RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
“मुझे मिस्टर जेम्स बाण्ड से मिलना है!”
बाण्ड की कोठी के बाहर खड़े चौकीदार ने नम्र स्वर में पूछा—
“आप कौन हैं?”
“यह कार्ड उन्हें पहुंचा दो!” विजय ने कोट की जेब से एक कार्ड निकालकर उसे पकड़ा दिया, कार्ड को पढ़ने के बाद चौकीदार बोला—
“मेरे साथ आइए!”
विजय उसके पीछे ही कोठी की सीमा में दाखिल हो गया, सुबह का वक्त था—यानी उस दिन से अगले दिन की सुबह जिस दिन वह उस मकान के बन्द कमरे में बोगान और उसके साथियों से टकराया था—इस वक्त वह जेम्स ऐलिन के नहीं, बल्कि एक नितान्त नए और इण्डियन व्यक्ति के मेकअप में था, इस मेकअप में वह ‘इण्डिया टुडे’ का रिपोर्टर बसन्त स्वामी था।
यह रूप उसने विशेष रूप से जेम्स बाण्ड से मिलने के लिए ही चुना था।
चौकीदार उसे खूबसूरती से सजे एक भव्य ड्राइंगरूम में बैठाकर चला गया। करीब पांच मिनट बाद कमरे में जिसने प्रवेश किया वह विश्वप्रसिद्ध जासूस जेम्स बाण्ड था!
ब्रिटिश सीक्रेट सर्विस का कोहेनूर!
वह कामदेव-सा सुन्दर, बहुत ही गोरा-चिट्टा, हृष्ट-पुष्ट और आकर्षक युवक था—उसकी नीली आंखों में ब्लेड की धार जैसा पैनापन था, कमरे में प्रविष्ट होते ही उसके पतले-पतले गुलाबी होंठों पर बड़ी ही आकर्षक मुस्कराहट उभरी!
विजय सोफे से खड़ा हो गया।
“हैलो!” समीप पहुंचकर बाण्ड ने हाथ बढ़ा दिया।
विजय ने हाथ मिलाते हुए कहा—“हैलो!”
“बैठिए!” कहने के साथ ही बाण्ड स्वयं उसके सामने वाले सोफे पर बैठ गया, बैठता हुआ बोला—“मैं इण्डिया टुडे से आया हूं, बसन्त स्वामी!”
“कार्ड मैं देख चुका हूं, क्या आप अपने कष्ट का उद्देश्य बात सकते हैं?”
“मैं किसी विशेष विषय पर आपका इण्टरव्यू लेना चाहता हूं?”
“किस विषय पर?”
“मिस्टर अलफांसे और इर्विन की शादी पर!”
यह वाक्य सुनकर जेम्स बाण्ड का चेहरा एकाएक ही गम्भीर हो गया, अपनी धारदार पैनी आंखों से उसने बहुत ही ध्यान से विजय को देखा और फिर उन आंखों में अजीब-सी सख्ती उभरती चली गई—उसे लगा था कि बाण्ड उसके चेहरे पर मौजूद बसन्त स्वामी के मेकअप के पीछे छुपे चेहरे को देख रहा है!
फिर भी उसने संभलकर कहा—“आप मुझे इस तरह क्यों देखने लगे हैं मिस्टर बाण्ड?”
“इस शादी के बारे में आप मुझसे क्या जानना चाहते हैं?”
“यही कि अलफांसे एक अन्तर्राष्ट्रीय मुजरिम था, दुनिया के हर राष्ट्र के साथ ब्रिटेन भी हर क्षण उसे गिरफ्तार करके जेल में डालने की फिराक में रहता था, फिर भी ब्रिटेन ने उसे अपनी नागरिकता...।”
“ये सवाल तो आपको ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री अथवा किसी अन्य पॉलिटिकल लीडर से पूछने चाहिए!” विजय की बात बीच में ही काटकर बाण्ड ने सख्त स्वर में कहा था।
उसके इस व्यवहार पर हालांकि यह सोचकर विजय अन्दर-ही-अन्दर कांप गया कि शायद बाण्ड की पैनी निगाहों ने उसे पहचान लिया है, परन्तु प्रत्यक्ष में अपने होंठों पर मोहक मुस्कान बिखेरता हुआ बोला—“आप ठीक रह रहे हैं, लेकिन...!”
