XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
05-22-2020, 03:02 PM,
#23
RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
आज इर्विन को नहीं आना था इसलिए अलफांसे अलसाया-सा बेड पर ही पड़ा था, बेड ही पर उसने ब्रेकफास्ट भी ले लिया था—उसने इर्विन से कहा था कि कम-से-कम एक बार वह फोन पर उससे बात जरूर कर ले, उसे इर्विन के फोन का इंतजार था और इसलिए उसने वेटर से फोन बेड की साइड ड्राअर पर ही रखवा लिया था।
अचानक ही फोन की घण्टी बजी और मुस्कराते हुए अलफांसे ने रिसीवर उठा लिया, बोला—“हैलो!”
“आपसे फोन पर कोई बात करना चाहता है मिस्टर अलफांसे!”
यह आवाज रिसेप्शनिस्ट की थी।
अलफांसे ने व्यग्रतापूर्वक कहा—“जल्दी से बात कराइए!”
दूसरी तरफ खामोशी छा गई और लाइन मिलते ही अलफांसे बोल—“यस, अलफांसे हीयर!”
“मैं बोगान बोल रहा हूं मास्टर।”
अलफांसे उछल पड़ा, मुंह से निकला—“बोगान!”
“हां मास्टर, मैं विशेष परिस्थितियों में मजबूर होकर यह फोन कर रहा हूं—ऐसा लगता है कि ब्रिटेन की पुलिस को हम पर शक हो गया है, शायद उन्हें हमारी स्कीम की भनक लग गई है!”
“क्या बक रहे हो?” अलफांसे दहाड़ उठा।
“मैं ठीक कह रहा हूं मास्टर, दरअसल कल हैमस्टेड के नाम से कोई सरकारी कुत्ता मुझसे मिला था, उसने मुझे और मेरे साथियों को बहुत बुरी तरह मारा—कह रहा था कि तुम ब्रिटेन की सरकार को बेवकूफ मत समझो, अलफांसे शादी की आड़ में क्या खिचड़ी पका रहा है....ब्रिटेन सब जानता है!”
“तुम अपनी ये बकवास बन्द करते हो या नहीं?” अलफांसे दहाड़ा।
“कुछ कीजिए मास्टर, मैं तो कहता हूं कि ब्रिटेन से भाग निकलिए—अब यहां आप अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकेंगे, पुलिस किसी भी क्षण आप तक पहुंच सकती है!”
“तुम शायद जिन्दा रहना नहीं चाहते?” अलफांसे गुर्राया!
“ऐसा मत कहिए मास्टर, मैं तो आपका सेवक हूं!”
“मैं वहीं आ रहा हूं बोगान, तुम्हारे अड्डे पर—तुम्हें जिन्दा छोड़कर शायद मैंने भूल की थी—जो चाल तुम चल रहे हो, उसमें बच्चे फंस सकते हैं, अलफांसे नहीं!” धधकते-से स्वर में यह सब कुछ कहकर अलफांसे ने रिसीवर क्रेडिल पर पटक दिया, फिर अत्यधिक गुस्से में दांत भींचकर गुर्राया—“हरामजादा-कुत्ता—इस सांप का फन मैंने उसी समय न कुचलकर शायद भूल की थी!”
¶¶
“जमाने धत् तेरी की!” कहता हुआ विजय पब्लिक टेलीफोन बूथ से बाहर निकला और वहीं, फुटपाथ पर खड़ी अपनी किराए की टैक्सी में समा गया टैक्सी को तेजी से ड्राइव करता हुआ वह बीस मिनट में एलिजाबेथ पहुंच गया।
टैक्सी पार्किंग में खड़ी की।
इस वक्त वह जेम्स ऐलिन के भेष में था।
अपने कमरे की तरफ जाते हुए उसने कनखियों से अलफांसे के कमरे की तरफ देखा, दरवाजा बन्द था, किन्तु लॉक नहीं लगा था, मतलब यह कि अलफांसे कमरे के अन्दर ही है!
वह अपने कमरे के सामने पहुंचा, जेब से चाबी निकालकर लॉक खोला और ये हकीकत है कि दरवाजा खोलते ही उसके दिमाग की सारी नसें बुरी तरह झनझना उठीं। वह एकदम इस, तरह उछल पड़ा जैसे बिच्छू ने डंक मार दिया हो!
