RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
दस बजे तक सारी दुनिया से आने वाले अलफांसे के अधिकांश मेहमान आ चुके थे।
उपरोक्त नामों के अलावा बंगला देश से रहमान, आस्ट्रेलिया से क्विजलिंग, फ्रांस से डेनमार्क और चीन से हुचांग आया था— सभी देशों के श्रेष्ठ जासूस इस वक्त एलिजाबेथ होटल के हॉल में मौजूद थे-यहां अलफांसे के सभी मेहमानों के नाम लिखन सम्भाव नहीं है।
जासूसों के अलावा दुनिया के छंटे हुए मुजरिम भी वहां थे—इनमें मांगे खां और गोंजालो जैसे अलफांसे के शागिर्द भी थे—हां, सिंगही, जैक्सन और टुम्बकटू में से अभी तक कोई नहीं आया था।
अचानक विकास ने ऊंची आवाज में पुछा—“शादी किस रीति से होगी गुरु?”
“निकाह पढ़ा जाएगा!” नुसरत कह उठा।
“चुप बे चटनी के!” बागारोफ गुर्राया—“अगर ज्यादा चोंच खोलेगा तो रायता बनाकर बारातियों में बंटवा दूंगा, इस हरामखोर हिन्दुस्तानी दुमछल्ले ने बात तुमसे नहीं दूल्हे राजा से पूछी है!”
“ओए खूसट!” तुगलक कह उठा—“अगर गाली दी तो तेरी ये चांद तबले की तरह फोड़ दूंगा!”
“क्या बका?” गुर्राकर बागारोफ खड़ा ही हो गया। नुसरत कह उठा—“मारो चचा, इस साले जामुन की औलाद की हड्डियों का ताजमहल बना दो!”
“त....तुम—मैं तुम दोनों को सिलबट्टे पर रखकर पीस डालूंगा—अबे ओए अन्तर्राष्ट्रीय मदारी, इन चूं-चूं के मुरब्बों को शादी में बुलाने के लिए किसने कहा था!”
“शांत चचा, शांत हो जाओ!” अलफांसे ने अपनी चिपरिचित मुस्कान के साथ कहा और फिर किसी को भी कुछ कहने का अवसर दिए बिना विकास की तरफ मुखातिब होकर बोला—“क्यों पूछ रहे हो?”
“है कोई वजह!”
“शादी ब्रिटिश रीति से चर्च में होगी!”
“इसीलिए तो पूछ रहा था!”
“क्या मतलब?”
विकास ने कहा—“शादी ब्रिटिश नहीं, इण्डियन ढंग से होगी गुरु—आप घोड़ी पर सवार होंगे, यहां से बाकायदा बैंड-बाजे के साथ चढ़त होकर बारात इर्विन के घर जाएगी, वहां वरमाला होगी—फेरे पड़ेंगे!”
“इस सब में इन लोगों का विश्वास नहीं है विकास!”
“हमारा विश्वास तो है भइया!” रैना कह उठी।
अलफांसे कह उठा—“क्या तुम्हारी इच्छा भी यही है रैना बहन?”
“बेशक!”
“ल...लेकिन....!”
“लेकिन-वेकिन कुछ नहीं अलफांसे बेटे!” विजय की मां ने कहा—“अगर वे चाहते हैं कि शादी चर्च में हो तो तुम बैसा ही करो, लेकिन भारतीय रीति से भी वह सब कुछ होगा जो विकास कह रहा है, इसमें भला उन्हें क्या आपत्ति हो सकती है कि शादी दोनों ही रीतियों से हो?”
“अगर आप भी यही चाहती हैं मांजी तो ऐसा ही होगा।” अलफांसे ने कहा।
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प्रस्ताब गार्डनर स्टेनले के सामने रखा गया, जिसे उन्होंने बिना किसी किस्म की हील-हुज्जत के स्वीकार कर लिया। जंगल की आग के समान यह सूचना सारे लंदन में फैल गई कि शाम चार बजे ब्रिटिश रीति से अलफांसे और इर्विन की शादी चर्च में होगी—जुलूस के बाद इर्विन अपने पिता के घर चली जाएगी और फिर रात के नौ बजे होटल से चढ़त शुरू होगी—अलफांसे घोड़ी पर बैठेगा और बारात इर्विन के घर जाएगी!
विवाह भारतीय रीति से भी होगा—वरमाला और फेरे आदि!
सरकार ने लंदन में आज सरकारी छुट्टी की घोषणा कर दी थी— सरकार का अनुसरण करते हुए ही प्राइवेट संस्थाओं ने भी छुट्टी कर दी—व्यापारियों ने अपनी मर्जी से बाजार बन्द रखे!
सारे लंदन शहर को छोटे-छोट बल्बों की झालरों, गेंदे के फूलों और शामियानों से दुलहन के समान सजाया गया था और उस रास्ते की सजावट का तो जवाब ही नहीं था, जिस पर से जुलूस या चढ़त को गुजरना था—सड़क के दोनों तरफ रेलिंग लगाए गए थे, उनके पार लोगों के खड़े होने और बैठने की व्यवस्था थी, ताकि लंदन का हर नागरिक बिना असुविधा के उस ऐतिहासिक शादी को देख सके!
चार बजे, चर्च में बड़ी ही शालीनता के साथ पादरी ने अलफांसे और इर्विन की शादी कराई—जुलूस निकाला और फिर इर्विन अपने पिता के घर चली गई!
लोगों ने चढ़त के रास्ते पर उचित स्थान घेरने शुरू कर दिए—आठ बजे तक सभी रास्तों के दोनों तरफ का भाग, इमारतों की बालकनियां और खिड़कियां खचाखच भर गईं।
अब लोगों को केवल नौ बजने का इंतजार था।
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