“लेकिन?”
“विशेष रूप से मैं आप ही का इण्टरव्यू लेने इसीलिए आया हूं, क्योंकि आप मिस्टर अलफांसे के काफी नजदीक रहे हैं, बहुत से केसों मैं उससे टकराए हैं—कई में साथ मिलकर काम भी किया है, और अलफांसे के इतने नजदीक रहने का अवसर शायद किसी दूसरे ब्रिटेनी को नहीं मिला है।”
“आपकी बात ठीक है, लेकिन इस घटना से भला अलफांसे का कैरेक्टर कहां जुड़ता है?”
“अगर आप गौर से देखें तो सारा झगड़ा ही उसके कैरेक्टर का है, क्या यह सच है कि अलफांसे कभी किसी लड़की में रत्ती बराबर भी दिलचस्पी नहीं लेता था?”
“हां, यह सच है।”
“तो फिर आपके ख्याल से अचानक ही अलफांसे में इतना बड़ा चेंज कैसे आ गया, वह इर्विन का इतना दीवाना कैसे हो गया?”
बाण्ड ने हल्की-सी मुस्कान के साथ कहा—“मैं केवल इतना ही कहूंगा कि लड़की चीज ही ऐसी है, बड़े-बड़े तपस्वी बुढ़ापे में जाकर अपनी तपस्या भंग कर बैठते हैं!”
“क्या आप यह सुनकर चौंके नहीं थे कि अलफांसे इर्विन से शादी कर रहा है—और इसके लिए वह न केवल ब्रिटेन की नागरिकता स्वीकार कर रहा है, बल्कि अपनी पिछली जिन्दगी भी छोड़ रहा है?”
“नहीं!”
“क्यों, मेरा मतलब अलफांसे का कैरेक्टर जानते हुए भी?”
“जवाब फिर वही है—जो कोई नहीं कर सकता वह खूबसूरत लड़की कर सकती है!”
“जब अलफांसे ने ब्रिटेन की नागरिकता के लिए आवेदन दिया तब सरकार ने ब्रिटिश गुप्तचर संगठनों से अलफांसे के बारे में राय और उसे नागरिकता देने के प्रश्न पर भी राय जरूर मांगी होगी, सबसे महत्वपूर्ण सीक्रेट सर्विस की राय रही होगी और मिस्टर एम ने सरकार को जो राय दी होगी, उसमें आपकी राय भी होगी, क्या पाठक जान सकते हैं कि इस बारे में आपने क्या राय दी थी?”
एक पल कुछ सोचने के बाद बाण्ड बोला—“मैंने राय दी कि अलफांसे को नागरिकता दे देनी चाहिए!”
“यह राय आपने किस आधार पर दी थी?”
“क्योंकि मैंने ऐसा करने मैं कोई बुराई नहीं समझी!”
“आपने एक अपराधी को अपने देश का नागरिक बना लेने की राय देने में कोई बुराई ही नहीं समझी?”
“जी नहीं!” जेम्स बाण्ड ने मुस्कराकर दृढ़ता के साथ कहा—“बल्कि मैं तो ये कहूंगा कि ऐसी राय देकर मैंने न केवल अपने देश का, बल्कि सारे संसार का कुछ भला ही किया है!”