कमरे के अन्दर सामने ही बैठा अलफांसे आरामकुर्सी पर झूल रहा था, होंठों पर वही चिर-परिचित मुस्कान लिए, जिसे अलफांसे की मुस्कान कहा जाता है!
एक शब्द तक विजय के मुंह से नहीं फूटा, दरवाजे के बीचोबीच अभी वह हक्का-बक्का-सा ही खड़ा था कि पीठ पर किसी ने पूरी ताकत से ठोकर मारी!
मुंह से एक चीख निकल गई और इस चीख के साथ ही वह मुंह के बल कमरे के अन्दर फर्श पर आ गिरा, संयोग से उसका सिर अलफांसे के जूतों से टकराया था।
कमरे का दरवाजा बन्द होने की आवाज के साथ ही विजय उछलकर खड़ा हो गया, घूमा और दरवाजा बन्द करने वाले की शक्ल देखते ही क्षणमात्र में सारी कहानी समझ गया।
वह हैम्ब्रीग था। तेजी से अलफांसे की तरफ पलटकर उसने कहा—“ये सब क्या गुण्डागर्दी है, आप लोग कौन हैं?”
“ओह!” अलफांसे की मुस्कराहट गहरी हो गई—“तो अभी भी तुम यही सोच रहे हो कि मैंने तुम्हें पहचाना नहीं है, पिछली मुलाकात तक तुम इतने मूर्ख तो नहीं थे विजय!”
“इतने मूर्ख तो तुम भी नहीं थे लूमड़!” अब विजय अपने सदाबहार अन्दाज में बोला—“लगता है कि इर्विन नाम की हसीना ने तुम्हें काठ का उल्लू बना दिया है!”
“मैं तुम्हारी बात का बुरा नहीं मानूंगा!”
“बुरा मानने वाले को हमें ठेंगे पे रखते हैं प्यारे!” अपने मुंह से बह रहे खुन को हथेली से पोंछता हुआ विजय आगे बढ़ा, सोफे की एक कुर्सी अलफांसे के समीप खींची और धम्म से उस पर बैठता हुआ बोला—“मिड स्ट्रीट पर हमने तुम्हें जितना मारा था हैम्ब्रीग प्यारे, उस सबका हिसाब तुमने इस एक ही ठोकर में पूरा कर दिया है!”
हैम्ब्रीग ने कुछ कहा नहीं, सिर्फ अलफांसे की तरफ देखा!
“कुछ ही देर पहले फोन पर चली गई तुम्हारी चाल वाकई लाजवाब थी विजय!” अलफांसे ने कहा—“इसमें शक नहीं कि कुछ देर तक मैं सचमुच ये समझता रहा कि वह फोन बोगान ने ही किया है।”
“मगर तुम फंसे तो नहीं लूमड़?”
“अगर सही वक्त पर हैम्ब्रीग नहीं आ जाता तो फंस ही गया था।”
“मतलब?”
“यह तो तुम समझ ही गए होगे कि हैम्ब्रीग डिम स्ट्रीट के इलाके में मेरा शागिर्द है!”
“वह तो इसकी यहां मौजूदगी से ही जाहिर है!”
“मैंने इसे बोगान में गुर्गों से सम्बन्ध बनाए रखने के लिए कहा था, ताकि यदि बोगान मेरे बारे में कुछ सोचे तो वह मुझे समय रहते पता लग जाए, इसने मुझे परसों ही बता दिया था कि हेमेस्टेड नाम का एक आदमी बोगान से मिलना चाहता है!”
“ओह!”
“उस वक्त मेरी कल्पना में भी यह बात नहीं उभरी थी कि वह तुम हो सकते हो, परन्तु हैम्ब्रीग को मैंने निर्देश दिया था कि बोगान के चमचों से सम्बन्ध स्थापित करके यह हैमेस्टेड को बोगान से मिला दे, मकसद हैमेस्टेड के बारे में जानने के अलावा यह जानना भी था कि वह बोगान को पांच हजार पाउण्ड का फायदा किस प्रकार करा सकता है?”
विजय बोला कुछ नहीं, केवल सुनता रहा!
