RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
विजय ने जेम्स बाण्ड से हुई अपनी तनावपूर्ण भेंट का जिक्र किसी से नहीं किया।
रैना और विजय की मां ने इर्विन को बहुत प्यार दिया, इतना कि अब जाकर इर्विन को महसूस होने लगा कि उसके पति के सम्बन्ध बहुत अच्छे लोगों से भी हैं। रैना तो अलफांसे और इर्विन को भारत ले चलने के लिए जिद ही पकड़ गई—वह साथ ही चलने के लिए कह रही थी—अलफांसे बड़ी मुश्किल से उसे समझाने में कामयाब हो सका।
रैना मान तो गई, किन्तु इस शर्त पर कि वह बहुत शीघ्र ही इर्विन को लेकर भारत आएगा।
विदा होते वक्त इधर रैना की आंखें भर आईं और उधर इर्विन की—विमान में भी सारे रास्ते वे सब सिर्फ अलफांसे की शादी और इर्विन के बारे में ही बातें करते चले आए।
किसी को पता ही न चला कि नौ घण्टे कब गुजर गए। होश तब आया जब यह घोषणा की गई कि विमान भारत में ‘राजनगर एयरपोर्ट’ पर लैण्ड करने वाला है। विमान ने भारत की धरती को स्पर्श किया और उसके वक्त विकास चौंके बिना न रह सका जब विजय ने धीमे से उसके कान में कहा— “अपने तुलाराशि और रैना बहन को कोठी पर छोड़कर फौरन गुप्त भवन पहुंच जाओ प्यारे!”
विकास हक्का-बक्का रह गया, उसने तुरन्त ही इस आदेश की वजह पूछनी चाही, किन्तु तब तक अपना सूटकेस संभाले विजय उससे काफी आगे निकल चुका था—विकास के दिमाग में केवल सांय-सांय की रहस्यमय आवाज गूंजकर रह गई।
इतना तो वह समझ सकता था कि कोई माजरा है और माजरा भी अर्जेण्ट है, वरना विजय गुरु तुरन्त ही गुप्त, भवन पहुंचने के लिए बिल्कुल नहीं कहते—घर पहुंचते ही वह वापस रवान हो गया।
तीस मिनट बाद जब वह सीक्रेट रूम में दाखिल हुआ, तब उसने विजय को पहले ही से वहां मौजूद पाया, ब्लैक ब्वॉय चीफ वाली कुर्सी पर बैठा सिगार फूंक रहा था।
“लीजिए सर, विकास थी आ गया है—अब तो बताएंगे कि आखिर बात क्या है?”
“आओ प्यारे दिलजले, बैठो!”
विकास विजय की बगल ही में रखी कुर्सी पर बैठ गया।
“मेरे प्यारो, राजदुलारो—अपने लूमड़ की बारात तो तुम कर आए हो—साले ने शादी भी कर ली है, अब तुम ये बताओ कि इस शादी के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है?”
“मेरे ख्याल से तो इस बार आपकी सभी शंकाएं बिल्कुल बेबुनियाद साबित हुई हैं गुरु!” विकास ने कहा—“आप कह रहे थे कि क्राइमर अंकल शादी का ड्रामा तो कर सकते हैं शादी नहीं कर सकते—उन्होंने सचमुच शादी कर ली—काफी बारीकी से देखने पर भी शादी के पीछे कोई षड्यन्त्र नजर नहीं आया अब तो आपको मानना ही पड़ेगा कि इर्विन ने अलफांसे गुरु की जिंदगी में चेंज ला दिया है।”
“बस, यहीं तो हिन्दुस्तान मात खा जाता है प्यारे!”
“क्या मतलब?”
और विजय ने उन्हें जेम्स बाण्ड से अपनी उत्तेजक मुलाकात का विवरण बिना कोई कॉमा, विराम इस्तेमाल किए सुना दिया—विकास का चेहरा बात के बीच में ही कठोर हो गया था तथा बात का अन्त होते-होते तो लड़के का चेहरा भभकने ही लगा और जब विजय चुप हुआ तो वह गुर्रा उठा—“उसने यह सब कहा आपसे, इस लहजे में बात की उसने?”
“खुदा कसम, झूठ नहीं बोल रहे हैं!” विजय ने भोलेपन के साथ कहा।
“क्या हो गया है गुरु आपको, इतने बुजदिल तो नहीं थे आप—क्या आपका खून सफेद हो गया है—जेम्स बाण्ड आपका गिरेबान पकड़े रहा और आपने कुछ नहीं कहा—एक ही घूंसे में उसका जबड़ा तोड़ सकते थे आप?”
विजय का बहुत ही शान्त स्वर—“नहीं!”
“ऊंह!” आवेश में लड़के ने जोर से मेज पर घूंसा मारा और गुर्राया—“काश, उस वक्त मैं वहां होता, काश, आपने लन्दन ही में मुझे उसके व्यवहार के बारे में बता दिया होता—तब मैं उसे बताता कि विकास के गुरु का अपमान करने की सजा क्या होती है—उन हाथों को मैं काटकर फेंक देता जो आपके गिरेबान तक पहुंचे थे, उन आंखों को निकालकर जूते से कुचल देता, जिन्होंने आपको...।”
“रिलैक्स दिलजले, रिलैक्स!”
“क्या खाक रिलैक्स करूं गुरु, लन्दन में आपने मुझे बताया तक नहीं?”