“वह कैसे?” बाण्ड के जवाब विजय को सचमुच चौंका रहे थे।
“सारी दुनिया के साथ-साथ मैं भी मानता हूं कि इर्विन से प्यार होने से पहले अलफांसे मुजरिम था, ऐसा मुजरिम जिसकी तलाश सारी दुनिया की पुलिस को रहती थी, मगर वह फिर भी किसी के हाथों अपनी इच्छा के विरुद्ध गिरफ्तार नहीं हुआ, सारी दुनिया की पुलिस को उंगलियों पर नचाया करता था वह, इसके बावजूद भी कभी कोई उसके खिलाफ किसी संगीन जुर्म का ठोस सबूत प्राप्त नहीं कर सका और जब कभी उसे दुनिया की किसी जेल में डाल भी दिया गया तो वह अपनी मर्जी से वहां से भाग निकला—यह सिलसिला तभी से चला आ रहा है जब वह केवल सत्रह साल का था—कहने का मतलब ये कि अलफांसे भविष्य में भी दुनिया के हाथ आने वाला नहीं था और इस सच्चाई के परिप्रेक्ष्य में मैंने अपनी राय देकर संसार का भला ही किया है—इर्विन ने आजाद शेर को कब्जे में कर लिया और ब्रिटेन ने एक अन्तर्राष्ट्रीय मुजरिम से दुनिया को हमेशा के लिए निजात दिला दी।”
“क्या उसे नागरिकता देने से संसार में ब्रिटेन की बदनामी नहीं हुई है?”
“जो ऐसा सोचेंगे, वे खिसियानी बिल्ली की तरह खम्बा ही नोंचेंगे, इसलिए क्योंकि अलफांसे ने उनके देश की नागरिकता स्वीकार नहीं की है। अलफांसे के पिछले जीवन में दुनिया के लगभग हर देश ने अपनी नागरिकता स्वीकर कर लेने की पेशकश की, परन्तु उसने कभी स्वीकार नहीं की, अलफांसे के पास इसके सबूत भी हैं और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यदि अलफांसे ने यह आवेदन भारतीय सरकार के सामने भी रखा होता तो उसे भारतीय नागरिकता मिल जाती!”
“अलफांसे को अपना नागरिक बनाने के लिए सभी राष्ट्र इतने बेचैन क्यों थे?”
“उसकी प्रतिभाओं के कारण, हमें गर्व है कि अब वह ब्रिटेनी है।”
“यानी आप यह मानते हैं कि अलफांसे इर्विन से शादी के प्रति पूरी तरह गम्भीर है, ब्रिटेन की नागरिकता उसने बिल्कुल सच्चे दिल से स्वीकार की है और अब वह वाकई कोई अपराध नहीं करेगा।”
“बेशक, किसी तरह का शक करने की गुंजाइश ही कहां है?”
“अगर मैं ये कहूं कि यह सब अलफांसे का नाटक है, कोई बहुत बड़ी साजिश रच रहा है वह—सब उसने किसी बड़े आपराधिक मकसद से किया है तो?”
“अगर आप बिना किसी ठोस सबूत के ऐसा एक भी लफ्ज कहेंगे तो न केवल मैं बल्कि कोई भी ब्रिटेनी आपसे बात करना पसन्द नहीं करेगा, क्योंकि अलफांसे अब ब्रिटिश नागरिक है—नागरिक भी ऐसा जिस पर हम सबको गर्व है!”
“यदि मेरी धारणा आने वाले कल में सही निकली तो?”
“हम ऐसा नहीं समझते, अगर ऐसा हुआ तो वह हम खुद देखेंगे कि हमें क्या करना है—वैसे आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है!”
“सारांश ये कि आपको अलफांसे पर पूरा भरोसा है?”
“क्योकि शक की कोई गुंजाइश नहीं है।” बाण्ड मुस्कराया।
“थैंक्यू मिस्टर बाण्ड।” विजय ने वह नोट-बुक बन्द करते हुए कहा जिस पर अब तक वो शॉर्टहैण्ड में अपने सवाल और बाण्ड के जवाब लिख रहा था।
बाण्ड कुछ बोला नहीं, केवल मुस्कराकर रह गया।
हाथ मिलाने के बाद विजय जेम्स बाण्ड की कोठी से बाहर निकल आया—कुछ ही देर बाद टैक्सी की पिछली सीट पर बैठा वह बाण्ड के जवाबों पर गौर कर रहा था—उसे लगने लगा कि बाण्ड से मिलने से पहले वह ब्रिटेन में अलफांसे की स्थिति से भलीभांति परिचित नहीं था।
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