अलफांसे ने आगे बताया—“इसके बाद जो कुछ तुमने कल शाम वहां किया, उसकी रिपोर्ट भी हैम्ब्रीग ने तत्काल मेरे पास पहुंचा दी थी। रिपोर्ट सुनकर मैं चकित रहा गया—बड़ी अजीब बात थी कि हैमेस्टेड ने बोगान से कोई बात नहीं की, बल्कि अच्छे-भले बोगान को बोगान न मानकर उससे भिड़ गया और मारपीट के बाद भी कोई विशेष कार्यवाही किए बिना गुम हो गया—इस रिपोर्ट के बाद मुझे हैमेस्टेड बहुत ही रहस्यमय व्यक्ति महसूस होने लगा, क्योंकि उसका बोगान से मिलने और मारपीट करने का कोई उद्देश्य नजर नहीं आता था, उस वक्त भी मेरा ख्याल तुम्हारी तरफ बिल्कुल नहीं गया, शायद इसलिए कि तुम्हारे लंदन में होने की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था, मैंने हैमेस्टेड को खोज निकालने का काम भी हैम्ब्रीग को ही सौंपा।”
विजय लापरवाही से दांत कुरेदने लगा!
“मुश्किल से तीस मिनट पहले मुझे बोगान का फोन मिला—सचमुच मैं उसे बोगान का ही फोन समझा था, सोचा था कि वह रिसेप्शनिस्ट के दिमाग में यह बात डालना चाहता है कि मैं इर्वि से सच्चे दिल से शादी नहीं कर रहा हूं, बल्कि बोगान के साथ मिलकर कोई साजिश कर रहा हूं, बोगान की इस हरकत का मजा चखाने के लिए मैं तैयार होकर कमरे से निकलने ही वाला था कि हैम्ब्रीग आ पहुंचा, इसने बताया कि हैमेस्टेड इसकी भरपूर कोशिश के बाद भी नहीं मिला है—मैंने इससे हैमेस्टेड का हुलिया पूछा और हुलिया सुनते ही मुझे चौंक जाना पड़ा, यह हुलिया तुम्हारा यानी जेम्स ऐलिन का था और तब मुझे याद आया कि इस हुलिए के व्यक्ति को मैंने कल दिन में कई बार अपने और इर्वि के इर्द-गिर्द मंडराते देखा था—बिजली की तरह मेरे दिमाग में यह विचार कौंध गया कि हैमेस्टेड जो भी कोई है, मेरे ही बारे में टोह ले रहा है—यह पहला क्षण था जब मुझे यह ख्याल आया कि हैमेस्टेड तुम हो सकते हो, भारत से मुझे मिलने वाली रिपोर्ट गलत भी हो सकती है और फिर मेरे दिमाग में हैमेस्टेड का निरुद्देश्य ही बोगान तथा उसके साथियों के साथ मारपीट करना भी कौंध गया, ऐसी अटपटी हरकत केवल तुम्हीं कर सकते हो—मैं ये भी जानता हूं कि एक नजर देखने पर तुम्हारी हरकत अटपटी भले ही लगे, परन्तु निरुद्देश्य हरगिज नहीं होती और ऐसा सोचते ही मुझे बोगान के फोन का स्मरण हो आया तथा एक ही पल में मैं समझ गया कि बोगान से तुम उसके हाव-भाव और आवाज देखने-सुनने में फोन के लिए मिले थे, उसी का लाभ तुमने मुझे बोगान की आवाज में फोन करके उठाना चाहा!”
“पहली बार देख रहा हूं लूमड़ प्यारे कि साला इश्क भी बुद्धि को ब्लेड की धार बना देता है!”
मुस्कान के साथ अलफांसे ने कहा—“तब मेरी समझ में आया कि बोगान की आवाज में बातें करके तुम्हारा उद्देश्य यह जानना था कि कहीं मैं बोगान के साथ मिलकर कोई षड्यंत्र तो नहीं रचा रहा हूं, यदि ऐसा होता तो मैं फोन पर बोगान से सारी बात उसी ढंग से पूछता जैसे किसी भी घटना के बारे में अपने आदमी से रिपोर्ट ली जाती है। बोलो, तुम्हारा यही मकसद था न?”
“बिल्कुल यही था लूमड़ भाई!”
