XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
05-22-2020, 03:06 PM,
#45
RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
“मुकदमें का फैसला होने तक यही स्थिति रहेगी।”
“फैसला होने के बारे में क्या सम्भावना है?”
“कम-से-कम एक साल तो कोई फैसला होता नहीं है।” विक्रम ने बताया।
विजय ने पूछा—“तुम्हें यह पीटर हाउस आपराधिक गतिविधियों के लिए जंचा?”
“केवल इसलिए कि अदालत के फैसले से पहले वहां कोई घुस भी नहीं सकता।”
“तुम कैसे घुसोगे, मेरा मतलब वह अदालती सील?”
“अदालती सील केवल मुख्य द्वार ही पर तो लगी हुई है, हम जैसे अपराधियों के लिए कोठी के अन्दर जाने के अन्य बहुत-से रास्ते हैं, सील लगी रहे-हमारा अखाड़ा आराम से कोठी के अन्दर जम सकता है।”
“किस किस्म के रास्ते हैं?”
“उपरोक्त सिच्युएशन पता लगने पर हमें पीटर हाउस अपनी गतिविधियों के लिए उचित जगह लगी, सोचा कि अगर हमें अन्दर दाखिल होने के लिए कोई अन्य रास्ता मिल जाए तो हम उसी को अपने आने-जाने का ‘मुख्य द्वार’ बनाकर कोठी का मनचाहा इस्तेमाल कर सकते हैं—मुख्य द्वार पर लगी अदालती सील हमें सुरक्षित रखेगी, यही सोचकर रात के वक्त हमने कोठी के चारों तरफ घूम-घूमकर सारी भौगोलिक स्थिति देखी—पिछली तरफ, ‘रेनवाटर’ पाइप से लगी हुई दूसरी मंजिल की एक खिड़की है—उस खिड़की पर लगे शीशेदार किवाड़ शायद अन्दर से बन्द हैं, शीशे का थोड़ा-सा भाग काटकर हम आसानी से अन्दर दाखिल हो सकते हैं, वहां मकान मालिक की तरह रह सकते हैं—वह खिड़की हमारा ‘मुख्य द्वार’ बन जाएगी—कोठी का मनचाहा इस्तेमाल करने से हमें रोकने कौन आएगा?”
“इन्तजाम तो तुमने पते का किया है प्यारो, लेकिन...!”
“लेकिन ...?”
“पड़ोसियों का क्या होगा, यानी अगर हममें से किसी को किसी ने पीटर हाउस में आते-जाते या उस खिड़कीनुमा ‘मुख्य द्वार’ का उपयोग करते देख लिया तो?”
“रिस्क तो है ही मगर यह खतरा तो हमें उठाना ही होगा—आखिर अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए फ्री में इतनी बड़ी कोठी का इस्तेमाल जो करेंगे?”
अशरफ बोला—“कोई विशेष खतरा नहीं है, आने-जाने में सिर्फ हमें थोड़ी-सी सावधानी बरतनी होगी।”
“ठीक है, तुम मुझे पूरा पता लिखकर दे दो—कल मैं खुद पीटर हाउस का निरीक्षण करूंगा।”
अशरफ और विक्रम ने सहमति में गरदन हिला दी।
कुछ देर के लिए कमरे में खामोशी छा गई और फिर इस खामोशी को विकास ने तोड़ा—“आपने हमारी रिपोर्टें तो ले ली हैं गुरु और फिलहाल मेरी समझ के मुताबिक दोनों ही रिपोर्टें आशाजनक हैं, अब आप अपनी कहिए कि कहां तक पहुंचे—यानी क्राइमर अंकल अपनी योजना के कौन-से चरण में हैं?”
“वही हो रहा है, जो हमारा अनुमान था।”
“यानी?”
“कल या परसों में वे दोनों होटल छोड़कर गार्डनर की कोठी में रहने जा रहे हैं।”
“वैरी गुड!” विकास के मुंह से निकला—“यह आपको कैसे पता लगा?”
विजय ने बिना किसी हील-हुज्जत के सारी घटना बता दी, सुनने के बाद लड़के के होंठ एक दायरे की शक्ल में सिकुड़कर गोल हो गए, ऐसा महसूस हुआ कि जैसे अभी सीटी बजाना शुरू कर देगा मगर ऐसा किया नहीं उसने बल्कि बोला—“इसका मतलब ये कि क्राइमर अंकल भी काफी तेज रफ्तार से अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहे हैं।”
“उसके साथ ही हमें भी अपनी रफ्तार बढ़ानी पड़ेगी।”
“किस तरह?”
“कल रात तक फैसला हो जाएगा कि पीटर हाउस को हमें इस्तेमाल करना है या नहीं—यदि हां, तो परसों रात को स्कीम बनाकर चैम्बूर को किडनैप करेंगे, पीटर हाउस में लाकर किसी भी तरह उससे वे जानकारियां, हासिल करेंगे जो कोहिनूर की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में उसे ज्ञात होंगी।”
“यदि उसे कोई विशेष जानकारी नहीं हुई तो?”
“साबित हो चुका है कि वह के.एस.एस. का सदस्य है—इसका मतलब ये कि भले ही ज्यादा न हो किन्तु कुछ-न-कुछ जानकारी उसे जरूर होगी—हां, ये सम्भव है कि वह ग्राडवे की तरह टूटे नहीं, पता होते हुए भी हमें कुछ न बताए या उसे जो जानकारी हो वह हमारे ज्यादा काम की न हो—ऐसा कुछ भी हो सकता है—मगर फिलहाल आगे बढ़ने के लिए हमारे पास उसके अलावा कोई रास्ता नहीं है—इसलिए कम-से-कम परसों तक उसी पर डिपेंड रहना मजबूरी है, उसके बयान के बाद जैसी सिच्युएशन होगी, वैसी स्कीम बनाएंगे।”
अशरफ ने पूछा— “कल रात तक के लिए क्या रणनीति रहेगी?”