“मैं जानता था कि सब कुछ सुनने के बाद तुम पजामें से बाहर हो जाओगे और फिर बिना किसी की एक सुने, उठा-पटक शुरू कर दोगे—ऐसा मैं नहीं चाहता था।”
“मगर वह सहना भी कहां तक जायज है गुरु, जो आप सहकर चले आए हैं—वह स्पष्ट शब्दों में आपको ग्राडवे का हत्यारा कहता रहा और आप सुनते रहे।”
“कारण था प्यारे।”
“क्या कारण था?”
“केवल यह कि उसके द्वारा कहा गया एक-एक शब्द ठीक था।”
“क...क्या?”
विकास के साथ-साथ ब्लैक ब्वॉय भी इस तरह उछल पड़ा जैसे अचानक ही उसकी कुर्सी गर्म तवे में बदल गई हो—दोनों के चेहरों पर हैरत के असीमित चिह्न उभर आए—वे विजय को इस तरह देखने लगे थे जैसे अचानक ही उसके सिर पर सींग उभर आए हों—जबकि विजय इस तरह मुस्करा रहा था जैसे उन्हें चकित करके उसे हार्दिक प्रसन्नता हुई हो।
विकास तो अभी कुछ बोल ही नहीं पाया था, जबकि ब्लैक ब्वॉय ने कहा—“ये आप क्या कह रहे हैं सर?”
“वही प्यारे काले लड़के जो तुमने सुना है!”
विकास ने पूछा— “तो क्या सचमुच आप ही ने ग्राडवे का कत्ल किया था?”
“कितनी भाषाओं में यह बात कहनी होगी?”
“मगर क्यों, आपका ग्राडवे से क्या मतलब—कम-से-कम आप कोई काम बिना किसी उद्देश्य या लाभ के नहीं करते, ग्राडवे का कत्ल करने से आपको क्या लाभ हुआ या आपके किस उद्देश्य की पूर्ति हुई?”
“हमें अपने लूमड़ की शादी के पीछे चल रहे चक्कर की जानकारी मिल गई।”
“क्या वाकई शादी के पीछे कोई चक्कर है?”
“केवल चक्कर ही नहीं प्यारे, बहुत बड़ा घनचक्कर है।”
“आखिर क्या?”
“सब्र!” विजय हाथ उठाकर बोला— “जरा सब्र से काम लो प्यारे—सब बताएंगे, मगर उसी क्रम में जिसमें हमें पता लगा है, तुम लोग यह तो जानते ही हो कि मिस्टर स्टेनले ग्रार्डनर ब्रिटेन की सिक्योरिटी विभाग के बहुत बड़े अफसर हैं?”
“हां!”
“क्या उनकी पोस्ट बता सकते हो?”
“ऐसा कोई अवसर ही नहीं आया जब उनकी पोस्ट की बात उठी हो।”
“क्या उनके यहां आए हुए मेहमानों से तुम उनकी पोस्ट का अन्दाजा नहीं लगा सकते—लन्दन प्रशासन की बड़ी-से-बड़ी हस्ती वहां थी, जेम्स बॉण्ड जैसा जासूस जिनके यहां कार्यभार संभाले हुए था।”
“हमने इन सब बातों पर ध्यान ही नहीं दिया।”
जवाब में विजय ने सिंगही के आगमन पर कनात के दूसरी तरफ से सुने हुए वाक्यों से लेकर बाण्ड द्वारा गार्डनर से भेंट कराए जाने तक की घटना सिलसिलेवार बता दी और सांस लेने के लिए रुका। विकास और ब्लैक ब्वॉय बिना पलकें झपकाए उसकी तरफ देख रहे थे।
विजय ने आगे कहा—“उसके बाद हमें ग्राडवे को ढूंढ निकालने में बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, गार्डनर के दूसरे मेहमानों की तरह वह भी बारातियों की आवभगत में व्यस्त था—हम बहाने से उसे लॉन के एक अन्धेरे कोने में ले गए, अचानक ही कनपटी पर वार करके उसे बेहोश किया और समीप के ही खण्डहर में ले गए—होश में लाकर उससे उन वाक्यों का विस्तृत अर्थ पूछा, उसने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया और मजबूरन हमें उसे टॉर्चर करना पड़ा—हम उसे तोड़ पाने में काफी मुश्किल से सफल हुए और जब सफल हुए तो पता लगा कि दरअसल मिस्टर गार्डनर उस विशेष सिक्योरिटी के डायरेक्टर हैं जिसके चार्ज में दुनिया का सर्वाधिक कीमती हीरा कोहिनूर रखा है।”
“ओह!” एजेण्ट डबल एक्स फाइव के मस्तिक पर बल पड़ गए।
“कोहिनूर की हिफाजत के लिए अंग्रेज सरकार ने अलग से एक सिक्योरिटी विभाग का गठन कर रखा है, इस विभाग का नाम है—के.एस.एस.—मिस्टर गार्डनर इस विभाग के डायरेक्टर हैं, उन्हें ब्रिटिश सीक्रेट सर्विस के चीफ से भी कहीं ज्यादा शक्ति और अधिकार प्राप्त हैं और कोहिनूर आज तक उन्हीं के चार्ज में सुरक्षित रखा है, के.एस.एस. के सभी सदस्य केवल उनका आदेश मानने के लिए बाध्य हैं और ग्राडवे भी के.एस.एस. का ही एक सदस्य था।”
“ग्राडवे ने और क्या-क्या बताया?”
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