“इतना सब कुछ पता लगाने के बाद सारा मामला खुली किताब की तरह मेरे सामने था।” अलफांसे ने अपनी बात जारी रखी—“मैं समझ गया कि तुमने शादी की सूचना को संदिग्ध निगाहों से देखा है, विश्वास नहीं किया है कि मैं सचमुच शादी कर रहा हूं, बात सही भी है—मेरे पिछले कैरेक्टर को देखते हुए तुम्हें इतनी आसानी से विश्वास करना भी नहीं चाहिए था—मगर, शायद तुम्हें इस सूचना में से किसी षड्यंत्र की बू भी आई—लगा कि अलफांसे हमेशा की तरह इस बार भी किसी लम्बे दांव के चक्कर में किसी सोची-समझी स्कीम पर काम कर रहा है और मैं किस चक्कर में लगा हूं, यही पता लगाने के लिए तुम किसी को नकली विजय बनाकर राजनगर में बैठा आए और खुद जेम्स ऐलिन के नाम से यहां आ गये—उसके बाद फोन करने तक की तुम्हारी हर हरकत का अन्तिम उद्देश्य यही जानना था कि मैं किस चक्कर में हूं!”
“अब तो सारे पत्ते खुल ही गए हैं प्यारे!”
“सारी बात समझ में आते ही मैं ‘मास्टर की’ से लॉक खोलकर तुम्हारे कमरे में आ बैठा, मेरे निर्देश पर बाहर से लॉक हैम्ब्रीग ने बन्द कर दिया था—खैर, अब तुम ये बताओ विजय कि जो कुछ तुमने किया उससे तुम किस नतीजे पर पहुंचे?”
“क्या पूछना चाहते हो प्यारे?”
“जो सन्देह या धारणा लेकर तुम भारत से यहां आए थे, वह साफ हुई या बरकरार है?”
“साफ होने जैसी कोई बात नहीं हुई है!”
“क्या तुम्हें लगा कि मैं बोगान से मिलकर कोई साजिश कर रहा हूं?”
“फोन पर तुमने जिस ढंग से बातें कीं लूंमड़ प्यारे, उनसे मुझे यह तो पता लग गया कि तुम बोगान से मिलकर कोई साजिश नहीं कर रहे हो, लेकिन तुम्हारे बोगान से न मिले होने का मतलब यह नहीं है कि तुम मेरी नजर में बगुलाभगत बन गए हो!”
“मतलब?”
“सम्भव है कि तुम अकेले ही अपने दिमाग से कोई खिचड़ी पका रहे हो?”
विजय की इस बात पर कुछ देर तक अलफांसे उसे एकटक देखता रहा, फिर बोला—“हालांकि जानता हूं, इस मामले में तुम मेरी बात को कोई विशष महत्व नहीं दोगे, परन्तु फिर भी कह रहा हूं कि इस बार तुम्हारी हर शंका निर्मूल है, मैं किसी स्कीम पर काम नहीं कर रहा हूं—सचमुच मुझे इर्वि से मुहब्ब्त हो गई है—अब मैं अपनी बाकी जिन्दगी की एक सांस भी बिना इर्वि के गुजारने की कल्पना तक नहीं कर सकता—मैं बिल्कुल सच्चे दिल से उससे शादी कर रहा हूं और उसे पाने के लिए ही अब कोई जुर्म न करने की कसम लेकर ब्रिटिश नागरिकता स्वीकार कर ली है—तुम्हारी कसम विजय, अब मैं बाकी जिन्दगी घर बसाकर सुकून से गुजारना चाहता हूं!”
विजय ने बहुत ध्यान से देखा—यह सब कुछ कहते वक्त अलफांसे के चेहरे पर बहुत ही मासूम भाव थे, एक पल के लिए तो विजय को भी लगा कि अलफांसे सच बोल रहा है, जो कुछ उसने कहा है वह उसके अन्तर्मन से उठने वाली आवाज है, परन्तु खुद को शीघ्र ही संभालकर विजय ने कहा—“अमिताभ बच्चन से कई गुना ज्यादा अच्छी एक्टिंग कर लेते हो लूमड़ भाई!”
“अब तो शायद वक्त ही साबित करेगा कि तुम गलत हो!”
“अगर तुम सही हो तो बताओ प्यारे, तुमने सबके कार्ड भेजे—हमारा क्यों नहीं भेजा?”
अलफांसे ठहाका लगाकर बोल—“ओह, वह तो मैंने मजाक किया था!”
“मजाक?”
“हां, सोचा था कि अच्छा चुटकुला रहेगा—तुम्हारे अलावा सभी के कार्ड पहुंचेंगे और उस स्थिति में वे सभी तुम्हें चिढ़ाएंगे, तुम्हें छेड़ेंगे?”
उसे घूरते हुए विजय ने कहा—“आजकल काफी सीरियस मजाक करने लगे हो प्यारे?”