“सबसे पहली बात तो ये कि यहां से अपना लूमड़ ही जा रहा है तो हममें से किसी का भी इस होटल में रहने का कोई औचित्य नहीं रह गया है, अतः एक-एक करके हम चारों को चार दिन में ये होटल छोड़ देना है—किसी सस्ते होटल में कमरा लेना उचित होगा, वहां ठहरे यात्रियों पर लोगों का ध्यान कम जाता है—सुरक्षा की दृष्टि से ज्यादा उचित ये होगा कि हम अलग-अलग होटलों में रहें।”
“ठीक है, एलिजाबेथ किस क्रम में छोड़ें?”
“यह क्रम हम परसों से जारी करेंगे, पहले विक्रम—फिर अशरफ, विकास और फिर हम!”
“और आशा?”
“फिलहाल उस वक्त तक वह हमारे हर प्रोग्राम से बाहर रहेगी जब तक सिक्योरिटी का ध्यान उस पर केन्द्रित है।”
विजय ने कहा— “और तुम्हें कल सारे दिन चैम्बूर को वॉच करते रहना है दिलजले, हो सके तो उसकी दिनचर्या को कंठस्थ करने की कोशिश करना।”
“हमारे लिए क्या काम है?” विक्रम ने पूछा।
“कल भी सारे दिन तुम्हें लंदन में जगह तलाश करने की कोशिश करते रहना है, ताकि यदि किसी वजह से पीटर हाउस न जंचे तो कोई अन्य इन्तजाम हो सके।”
“ठीक है।”
“आज ही की तरह और आज ही के समय कल रात भी हमें यहां मिलना है।”
तीनों ने सहमति में गरदन हिलाई, विजय ने आगे कहा— “आज की मीटिंग समाप्त करने से पहले मैं ये जरूर कहूंगा कि अभी तक बाण्ड या लूमड़ में से किसी का भी ध्यान हमारी तरफ नहीं है और यह स्थिति हमारे पक्ष में है, इसे पक्ष में ही बनाए रखना होगा यानी हमें चाहिए कि अपने सारे काम बाण्ड या लूमड़ की दृष्टि से बहुत दूर रहकर ही करें, उनका सामना न करने तक ही हम यहां सकून से हैं।”
“मीटिंग समाप्त होने से पहले मैं आपसे एक प्रश्न पूछना चाहूंगा गुरु!”
“पूछो!”
“क्या आप बता सकेंगे कि जो बातें हमने आशा आण्टी के जाने के बाद की हैं, वे उनके सामने क्यों नहीं की गईं?”
विजय ने बहुत ध्यान से डबल एक्स फाइव के चेहरे को देखा, अजीब-से ढंग से मुस्कराया बोला— “उसके जाने के बाद हमने लंदन में की गई अपनी प्रोग्रेस का जिक्र किया है, भावी कार्यक्रम बनाया है—और मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में यह कहूंगा कि अपनी प्रोग्रेस और प्रोग्राम की जानकारी मैं आशा से छुपाना चाहता था।”
“क्यों?”
“अपनी बेवकूफी से वह सिक्योरिटी की नजरों में आ गई है—अगर उसने हमारी बताई हुई योजना को कार्यान्वित किया तो उम्मीद है कि सिक्योरिटी का ध्यान उस पर से हट जाए, मगर जितनी नर्वस वह हो जाती है, उसकी वजह से पुनः कोई बड़ी गलती कर सकती है, ऐसी अवस्था में सिक्योरिटी उसे गिरफ्तार कर लेगी और मैं नहीं चाहता था कि सिक्योरिटी उसके मुंह से हमारी प्रोग्रेस और प्रोग्राम के बारे में जान ले।”
“क्या आप समझते हैं कि कोई सिक्योरिटी हमारे खिलाफ आशा आण्टी की जुबान खुलवा सकती है?”
विजय ने आराम से कहा— “हम रिस्क क्यों लें प्यारे, मार के आगे भूत भी नाचते हैं।”
“उस स्थिति में अगर आण्टी की जुबान खुले तो कम-से-कम हमें गिरफ्तार तो अब भी करा ही सकती हैं वे।” यह वाक्य विकास ने बहुत ही तीखे, व्यंग्य-भरे लहजे में कहा था।
विजय ने ऐसा भाव प्रकट किया जैसे उसके आशय को समझा ही न हो, बोला—“इस तरफ से भी हमें सतर्क रहना होगा कि कहीं, आशा के माध्यम से सिक्योरिटी हम तक न पहुंच जाए।”
इस बार विक्रम कुछ बोला नहीं, मगर विजय के लिए उसके चेहरे पर घृणा के भाव उभर आए थे, आशा की इतनी उपेक्षा और उसे बारे में कही गई विजय की बातें अशरफ और विक्रम को भी पसन्द नहीं आई थीं, ऐसी बातें कल वह उनके बारे में भी कर सकता था, परन्तु विजय ने ऐसा कोई भाव प्रकट नहीं किया, जिससे उन्हें यह महसूस होने देता कि विजय उनकी मानसिक स्थिति से परिचित है।
Reply


Messages In This Thread
RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी - by hotaks - 05-22-2020, 03:06 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,475,165 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,580 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,221,770 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 923,659 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,639,200 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,068,490 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,930,381 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,989,012 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,006,006 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,464 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)