XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
05-22-2020, 03:05 PM,
#39
RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
आशा ने निश्चय किया कि वह ऐसा नहीं होने देगी, अपने साथियों को वह कोहिनूर देखने जाने से रोकेगी—मगर कैसे, विजय का निर्देश है कि जब तक वह संकेत न करे तब तक आपस में मिलने या बात करने की तो बात ही दूर, नजरें तक नहीं मिलानी हैं।
उफ्फ—क्या करे वह, अपने साथियों को म्यूजियम में जाने से कैसे रोके?
अभी आशा कुछ निश्चय भी नहीं कर पाई थी कि टैक्सी एलिजाबेथ होटल की पार्किंग में रुकी, पांच मिनट बाद ही वह हॉल में बैठी कॉफी पी रही थी— वह अपने साथियों को सतर्क करने की तरकीब सोच रही थी, अभी तक उनमें से कोई नजर नहीं आय़ा था।
एकाएक हॉल का दरवाज खुला, आशा की दृष्टि बरबस ही उस तरफ उठ गई और यह सच्चाई है कि वह बुरी तरह चिहुंक उठी।
काफी का मग उसके हाथ से छूटते-छूटते बचा।
जिस्म में मौत की झुरझुरी-सी दौड़ गई, जिस्म के सभी मसामों ने एक साथ ढेर सारा पसीना उगल दिया और अपने सारे जिस्म का रोया, खड़ा हुआ-सा महसूस हुआ उसे।
बहुत संभालते-संभालते भी चेहरा ‘फक्क’ से सफेद पड़ गया था। हॉल में वही आकर्षक युवक दाखिल हुआ था, जिसे उसने इण्टरकॉम पर बातें करते वक्त अपनी तरफ देखते देखा था, आशा पर केवल एक नजर डालकर वह खाली सीट की तरफ बढ़ गया।
आशा के हाथ में मौजूद हौले-हौले से कांप रहा कॉफी का मग उसकी आन्तरिक अवस्था को उजागर किए दे रहा था, आशा ने दांत भींचकर उसे कांपने से रोका।
¶¶
विकास पेटीकोट मार्किट में स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक कम्पनी के शो-रूम में प्रविष्ट हुआ।
सबसे पहले उसने बड़ी विनम्रता से साथ काउण्टर पर बैठे अधेड़ आयु के व्यक्ति से ‘हैलो’ की और हाथ बढ़ाता हुआ बोला— “मुझे मार्गरेट कहते हैं।”
“मैं फ्यूज हूं।” हाथ मिलाते हुए अधेड़ के होंठों पर व्यापारिक मुस्कान उभरी, बोला—“कहिए मिस्टर मार्गरेट, मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं?”
“मुझे केवल अगाथा इलेक्ट्रॉनिक्स का एड्रेस चाहिए!”
“ओह!” फ्यूज के स्वर में कुछ उदासीनता आ गई, फिर भी उसने विकास को अगाथा इलेक्ट्रॉनिक्स का पता बता दिया- हाथ मिलाकर थैक्यू कहते हुए विकास ने उससे विदा ली।
तीस मिनट बाद विकास अगाथा इलेक्ट्रॉनिक्स में दाखिल हुआ, एक विशाल मेज के पीछे बड़ी-सी गददेदार रिवॉल्विंग चेयर पर पतली-दुबली-सी लड़की बैठी थी, ‘हैलो’ के बाद विकास को उसने बैठने के लिए कहा और विकास मेज के इस तरफ पड़ी कुर्सियों में से एक पर बैठ गया।
“कहिए!” लड़की की आवाज मधुर थी।
“मिस्टर स्टेनले गार्डनर की कोठी का लाइट अरेंजमेंट आप ही ने किया था?”
“जी हां।”
“मुझे वह बहुत पसन्द आया था।”
लड़की ने व्यापारिक ‘थैंक्यू’ कहा।
“यदि मैं ‘सेम’ अरेंजमेंट कराना चाहूं तो क्या खर्चा आ जाएगा?”
“दस हजार पाउण्ड!”
“टैन थाउजेन्ड पाउण्ड?” चौंकने की बहुत ही खूबसूरत एक्टिंग की विकास ने—“नो-नो-नो-ये तो बहुत ज्यादा है—टेन थाउजेन्ड—नो-नो कुछ कम कीजिए।”
लड़की ने मुस्कराते हुए कहा—“आपको वही रेट बताए गए हैं जो मिस्टर चैम्बूर से लिए गए।”
“कौन मिस्टर चैम्बूर?”
“वही जिन्होंने, ओह-सॉरी!” लड़की ने इस तरह कहा जैसे अपनी किसी भूल का अहसास हो गया हो, बोली—“दरअसल मिस्टर चैम्बूर मिस्टर गार्डनर के परिचितों में से हैं और बतौर तोहफे के मिस्टर चैम्बूर ने ही उनकी कोठी पर लाइट अरेंजमेंट कराया था, बिल उन्होंने ही पे किया है।”
“ओह!” विकास इस तरह बोला जैसे सारा मामला समझ गया हो, बोला, “मगर मुझे लग रहा है कि आप खर्चा बहुत ज्यादा बता रही है।”
“हम आपको सम्बन्धित बिल दिखा सकते हैं।”
“मैं सोचता हूं कि यदि इस मामले में मिस्टर चैम्बूर से बात कर लूं तो ज्यादा अच्छा रहेगा।”
“ऑफकोर्स!”
“क्या आप मुझे उनका एड्रेस और फोन नम्बर दे सकेंगी?”