“मैंने नहीं सोचा था कि कार्ड न भेजने से ऐसी गलतफहमी का जन्म होगा।”
“अगर तुम्हारी शादी में वहां से हम या उनमें से भी कोई न आता तो?”
“जानता था कि ऐसा हो ही नहीं सकता, मेरी शादी की खबर सुनकर तुम रुक ही नहीं सकते थे कार्ड मिले या न मिले—और तुम्हारे आने का मतलब था उन सभी का आना!”
“काफी रहस्यमय होते जा रहे हो लूमड़ प्यारे!”
“मैं तुम्हें केवल इसलिए रहस्यमय लग रहा हूं, क्योंकि तुम मेरी लाइफ में आए चेंज को पचा नहीं पा रहे हो, वैसे क्या मैं जान सकता हूं कि वजह क्या है— तुम इस बात पर विश्वास क्यों नहीं कर रहे हो कि मैं सचमुच बदल सकता हूं!”
“कुत्ते की पूंछ को बारह बरस बाद भी जब नलकी से निकाला जाता है तो वह...।”
“शायद आदमी और कुत्ते की पूंछ में यही फर्क होता है विजय!”
“मेरी नजर में तो तुम आदमी ही नहीं हो लूमड़ भाई। खैर, भले ही तुम केवल ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि सारी दुनिया की आंखों में धूल झोंक दो, परन्तु विजय दी ग्रेट फेर में नहीं आएंगे। वादा करता हूं प्यारे कि आज नहीं तो कल मैं ये पता लगाकर ही रहूंगा कि तुम दरअसल हो किस चक्कर में और ये भी वादा करता हूं कि जिस दिन मुझे पता लग गया उस दिन तुम्हारे चेहरे से इस नकाब को उतारकर फेंक दूंगा, जिसे बड़ी खूबसूरती के साथ तुम अपने चेहरे पर पहन रहे हो!”
कुछ देर तक अलफांसे विचित्र-सी निगाहों से विजय को देखता रहा—फिर एकाएक वही चिरपरिचित मुस्कान उसके होठों पर बिखर गई, बोला, फिलहाल तो स्थिति ये है कि मैं तुम्हें नकली नाम से अपने देश में दाखिल होने और ब्रिटेन के विरुद्ध जासूसी करने के जुर्म में गिरफ्तार करा सकता हूं।”
“ओह, तो अब तुम्हारे देश भी होने लगे लूमड़ मियां?”
“व्यक्ति जिस देश का नागरिक हो, वह उसका अपना देश तो होता ही है—और दुर्भाग्य से तुम तो अभी यह भी नहीं जानते हो कि मैं ब्रिटेन का कितना सम्मानित नागरिक हूं!”
“अच्छी तरह जानता हूं लूमड़, बसन्त स्वामी बनकर मैं जेम्स बाण्ड से बात करके पता लगा चुका हूं कि इस देश के जासूस, सरकार और नागरिकों के तुम्हारे बारे में कितने ऊंचे विचार हो गए हैं?”
इस बार अलफांसे की मुस्कराहट पहले से भी गहरी हो गई, बोला—“तुम्हारे उच्च श्रेणी का जासूस होने में तो किसी को कोई शक हो ही नहीं सकता, अतः निश्चय ही तुमने मेरी स्थिति का पता लगा लिया होगा-यहां आने के बाद तुमने और भी ऐसे ढेर सारे काम किए होंगे जिनकी मुझे इस वक्त जानकारी नहीं है, अपनी ‘इनवेस्टिगेशन’ से यह तो तुम समझ ही गए होगे कि अगर मैं चाहूं तो तुम्हें इसी वक्त गिरफ्तार करके ब्रिटेन की किसी जेल की हवा खिला सकता हूं!”
“कोशिश करके देख लो लूमड़, कागज के बने हुए हम भी नहीं हैं!”
“मगर मैं ऐसा करूंगा नहीं, क्योंकि तुम इसी पल से मेरे मेहमान हो—बड़ा प्यारा इत्तेफाक है बेटे, जिसे कार्ड नहीं दिया, वह आने वाले मेहमानों में सबसे पहला मेहमान है!”
“तो फिर अब इस मेकअप की जरूरत खत्म हो गई है!” कहने के साथ ही विजय ने चेहरे से जेम्स ऐलिन वाले चेहरे की झिल्ली अलग कर ली।
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RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी - by hotaks - 05-22-2020, 03:02 PM

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