की बहुत चर्चा है—सुना है कि सारी दुनिया के हर मुल्क के सर्वोच्च जासूसों से भी अलफांसे के बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं, वे सब यहां इक्ट्ठे होंगे—अमेरिका से जैकी, हैरी और माइक, रूस से बागारोफ, पाकिस्तान से—नुसरत और तुगलक, चीन से हुवांग, बंगला देश से रहमान और भारत से विजय तथा विकास की यहां के नागरिकों को बहुत प्रतीक्षा है।”
“क्या अलफांसे ने इन सबको बुलाया है?”
“सुना तो यही है।”
“तब तो मैं भी इस शादी को देखूंगा।” विजय ने कहा।
“सचमुच ये लाजवाब शादी होगी—वैसी ही लाजवाब जैसी भारतीय ग्रन्थों के मुताविक शंकर की शादी हुई थी।”
“शंकर की शादी?” ये ब्रिटिश वेटर बेचारा शंकर के बारे में क्या जान सकता था?
“छोड़ो!” विजय ने कॉफी समाप्त की, जेब से एक ‘पाउण्ड’ निकाला और वेटर को देता हुआ बोला—“मिस्टर अलफांसे से जिक्र मत करना कि मैंने तुमसे इर्विन के बारे में कुछ चाहत की थी।”
“बिल्कुल नहीं करूंगा सर!” वेटर ने जोरदार सैल्यूट मारा। मुस्कराते हुए विजय ने यह भी कह दिया—“मुझे बोगान की तरह अपनी हड्डियां नहीं तुड़वानी हैं।”
वेटर मुस्करा उठा, फिर जाने के लिए ट्रे उठाई और दरवाजे की तरफ बढ़ता हुआ एकाएक ही ठिठका, मुड़ा और बोला—“सॉरी सर, असली बात तो मैं भूल ही गया! एलबम लाऊं क्या?”
“नहीं, फिलहाल उसकी जरूरत नहीं है।”
वेटर चला गया। विजय ने फुर्ती से उठकर दरवाजा बन्द किया और लपकता-सा खिड़की के नजदीक पहुंचा—काफी देर तक वह टेम्स और उसके किनारे की भीड़ में पैनी नजरों से अलफांसे और इर्विन को तलाश करने की कोशिश करता रहा। लेकिन नाकाम रहा और जब उसे विश्वास हो गया कि अब वे उस भीड़ में नहीं हैं तो बुदबुदाया—‘अब’ कितनी देर तक हमारी तीरे नजर से बचकर रहोगे लूमड़ प्यारे—इस वेटर के आते ही हमने तुम्हारे बारे में सारी जानकारियां एकत्रित कर ली हैं और अब हम दावे के साथ कह सकते हैं कि तुम किसी बहुत ही लम्बे दांव की तैयारी में हो।’
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