“जरूर!” कहने के साथ ही लड़की ने इण्टरकॉम से रिसीवर उठा लिया—इच्छित बटन दबाकर सम्बन्ध स्थापित होने के बाद उसने किसी को मिस्टर चैम्बूर का एड्रेस और फोन नम्बर लिखकर लाने के लिए कहा—दस मिनट बाद जब विकास अगाथा इलेक्ट्रॉनिक्स के ऑफिस से बाहर निकला तो उसकी जेब में चैम्बूर का एड्रेस और फोन नम्बर था।
फिलहाल वह नहीं जानता था कि चैम्बूर वही व्यक्ति है या नहीं जिसकी तलाश में वह भटक रहा है, मगर अंधेरे में उसने यह एक तीर जरूर मारा था, निशाने पर लगने की उम्मीद में।
जब आदमी को अपनी मंजिल या मकसद तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं मिलता तो वह तिकड़म लड़ाता है और यदि देखा जाए तो हाथ पर हाथ रखकर खाली बैठने से तिकड़म लड़ा-लड़कर कुछ करते रहना हर हालत में बेहतर है, कभी-कभी अंधेरे में चलाया गया तीर निशाने पर जा लगता है।
कुछ ऐसा ही विकास के साथ भी हुआ।
पिछले दिन की तरह वह आज भी अपने शिकार की तलाश में मारा-मारा लन्दन की सड़कों पर फिर रहा था और सोच रहा था कि विजय गुरु ने उसे ये क्या बोरियत से भरा असम्भव-सा काम सौंप दिया है।
शिकार की सिर्फ शक्ल देखी है, नाम तक नहीं मालूम, उसके बारे में किसी से सीधी बात करने का हुक्म नहीं है, फिर भला पता कैसे लग सकेगा कि वह कौन है, कहां रहता है?
पेटीकोट मार्केट में घूमते हुए उसकी नजर एक कम्पनी के इलेक्ट्रॉनिक शो-रूम पर पड़ी, एकाएक ही उसके मस्तिष्क पटल पर अलफांसे की शादी में गार्डनर की कोठी के बाहर बना स्वागत द्वार चकरा उठा—लाइट का अरेंजमेण्ट करने वाली कम्पनी ने वहां विज्ञापन हेतु अपना नाम लिखा था।
विकास ने दिमाग पर जोर देकर उस नाम को याद किया, थोड़ी-सी मेहनत के बाद ही उसे नाम याद आ गया— “अगाथा इलेक्ट्रॉनिक्स।”
विकास ने सोचा-सम्भव है कि गार्डनर की कोठी पर लाइट का अरेंजमेण्ट करना उसके शिकार की ही जिम्मेदारी रही हो, आखिर वह गार्डनर का परिचित तो था ही और जब इतना बड़ा काम फैलता है तो प्रत्येक व्यक्ति काम को अपने परिचितों में बांटकर ही हल्का करता है।
ऐसी कल्पना करना सिर्फ अंधेरे में तीर चलाना ही था, जिसे विकास ने सिर्फ इसलिए चला दिया क्योंकि करने के लिए फिलहाल उसके पास कोई काम नहीं था, बस—घुस गया उस शो-रूम में।
और अब, उसकी जेब में चैम्बूर का पता और फोन नम्बर था। वह नहीं जानता था कि तीर निशाने पर लगा या नहीं और इसकी पुष्टि करने के लिए वह एक पब्लिक टेलीफोन बूथ में घुस गया। इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा दिया गया नम्बर मिलाया।
दूसरी तरफ से रिसीवर उठाए जाने के साथ ही आवाज उभरी—
“हैलो!”
“क्या मैं मिस्टर चैम्बूर से बात कर सकता हूं?”
“आप कौन शाब बोल रहे हैं?”
“उनसे कहिए कि स्टेनले गार्डनर बात करना चाहते हैं।”
“जी शाब, होल्ड कीजिए!” दूसरी तरफ से बोलने वाले ने ‘स’ के स्थान पर ‘श’ का प्रयोग किया था, विकास ने इसी से अनुमान लगा लिया कि नौकर रहा होगा।
सच तो ये है कि विकास धड़कते दिल से, रिसीवर कान से लगाए चैम्बूर की आवाज सुनने के लिए बेचैन था, दरअसल आवाज को सुनते ही वह इस निष्कर्ष पर पहुंच सकता था कि चैम्बूर उसके शिकार का नाम है या नहीं—लाइन पर हल्की-सी यान्त्रिक खड़खड़ाहट होते ही वह सतर्क हो गया।
दूसरी तरफ से आवाज उभरी—“यस सर, चैम्बूर हीयर!”
और इन चन्द शब्दों ने ही विकास के सारे जिस्म में सनसनी–सी दौड़ा दी—आवाज को वह पहचान चुका था, तीर बिल्कुल सही निशाने पर लगा था—यह उसी व्यक्ति की आवाज थी, जो गार्डनर का आदेश होते ही अभी कराता हूं’ कहकर फोकस वाले बल्ब की तरफ भागता चला गया था।
“हैलो...हैलो सर!” शत-प्रतिशत वही आवाज।
विकास ने एक शब्द भी कहे बिना सम्बन्ध विच्छेद किया, रिसीवर हैंगर पर लटकाया और दरवाजा खोलकर बूथ से बाहर निकल आया—उसके दिलो-दिमाग पर खुद को मंजिल के इतने करीब जानकर मस्ती-सी सवार हो गई थी।
पतलून की जेबों में हाथ डालकर सीटी बजा उठा वह।
Reply


Messages In This Thread
RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी - by hotaks - 05-22-2020, 03:05 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,474,377 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,484 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,221,444 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 923,474 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,638,665 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,068,129 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,929,782 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,987,197 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,005,191 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,383 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)